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घर की बैठक में आप श्रीराम दरबार का फोटो लगाएं

घर की बैठक में आप श्रीराम दरबार का फोटो लगाएं, जहां हनुमानजी प्रभु श्रीरामजी के चरणों में बैठे हुए हैं।

डेस्क-हनुमानजी का चित्र लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली हर बुरी ताकत हनुमानजी का चित्र देखकर लौट जाती है। इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है।

वास्तु के अनुसार हनुमानजी का चित्र हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए लगाना चाहिए। यह चित्र बैठी मुद्रा में लाल रंग का होना चाहिए।दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हनुमानजी का चित्र इसलिए अधिक शुभ है क्योंकि हनुमानजी ने अपना प्रभाव सर्वाधिक इसी दिशा में दिखाया है।

आइए जानते हैं कि हनुमान जी किस दिशा में लगायें 

  • यदि भवन में गलत दिशा में कोई भी जल स्रोत हो तो इस वास्तु दोष के कारण परिवार में शत्रु बाधा, बीमारी व मन मुटाव देखने को मिलता है।
  • जिनका मुख उस जल स्रोत की ओर देखते हुए दक्षिण पाश्चिम दिशा की तरफ हो
  • बैठक में लगाएं हनुमान जी का यह स्वरूप|
  • घर की बैठक में आप श्रीराम दरबार का फोटो लगाएं, जहां हनुमानजी प्रभु श्रीरामजी के चरणों में बैठे हुए हैं।
  • इसके अलावा बैठक में पंचमुखी हनुमानजी का चित्र, पर्वत उठाते हुए हनुमानजी का चित्र या श्रीराम भजन करते हुए हनुमानजी का चित्र लगा सकते हैं।
  • ध्यान रखें कि उपरोक्त में से कोई एक चित्र लगा सकते हैं।
  • यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपमें साहस, बल, विश्वास और जिम्मेदारी का विकास होगा।
  • आप किसी भी परिस्थिति से घबराएंगे नहीं।
  • हर परिस्थिति आपके समक्ष आपको छोटी नजर आएगी और तुरंत ही उसका समाधान हो जाएगा।
  • यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपकी उन्नति, तरक्की और सफलता को कोई रोक नहीं सकता।
  • आपमें आगे बढ़ने के प्रति उत्साह और साहस का संचार होगा। निरंतर आप सफलता के मार्ग पर बढ़ते जाएंगे।
  • यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपमें भक्ति और विश्वास का संचार होगा।
  • यह भक्ति और विश्वास ही आपके जीवन की सफलता का आधार है।

सामूहिक रूप से की गई ग्राम देवी, ग्राम देवता की पूजा

रायबरेली। कजली तीज के पावन अवसर पर शिवगढ़ क्षेत्र के जयचंदपुर मजरे बैंती गांव में ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से प्राचीन कालीन शीतला माता के स्थान पर पूजन हवन कर ग्राम देवी एवं ग्राम देवता को आहूति दी गई। इस दौरान भारी तादाद में मौजूद महिलाओं, बच्चों एवं पुरुषों द्वारा लगाए जा रहे माता रानी के जयकारों से समूचा जयचंद पुर गांव गूंज उठा। विदित हो कि ग्रामीण अंचल में आज भी ग्राम देवी और ग्राम देवता के प्रति अटूट श्रद्धा देखने को मिलती है। यही कारण है कि ग्रामीण किसी भी शुभ काम की शुरुआत करने से पहले ग्राम देवी और ग्राम देवता का स्मरण से करते हैं। ग्रामीणों का विश्वास है कि ग्राम देवी और ग्राम देवता की आशीर्वाद से गांव में कभी महामारी, भूखमरी एवं प्रलय जैसी समस्या उत्पन्न नहीं हो सकती। इस अवसर पर गांव के भवानीदीन,गणेश कुमार, प्रदीप कुमार, श्रवण कुमार, मेवालाल, जमुना प्रसाद, गंगा प्रसाद, मनोज कुमार, आशाराम, बुद्धू लाल, मैकू लाल,हुबलाल, लालता, राम जी, रामशरन सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

रायबरेली से अंगद राही की रिपोर्ट

मुसीबतों से बचने के लिए शाकाहारी जीवन अपनाएं : रामशंकर

रायबरेली। रक्षा सूत्र कार्यक्रम के समापन के अवसर पर शिवगढ़ क्षेत्र के बांदा बहराइच हाईवे पर स्थित जय श्री स्वीट एवं रेस्टोरेंट के प्रांगण में बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक जयगुरुदेव धर्म विकास संस्था रायबरेली द्वारा आध्यात्मिक सत्संग का भव्य आयोजन किया गया। सत्संग में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रामशंकर पाल ने अपनी अमृतमयी वाणी से संत उमाकांत जी महाराज के आध्यात्मिक संदेश को सत्संग के माध्यम से सरल एवं प्रभावी ढंग से लोगो को सुनाया । रामशंकर पाल ने अपनी दिव्य वाणी से अमृतमयी वर्षा करते हुए कहा कि भारत वर्ष की इस आध्यात्मिक धरती पर अनेक संत आये और नाम देकर लोगो को जगाया और ईश्वर प्राप्ति का रास्ता बताया। ऐसे ही वर्तमान के संत उमाकांत महाराज भी लोगो को नामदान देकर जीते जी इसी मनुष्य मंदिर से प्रभु प्राप्ति का मार्ग बताकर निज घर पहुँचाते है।
महाराज जी ने लोगो से प्रार्थना की आगे खराब समय से बचने के लिए शाकाहार सदाचार के पथ पर चलकर सुबह शाम प्रभु जय गुरुदेव का स्मरण करें। रामशंकर पाल ने उमाकांत महाराज का संदेश सुनाते हुए कहा कि शराब भ्रष्टाचार और अपराध की जननी है अतः बुद्धिनाशक नशे का त्याग कर चरित्रवान बन देशहित में अपना सहयोग दें। महाराज जी का कहना है कि शाकाहारी सदाचारी और नशामुक्त व्यक्ति मुशीबत के समय जयगुरुदेव नाम पुकारेगा तो उसकी मदद होगी ।
कार्यक्रम में अमित मौर्या ,राम कुमार पाल , राकेश कुमार सैनी, रामफेर मौर्या ,राम कुमार मौर्या , हरिपाल सिंह ,गोविंद बाजपेई , सुरेश कुमार सैनी, जयशंकर विश्वकर्मा , जय श्री सैनी, माताफेर पाल ,रामशरण यादव, संतोष प्रधान , शिव शरण सिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

रायबरेली  से अंगद राही/ विपिन पांडेय की रिपोर्ट

गूढ़ा से बाबा बैजनाथ के दर्शन के कांवड़ियों का तीसरा जत्था हुआ रवाना

रायबरेली।विगत वर्षो की भांति बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक शिवगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत गूढ़ा से 151 कांवड़ियों का तीसरा जत्था बाबा बैजनाथ के दर्शन के लिए रवाना हुआ। कांवड़ियों को रवाना करते समय ग्राम प्रधान रामहेत रावत के नेतृत्व में प्रकाश मौर्य,राजकुमार वर्मा,पवन कुमार वर्मा,प्रदीप सिंह,रिंकू वर्मा, अंकित वर्मा,चंद्रोदय रावत सहित लोगों ने सभी कांवड़ियों को अंग वस्त्र भेंटकर रवाना करते हुए सभी की मंगल यात्रा के लिए भोलेनाथ से प्रार्थना की। इस दौरान कावड़ियों द्वारा लगाए जा रहे बोल बम के जयकारों से समूचा गूढ़ा कस्बा गूंज उठा। ग्राम प्रधान रामहेत रावत, प्रदीप सिंह पवन वर्मा ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि कांवड़ियों का जत्था गूढ़ा से पहले हैदरगढ़ जाएगा जहां से ट्रेन द्वारा कांवड़ियां सीधा बिहार स्थित सुल्तानगंज पहुंचकर स्नान करेंगे और वहां पर जल भरकर 130 किलोमीटर पदयात्रा करते हुए बाबा बैजनाथ के धाम पहुंचकर बाबा बैजनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे। जिसके पश्चात सभी कावड़िया बाबा बैजनाथ से अरदास लगाते हुए क्षेत्र की खुशहाली के लिए प्रार्थना करेंगे। जहां से लौटने के बाद कांवड़ियों एवं क्षेत्र के लोगों के सौजन्य से आगामी 7 अक्टूबर को गूढ़ा चौराहे पर विशाल भंडारे का भव्य आयोजन किया जाएगा। जिसमें पूर्ण्य की लालसा से हजारों भक्त शिरकत कर प्रसाद ग्रहण करेंगे। इस मौके पर जग प्रसाद, श्री राम, नीरज कुमार, दीनबंधु, हीरालाल, साहबदीन पासी,सत्यनाम, अनिल चौधरी, शिवलाल, चंद्रोदय,दुर्गेश सिंह,रामनाथ, हरदेव सिंह सहित लोग मौजूद रहे।

रायबरेली से अंगद राही की रिपोर्ट

शिवगढ़ में हर्षोल्लास से मनाया गया श्री कृष्ण जन्मोत्सव

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत बैंती में बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिरों के साथ ही घरों में भगवान श्री कृष्ण की सुंदर झांकियां सजाई गई। भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में मदमस्त भक्त "नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की" गीत के साथ झूमते गाते नजर आए। विदित हो कि गत वर्षों के भाति इस वर्ष भी ठाकुरद्वारा, अवधेश्वर महादेव मन्दिर एवं रामचंद्र गुप्ता, कमल किशोर रावत के आवास पर आवास पर सजी सुंदर झांकियां लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। वहीं शिवगढ़ कस्बे में स्थित राम जानकी मंदिर, शिक्षक कृष्ण कुमार पांडेय के दरवाजे स्थित राधा कृष्ण मंदिर शिवगढ़ थाना परिसर में स्थित शिव मंदिर एवं देहली,गूढ़ा,कुम्भी,ओसाह,शिवली,चितवनियां,भवानीगढ़,नरायनपुर,खजुरों,सहित.ग्राम सभाओं में मनमोहक एवं आकर्षक झांकियां सजाकर बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। नारायनपुर गांव में कलाकारों ने भगवान श्री कृष्ण के सुंदर स्वरूप को प्रदर्शित किया।

शिवगढ़ से विपिन पांडेय की रिपोर्ट

इसलिए होती है सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा

न्यूजडेस्क - सावन के महीने में सबसे ज्यादा भगवान शिव की पूजा की जातिओ है, दूर दराज से शिव भक्त शिव को जल और गंगा जल का अभिषेक करते हैं मगर ेक्खास वजह भी है जिसके कारण सावन महीना ही शिव की आराधना का सबसे उपयुलट समय माना गया है, इस महीने में सबसे ज्यादा भगवान भोलेनाथ के पार्थिव शिवलिंग\ की आराधना की जाती है।  पार्थिव शिवलिंग की पूजा से पहले भगवान के सामने बैठकर मन ही मन पूजा का संकल्प पढ़ें, अब किसी साफ़ जगह पर पवित्र मिट्टी का फूल और चन्दन से शुद्धिकरण कर लें। शिव पुराण में भी इसका जिक्र है कि भगवान शिव का प्रिय माह सावन है, अन्य धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में भगवान शिव का पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधिवत उसकी पूजा-अर्चना करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है, 
हिंदू धर्म की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलियुग में सबसे पहले कूष्मांड ऋषि के बेटे ने पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसकी आराधना की थी, माना जाता है कि शिवलिंग का विधिवत पूजन करने से जीवन में सुख, संपत्ति और शान्ति रहती है. साथ ही संतान सुख से वंचित दंपत्तियों की गोद भर जाती है और सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। धर्म के जानकार बताते हैं कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा से पहले भगवान के सामने बैठकर मन ही मन पूजा का संकल्प पढ़ें, अब किसी साफ़ जगह पर पवित्र मिट्टी का फूल और चन्दन से शुद्धिकरण कर लें. अब भगवान शिव के मन्त्रों का जाप करते हुए इस मिट्टी में गाय का दूध, गाय का गोबर, गुड़, भस्म और गाय के दूध का बना मक्खन बनाकर शिवलिंग का निर्माण करें, इस बात का ख्याल रखें कि पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके ही शिवलिंग बनाएं। इस बात का ध्यान रखें कि यह शिवलिंग आठ इंच से ज्यादा ऊंचाई का न हो, माना जाता है कि इससे ज्यादा ऊंचे शिवलिंग की पूजा करने पर उसका फल नहीं मिलता है, इस शिवलिंग की आराधना करते वक्त मन ही मन भगवान से कामना करें कि वो आपकी इच्छा पूरी करें और बेलपत्र, आक का फूल, धतूरा और बेल चढ़ाएं. इसके बाद दूध और गंगाजल को मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें, इसके बाद शिवलिंग पर प्रसाद अर्पित करें, लेकिन ये प्रसाद न खुद ग्रहण करें और न ही किसी को खाने को दें।  सावन महीने में शिव का रूद्राभिषेक भी धूमधाम से किया जाता है, शिव की आराधना सावन महीने के सोमवार को करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। 

हृदय नारायण दीक्षित ने भंवरेश्वर मंदिर में टेका माथा

रायबरेली/ बछरावां। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित सावन के तीसरे सोमवार को देर शाम जनपद के सीमावर्ती गांव सुदौली रियासत में स्थित प्रसिद्ध भँवरेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे वहां पर उन्होंने भगवान भोले नाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पुष्प ,अच्छत दूध तथा बेलपत्र अर्पित किए ।श्री दीक्षित के अचानक मंदिर पहुंचने पर वहां पर मौजूद क्षेत्राधिकारी विनीत सिंह  श्री दीक्षित को मंदिर तक ले गए ।
दर्शन के उपरांत श्री दीक्षित ने कहा कि भगवान भोले शिव शंकर का यह स्थान बहुत ही पौराणिक एवं प्रसिद्ध है ।वह यहां पर बचपन से ही आते रहे हैं ।भक्तों की मनोकामनाएं यहां के दर्शन मात्र से ही पूरी हो जाती हैं ।श्री दीक्षित के साथ क्षेत्रीय लोग भी मौजूद रहे ।

बछरावां से अमित अवस्थी की रिपोर्ट

सूर्य ग्रहण कल, यहाँ यहाँ रहेगा असर 

2 जुलाई 2019 को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण (solar eclipse) लग रहा है. सूर्य ग्रहण की ये खगोलीय घटना दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर और दक्षिणमध्य अमेरिका, अटलांटिका एवं अर्जेंटीना में देखा जा सकेगा. भारत में इसे नहीं देखा जा सकेगा. हालांकि राशियों पर इसका असर पड़ेगा. भारतीय समय के अनुसार, 2 जुलाई रात 10:25 मिनट पर ग्रहण की शुरुआत होगी जोकि रात 3 बजकर 21 मिनट तक चलेगी. ग्रहण काल तकरीबन 4 घंटे तक चलेगा
ये है सूतक का समय
सूर्यग्रहण से पहले सूतक की शुरुआत दी में ही करीब 10:25 से हो जाएगी. हालांकि भारत में सूर्यग्रहण नहीं दिखाई देगा लेकिन राशियों पर इसका बुरा प्रभाव न पड़े इसके लिए 3 जुलाई को प्रातः सूर्य उगने से पहले नित्यकर्म और स्नान करके सूर्य देव को जल अर्पित करें और हाथ जोड़कर उनसे शुभ प्रभाव की कामना करें, माना जाता है कि ग्रहण काल में कोई भी मांगलिक या शुभ काम नहीं करना चाहिए. इस समय भगवान की पूजा करने का प्रावधान भी नहीं है, वैज्ञानिक आधार पर देखा जाए तो सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. इससे चंद्रमा से सूर्य पूरी तरह से या आंशिक तौर पर ढंक जाता है तब चंद्रमा की छाया धरती पर पड़ती है, इसी खगोलीय घटना को चन्द्र ग्रहण कहा जाता है.

अमरनाथ यात्रा शुरू, बाबा बफार्नी के दर्शन के लिए तीर्थयात्री रवाना

धर्म डेस्क : अमरनाथ यात्रा सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गई। 7,500 से अधिक तीर्थयात्री बाबा बफार्नी के दर्शन के लिए रवाना हो गए। रविवार को कश्मीर घाटी के लिए 2,000 से अधिक तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना होने के बाद 4,417 तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था जम्मू से गुफा के लिए रवाना हुआ। एक अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर से जम्मू तक यातायात की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक कि तीर्थयात्रियों का जत्था जवाहर सुरंग को पार नहीं कर जाता। अमरनाथ यात्रियों को ले जाने वाले किसी भी वाहन को पुंछ और राजौरी जिलों को जोड़ने वाले मुगल रोड पर जाने की अनुमति नहीं होगी।

उत्तरी कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल आधार शिविर से 7,500 तीर्थयात्री सोमवार को यात्रा के लिए रवाना हुए। शेष पहले ही पहलगाम मार्ग से होकर यात्रा करते हुए छड़ी मुबारक के साथ गुफा तक पहुंच चुके हैं। समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित 45 दिवसीय वार्षिक यात्रा 15 अगस्त को सम्पन्न होगी। एक अधिकारी ने कहा, “सोमवार को 31 बच्चों के अलावा 3,543 पुरुषों, 843 महिलाओं का जत्था भगवती नगर यात्री निवास से 142 वाहनों के काफिले के साथ रवाना हुआ।” 

उन्होंने कहा, “इनमें से 1,617 तीर्थयात्री बालटाल आधार शिविर और 2,800  पहलगाम आधार शिविर पहुंचेंगे। अधिकारियों ने जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर दोपहर 3.30 बजे तक विपरीत दिशा में किसी भी यातायात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है ताकि घाटी की ओर यात्रियों के लिए सुगम मार्ग सुनिश्चित किया जा सके।” जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक, जो श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष भी हैं, मंदिर में विशेष पूजा में भाग लेंगे, जो परंपरागत रूप से पहले दिन की सुबह अमरनाथ गुफा में 'छड़ी मुबारक' के आगमन के साथ शुरू होती है। 

जानिए किस दिशा में हनुमान जी की फोटो लगाना माना है शुभ

घर की बैठक में आप श्रीराम दरबार का फोटो लगाएं, जहां हनुमानजी प्रभु श्रीरामजी के चरणों में बैठे हुए हैं।

डेस्क-हनुमानजी का चित्र लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली हर बुरी ताकत हनुमानजी का चित्र देखकर लौट जाती है। इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है।

वास्तु के अनुसार हनुमानजी का चित्र हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए लगाना चाहिए। यह चित्र बैठी मुद्रा में लाल रंग का होना चाहिए।दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हनुमानजी का चित्र इसलिए अधिक शुभ है क्योंकि हनुमानजी ने अपना प्रभाव सर्वाधिक इसी दिशा में दिखाया है।

आइए जानते हैं कि हनुमान जी किस दिशा में लगायें 

  • यदि भवन में गलत दिशा में कोई भी जल स्रोत हो तो इस वास्तु दोष के कारण परिवार में शत्रु बाधा, बीमारी व मन मुटाव देखने को मिलता है।
  • जिनका मुख उस जल स्रोत की ओर देखते हुए दक्षिण पाश्चिम दिशा की तरफ हो
  • बैठक में लगाएं हनुमान जी का यह स्वरूप|
  • घर की बैठक में आप श्रीराम दरबार का फोटो लगाएं, जहां हनुमानजी प्रभु श्रीरामजी के चरणों में बैठे हुए हैं।
  • इसके अलावा बैठक में पंचमुखी हनुमानजी का चित्र, पर्वत उठाते हुए हनुमानजी का चित्र या श्रीराम भजन करते हुए हनुमानजी का चित्र लगा सकते हैं।
  • ध्यान रखें कि उपरोक्त में से कोई एक चित्र लगा सकते हैं।
  • यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपमें साहस, बल, विश्वास और जिम्मेदारी का विकास होगा।
  • आप किसी भी परिस्थिति से घबराएंगे नहीं।
  • हर परिस्थिति आपके समक्ष आपको छोटी नजर आएगी और तुरंत ही उसका समाधान हो जाएगा।
  • यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपकी उन्नति, तरक्की और सफलता को कोई रोक नहीं सकता।
  • आपमें आगे बढ़ने के प्रति उत्साह और साहस का संचार होगा। निरंतर आप सफलता के मार्ग पर बढ़ते जाएंगे।
  • यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपमें भक्ति और विश्वास का संचार होगा।
  • यह भक्ति और विश्वास ही आपके जीवन की सफलता का आधार है।