प्रयोगशाला की जांच में जीरा के भेजे गए नौ नमूूूने फेल पाए गए
महराजगंज कस्बे में मिलावटी जीरा का कारोबार करके लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था
रायबरेली। महराजगंज कस्बे में मिलावटी जीरा का कारोबार करके लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला लखनऊ की जांच में जीरा के भेजे गए नौ नमूूूने फेल पाए गए हैं। इनमें से तीन नमूने तो अवमानक के साथ ही असुरक्षित भी हैं जबकि छह नमूने सिर्फ अवमानक पाए गए हैं। अफसरों के अनुसार जांच में जीरे में अन्य बीज पाए गए हैं। ये बीज किसके हैं, इसका उल्लेख जांच रिपोर्ट में नहीं किया गया है। अब विभागीय अधिकारी इस जांच रिपोर्ट को पुलिस के सुपुर्द करेंगे।तत्कालीन महराजगंज सीओ विनीत सिंह, कोतवाल लालचंद्र सरोज ने दस दिसंबर 2019 को महराजगंज कस्बे में 713 क्विंटल से ज्यादा जीरा पकड़ा था। पुलिस ने नकली जीरा पकड़ने का दावा किया था। इस मामले में नौै कारोबारियों के खिलाफ महराजगंज कोतवाली में केस दर्ज कराया गया था। एफएसडीए की टीम ने कुल 18 नमूूने जांच के लिए खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला भेजा था। इनमें से जीरे के नौ नमूूनों की रिपोर्ट आ गई है।
एफएसडीए के अधिकारियों के मुताबिक महराजगंज के फूलचंद्र साहू, प्रशांत साहू व अमित प्रकाश के यहां से लिए गए जीरे का नमूूना अवमानक और असुरक्षित पाया गया। यानि कि जीरा में तीन फीसदी खरपतवार होना चाहिए लेकिन इसमें तीन फीसदी से ज्यादा खरपतवार था। इसलिए नमूना जांच में अवमानक पाया गया। यह जीरा खाने योग्य नहीं था औैर लोगों की सेहत के लिए ठीक नहीं था। कारोबारी कमलेश मौर्या, पवन गुप्ता, सत्येंद्र केसरवानी, पंकज ठठेर, दिनेश कुमार उर्फ भुल्लू व राजेंद्र प्रसाद के यहां से लिए गए नमूूने जांच में अवमानक पाए गए हैं।
एफएसडीए के अभिहित अधिकारी इंद्र बहादुर यादव ने बताया कि जीरा के भेजे गए 18 नमूनों में से नौ नमूनों की रिपोर्ट आ गई है। तीन नमूने जांच में अवमानक व असुरक्षित पाए गए हैं जबकि छह नमूने सिर्फ अवमानक पाए गए हैं। अवमानक का मतलब होता है कि जीरा में तीन फीसदी से ज्यादा खरपतवार था। असुरक्षित का मतलब जीरा खाने योग्य नहीं था। जांच में जीरा में अन्य बीज मिले हैं लेकिन ये बीज किसके हैं, इसका उल्लेख नहीं किया गया है। इस मामले में कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसलिए जांच रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जाएगी। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी कारोबारियों पर की जाएगी। अन्य शेष नौ नमूनों की जांच रिपोर्ट भी जल्द मंगाई गई है।
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. दीपेंद्र सिंह ने बताया कि मिलावटी जीरा सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है। इसके खाने से लोगों की किडनी और लीवर फेल होने का खतरा रहता है। साथ ही पेट और आंतों में अल्सर की बीमारी हो जाती है। लोगों को ध्यान देना चाहिए कि बाजार से जो भी जीरा लाएं, उसे पानी में भिगो दें। भिगोने पर यदि जीरे की महक और रंग बदल जाए तो समझो की मिलावटी जीरा है। ऐसा न हो तो समझो की जीरा असली है। असली जीरा पानी में गलता भी नहीं है।