ट्राई के नियमों के ऊपर है वोडाफोन-आईडिया
वोडाफोन व आईडिया के मर्ज होने के बाद उपभोक्ताओं के लिए बढ़ी परेशानियां
रायबरेली - देश भर में आइडिया व वोडाफोन के संविलयन के बाद सबने सोचा था कि आईडिया और वोडाफोन अपने उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करेगा मगर इसके उलट आईडिया की सेवाएं और खराब होती जा रही हैं।उपभोक्ताओं को सुविधाएं मिले इसके लिए ट्राई के बहुत कठोर नियम हैं। समस्या समाधान के लिए समय सीमा भी तय है। जिसमे कम्पलशेसन तक की व्यवस्था है, लेकिन इन कम्पनियों की मनमानी ने आदी बन चुके आम उपभोक्ताओं का जीना मुश्किल कर रखा है। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र व वीवीआईपी जनपद रायबरेली में शहरी क्षेत्र में आईडिया उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी आईडिया की सुविधाएं अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं। आईडिया की बदतर सुविधाओं की रोजाना शिकायते हो रही है। और इनमें सुधार न आने पर अब उपभोक्ता सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकालने में लगे हैं।
शहर क्षेत्र के तेलियाकोट निवासी यामीन और असलम ने बताया कि हम लोगो का छोटा व्यवसाय है ज्यादा पैसे नही है। आम लोगो के ऑनलाइन रेलवे/हवाई जहाज के टिकट बुक कर के दो पैसे कमा रहे हैं जिससे किसी तरह परिवार का पेट भरता है। किंतु आईडिया के नेटवर्क की समस्या के चलते अक्सर पैसे कट जाते हैं और टिकट भी नही बुक होता है। जो काफी दिन बाद वापस आता है। बाद में खाते में पैसे न होने से दूसरे टिकट नही बुक हो पाते हैं जिससे व्यवसाय कुछ महीनों से चौपट हो गया है। सत्य नगर निवासी सुरेश यादव, मृत्युंजय मिश्र ने भी न्यूज़ प्लस से आईडिया के नेटवर्क के बारे में बात करते हुए बताया कि उनके बच्चों को लेकर बारिश में जब वो स्कूल जाते है तो स्कूल बंद होने का मैसेज दोपहर में उनके मोबाइल पर आ पाता है। ऐसे में दुबारा बच्चो को लाने की कसरत उन्हें रोज करनी पड़ रही है वही दूसरे सह गार्जियनो के एयरटेल और जिओ के मोबाइल पर वही मैसेज सुबह ही आ जाते हैं।
तिलकनगर निवासी लक्ष्मी नारायण शुक्ल ने बताया कि हाल ही में उन्होंने अपना नम्बर पोर्ट करवा कर किसी तरह इस समस्या से निजात पाई है। मलिकमऊ निवासी शिवम भदौरिया, वरिष्ठ पत्रकार रोहित मिश्र और सौरभ शुक्ला ने भी नेटवर्क में बात न हो पाने और समाचार संकलन में समस्या होने की बात की। इन लोगो ने आईडिया को चेतावनी देते हुए नेटवर्क सुधारने की बात की है। शहर के एक अन्य व्यवसायिक संस्था के अधिकारी किशन मौर्य ने बताया कि संस्था में चालीस से अधिक सीयूजी पोस्टपेड नम्बर चल रहे है वो सभी सिम कार्ड को पोर्ट कराकर कम्पनी बदलने पर विचार कर रहे हैं।
जनपद के ही पत्रकारपुरम निवासी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनके आईडिया पोस्टपेड नम्बर पर पहले नेटवर्क सम्बन्धी समस्या हुई मगर शिकायत के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकला। प्रदेश से बाहर रहने के दौरान अचानक आईडिया का नम्बर बन्द हो गया, और लगातार कई दिनों तक उसमे सिग्नल नही आने से महेंद्र को न सिर्फ व्यवसायिक नुकसान हुआ, बल्कि मोबाइल न काम करने से मोबाइल बैंकिंग जैसी कई समस्याओं का सामना भी करना पडा। उनके मुताबिक उन्होंने कई बार जनपद में खुले आईडिया केयर मा गायत्री इंटरप्राइजेज में भी शिकायत करवाई। जिसमे इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर अभय श्रीवास्तव ने अपने उच्चाधिकारियों को ईमेल द्वारा शिकायत भेजी।
न्यूज़ प्लस से अभय श्रीवास्तव ने बताया कि आईडिया और वोडाफोन अब एक ही कम्पनी समझी जाएगी और जल्द ही बेहतर नेटवर्क उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। अभय की माने तो आईडिया-वोडाफोन नेटवर्क जल्द ही नम्बर एक नेटवर्क होगा।
लेकिन इनके दावे के विपरीत उपभोक्ताओं की माने तो इन समस्याओं की मूल जड़ आईडिया और वोडाफोन का एक होना है। इनके क्षेत्र में कार्य कर रहे इंजीनियर एक दूसरे पर जिम्म्मेदारी थोप कर भाग खड़े होते हैं। दोनों कम्पनियों के लापरवाह इंजीनियरों ने ही व्यवस्था ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई है। आईडिया में तैनात बेहद लापरवाह हार्डवेयर इंजीनियर पंकज ने अब तक शिकायत निस्तारण के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति ही कि है जिससे समस्या समाधान के बजाय बढ़ती गई और हालात ये हो गए हैं। उपभोक्ताओ की लाखों मिन्नतों के बाद टालमटोल कर अधूरे समाधान से अपनी पीठ थपथपाने वाले पंकज ने आईडिया के नेटवर्क को शायद डुबोने का जिम्मा उठा रखा है। हार्डवेयर इंजीनियर पंकज से न्यूज़ प्लस ने सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नही हो सकी।
इन लोगो की तरह रायबरेली में हजारों की संख्या में ऐसे उपभोक्ता हैं जो लम्बे समय से आईडिया के उपभोक्ता रहे हैं मगर अब हो रही समस्याओं के चलते कम्पनी बदलने पर विचार करने लगे हैं, मगर आईडिया की तरफ से अब भी शिकायतों पर कार्यवाही की कोई पहल नही की जा रही है।