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मंशापुरी बाबा के पांच दिवसीय ऐतिहासिक मेले में उमड़ा आस्था का सैलाब

अंगद राही

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के ओसाह गांव में स्थित बाबा मंशापुरी कुटी में मंगलवार को पांच दिवसीय ऐतिहासिक मेले का शुभारंभ पूर्व विधायक रामलाल अकेला ने फीता काटकर किया। जिसके पश्चात श्री अकेला, ओसाह प्रधान सुनीता त्रिवेदी, प्रधान प्रतिनिधि एवं सपा विधानसभा अध्यक्ष राकेश त्रिवेदी उर्फ आलू महाराज, क्षेत्र पंचायत सदस्य मनोज त्रिवेदी ने मंशापुरी बाबा की पूजा अर्चना करने के साथ ही रामलीला में प्रभु राम, लक्ष्मण, माता सीता की आरती उतार कर प्रभु का स्मरण किया।

मशहूर कलाकारों द्वारा आयोजित रामलीला के पहले दिन धनुषयज्ञ, सीता स्वयंवर का भव्य मंचन किया गया। जिसे देखकर दर्शक टस से मस नहीं हुए। रामलीला में दुकानदारों एवं उमड़ी दर्शकों की भीड़ देखते नहीं बन रही थी। वहीं देर शाम पहुंचे भाजपा विधायक रामनरेश रावत ने मंदिर में माथा टेककर क्षेत्र की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी।

कल से लगेगा श्री मंशापुरी बाबा का ऐतिहासिक मेला

अंगद राही

 रायबरेली। ओसाह प्रधान प्रतिनिधि एवं सपा के बछरावां विधानसभा प्रभारी राकेश त्रिवेदी उर्फ आलू महराज ने जानकारी देते हुए बताया कि मंशापुरी बाबा का ऐतिहासिक मेला आगामी 7 जनवरी से 12 जनवरी तक लगेगा। 5 जनवरी को विधि-विधान पूर्वक श्रीरामचरितमानस पाठ का शुभारंभ होगा। जिसके समापन पर 6 जनवरी को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। वहीं 7 जनवरी से आयोजित होने वाले मेले में पांचों दिन मशहूर कलाकारों द्वारा दिव्य रामलीला आयोजित की जाएगी।

भक्तों की अटूट आस्था का केंद्र बना मंशापुरी मंदिर, 7 जनवरी से लगेगा मेला

 

 

झोलियां भर गई तेरे दर से कोई खाली न गया….

अंगद राही 

रायबरेली। झोलियां भर गई तेरे दर से कोई खाली न गया। गीत ये पंक्तियां शिवगढ़ क्षेत्र के उत्साह ग्राम सभा में स्थित प्राचीन कालीन मनसा पुरी मंदिर की दिव्य शक्ति से सैकड़ों वर्षों से बिल्कुल चरितार्थ साबित होती चली आ रही हैं। विदित हो कि शिवगढ़ क्षेत्र के ओसाह गांव के उत्तर दिशा में बाबा मंशापुरी का प्राचीन कालीन मंदिर स्थित है। मंदिर में दर्शन के लिए दूरदराज से आने वाले भक्तों की अटूट श्रद्धा और विश्वास देखते नहीं बनता है। ओसाह निवासी अरुणेंद्र सिंह बताते हैं कि लगभग 250 वर्ष पूर्व मंदिर के स्थान पर गोस्वामी वंशज ब्रह्मचारी बाबा मंशाराम की पावन तपोस्थली थी। जहां पर वे एकांतवास में रहकर तब किया करते थे। पूर्वज बताते हैं कि वे हमेशा इमली की दातून करते थे और दातून करने के पश्चात उसे जमीन में कोंच देते थे। जिनके द्वारा भूमि में कोंची गई दातूने आज विशाल वृक्ष बनकर दर्शनार्थियों को शीतलता प्रदान कर रही हैं।

उनका कहना है बाबा ने मंदिर के अलावा भी केराव और रामगांव में इमली की दातूनें गाड़ी थी जो इमली के विशाल वृक्ष के रूप में आज भी मौजूद हैं। यही कारण है कि राम गांव और केराव भी बाबा मंशाराम की आस्था के केंद्र माने जाते हैं। गौरन खेड़ा, ओसाह निवासी राजकुमार सिंह बताते हैं कि मंशाराम बाबा ने मंदिर स्थल पर जिंदा समाधि ले ली थी। जिसके पश्चात लगभग 200 वर्ष पूर्व ओसाह कोट के बाबू शिवसहाय सिंह ने गोस्वामी बाबा रामदास की समाधि पर मंदिर का निर्माण कराया था। मंदिर में अपार श्रद्धा रखने वाले क्षेत्र पंचायत सदस्य मनोज कुमार त्रिवेदी का कहना है कि मंशापुरी मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से पांच मंगलवार बाबा के दर्शन के लिए आता है उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। ओसाह निवासी धर्मदत्त बताते हैं कि बाबा मंशापुरी की कृपा से हमारी और हमारे परिवार की हर मंशा पूरी हुई है। उनकी कृपा से सारे संकट दूर हो जाते हैं, यही कारण है कि प्रत्येक मंगलवार को दूरदराज से आने वाले भक्तों की आस्था देखते नहीं बनती। छत्ता पुरवा निवासी पुत्तन सिंह का कहना है कि बाबा के आश्रम में भक्त भले ही खाली हाथ आते हों किंतु बाबा की कृपा से खाली हाथ वापस नहीं जाते। मंदिर के दर्शन करने आए युवा समाजसेवी आशू सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पूस मास के अंतिम मंगलवार से 5 दिनों तक विशाल मेला लगता है, जिसमें गैर जनपद के भक्त मय परिवार के बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। आशूूू सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष 7 जनवरी से 12 जनवरी तक श्री मंशापुुुुुुरी बाबा मेरा लगेगा। ओसाह निवासी रविराज सिंह ने बताया कि शुभ दिनों में भक्तगण दूरदराज से आकर बाबा का आशीर्वाद लेकर बच्चों का मुंडन, गोद भराई आदि शुभ कार्य करते हैं। जिसके चलते नवरात्रि जैसे शुभ दिनों में बाबा के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।

बनवारी वीर बाबा का ऐतिहासिक भंडारा 6 जनवरी को

 

 

अंगद राही

रायबरेली।शिवगढ़ क्षेत्र के पिपरी ग्राम पंचायत में स्थित बनवारी वीर बाबा की तपोभूमि पर गत वर्षो की भांति आगामी 6 जनवरी को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। ग्राम प्रधान अनुपमा तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मेले की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। गत वर्षो की भांति 6 जनवरी को मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले में क्षेत्र ही नहीं गैर जनपदों से सैकड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी बनवारी वीर बाबा की तपोभूमि

शिवगढ़ क्षेत्र के पिपरी गांव में स्थित बनवारी वीर बाबा की कुटी सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी हुई है। वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकिशोर तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बाबा की कुटी के स्थान पर कभी बहुत घना जंगल हुआ करता था। जहां घने जंगल के अंदर ब्रह्मचारी बनवारी वीर बाबा तप किया करते थे।

अनुपमा तिवारी : प्रधान ग्राम पंचायत पिपरी

सबसे बड़ी खास बात थी कि बनवारी वीर बाबा एक दिन में सिर्फ एक व्यक्ति से ही सीधा लेते थे जिसके बाद जितने भी भक्तगण सीधा लेकर आते थे सभी का सीधा वापस कर देते थे। और उस सीधे से बनाए गए भोजन से कुटी में आने वाले श्रद्धालुओं को भरपेट भोजन कराते थे श्री तिवारी का कहना है कि भक्तों की संख्या चाहे जितनी हो जाए एक सीधी से बनाया गया भोजन कभी कम नहीं पड़ता था।

वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकिशोर तिवारी

क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता दिनेश सिंह भदौरिया एवं राष्ट्रीय सेवक संघ के खण्ड संपर्क प्रमुख रामेश्वर सिंह उर्फ मुनान सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एक बार बनवारी वीर बाबा अपने किसी भक्तों के यहां चले गए थे। तभी रात में उन्हें स्वप्न आया की एक चोर मंदिर में चोरी कर रहा है। भक्तों के लाख मना करने के बाद भी बनवारी वीर बाबा ने रात में ही कुटी के लिए प्रस्थान कर दिया। पैदल कुटी पहुंचे बनवारी वीर बाबा ने देखा कि एक चोर मंदिर में बंधे घंटे से चिपका हुआ है।

बाए से दिनेश सिंह भदौरिया, रामेश्वर सिंह उर्फ मुनान सिंह

बाबा को देखकर चोर मिन्नतें करने लगा। दयालु प्रवृत्ति के बनवारी वीर बाबा के क्षमा करने के बाद चोर घंटे से छूट गया और बाबा के चरणों में गिर पड़ा। चोर ने उसी क्षण संकल्प लिया के उस दिन के बाद कभी चोरी नहीं करेगा। क्षेत्र के भक्त गणों की माने तो बनवारी वीर बाबा ने जिंदा समाधि ले ली थी। जिनकी तपोभूमि पर प्रतिवर्ष ऐतिहासिक भंडारे का आयोजन किया जाता है। भंडारे में हजारों भक्तगण पहुंचकर बाबा की कुटी में माथा टेककर मन्नतें मांगते हैं।

बॉलीवुड के कलाकार बनवारी वीर बाबा की महिमा पर बना चुके हैं एल्बम

फिल्म निर्देशक कपूर चंदा बॉलीवुड के मशहूर कलाकारों के साथ बनवारी वीर बाबा की महिमा पर मशहूर एल्बम एवं टेली फिल्म बना चुके हैं। जिसे समूचे देश में काफी ख्याति मिली है।

कैलाश आश्रम में आयोजित विशाल भण्डारे में हजारों भक्तों ने छका प्रसाद

अंगद राही

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के खजुरों ग्राम पंचायत में स्थित कैलाश आश्रम मानगढ़ कुटी में विशाल भंडारा संपन्न हुआ। भंडारे में हजारों भक्तों ने प्रसाद छककर मनोकामनाएं मांगी। विदित हो कि 40 वर्षों पूर्व स्वामी राजेश्वरानंद महाराज जी द्वारा भण्डारे का शुभारंभ किया गया था।

कैलाश आश्रम कुटी

तभी से प्रतिवर्ष भंडारे का आयोजन होता चला आ रहा था। पता नही किन कारणों से पिछले 10 वर्षों से भंडारे का आयोजन नही हो रहा था। श्रद्धालुओं के प्रयास से 10 वर्षों बाद पुन: भंडारे की शुरुआत की गई तो भंडारे में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। भंडारे का शुभारंभ महा कन्या भोज से किया गया। भंडारे में आए हजारों श्रद्धालुओं ने कुटी में माथा टेक कर मनोकामनाएं मांगी। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि कुटी में आस्था रखने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है। इस अवसर पर खजुरों प्रधान विश्राम रावत, मुकेश सिंह, छत्रसाल सिंह ,आनंद सिंह, अभिषेक सिंह,भानू प्रताप सिंह, सजीवन चौरसिया,लक्ष्मी कांत शुक्ला ,(पूर्व प्रधान) संतोष चौधरी सहित हजारों श्रद्धालु एवं साधु संत मौजूद रहे।

भजन संध्या में बही भक्ति रसधार

अंगद राही

रायबरेली। शिवगढ क्षेत्र के शिवली गांव में स्थित औसानेश्वर महादेव में गांव के ही अनिल सिंह द्वारा भजन संध्या का भव्य आयोजन किया गया। रीवां के पंडित श्याम किशोर पाठक की अध्यक्षता में आयोजित भजन संध्या में गंगाखेड़ा की मशहूर भजन पार्टी ने भोलेनाथ के भजन गाकर समा बांध दी। भजन संध्या का शुभारंभ भोलेनाथ की पूजा-अर्चना से किया गया। मजे की बात रही कि कड़ाके की ठंड में भी श्रोता गण रात को बैठकर भक्ति रस से सराबोर भजनों का आनंद लेते रहे। इस मौके पर धीरज सिंह, सोनू सिंह, मोनित, चंकी मिश्रा, राहुल, विकास, अन्नू सिंह, मनोज पांडेय, प्रमोद त्रिवेदी, आद्या सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

श्री संगम वीर बाबा के दो दिवसीय ऐतिहासिक मेले में उमड़ा आस्था का सैलाब

मेले में आयोजित दिव्य रामलीला बनी रही दर्शकों के आकर्षण का केंद्र 

अंगद राही

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत नारायनपुर में स्थित श्री संगम वीर बाबा की पावन तपोस्थली पर गत वर्षो की भांति 2 दिवसीय ऐतिहासिक मेले का शुभारंभ हवन पूजन के पश्चात  हर्षोल्लास पूर्वक किया गया। मेले के पहले दिन अपरान्ह एक बजे से श्री संगम वीर बाबा रामलीला कमेटी द्वारा  दिव्य रामलीला का शुभारंभ किया गया। मशहूर कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रामलीला दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। रामलीला का भव्य मंचन देकर दर्शक टस से मस नही हुए। रामलीला में सीता स्वयंवर का भव्य मनमोहक दृश्य देखकर दर्शक भगवान श्री राम, मां सीता और लक्ष्मण के जयकारे लगाने लगे। मान्यता है कि संगम वीर बाबा ने ग्रामीणों को जमीदार के अत्याचार से मुक्ति दिलाई थी। जिनके समाधि लेने के बाद ग्रामीणों द्वारा संगम वीर बाबा की पावन तपोस्थली पर पूजा अर्चना की जाने लगी। बताते हैं तभी से प्रतिवर्ष धान की फसल काटने पर ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से प्रतिवर्ष मेले का आयोजन किया जाने लगा। इस अवसर पर मेला कमेटी के अध्यक्ष अध्यक्ष जगदीश शर्मा, पंडित गिरजा शंकर द्विवेदी, सत्यम द्विवेदी, दिलीप कुमार पांडेय, पत्रकार विपिन कुमार पांडेय, श्रीकांत कनौजिया,चंद्रपाल, ग्राम प्रधान अमृतलाल लोधी, वरिष्ठ भाजपा नेता रविंद्र कुमार शर्मा, राजाराम लोधी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

विश्व वैदिक सम्मेलन व सामूहिक उपनयन संस्कार कार्यक्रम 22 को

रायबरेली। उन्नाव जनपद के सुमेरपुर विकास खंड के अंतर्गत स्थित छांछीराई खेड़ा में प्रतिवर्ष बैसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति द्वारा आयोजित किया जाने वाला विश्व वैदिक सम्मेलन व सामूहिक उपनयन संस्कार इस बार आगामी 22 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। छांछीराई खेड़ा के एमजी कॉलेज ऑफ साइंस, आर्ट एण्ड कल्चर में नौवीं बार आयोजित होने वाले इस समारोह में इस बार 201 बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराने का संकल्प समिति ने लिया है। इस समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रमोद नारायण द्विवेदी ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि बांसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति अब तक 962 बैठकों का यज्ञोपवीत संस्कार करा चुकी है उन्होंने बताया कि आगामी 22 दिसंबर पुण्य प्रदायिनी एकादशी के दिन आयोजित होने वाले इस महा अनुष्ठान की तैयारियां जोरों पर चल रही है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में इस बार जगतगुरु शंकराचार्य राजराजेश्वर आश्रम जी महाराज और काली पीठाधीश्वर ब्रह्मचारी श्री श्री 1008 स्वामी कैलाशानंद जी महाराज शामिल होकर बटु को को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। 
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक पांडेय ने मीडिया को समिति के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि यह समिति 12 वर्षों से निरंतर समाज सेवा और लोक सेवा के लिए काम कर रही है उन्होंने कहा कि समिति के साथ भले ही ब्राह्मण शब्द जुड़ा हो लेकिन यह समिति समाज के हर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए काम करती है क्योंकि लोक कल्याण से ही अच्छे समाज की स्थापना करके राष्ट्र को देश को आगे ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज हम अपनी सनातन संघ सांस्कृतिक परंपरा को भूलकर एक ऐसी भोगवादी, भौतिकवादी संस्कृति को गले लगाने के लिए आतुर जो संस्कृति 'इंड आफ आइडोलॉजी और इंड ऑफ मारलिटी' की बात करता है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों की मेघा का प्रयोग किए बिना भारत विश्व गुरु नहीं बन पाएगा। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है वेदों में जाति का जो स्वरूप है वह आज के स्वरूप से अलग है क्योंकि आज के स्वरूप को राजनैतिक बना दिया गया है। शक्ति के दो बड़े केंद्र नासा और इसरो हैं जिनमें 23 प्रतिशत वैज्ञानिक ब्राह्मण हैं। यही समाज अपने कर्मपथ से हट रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीयता की रक्षा सनातन संस्कृति की रक्षा से ही संभव है जिसके लिए ब्राह्मण को जागना होगा। राम, कृष्ण, परशुराम, बुद्ध और गांधी आदि एक विचार थे। यह विचार और ज्ञान भारत के उत्कर्ष पथ की सनातन संस्कृति भारतीयता की जीवनी शक्ति है। जिसे सांस्कृतिक आदर्श, पद्धतियां तथा व्यवस्थाएं प्राणवान करती रहीं हैं। अंत में एक बार फिर अशोक पांडे ने ब्राह्मण समाज की एकजुटता पर जोर दिया और कहा कि ब्राह्मणों के बिना विश्व का कल्याण नहीं हो सकता इस मौके पर जागेश्वर अवस्थी राजेंद्र अवस्थी आशीष अवस्थी सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। 
यज्ञोपवीत के लिए यहां कराएं पंजीकरण
 बांसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति ने यज्ञोपवीत के लिए बट्टू को का पंजीकरण कराने हेतु दर्जनभर संपर्क सूत्र जारी किए हैं। मोबाइल नंबर 9984 44444 2497 930 958
अनुज मौर्य रिपोर्ट

हाथी,घोड़ो ऊंटों के संग निकली कुड़वा वीर बाबा की भव्य शोभायात्रा

अंगद राही

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के पहाड़पुर मजरे कुम्हरावां ग्राम पंचायत में स्थित प्राचीन कालीन कुड़वावीर बाबा की तपोस्थली पर आयोजित कुड़वा वीर बाबा का ऐतिहासिक धनुष यज्ञ मेला संपन्न हुआ। चार दिवसीय मेले के अंतिम दिन बड़े ही धूमधाम से कुड़वा वीर बाबा की तपोस्थली प्रांगण से गत वर्षो की भांति वरिष्ठ समाजसेवी पंडित गिरजा शंकर मिश्रा की अगुवाई में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें गांव के दिलीप अवस्थी, संकट मोचन मिश्रा, राकेश त्रिवेदी प्रदीप अवस्थी, विश्वास मिश्रा, विनायक मिश्रा, मोनू पारुल ,श्रेयस,सत्यम,करन,कृष्णा,विभू,अनिरुद्ध, राहुल, मुन्ना, संतराम, नीरज अवस्थी, अंकुर बाजपाई, अंशुल बाजपेई, राजेश त्रिवेदी, राम सजीवन, अंशू त्रिवेदी, उत्कर्ष, हर्ष अवस्थी सहित युवाओं एवं किशोरों ने भोलेनाथ, राजा दशरथ,राम दरबार,राजा जनक, भक्त प्रहलाद,हनुमान, कृष्ण-बलराम, परमवीर छत्रपति शिवाजी,विश्वामित्र, गुरु वशिष्ठ,नारद सहित भगवानों के स्वरूप का दिव्य अभिनय करके रथ एवं हाथी, घोड़ों, ऊंटों पर सवार होकर आकर्षक झांकियां निकालकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। शोभायात्रा कुम्हरावां, श्री बरखण्डीनाथ,भैरीखेड़ा,शिवगढ़,दामोदर खेड़ा,भवानीगढ़,मनऊ खेड़ा,पिपरी,पूरे पाण्डेय,ढेकवा  होते हुए पुनः कुड़वावीर बाबा की तपोस्थली पर पहुंची। शोभायात्रा में क्षेत्र ही नहीं दूर दराज से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर कुड़वा वीर बाबा से मन वांछित आशीर्वाद मांगा। विदित हो कि कुंडवा वीर बाबा का ऐतिहासिक मेला करीब 150 वर्षों से निरंतर होता चला आ रहा है। मान्यता है कि कुड़वा वीर बाबा के आश्रम पर जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मनोकामना मांगता है उसकी मान्यता अवश्य पूरी होती है। इस मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षक फूलचंद त्रिवेदी, प्रधान प्रतिनिधि अनूप मिश्रा, समाजसेवी पवन मिश्रा, जय अवस्थी, देवेंद्र अवस्थी, मोहन हरिवंश उर्फ राजू सहित लोग मौजूद रहे।

अंग्रेज भी बाबा की तपोस्थली हो गए थे नतमस्तक

बताते हैं कि कुड़वा वीर बाबा की प्राचीन कालीन तपोस्थली करीब 250 वर्ष पूर्व खुदाई में मिली थी। करीब 150 वर्षों से कुड़वा वीर बाबा का निरंतर मेला लगता चला रहा है। मान्यता है कि मंदिर के पास से गांव को जाने वाले रास्ते से अंग्रेजों ने पहाड़पुर गांव की पावन तपोभूमि में कई बार दाखिल होने की कोशिश की किंतु मंदिर के पास आते ही घोड़ों के पैर अपने आप ठहर जाते थे जिसके बाद अंग्रेजों के द्वारा काफी कोशिशें किए जाने बावजूद घोड़े एक कदम आगे नहीं बढ़ाते थे। यही कारण है कि इस तपोस्थली पर फिरंगी भी नतमस्तक हो गए थे। जिसकी खुशी में ग्रामीणों द्वारा प्रतिवर्ष धान की फसल कटने पर बाबा की तपोस्थली पर भंडारे एवं उत्सव का आयोजन किया जाता था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा निरंतर चली आ रही है। इस परंपरा को जीवंत रखने के लिए समूचा पहाड़पुर गांव समर्पण की भावना से लगा रहता है।

शिवगढ़ में बुद्ध विहार मेला आगामी 10 दिसंबर को

अंगद राही

रायबरेली।शिवगढ़ क्षेत्र के चंदापुर गांव में स्थित तथागत बुद्ध विहार एवं बोधिसत्व बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर प्रेरणा स्थल पर आगामी 10 दिसंबर को विशाल धम्म मेले का आयोजन किया जाएगा। विदित हो कि बौद्ध उपासकों द्वारा तथागत बुद्ध विहार का निर्माण कराया गया है। जिसमें भगवान बुद्ध एवं बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। नवनिर्मित बुद्ध विहार का स्थापना दिवस समारोह आगामी 10 दिसंबर दिन मंगलवार को प्रातः 9 बजे से मनाया जाएगा। उक्त जानकारी संस्थापक बैजनाथ द्वारा दी गई। मेले का आयोजन शोध अधिकारी आनंद कुमार ,इंजीनियर दीपक गौतम, कुमार ,शैलेश, प्रधान रामचंद्र, डॉ अशोक, राजाराम गौतम, भानु प्रताप सिंह, बेचालाल ,राम सजीवन, प्रेम नारायण ,रामकिशोर बौद्ध ,रामहेत, रामफेर एवं समस्त बौद्ध उपासक सहित लोगों द्वारा किया जाएगा।