बगैर कुशल डॉक्टरों के चल रही है सरकार की बहुउद्देशीय डायलिसिस यूनिट
रायबरेली- उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना है कि हर एक जनपद के नागरिक को एक छत के नीचे मेडिकल की वह तमामा सुविधाएं मिले जिसके चलते उन्हे लखनऊ या दिल्ली जाना पड़ता था। इसी सोच के साथ रायबरेली में डायलिसिस यूनिट लगवाई गई थी जहां पर भायावाह रोगों से ग्रसित मरीजों का डायलिसिस हो सकता था। लेकिन मशीन सचांलन मे कुशल डॉक्टरों के ना होने की वजह से अव्यवस्था का शिकार हो गई लोगों को डायलिसिस कराने के लिए अब फिर से रुख लखनऊ का करना पड़ रहा है। तो समझा यह जाए जब सबसे अत्याधुनिक मशीन रायबरेली में मौजूद है इसके संचालन के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर क्यों नहीं नियुक्त किया गया? ऐसे में अव्यवस्था तो रायबरेली के मरीजों को ही हो रही हैं। सीएमएस स्तर पर भी और ना ही सीएमओ स्तर पर इसकी पहल की गई इस अत्याधुनिक मशीन का संचालन कुशल डॉक्टरों के ही देखरेख में हो तभी उसका समुचित लाभ आम जनता को मिल सकेगा।
प्राइवेट कंपनी की देखरेख में है डायलिसिस यूनिट नहीं मिल रहा समुचित लाभ
हालांकि इस डायलिसिस मशीन का संचालन प्राइवेट कंपनी कर रही है प्राइवेट कंपनी ने ऐसी अव्यवस्था फैला रखा है जिससे समूची यूनिट में गंदगी उसी के साथ अव्यवस्था का आलम है। एक दैनिक समाचार पत्र ने पहले भी यह खबर चलाई है कि इस डायलिसिस यूनिट में गंदगी का अंबार लगा रहता है जिस से तरह-तरह की बीमारियां फैल सकती हैं खुद उन असाध्य मरीजों को इंफेक्शन हो सकता है जो यहां पर डायलिसिस कराने पहुंचते हैं जबकि किसी भी मेडिकल व्यवस्था के लिए साफ-सफाई सबसे अहम होता है। एमबीबीएस डॉक्टर ना होने की वजह से कई जटिल और असाध्य रोगों से ग्रसित मरीजों का डायलिसिस नहीं हो पाया जिससे उनको लखनऊ रेफर कर दिया जाता है और वहां पर जाते जाते हैं वह दम तोड़ चुके होते हैं। जबकि सुविधाओं के नाम पर प्राइवेट कंपनी सरकार से भरपूर पैसा वसूल कर रही है लेकिन सहूलियत देने के नाम पर जनता के ही साथ बेईमानी की जा रही है उसके साथ प्रशासन के भी साथ बेईमानी है। गुर्दा रोग विशेषज्ञ काफी आना-जाना रायबरेली कम ही होता है क्योंकि जिस हिसाब से उन्हें पेमेंट किया जाएगा वह उसी हिसाब से इस डायलिसिस यूनिट में पहुंचेंगे पैसों का बंदरबांट जिला अस्पताल के लिए कोई नया नहीं है। विदेशों से लाई गई बेशकीमती मशीन उस जनता के ही टैक्स के पैसे से लाई गई है फिर भी उस मशीन और समुचित सिस्टम के साथ बेईमानी हो रही है क्या जिला अस्पताल के निगहबान बेईमान हो चुके हैं जिन्हें ऐसे हालात दिखते ही नहीं फोन करने पर वही साहबान फोन उठाने पर भी कतराते हैं।