पुरूष चिकित्सालय के शौचालय में मिला नवजात का शव, मचा हड़कंप
शव बरामद कर जांच कर रही है पुलिस अस्पताल के इर्द-गिर्द लगे हैं खुफिया कैमरा
रायबरेली-
पुरूष चिकित्सालय शहर के बीचोबीच स्थित सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण लेकिन शर्मिंदा कर देने वाले एक से बढ़कर एक अपराध इसी क्षेत्र में हो जाते हैं और जिम्मेदार अपनी पुरानी रीति-रिवाज के अनुसार जांच करने में जुटे हैं और वह जांच कभी मीडिया के समक्ष भी नहीं आती। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला वाकया रायबरेली में घटित हुआ नवजात शिशु का शव शौचालय की कमोड में बेतरतीब अवस्था में मिला सफाई कर्मचारी जब सुबह शौचालय साफ करने पहुंचे तो उन्होंने नवजात का शव देखा उसके बाद हड़कंप मचा चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और फिर जांच प्रक्रिया प्रारंभ हुई।
कलंकित हो रही मानवता
जिस तरह से मासूम बच्चे को कमोड में डाल दिया गया उसकी मृत्यु हो गई उससे यह सवाल उठने जायज हैं क्या मानवता इतनी गिर गई है कि पैदा हुए एक मासूम से बच्चे को मार दिया जाएगा लोगों का यह भी कहना है जिसने भी यह पाप किया है कम से कम यदि वह शौचालय में ही बच्चे को छोड़ देता तो शायद उसकी जान बच सकती थी लेकिन मानवता का गला घोट रहे ऐसे लोग ना जाने किस मिट्टी के बने हैं इन्हें जरा सा भी अफसोस नहीं होता। मानवता के तले एक बार उन्हें उस मासूम को देख लेना चाहिए था जिसको बेरहमी से कमोड में डाल दिया गया और उसकी मृत्यु हो गई होगी!
असुरक्षा में है जिला चिकित्सालय व जिला महिला चिकित्सालय
अक्सर रायबरेली के इन चर्चित अस्पतालों की कहानी सामने आती रहती है जहां पर कुछ ना कुछ भयावह होता है और उसके बाद किरकिरी होती है लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त साधनों व सुरक्षा करने वालों की कमी का नतीजा ही है जिस तरह से यहां पर यह कलंक किया गया वह सवालों के घेरे में है अब तो सुरक्षा के जिम्मेदार ही बता सकते हैं आखिर वह कौन लोग थे? जिन्होंने बच्चे को कमोड में डाल दिया कहां से वह लोग आए कहां से उनमें इतनी हिम्मत आ गई इतनी बड़ी वारदात देकर चले गए और अस्पताल के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों को भी भनक तक नहीं लगी।
अस्पताल के इर्द-गिर्द लगे हैं सीसीटीवी कैमरे क्या खंगाले जाएंगे?
नवजात शिशु का शव आज शनिवार सुबह 9:00 बजे बरामद हुआ लेकिन इर्द-गिर्द लगे खुफिया कैमरा उन लोगों की पहचान बता सकते हैं जिन लोगों की यह करामात है क्या जांच कर रहे जिम्मेदार इन कैमरों पर अपनी जांच का क्रेंद्र बिंदु बनाएंगे यह भी सवाल है? जांच के नाम पर पल्ला झाड़ने और अपर्याप्त सबूतों का हवाला दे देने वाले जिम्मेदार क्या अपनी जांच में मजबूती इन कैमरों से ला पाएंगे क्योंकि समूचा घटनाक्रम तो नहीं लेकिन गेट से अस्पताल के अंदर कौन आया था कौन नहीं यह पूरा घटनाक्रम उन कमरों में जरूर कैद हुआ होगा!
जिला अस्पताल में अपर्याप्त सुरक्षा कर्मी चौकी इंचार्ज के हवाले संपूर्ण अस्पताल
चंद गिने हुए सुरक्षाकर्मियों के हवाले सरकारी अस्पताल हैं जो न तो इतने तेज है और ना ही उनके पास इतने कर्मचारी हैं कि वह समूचे जिला अस्पताल पर अपना नियंत्रण रख सकें इसलिए लगातार विफलता सामने आती रहती है और रायबरेली से कलंकित कर देने वाली तस्वीरें निकल कर सामने आती हैं जो यकीन मानिए समाज में एक डर और असुरक्षा और हीन भावना पैदा करती है क्या जिला प्रशासन को नहीं चाहिए कि वहां पर सीसीटीवी कैमरा और ज्यादा लगाए जाएं जिस सख्त निगरानी की जा सके और उसी के साथ पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाए जिससे ऐसा दुस्साहस करने वाले लोगों की पहचान हो सके और उन्हें उसकी सजा मिले ताकि समाज में दूसरा कोई ऐसे कर्म करने से पहले 4 बार सोचे। इतने बड़े घटनाक्रम होने के बाद अब देखना है आखिर जांच रिपोर्ट में क्या निकल कर आता है या फिर अन्य कलंकित घटनाओं की तरह फाइलें दबकर रह जाएंगी।
दुर्गेश सिंह चौहान /अनुज मौर्य/ सुरेश कुमार की रिपोर्ट