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थांगता कोच ट्रेनिंग कैंप में रायबरेली के दो खिलाड़ी

थांगता कोच ट्रेनिंग कैंप में रायबरेली के दो खिलाड़ी
 
रायबरेली। पांच दिवसीय नेशनल थांगता कोच ट्रेनिंग में यूपी का प्रतिनिधित्व करते हुए रायबरेली के दो खिलाडियों ने भाग लिया है। इन खिलाड़ियों की इस उपलब्धी पर शहर के खेलप्रेमी गदगद है। यह ट्रेनिंग कैंप खेलो इंडिया डिवीजन के तहत मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के द्वारा थांगता फेडरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा आयोजित की जा रही है। जो 20 सितंबर से 24 सितंबर तक मणिपुर के इंडोर हाल खुमान लंपक, इंफाल में चलाया जा रहा है। इस ट्रेनिंग कैंप में उत्तर प्रदेश का नेतृत्व करते हुए रायबरेली के दो खिलाड़ी विवेक कुमार मौर्य , अतुल कुमार मौर्य ने प्रतिभाग कर रायबरेली को गौरव प्रदान किया है । थांगता फ़ेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव विनोद शर्मा ने बताया कि इस ट्रेनिंग में भारत के सभी प्रदेशों के चयनित खिलाड़ियों को प्रतिभाग करने का मौका दिया गया है।इस कैम्प में लगभग के 102 प्रतिभागियों को कोच का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहाँ प्रशिक्षित सभी कोच अपने प्रदेश में थांगता को बढ़ाने के लिए खिलाड़ी तैयार करेंगे। जो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर अच्छा प्रदर्शन कर सके।
 
 
 

बीडीओ ने किया गौशालाओं का निरीक्षण

एक महीने के अंदर  मनरेगा  प्रस्तावित  गौशालाओं को  बनाने का  दिया निर्देश 

 रायबरेली/शिवगढ़। खण्ड विकास अधिकारी अजय कुमार सिंह ने जिला पंचायत निधि से बनी जड़ावगंज व मनरेगा से प्रस्तावित नेरुथुवा और बेड़ारु गौशालाओं का किया निरीक्षण किया। खण्ड विकास अधिकारी अजय कुमार सिंह ने बेड़ारु और नेरथुआ गौशाला को एक महीने के अंदर तैयार करने के लिए ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी को निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि यदि दोनों गौशालाएं  तैयार हो जाएंगी तो लगभग 1000 पशुओं के रहने की व्यवस्था हो जाएगी जिससे काफी हद तक शिवगढ़ क्षेत्र के छुट्टा जानवरों से निजात मिल जायेगी। विदित हो कि छुट्टा मवेशियों के आतंक से किसान परेशान हैं जो दिन भर खेतों खून पसीना बहाने के साथ ही रात में रतजगा करते हुए खेतों की रखवाली करता हैं। यही नहीं छुट्टा मवेशियों के आतंक से शिवगढ़ क्षेत्र में अब तक कई किसानों की मौत हो चुकी है। विडंबना है कि देश का अन्नदाता कहा जाने वाला किसान किसान क्रेडिट कार्ड, साहूकारों रसूखदारों एवं लंबरदारों से कर्ज लेकर और खून पसीना बहाकर फसल तैयार करता है जिसे छुट्टा मवेशी पलक झपकते ही चौपट कर डालते हैं।

शिवगढ़ से विपिन पांडेय की रिपोर्ट

हिमा दास और मोहम्मद अनस ने चेक गणराज्य में जीता गोल्ड

स्पोर्ट्स डेस्क : भारत के शीर्ष फर्राटा धावकों हिमा दास और मोहम्मद अनस ने चेक गणराज्य में एथलेटिकी मिटिनेक रीटर स्पर्धा में क्रमश: पुरुष और महिला 300 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते।दो जुलाई से यूरोपीय स्पर्धाओं में यह हिमा का छठा स्वर्ण पदक है। इस स्पर्धा में हालांकि अधिकांश बड़े नामों ने हिस्सा नहीं लिया। हिमा ने शनिवार को स्वर्ण पदक जीतने के बाद ट्वीट किया, 'चेक गणराज्य में आज एथलेटिकी मिटिनेक रीटर 2019 में 300 मीटर स्पर्धा में शीर्ष पर रही।' 

दूसरी तरफ अनस ने पुरुष 300 मीटर दौड़ 32.41 सेकेंड के समय के साथ जीती। उन्होंने ट्वीट किया, 'चेक गणराज्य में एथलेटिकी मिटिनेक रीटर 2019 में पुरुष 300 मीटर का स्वर्ण पदक 32 .41 सेकेंड के समय के साथ जीतने की खुशी है।' 

राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक अनस सितंबर-अक्टूबर में दोहा में होने वाली विश्व चैंपियनशिप की 400 मीटर स्पर्धा के लिए पहले ही क्वालीफाई कर चुके हैं जबकि हिमा ने अब तक ऐसा नहीं किया है।

अनस और हिमा के अलावा भारत के निर्मल टॉम ने भी 300 मीटर की दौड़ में 33.03 सेकंड के साथ कांस्य पदक जीता। हाल ही में अनस ने क्लादनो स्मारक ऐथलेटिक्स प्रतियोगिता में पुरुषों की 400 मीटर दौड़ में अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड में सुधार करते हुए 45.21 सेकंड के समय के साथ गोल्ड मेडल हासिल किया था। बता दें कि अनस को अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना गया है।

 

 

भारतीय रेसलर दीपक पूनिया ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

भारतीय रेसलर दीपक पूनिया ने बुधवार को जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। दीपक ने 86 किग्रा जूनियर फ्रीस्टाइल वर्ग में रूस के एलिक शेबजुखोव को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। 86 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती इवेंट में उन्होंने यह खिताब जीता। 2018 में उन्होंने इस कैटिगरी में सिल्वर मेडल जीता था। वह 18 साल में इस चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान है। वहीं 92 किलो वर्ग में विकी ने मंगोलिया के बात्मागनाइ एंखतुवशिन को 4-3 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया।  

इस दिग्गज इंग्लिश क्रिकेटर का हुआ निधन 

स्पोर्ट्सडेस्क - इंग्लैण्ड के घरेलू क्रिकेट में शानदार योगदान करने वाले क्रिकेटर मैल्कम नेश ने 74 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है, इंग्लिश क्रिकेट में नेश को उस रिकार्ड के लिए याद रखा जा रहा है जिस रिकार्ड को शायद कोई भी गेंदबाज याद रखना नहीं चाहेगा। मैल्कम नैश ऐसे गेंदबाज हैं, जिनके ओवर में 1968 में वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी गैरी सोबर्स ने छह छक्के जड़े थे, इतना ही नहीं, मैल्कम नैश की एक ओवर में काउंटी टीम लंकाशायर के बल्लेबाज फ्रैंक हेस ने भी पांच छक्के और एक चौका लगाया था। 9 मई 1945 को मॉमाउथशायर में जन्मे मैल्कम नैश लंदन में डिनर करने के बाद गिर पड़े. अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया, उन्होंने 1966 से लेकर 1983 के बीच फर्स्ट क्लास क्रिकेट के 17 सीजन खेले थे, मैल्कम नैश बाएं हाथ के गेंदबाज थे। 
इंग्लैंड के लिए मैल्कम नैश को कभी खेलने का मौका नहीं मिला, हालांकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपना जलवा दिखाया, मैल्कम नैश ने 336 फर्स्ट क्लास मैचों में 7129 रन बनाए, उनका सर्वाधिक स्कोर 130 रहा, उन्होंने दो शतक और 25 अर्धशतक लगाए, नैश ने 148 कैच भी लपके, इन मुकाबलों में उन्होंने 993 विकेट लिए, वहीं 271 लिस्ट ए मैचों में उन्होंने 2303 रन बनाए, जबकि 324 विकेट अपने नाम किए। 

बैट की जगह बंदूक लेकर नए मिशन पर निकले माही  

न्यूजडेस्क - हाँथ में बल्ला लेकर विपक्षियों को अकेले पानी पिलाकर मौदान मारने में महारथ हासिल कर चुके भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अब बैट को रखकर बंदूक लेकर मिशन कश्मीर पर निकल चुके हैं।  धोनी 31 जुलाई से 15 अगस्त तक भारतीय सेना के साथ रहकर देश की सेवा में योगदान करने जा रहे हैं। अब धोनी के हाथों में ग्लव्स और बैट की जगह बंदूक, पीठ पर क्रिकेट किट नहीं बल्कि भारी भड़कम हथियारदेखने को मिलेंगे। धोनी कश्मीर में विक्टर फोर्स के साथ 31 जुलाई से 15 अगस्त तक तैनात रहेंगे, धोनी इस दौरान काउंटर ट्ररिजम और स्पेशल पैरा ऑपरेशन की ट्रेनिंग लेगें। 
बता दें कि धोनी 106 टेरिटोरियल आर्मी बटालियन (पैरा) के हिस्सा हैं, अपनी इस 16 दिनों की ट्रेनिंग के दौरान धोनी बाकी जवानों की तरह ही पेट्रोलिंग, गार्ड और पोस्ट ड्यूटी करेंगे. ड्यूटी के बाद जवानों के साथ ही रहेंगे। सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के मुताबिक  धोनी की पोस्टिंग साउथ कश्मीर के अवंतीपोरा में हुई है, अवंतीपोरा में पिछले कुछ वक्त से आतंकी गतिविधियां देखी गई हैं, ऐसे में ये कहा जा सकता है कि धोनी की पोस्टिंग किसी आम जगह नहीं हो रही है।
38 साल के धोनी 106 पैरा टेरिटोरियल आर्मी बटालियन की ओर से पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल की पोस्ट पर मौजूद हैं, उन्हें भारतीय सेना ने 2011 में यह सम्मान दिया था, इसके अलावा 2015 में धोनी ने आगरा में स्पेशल फोर्स के साथ ट्रेनिंग भी की थी और क्वालीफाइड पैराट्रूपर बने थे। 
धोनी ने कश्मीर में होने वाली अपनी इसी ट्रेनिंग की वजह से BCCI को पहले ही लिख दिया था कि वह वेस्टइंडीज दौरे पर टीम का हिस्सा नहीं रहेंगे, धोनी ने इस ट्रेनिंग के लिए सेना से इजाजत मांगी थी, जिसके बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने उन्हें इसकी मंजूरी दी और उनका विक्टर फोर्स के साथ ट्रेनिंग करना फाइनल हुआ। बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम वेस्टविंडीज दौरे पर जा रही है, जहां उसे तीन टी-20 और तीन वनडे मैचों की सीरीज खेलना है, इसके अलावा दोनों देश दो टेस्ट मैचों की सीरीज भी खेलेंगे जो आईसीसी टेस्ट विश्व चैम्पियनशिप का हिस्सा होगी। 

विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाला कप्तान बना यह कीवी खिलाडी 

स्पोर्ट्सडेस्क - लगातार दूसरी बार फाइनल खेल रही न्यूजीलैंड ने इंग्लैण्ड के खिलाफ महामुक़ाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है, न्यूजीलैंड की शुरुआत खराब रही और 7वें ओवर में मार्टिन गप्टिल 19 रन बनाकर आउट हो गए,  पहले पावर प्ले में न्यूजीलैंड ने एक विकेट के नुकसान पर 33 रन बनाये थे, कीवी कप्तान केन विलियमसन ने इस मैच में एक रन बनाते ही एक वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले कप्तान बन गए।  उनके नाम वर्ल्ड कप 550 से ज्यादा रन हो गए हैं और उन्होंने महेला जयवर्धने का रिकॉर्ड तोड़ा है, जिन्होंने साल 2007 में 548 रन बनाए थे।  
बताते चलें कि विश्वकप 2019 के फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड और इंग्‍लैंड दोनों ने ही टीम में कोई बदलाव नहीं किया है। 
आईसीसी वर्ल्ड कप में 23 साल बाद दुनिया को नया चैंपियन देखने को मिलेगा, लंदन के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच खेला जा रहा है, इंग्लैंड की टीम 27 साल बाद फाइनल में पहुंची है, वह इससे पहले तीन बार फाइनल में पहुंची है पर कभी जीत हासिल नहीं कर पाई. वहीं कीवी टीम पिछली बार साल 2015 में भी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंची थी जहां उसे ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था।  

विश्व कप फाइनल में इस विभीषण से बचना न्यूजीलैंड के लिए सबसे बड़ी चुनौती 

स्पोर्ट्सडेस्क - रियल लाइफ में ऐसे आपने बहुत से किस्से सुने होंगे जो की रामायण में विभीषण के किरदार से मिलते जुलते रहे होंगे मगर क्रिकेट जगत में भी ऐसा पहली बार  होने जा रहा जब एक देश का खिलाड़ी आज अपने ही देश के सामने विश्व कप जैस बड़े टूर्नामेंट में सबसे बड़ी दीवार बनकर खड़ा होता हुआ नजर आ रहा  है।     
जी हाँ हम बात कर रहे हैं एक ऐसे खिलाडी की जिसका जन्म तो न्यूजीलैण्ड में हुआ मगर आज के सम,य में वह खिलाडी इंग्लैण्ड की टीम का सबसे बड़ा आलराउंडर खिलाडी है और विश्व कप 2019 में उसका दमदार प्रदर्शन भी जारी है।   
इंग्लैण्ड टीम के खतरनाक खिलाडी बेन स्टोक्स वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल में उस देश के खिलाफ मैदान में उतरेंगे जहां उन्होंने जन्म लिया, जी हां स्टोक्स का जन्म 4 जून 1991 को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुआ था।  
स्टोक्स ने मौजूदा वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के लिए 381 रन बनाए हैं और 7 विकेट भी चटकाए हैं, इसी विश्व कप में अब तक स्टोक्स 4 अर्धशतक भी लगा चुके हैं।  
यूं तो किसी भी खेल में कहीं और पैदा हुए किसी खिलाड़ी का दूसरे देश से खेलना कोई नई और बड़ी बात नहीं होती, मगर कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिनके बारे में ये बात करना जरूरी हो जाता है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया, आज इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल खेला जा रहा है, इसलिए ऐसे ही एक खिलाड़ी के बारे में बात करना जरूरी है।  
इंग्लैंड की टीम ने अंक तालिका में तीसरे स्‍थान पर रहकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था, टीम के इस प्रदर्शन में वैसे तो सभी खिलाड़ियों ने योगदान दिया, लेकिन बेन स्टोक्स ने बल्ले से 381 रन बनाए तो गेंदबाजी में भी सात विकेट हासिल किए, अब इंग्लैंड को लॉर्ड्स पर होने वाले फाइनल में न्यूजीलैंड का सामना करना है, इंग्लैंड के बाकी खिलाड़ी जहां इस मुकाबले में जीत दर्ज कर खिताब कब्जाने के लिए मैदान में कदम रखेंगे, वहीं स्टोक्स के लिए भावनाएं अलग होंगी,  ऐसा इसलिए क्योंकि स्टोक्स उस देश के खिलाफ मैदान में उतरेंगे जहां उन्होंने जन्म लिया।  
 

क्रिकेट के लिए इंग्लैंड आ गए थे स्टोक्स 

स्टोक्स के पिता रग्बी कोच थे और  उन्हें वर्किंग्‍टन टाउन रग्बी लीग क्लब के लिए कोच नियुक्ति किया गया तो उन्होंने इंग्लैंड का रुख कर लिया, कोचिंग देने के लिए पिता इंग्लैंड आकर बस गए. तब स्टोक्स की उम्र करीब 12 साल रही होगी, उन्होंने क्रिकेट खेलने के लिए नॉदर्न इंग्लैंड का रुख किया, यहां स्टोक्स ने 15 साल की उम्र में 2006 में नॉर्दर्न लंकाशायर एंड कमबरिया क्रिकेट लीग प्रीमियर लीग डिविजन टाइटल जीता, हालांकि अब उनके माता-पिता 2013 के बाद से क्राइस्टचर्च में ही जाकर बस गए हैं।  अब देखना दिलचस्प होगा की स्टोक्स इंग्लैण्ड के लिए इतने बड़े मुकाबले में कितना अधिक से अधिक योगदान दे सकते हैं।  

इस भारतीय दिग्गज ने आज कह दिया क्रिकेट को अलविदा 

स्पोर्ट्स डेस्क - भारतीय  टीम में बल्लेबाजी व बेहतरीन फील्डिंग से अपना हुनर दिखा चुके खिलाडी अंबाती रायडू ने अपने संन्यास की घोषणा कर दी है, इसके लिए रायडू ने बीसीसीआई को पत्र लिखते हुए कहा है कि वे क्रिकेट के सभी फॉरमेट से सन्यास लेने का फैसला कर रहे हैं, हालांकि रायडू ने अभी तक वह वजह नहीं स्पष्ट की है जिसके चलते उन्होंने संन्यास लेने का फैसला लिया है मगर सूत्रों के हवाले से मिली खबरों के मुताबिक़ विश्व कप 2019 की टीम में जगह नहीं मिलने के चलते रायडू ने ये फैसला लिया है। वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के दो खिलाड़ियों को चोट के चलते बाहर होना पड़ा, शिखर धवन के बाहर होने के बाद विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को मौका दिया गया, वहीं विजय शंकर की जगह मयंक अग्रवाल को बुलाया गया. जबकि रायडू भी स्टैंडबाय लिस्ट में शामिल थे। प्रमुख अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारतीय क्रिकेट टीम के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज रायडू ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भी नहीं खेलने का फैसला लिया है, जिसके बाद वो अब क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में खेलते नजर नहीं आएंगे।  
वर्ल्ड कप में बल्लेबाज अंबाती रायडू को जगह नहीं मिलने के बाद आइसलैंड क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें खेलने का ऑफर दिया था. आइसलैंड क्रिकेट की तरफ से एक ट्वीट किया गया. जिसमें रायडू को वहां से खेलने के अलावा नागरिकता भी ऑफर की गई. उनके सभी फैन इस पर उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे. लेकिन इससे पहले ही उन्होंने अपने संन्यास की घोषणा कर दी, आइसलैंड क्रिकेट की तरफ से रायडू के लिए डॉक्युमेंट्स की डीटेल भी दी गई. रायडु को बताया गया कि कैसे वो वहां की नागरिकता हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा आइसलैंड ने मयंक अग्रवाल को बुलाए जाने पर भी तंज कसा और कहा कि अंबाती रायडू अब अपने थ्री डी ग्लास हटा सकते हैं। 

ये था अंबाती का क्रिकेट करियर 

अंबाती रायडू ने भारत के लिए कुल 50 वनडे मैच खेले हैं जिनमे उन्होंने 47.05 की औसत से कुल 1694 रन बनाए हैं और एकदिवसीय मैचों में अंबाती रायडू का सर्वाधिक स्कोर 124 रहा, वनडे में रायडू ने 3 शतक और 10 अर्धशतक जड़े।  

आज की जंग करेगी कई टीमों के भाग्य का फैसला  

स्पोर्ट्स डेस्क - यूँ तो क्रिकेट का हर मुकाबला किसी भी टीम के लिए अहम होता है और जब बात विश्व कप की हो तो हर मैच में टीमें जान लगाकर खेलती हैं और अपनी प्रतिभा का सब कुछ मैच में झोंक देती हैं, मगर आज न्यूजीलैंड व इंग्लैण्ड के बीच होने वाला मुकाबला इस विश्वकप 2019 में कई टीमों के भाग्य का फैसला करेगा।  आज का मैच न्यूजीलैंड व इंग्लैण्ड दोनों टीमों के लिए भी करो या मारो के मुकाबले जैसा है।
आज दोपहर बाद ICC वर्ल्ड कप के 41वें मुकाबले में 3 जुलाई को रिवसाइड ग्राउंड पर मेजबान इंग्लैंड का मुकाबला न्यूजीलैंड से होना है। न्यूजीलैंड प्वाइंट्स टेबल में तीसरे और इंग्लैंड चौथे नंबर पर है। 
अगर मेजबान इंग्लैण्ड यह मुकाबला जीत जाती है, सेमीफाइनल में एंट्री होगी. अगर हार जाती है तो उसके सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीद दूसरे की हार पर टिकी होगी. मतलब इस मैच के बाद भी इंग्लैंड की उम्मीदें बाकी रहेगी और उसे पाकिस्तान की हार का इंतजार करना होगा. लेकिन अगर पाकिस्तान की टीम अपने अगले मैच में बांग्लादेश को हरा देती है, तो फिर सेमीफाइनल में पहुंच जाएगी और इंग्लैंड बाहर हो जाएगा वहीं, दूसरी तरफ न्यूजीलैंड की टीम अगर इंग्लैंड के हाथों यह मैच गंवा देती है, तो फिर पाकिस्तान के लिए सेमीफाइनल में पहुंचने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी, इंग्लैण्ड की टीम को श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार के बाद काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन टीम ने इस आलोचनाओं को सकारात्मक रूप से लेते हुए भारत के खिलाफ शानदार वापसी की और उसे 31 रनों से हराकर सेमीफाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जिंदा रखा था।  

23 साल से सेमीफाइनल में नहीं पहुँच सका है इंग्लैंड


इंग्लैंड की टीम 1996 वर्ल्ड कप के बाद कभी भी सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी है, हर बार वो सेमीफाइनल से पहले ही वर्ल्ड कप से बाहर हो जाती है, ऐसे में आज का मैच जीतकर 23 साल के इंतजार को इंग्लैंड की टीम खत्म करना चाहेगी, वही कीवियों के लिए भी आसान राह अब बची नहीं है।  
न्यूजीलैंड को पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले दो मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है, दोनों मैचों में टीम की बल्लेबाजी सही नहीं रही थी और अब वे इंग्लैंड के खिलाफ मैच में इसमें सुधार करना चाहेंगे।  

ये होंगी टीम
 
न्यूजीलैंड - केन विलियम्सन (कप्तान), टॉम ब्लंडल, ट्रेंट बोल्ट, कोलिन डी ग्रांडहोम, लॉकी फग्र्यूसन, मार्टिन गुप्टिल, टॉम लाथम, कोलिन मनुरो, जिमी नीशम, हेनरी निकोलस, मिशेल सैंटनर, ईश सोढी, टिम साउदी, रॉस टेलर।

इंग्लैंड - इयोन मोर्गन (कप्तान), मोइन अली, जोफ्रा आर्चर, जॉनी बेयरस्टो (विकेटकीपर), जोस बटलर, टॉम कुरैन, लियाम डॉसन, लियाम प्लंकट, आदिल राशिद, जोए रूट, बेन स्टोक्स, जेम्स विंस, क्रिस वोक्स, मार्क वुड।