37 वर्षों बाद प्रकाशित होगी “सरस्वती पत्रिका”

0
166

रायबरेली-79वें निर्वाण दिवस पर हिन्दी के युग प्रर्वतक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी को भावभीने श्रद्धासुमन अर्पित किए। राही ब्लॉक परिसर स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद सभी ने कहा कि आचार्य जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था। उन्होने ही खड़ी बोली हिन्दी का रूप तय किया।

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति के बैनरतले आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में मुख्य विकास अधिकारी देवेंद्र कुमार पाण्डेय ने कहा कि आचार्य जी स्वाति नक्षत्र की बूंद की तरह थे। हिन्दी भाषी समाज रूपी सीप में समाकर वह मोती बन गए। उन्होने आचार्य द्विवेदी के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि दौलतपुर के उत्थान में वह अपना हर संभव सहयोग देते रहेंगे। पूर्व ग्राम विकास उपायुक्त और प्रताप परिषद के संस्थापक विनोद सिंह गौर ने कहा कि आचार्य जी की स्मृतियों को और अधिक जीवंत बनाना होगा।

इस मौके पर एनआरएलएम के पवन सिंह, महेश प्रताप सिंह, एसपी सिंह, प्रमोद अवस्थी, समाजसेवी ओपी यादव, साहित्यकार दुर्गाशंकर वर्मा दुर्गेश, सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर, मजहर अब्बास नकवी, सुधीर द्विवेदी, स्वतंत्र पांडेय, डॉ. चंद्रमणि बाजपेई, घनश्याम मिश्र, राजेश द्विवेदी, राजू श्रीवास्तव, अमर द्विवेदी, करुणा शंकर मिश्र, बीएन मिश्र, अभिषेक द्विवेदी आदि मौजूद रहे। साहित्यकारों ने आचार्य द्विवेदी अमर रहे के जयकारे भी गुंजाए।

37 वर्षों बाद फिर प्रकाशित होगी ‘सरस्वती पत्रिका’

समिति के अध्यक्ष विनोद शुक्ल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि समिति आचार्य स्मृति संरक्षण अभियान को और अधिक तेज गति से आगे बढ़ाएगी। उन्होने जानकारी दी कि आचार्य जी द्वारा संपादित की जाने वाली सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन 37 वर्षों बाद एक बार फिर इंडियन प्रेस इलाहाबाद द्वारा शुरू किया जा रहा है। इसका संपादन मूलत: बस्ती के रहने वाले प्रोफेसर देवेंद्र कुमार शुक्ल को सौंपा गया है। इस पर सभी ने तालियां बजाकर सरस्वती के पुनर्प्रकाशन का स्वागत किया और इंडियन प्रेस के मालिकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

रायबरेली से न्यूज प्लस संवाददाता की रिपोर्ट

शेयर करें
पिछला लेखसार्थक प्रयासों से प्रा0वि0 की तस्वीर बदलने वाले प्रधानाध्यापक को मुख्य विकास अधिकारी ने किया सम्मानित
अगला लेखदर्जनों प्रार्थना पत्र देने के बावजूद कुम्भकर्णी नींद में सो रहा सिंचाई विभाग,आवागमन ठप

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here