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प्रसव पीड़ा से तड़पती रही प्रसूता नहीं पहुंची एंबुलेंस

रायबरेली।यूपी में बीती रात 12 बजे से 108,102 एंबुलेन्स के कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर होने के चलते मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ में प्रसव के लिए आई प्रसूताओं को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा।आलम यह है कि दर्द से तड़पती प्रसूताओं को घर से सीएचसी तक आने के लिए डग्गामार वाहनों एवं मोटरसाइकिलों का सहारा लेना पड़ रहा है। क्षेत्र के जलाल का पुरवा मजरे सीवन की रहने वाली सुनीता पत्नी रामसजीवन को रात में प्रसव पीड़ा होने लगी तो आशा ने पहले 102 फिर 108 एंबुलेंस को फोन किया किंतु घंटों इंतजार के बाद निराशा हाथ लगी। परिजन सुबह तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। किंतु मौके पर एंबुलेंस नहीं पहुंची। बाद में जानकारी मिली कि हड़ताल के चलते 108, 102 एंबुलेंस सेवा बाधित है। समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जलाल का पुरवा गांव की दूरी करीब 15 किलोमीटर होने के साथ ही ही रही बारिश के चलते रामजीवन अपनी पत्नी को वक्त पर समुदाय स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ नहीं ला पाया। जिसके चलते सुनीता का प्रसव घर पर ही कराना पड़ा। वहीं पूरे दरियाव मजरे बसंतपुर सकतपुर में राजकुमार की पत्नी राजकुमारी को प्रसव पीड़ा हुई तो आशा जानकी सिंह ने एंबुलेंस को फोन किया। किंतु जब मौके पर एंबुलेंस नहीं पहुंची तो साधन के अभाव में दर्द से तड़पती प्रसूता राजकुमारी और आशा को बाइक पर बिठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ लाया गया। इस दौरान दर्द से तड़पती प्रसूता को गड्ढों में तब्दील रास्ते में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

शिवगढ़ से विपिन पांडेय / पंकज वर्मा की रिपोर्ट

अमेरिका से स्वदेश लौटी डॉ.अनु कोठारी ने गर्भवती माताओं के साथ की बैठक

कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब टीम के साथ नटई पहुंची डॉ. अनु कोठारी

 अंगद राही

रायबरेली। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से शिवगढ़ आई महिला विशेषज्ञ डॉक्टर अनु कोठारी ने कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ टीम के साथ शिवगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोटवा के नटई गांव पहुंचकर कोटवा ग्राम सभा की गर्भवती माताओं के साथ बैठक की। जिसमें ग्राम सभा की कुल 16 गर्भवती माताओं सहित उनकी सास उपस्थित रहे। गर्भवती माताओं में गीता देवी,पूर्णिमा सिंह ,मंजू ,रीमा,नेत कुंवर खेड़ा से सोनी,पुष्पा, ऊषा देवी ,राजरानी ,उषा ,संगीता, खुशिहालगंज से सावित्री, सुमन ,शंकरा देवी और कोटवा से रीता देवी ने बैठक में अपनी सहभागी का दर्ज कराई।इस बैठक में डॉ.अनु कोठारी ने सभी माताओं से जाना और समझा की उनकी दिनचर्या क्या रहती है,उनका खान-पान कैसा रहता है। गगर्भवती होने पर किन चीजों की खुशी रहती है साथ ही किन चीजों का उन्हे डर रहता है। डॉ.कोठारी ने महिलाओं को बताया कि सही समय पर खान पान और सही जांच से माँ और शिशु के स्वास्थ्य के बारें में पता चलता रहता है। गर्भावस्था में खून की जांच, वज़न, ब्लड प्रेशर और खान पान का विशेष ध्यान देना अनिवार्य रहता है।
साथ ही डॉ.अनु कोठारी ने कई माताओं की जांच भी की और उनको उचित सलाह दी। बताते चलें कि डॉ.अनु कोठारी अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में महिला विशेषज्ञ के पद पर रही हैं। जिनका 40 से अधिक वर्षों का अनुभव है। जनसेवा के संकल्प के साथ स्वदेश लौटी डॉ. अनु कोठारी अब कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब के साथ जुड़कर अपना अनुभव गर्भवती माताओं के साथ साझा कर रही हैं। साथ ही यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि किस प्रकार से ग्रामीण अंचल की महिलाओं को जागरूक करके उनका सरलता पूर्वक प्रसव कराया जाय जिससे जच्चा बच्चा बिल्कुल सुरक्षित रहें। इस मौके पर अग्रिमा आरती एवं कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब टीम उपस्थित रही।

बदायूं में अब खिल खिलाएगा बचपन

 बदायूं में स्थापित हुआ भारत का पहला एमएनसीयू

 अंगद राही

"कंगारू मदर केयर एक जादू की झप्पी है" जो माँ की प्राकृतिक जीवनदायक शक्ति को उजागर करती है। वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार नवजात शिशु रक्षा के लिए यह सबसे प्रभावशाली विधि है जो शिशु की मृत्यु दर को 40 प्रतिशत कम करती है।  इस विधि से माँ का दूध जल्दी उतरता है एवं स्तनपान दर में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होती है। बीती 30 सितम्बर 2019 को जिला महिला चिकित्सालय में सांसद डॉ0 संघमित्रा मौर्य ने फीता काटकर कंगारू मदर केयर केएमसी कार्यक्रम का शुभारम्भ किया तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यहां लगायी गयी प्रदर्शनी का सांसद डॉ0 संघमित्रा मौर्य ने बखूबी फीता काटकर उद्दघाटन करते हुए अवलोकन किया। सांसद सहित जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी सुश्री निशा अनंत, बदायूँ नगर पालिका चेयरमैन दीपमाला गोयल, उसहैत चेयरमैन सैनरा वैश्य ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर एवं पुष्पमाला पहनाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यहां इस अभियान को सफल बनाने के लिए हवन पूजन भी किया गया। सभी अतिथियों को पुष्प भेंट एवं बैंच लगाकर सम्मानित किया गया। इसके उपरान्त सांसद ने 100 शैय्या एमसीएच विंग में स्थापित एमएनसीयू एसएनसीयू एवं केएमसी लाउन्ज युक्त का लोकार्पण किया गया। इसके बाद उन्होंने केएमसी देने वाली प्रसूताओं से मुलाकात की।


 "केएमसी के कुदरती करिश्मे को स्वयं महसूस करके केएमसी को करीब से जानने के लिए सांसद ने तारावती के 2060 ग्राम के शिशु को लगभग 15 मिनट तक केएमसी देकर महसूस किया कि केएमसी के इन पलों में वो खो गई थी और उन्हें वापस से ओ पल याद आ गए थे। जब उन्होंने अपने बेटे को पहली बार गोद लिया था। केएमसीसी मां की शक्ति उजागर हो जाती है" 

केएमसी के अनुभव के तदुपरांत उन्होंने एमएनसीयू
 एप लाँच किया जिससे एमएनसीयू की नर्स औए डॉक्टर एप द्वारा शिशु की आंकलन कर पाएंगी।
 
केएमसी क्विज बदायूं चैंपियन के भी 3 विजेताओं की घोषणा संसद ने लकी ड्रा से की 

सांसद ने कहा कि बच्चों को यह जादू की झप्पी ज़रूर दें। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक लोगों की इसकी जानकारी हो इसके लिए सभी को इस पुनीत कार्य का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। जिससे इसके लाभ जन-जन को मिल सके। इसलिए केएमसी के बारे में दूसरों को भी बताएं। यह जिले के लिए बहुत ही गौरव की बात है कि इतना सुंदर केएमसी लाउन्ज स्थापित हो गया है, जिससे बच्चों की अच्छी व उचित देखभाल हो पाएगी।मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि केएमसी मातृ शक्ति को जाग्रत करता है और शिशु की जान बचाने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गर्व की बात है कि जनपद बदायूँ से इसकी पहल की जा रही ही जो अंत नही बल्कि एक शुरूआत है। इससे बेहतर माँ और बच्चे के लिए कुछ और हो ही नहीं सकता। बदायूँ ने भारत का पहला एमएनसीयू स्थापित कर इतिहास रच दिया है। सीइएल की टीम से अग्रिमां आरती ने कहा कि हर व्यक्ति को केएमसी के बारे में पता हो। इसके बारे में सभी को बताएं, यही अभियान का उद्देश्य है। इस अवसर पर एडी हेल्थ राकेश दूवे, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनजीत सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. रेखारानी, अरविन्द कुमार राणा, मरियम चरण रजनी मिश्रा एवं सरवर अली मौजूद रहे।

गंदगी से रहे दूर नही तो हो सकता है आपको डेंगू :  डॉ राधाकृष्णन

महराजगंज (रायबरेली)। डेंगू रोग के लक्षण के बारे में न्यूज़ प्लस ने सीएचसी अधीक्षक डॉ राधा कृष्णन से पूछा तो उन्होंने बताया कि ये(एडीज एजिस्टाई )नामक मच्छर द्वारा ये रोग फैलाया जाता है तथा डेंगू रोग स्वतः समाप्त होने वायरस जनित रोग है।डेंगू रोग के लक्षण-अक्समात तेज सिर दर्द व बुखार का होना,मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना,आंखों के पीछे दर्द होना जो की आंखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मिचलाना एवं उल्टी होना गंभीर मामलों में नाक मुंह मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना है।

वहीं डॉ राधाकृष्णन ने आगे बताया कि डेंगू रोग से कैसे बचा जा सकता है?
डेंगू से बचने के लिए पानी से भरे हुए बर्तनो व टंकियों आदि को ढक कर रखें। यदि आपके घर में कूलर रखा है तो उसको खाली करके सुखा दे,यह मच्छर दिन के समय काटता है,ऐसे कपड़े पहने जो बदन को पूरी तरह ढके,डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है, बुखार उतरने के लिए पैरासिटामाल ले सकते हैं, एस्प्रीन या अन्य दावाईयो का इस्तेमाल अपने आप ना करें डॉक्टर की सलाह ले, डेंगू के हर रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए नेत्र ज्योति यात्रा चित्रकूट रवाना

सलोन (रायबरेली)।केन्द्रीय मंत्री और अमेठी की सांसद श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी की प्रेरणा से अमेठी के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में नेत्र शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में आए मोतियाबिंद के रोगियों के लिए निशुल्क ऑपरेशन की व्यवस्था उत्थान सेवा संस्थान व ट्रस्ट की तरफ से की गई थी । इसी को लेकर आज अमेठी संसदीय क्षेत्र से 5 बस चित्रकूट के लिए रवाना हुई ।जिसमें 2 बस छतोह से कुल 230 मरीजों को लेकर मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिये परैया नमक सार से चित्रकूट के लिए तैयार हो कर रवाना हुई तथा 26 सितंम्बर को वापस सभी को लेकर लौटेगी। सलोन विधानसभा क्षेत्र की दो बसों को केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पीआरओ विजय गुप्ता, तथा उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री सुरेश पासी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । इस अवसर पर प्रियंका जी, महेन्द पांडेय, मुन्ना द्विवेदी, अनिल गुप्ता, अशोक कोरी ,ब्लॉक प्रमुख छतोह सुखवीर सिंह, गजाधर सिंह,
व्यवस्थापक दुर्गेश मौर्य मण्डल संयोजक छतोह उत्थान, कार्यकर्ता उदयराज यादव, भोंदू सिंह ,राम सरन मौर्य, मण्डल संयोजक सलोन मनीष शुक्ला आदि उपस्थित रहे।
 
 
 

कक्ष संख्या 26 में मिलेगी आयुष्मान भारत योजना से जुड़ी हर जानकारी : सीएमएस

​​​​​​रायबरेली - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों को निःशुल्क इलाज देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से शुरू की गई केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना का एक वर्ष पूर्ण हो गया है। इस दौरान रायबरेली जिला अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के एक वर्ष पूर्ण होने पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। 
कार्य्रकम में जानकारी देते हुए जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एन के श्रीवास्तव ने कहा कि जिले के लोगों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत अगर किसी भी जानकारी की आवश्यकता है तो वह जिला अस्पताल के कक्ष संख्या 26 में सम्पर्क कर सकते जहां से उनको इस योजना में पंजीकरण व इलाज सम्बन्धी सभी जानकारियां उपलब्ध करा दी जाएंगी।
गोष्ठी में जानकारी देते हुए जिला अस्पताल के वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉ अल्ताफ ने कहा कि इस योजना के तहत पात्र लोगों के परिवार के किसी सदस्य को एक वर्ष में पांच लाख तक के निशुल्क इलाज की व्यवस्था की जाती है। सांची के तहत इस योजना की बीमा राशि उपलब्ध करायी जा रही है। डॉक्टर अल्ताफ ने कहा कि जिले में अब तक 94 ऑपरेशन व अन्य जटिल रोगों के भी इलाज किये जा चुके हैं और लोगों को इलाज के लिए गोल्डन कार्ड बनाये जाने की सुविधा भी उपलब्ध है।
इस दौरान गोष्ठी में सीएमएस डॉक्टर एन के श्रीवास्तव, डॉक्टर अल्ताफ के अलावा वरिष्ठ सर्जन डॉ जे के लाल के साथ अन्य चिकित्सक, आरोग्य मित्र विजय कुमार राय सहित जिला अस्पताल का स्टाफ मौजूद रहा।

स्वच्छता रैली को प्रभात साहू ने दिखायी हरी झंडी

महराजगंज रायबरेली । 'स्वच्छता ही सेवा है' कार्यक्रम के अंतर्गत नगर पंचायत द्वारा भव्य स्वच्छता रैली निकाली गई। आयोजित रैली को चेयरमैन प्रति प्रभात साहू एव अधिशाषी अधिकारी डा० राजेश कुमार ने  हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।प्राथमिक विद्यालय, पूर्व माध्यमिक विद्यालय, कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय व राजा चंद्रचूड़ सिंह विद्यापीठ इंटर कॉलेज के छात्र- छात्राओं ने संयुक्त रूप से विशाल रैली के माध्यम से आम जनमानस को स्वच्छता का संदेश दिया। इस दौरान 'स्वच्छता अपनाना है- बीमारियां दूर भगाना है',क्लीन इण्डिया-ग्रीन इण्डिया जैसे गगनभेदी नारे लगाते हुए लोगों से प्लास्टिक व गंदगीमुक्त आदर्श नगर पंचायत बनाने की अपील की। अधिशासी अधिकारी डा० राजेश कुमार ने स्वयं दुकानदारों के पास जाकर उनसे पॉलीथिन का प्रयोग न करने की अपील की। चेयरमैन प्रति .व जिला पंचायत सदस्य प्रभात साहू ने कहा कि हमें गांधी जी के सपनों का भारत बनाना है तो स्वच्छता अपनाना होगा। आज पूरा भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ रहा है। नगर पंचायत ने कस्बे में जगह-जगह शौंचालय बनाकर जहां सोच वहां शौचालय का सपना साकार किया है। इस अवसर पर विद्या सागर अवस्थी,अनुज मौर्य, प्रधानाचार्य डा०विनय सिंह,विनीत वैश्य, रामकुमार यादव ,नगर पंचायत के वरिष्ठ लिपिक रामचंद्र, यमुना प्रसाद,प्रधानाध्यापक दयाशंकर सिंह, बृजेश कुमारी,दशरथ कुंवर सिंह, इरशाद सिद्दीकी,विवेक कुमार सिंह, संतोष कुमार,शिल्पी गुप्ता, रश्मि शुक्ला आदि लोग उपस्थित रहे।

बगैर कुशल डॉक्टरों के चल रही है सरकार की बहुउद्देशीय डायलिसिस यूनिट

रायबरेली- उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना है कि हर एक जनपद के नागरिक को एक छत के नीचे मेडिकल की वह तमामा सुविधाएं मिले जिसके चलते उन्हे लखनऊ या दिल्ली जाना पड़ता था। इसी सोच के साथ रायबरेली में डायलिसिस यूनिट लगवाई गई थी जहां पर भायावाह रोगों से ग्रसित मरीजों का डायलिसिस हो सकता था। लेकिन  मशीन सचांलन मे कुशल डॉक्टरों के ना होने की वजह से अव्यवस्था का शिकार हो गई लोगों को डायलिसिस कराने के लिए अब फिर से रुख लखनऊ का करना पड़ रहा है। तो समझा यह जाए जब सबसे अत्याधुनिक मशीन रायबरेली में मौजूद है इसके संचालन के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर क्यों नहीं नियुक्त किया गया? ऐसे में अव्यवस्था तो रायबरेली के मरीजों को ही हो रही हैं। सीएमएस स्तर पर भी और ना ही सीएमओ स्तर पर इसकी पहल की गई इस अत्याधुनिक मशीन का संचालन कुशल डॉक्टरों के ही देखरेख में हो तभी उसका समुचित लाभ आम जनता को मिल सकेगा।

प्राइवेट कंपनी की देखरेख में है डायलिसिस यूनिट नहीं मिल रहा समुचित लाभ


हालांकि इस डायलिसिस मशीन का संचालन प्राइवेट कंपनी कर रही है प्राइवेट कंपनी ने ऐसी अव्यवस्था फैला रखा है जिससे समूची यूनिट में गंदगी उसी के साथ अव्यवस्था का आलम है। एक दैनिक समाचार पत्र ने पहले भी यह खबर चलाई है कि इस डायलिसिस यूनिट में गंदगी का अंबार लगा रहता है जिस से तरह-तरह की बीमारियां फैल सकती हैं खुद उन असाध्य मरीजों को इंफेक्शन हो सकता है जो यहां पर डायलिसिस कराने पहुंचते हैं जबकि किसी भी मेडिकल व्यवस्था के लिए साफ-सफाई सबसे अहम होता है। एमबीबीएस डॉक्टर ना होने की वजह से कई जटिल और असाध्य रोगों से ग्रसित मरीजों का डायलिसिस नहीं हो पाया जिससे उनको लखनऊ रेफर कर दिया जाता है और वहां पर जाते जाते हैं वह दम तोड़ चुके होते हैं। जबकि सुविधाओं के नाम पर प्राइवेट कंपनी सरकार से भरपूर पैसा वसूल कर रही है लेकिन सहूलियत देने के नाम पर जनता के ही साथ बेईमानी की जा रही है उसके साथ प्रशासन के भी साथ बेईमानी है। गुर्दा रोग विशेषज्ञ काफी आना-जाना रायबरेली कम ही होता है क्योंकि जिस हिसाब से उन्हें पेमेंट किया जाएगा वह उसी हिसाब से इस डायलिसिस यूनिट में पहुंचेंगे पैसों का बंदरबांट जिला अस्पताल के लिए कोई नया नहीं है। विदेशों से लाई गई बेशकीमती मशीन उस जनता के ही टैक्स के पैसे से लाई गई है फिर भी उस मशीन और समुचित सिस्टम के साथ बेईमानी हो रही है क्या जिला अस्पताल के निगहबान बेईमान हो चुके हैं जिन्हें ऐसे हालात दिखते ही नहीं फोन करने पर वही साहबान फोन उठाने पर भी कतराते हैं।
 

अच्छे कार्य की सीएमओ ने की सराहना 

रायबरेली - राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जनपद रायबरेली में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ डी के सिंह के नेतृत्व में नवजात बच्चों की होने वाली जन्मजात बीमारियों से रक्षा करने में पूरी तरह से तत्परता से कार्य कर रहा है। विदित हो कि सीएचसी महाराजगंज में दिनांक 17 अगस्त  2019  को शैलेंद्र कुमार की पत्नी ने एक शिशु को जन्म दिया था, जन्म के समय नवजात शिशु को जन्मजात रोग रीड की हड्डी पर फोड़ा न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट भी था, जिसमें नवजात शिशु की जान को खतरा था. जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महाराजगंज की डिलीवरी स्टाफ तथा आरबीएसके की टीम के द्वारा जिले स्तर पर डीईआईसी मैनेजर नितेश जयसवाल को सूचित कर आगे की कार्यवाही हेतु संदर्भित किया गया। शिशु का गांव सारीपुर जोकि विकास क्षेत्र अमावा में आता है, उसके बाद उस बच्चे को जिला अस्पताल रिफर कराया गया। नवजात बच्चे को आज दिनांक 12 सितंबर 2019 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ डीके सिंह के द्वारा की रोहन पुत्र श्री शैलेंद्र को बीएचयू संदर्भित कर दिया गया जिसमें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी  नोडल अधिकारी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के द्वारा बीएचयू वाराणसी में मंगलवार दिनांक 17 सितंबर 2019 को भर्ती कराने हेतु समस्त अधिकारियों से वार्ता की गई तथा बच्चे के निशुल्क शल्य चिकित्सा के लिए  रिफर कर दिया गया, बच्चे को रेफर करने के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा आरबीएसके की अमावां एवं महाराजगंज टीम की अच्छे कार्य के लिए सराहना की, इस दौरान अंजलि सिंह सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा। 

जिन्दगी अनमोल है, दिल को संभालो जरा : डा. मनीष मिश्रा

रायबरेली। देवती बीके मेमोरियल मेडिकल एवं कार्डियक सेन्टर के हृदय रोग विशेषज्ञ एवं फिजीशियन डा. मनीष मिश्रा एक प्रेसनोट जारी कर हृदय रोगियों को स्वस्थ्य रहने के तमाम टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि दिल हृदय शरीर का वह अनमोल हिस्सा है, जिसके बिना जिन्दगी संभव नहीं है। इसलिए शरीर के इस अनमोल हिस्से की देखभाल भी अत्यन्त जरूरी है। हृदय में हाई ब्लडप्रेशर, सीने में दर्द, हार्टअटैक, हार्ट फेल्योर जैसे कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। समय रहते अगर इन रोगों का उपचार किया जाए तो जिन्दगी को खुशनुमा बनाया जा सकता है।
डा. मिश्र ने बताया कि पहले हृदय की बीमारी ज्यादा उम्र के लोगों में मिलती थी परन्तु आज कल तो 25 वर्ष से भी कम आयु के लोगों में यह बीमारी आम है। इस कारण इस विषय पर जागरूकता व समय पर इलाज बहुत ही आवश्यक है। इस बीमारी की मुख्य वजह बैठे-बैठे काम करना, टेक्नोलाजी पर निर्भरता, खान-पान का ध्यान न रखना, अत्यन्त तनाव पूर्ण जीवन, जीवनशैली में परिवर्तन, धूम्रपान करना, हाई बीपी, हाईकोलेस्ट्राल, डायबेटीज, अनुवांशिकता और मोटापा है। इन्हीं कारकों से हृदय रोग जैसे कि हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है। जब किसी व्यक्ति को सीने में दर्द हो, सीने में भारीपन हो, सांस फूले, मचली हो, उल्टी हो, पसीना आये, चक्कर आये तथा नाभी के ऊपर और सिर के पिछले भाग (आक्सीपिटल) में दर्द हो तो उसे सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि से सभी हार्टअटैक के लक्षण हो सकते हैं। कभी-कभी व्यक्ति को सीने में दर्द नहीं होता और उसे हार्ट अटैक हो जाता है। उसे साइलेन्ट अटैक कहते हैं। जिनकी जल्दी सर्जरी हुई हो, उम्र 60 साल से ज्यादा हो या फिर वह डायबेटीज हों, उनमें साइलेन्ट अटैक की संभावना ज्यादा रहती है। उन्होंने बताया कि हृदय सम्बन्धी बीमारियों के निदान केलिए ईसीजी, इकोकार्डियोग्राफी एवं कलर डापलर, टीएमटी, हॉल्टर मानिटरिंग, स्ट्रेस इको कार्डियोग्राफी, डोब्यूटामीन स्ट्रेस कार्डियोग्राफी जैसी जांचे की जाती है। उन्होंने लोगों को जागरूक होने की सलाह दी। यहां यह उल्लेखनीय है कि देवती बीके मेमोरियल मेडिकल एवं कार्डियक सेन्टर रायबरेली का पहला ऐसा सेन्टर बना है। जहां उपरोक्त जांचे आधुनिक मशीनों के द्वारा की जाती हैं। पिछले साढे चार वर्षों में हजारों की संख्या में हृदय रोगियों का सफलतम इलाज यहां किया जा चुका है।