हिमांचल में हो रहे सड़क लगातार हादसों पर हाईकोर्ट ने उठाया यह कदम
हिमाचलप्रदेश - प्रदेश में हो रहे लगातार बड़े सड़क हादसों को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने नई पहल की है, प्रदेश हाईकोर्ट में लगातार दूसरे दिन इस मुद्दे पर सुनवाई हुई है, बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट के आदेश पर तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, कमेटी में पीडब्ल्यूडी के पूर्व चीफ इंजीनियर सतीश सागर, एचआरटीसी के पूर्व जरनल मैनेजर राजीव गुप्ता और इंडियन रोड कांग्रेस से जसवंत सिंह को शामिल किया गया है. कोर्ट ने इस कमेटी को सड़क हादसों को रोकने के लिए दो सप्ताह में रिपोर्ट बनाने को कहा है।
दो स्कूल हादसों को लेकर सुनवाई
स्थानीय सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार शिमला और नुरपुर स्कूल बस हादसों को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग जनहित याचिकाएं डाली गई थी जिस पर हाईकोर्ट की डबल बैंच में मंगलवार के बाद बुधवार को भी सुनवाई हुई, बुधवार को चीफ जस्टिस राम सुब्रमण्यनन और अनूप चितकारा वाली खंडपीठ ने आधा घंटा सुनवाई की। कोर्ट ने इस मसले पर गठित कमेटी से दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है, यह कमेटी बस हादसों पर रोकथाम लगाने के लिए दो सप्ताह में 17 जुलाई को अपनी पहली रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेंगी. वहीं, सरकार के महाधिवक्ता अशोक शर्मा के सुझाव को कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया. अशोक शर्मा ने सुझाव दिया था कि आला सरकारी अधिकारियों को कमेटी में शामिल किया जाए, लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इंकार कर दिया है। विदित हो कि 2 जुलाई को भी इसी मामले में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने शिमला में हाल ही में हुए एचआरटीसी स्कूल बस हादसे को नुरपुर बस हादसे से जोड़ते हुए सुनवाई का फैसला किया है। बतातें चलें कि 9 अप्रैल 2018 में नुरपुर स्कूल बस हादसे में 24 बच्चों की मौत हुई थी, जबकि हिमाचल के शिमला में एक जुलाई को एचआरटीसी स्कूल बस हादसे में दो बच्चियों समेत तीन लोगों की मौत हुई है।