चंद्रयान के बारे में यहाँ की पुलिस ने कहा ऐसा की उड़ने लगा मजाक
न्यूजडेस्क - देश के सबसे बड़े मिशन चंद्रयान 2 के बारे में आज जब इसरो ने बताया कि हार्ड लैंडिंग के बावजूद लैंडिग के समय लैंडर विक्रम को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, इसरो लैंडर विक्रम से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहा है, विदित हो कि शुक्रवार देर रात से ही लैंडर से संपर्क टूटा हुआ है जिसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है, दुनिया भर की निगाहें इस समय भारत के चंद्रयान की तरफ हैं, सभी प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी तरह फिर से इसरो का लैंडर से संपर्क स्थापित हो सके, इसकी क्रम में नागपुर सिटी पुलिस के एक ट्वीट को लोगों ने मजाक बना दिया है, हो भी क्यों न क्योकि ट्वीट था ही ऐसा, दरअसल नागपुर सिटी पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा है- डियर विक्रम, प्लीज़ रिस्पॉन्ड करें, हम सिग्नल तोड़ने के लिए आपका चालान नहीं काटेंगे। इस ट्वीट पर लोग भी काफी मजेदार रिएक्शन दे रहे हैं, एक यूज़र ने लिखा है- ये केस बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस का है। एक यूज़र ने कमेंट किया है कि अगर विक्रम रिस्पॉन्ड करता है तो आप मुझे सिग्नल तोड़ने का चालान दे सकते हैं मैं विक्रम की तरफ से आपको उसके पैसे दे दूंगा, एक यूज़र ने लिखा है कि वैसे तो हमारा विक्रम सबसे समझदार है, लेकिन मामा के घर जाते ही बिगड़ गया, घरवालों से बात ही नहीं कर रहा है नटखट। बता दें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है और वह ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क स्थापित करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है, जो ‘हार्ड लैंडिंग’ के बाद इस समय चंद्रमा की सतह पर है। विक्रम’ का शनिवार को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के प्रयास के अंतिम क्षणों में उस समय इसरो के कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया था जब यह चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. लैंडर के भीतर ‘प्रज्ञान’ नाम का रोवर भी है। मिशन से जुड़े इसरो के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा, ‘‘ऑर्बिटर के कैमरे से भेजी गईं तस्वीरों के मुताबिक यह तय जगह के बेहद नजदीक एक ‘हार्ड लैंडिंग’ थी. लैंडर वहां साबुत है, उसके टुकड़े नहीं हुए हैं. वह झुकी हुई स्थिति में है.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) में एक टीम इस काम में जुटी है.’’‘चंद्रयान-2’ में एक ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं. लैंडर और रोवर की मिशन अवधि एक चंद्र दिवस यानी कि धरती के 14 दिनों के बराबर है।
बतातें चलें कि मिशन चंद्रयान 2 फिलहाल 95 प्रतिशत सफल हो चुका है और अब भी लैंडर से सम्पर्क करने के लिए इसरो के वैज्ञानिक दिन रात एक करके लगे हुए हैं और लैंडर से सम्पर्क करने के प्रयास लगातार जारी है।