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सांसद मेनका संजय गांधी का दो दिवसीय दौरा 

सुलतानपुर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद मेनका संजय गांधी दो दिवसीय दौरे पर 2 अक्टूबर दिन बुद्धवार 2019 को जिले में पहुँच रही है।श्रीमती गांधी 2 अक्टूबर को प्रातः लखनऊ एअरपोर्ट पहुंचेगी। तत्पश्चात वहां सड़क मार्ग से सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र में आयोजित विभिन्न कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो जायेगी।जहां 2 अक्टूबर गांधी जयंती से 31 अक्टूबर सरदार पटेल की जयंती तक चलने वाली गांधी संकल्प यात्रा का शुभारम्भ करेंगी।मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी ने बताया कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद सुलतानपुर मेनका संजय गांधी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत बुद्धवार 2 अक्टूबर 2019 को संसदीय क्षेत्र के इसौली विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुड़वार बाजार स्थित शनि मंदिर से* महात्मा गांधी के 150 वीं जयंती के अवसर पर गांधी संकल्प यात्रा का शुभारंभ करेगी। इस दौरान सांसद चौपाल, स्वच्छता, वृक्षारोपण एवं सेवा शिविर कार्यक्रम में भी शामिल होगी। तत्पश्चात ग्राम इसरौली , भगवानपुर, भण्डरा, प्रतापपुर, एवं सौहगौली गांव में आयोजित पदयात्रा, चौपाल, जनसंपर्क, स्वच्छता, वृक्षारोपण, ,पूर्व सैनिक सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, फलाहार कार्यक्रम में शामिल होगी।रघुवंशी ने बताया कि 3 अक्टूबर 2019 को सांसद मेनका संजय गांधी जिला पंचायत परिसर में 9:30 सांसद संवाद केन्द्र का शुभारम्भ करेगी। तत्पश्चात ग्राम भदहरा से गांधी संकल्प यात्रा का शुभारंभ करेगी। तत्पश्चात ग्राम बभनगंवा, रुपापुर, महराजगंज एवं अलीगंज बाजार में पार्टी द्वारा आयोजित पदयात्रा, चौपाल, स्वच्छता, वृक्षारोपण, सेवा शिविर एवं फलाहार कार्यक्रम में शामिल होगी। तत्पश्चात सड़क मार्ग से लखनऊ और वहा से दिल्ली के लिए रवाना हो जायेगी।सांसद के दो दिवसीय दौरे पर आयोजित गांधी संकल्प यात्रा की तैयारी को अन्तिम रुप देने के लिए सांसद प्रतिनिधि रणजीत कुमार, जिला महामंत्री शशीकांत पांडे, यात्रा की लोकसभा संयोजक बबिता तिवारी,संजय सिंह त्रिलोकचंदी, श्याम बहादुर पांडे, घनश्याम मिश्रा, राजेश पांडे, यज्ञ प्रसाद सिंह, महेश सिंह आदि पूरी तन्मयता से लगे हुए हैं। सांसद मेनका संजय गांधी दिल्ली से 8 अक्टूबर को विदेश यात्रा के लिए रवाना होगी। श्रीमती गांधी 17 अक्टूबर को फ्रांस की नेशनल असेंबली को संबोधित करेगी।* फ्रांसीसी बाल अधिकार अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सांसद को आमंत्रित किया गया है।फ्रांस की सांसद सामंथा काजेबोन ने उन्हें 17 अक्टूबर को होने वाली संगोष्ठी में भाग लेने के लिए पत्र भेजा है। सांसद श्रीमती गांधी “बच्चों को हर प्रकार की हिंसा से सुरक्षित करना” (Protecting children from all forms of violence) विषय पर अपना वक्तव्य देगी।सांसद काजेबोन ने भेजे गये पत्र में कहा हैं कि बाल विकास एवं पशु कल्याण को लेकर काम करने के लिए उनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जो पहचान बनी है इसी नाते उनको सम्मेलन में संबोधित करने के लिए आमंत्रण भेजा गया है। इसके पूर्व 10 से 14 अक्टूबर तक ग्लोबल वार्मिंग पर ग्रीस के डेलफी में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भी सांसद मेनका संजय गांधी आमंत्रित है। सांसद मेनका संजय गांधी को सम्मेलन में शामिल होने के लिए अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने नामित किया है। यहा वैश्विक पर्यावरण एवं वास्तविक खतरा विषय पर चर्चा करने के लिए दुनिया के टाप विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।

 

स्मृति की प्रियंका को दो टूक जिनके अपनों पर गबन के आरोप वो नसीहत न दें तो बेहतर

स्मृति की प्रियंका को दो टूक जिनके अपनों पर गबन के आरोप वो नसीहत न दें तो बेहतर

 

दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंची हैं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

 

मंगलवार को प्रतापगढ़ के व्यापारी की अमेठी पुलिस की कस्टडी में हुई थी मौत, 15 पुलिस वालों पर दर्ज हो चुकी है एफआईआर

 

अमेठी:-केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर पलटवार किया है। कहा कि, जिनके अपने परिजनों पर गबन और किसानों की जमीनें हड़पने का आरोप है, जो आज तक सम्राट साइकिल की जमीन पर बैठ चुके हैं, किसानों के अधिकारों का हनन कर बैठ चुके हैं वो अगर प्रशासन को नसीहत न दें तो बेहतर होगा। दरअसल, प्रतापगढ़ के एक व्यापारी की अमेठी पुलिस कस्टडी में हुई मौत पर प्रियंका गांधी ने कहा था कि, यूपी पुलिस अपराधियों पर मेहरबान है, लेकिन हर दिन नागरिकों को परेशान में माहिर है। प्रियंका ने प्रतापगढ़ व हापुड़ की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि, भाजपा सरकार के मान पर जूं तक नहीं रेंग रही।केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बुधवार दोपहर बाद दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंची हैं। मीडिया से बात करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि जिन्होंने अपनी सत्ता चलाई गुंडा राज में आज वो आज वो योगी जी पर कटाक्ष कर रहे हैं। वो अपने गिरेहबान में झांक कर देखें।

स्मृति ने कहा कि, मैं इस बात से पूर्णतः सहमत हूं और विश्वास प्राप्त कर चुकी हूं कि सरकार परिवारों को न्याय पहुंचाएगी। लेकिन जो अमेठी और अमेठी के प्रशासन और उत्तर प्रदेश की सरकार को नसीहत देना चाहते हैं उनसे मेरा विशेष निवेदन है कि आप अपनी राजनीति छोड़कर अगर गरीब और किसान कल्याण में वाकई में विश्वास रखते हैं तो सम्राट साइकिल की जमीन अमेठी के किसान को लौटाएं। ये पांच सालों से मेरा आग्रह रहा है, लेकिन जिसने ये बयान अभी दिया है, उसके कान पर जूं नहीं रेंगी है।

भाजपा बहुमत साबित करने में फेल हुई तो वैकल्पिक सरकार बनाने पर कर सकते हैं विचार : राकांपा

भाजपा बहुमत साबित करने में फेल हुई तो वैकल्पिक सरकार बनाने पर कर सकते हैं विचार : राकांपा

 

राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह टिप्पणी शरद पवार के शिवसेना के साथ जाने की किसी संभावना से इनकार के कुछ दिनों बाद यह बयान आया है.

 

मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मंगलवार को कहा कि यदि भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने में नाकाम रहती है तो एक वैकल्पिक सरकार के गठन पर विचार किया जा सकता है. राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह टिप्पणी की.

वहीं, शिवसेना ने सरकार गठन पर भाजपा के साथ अपनी बैठक मंगलवार को रद्द कर दी.

 

बैठक रद्द किये जाने के कुछ घंटे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बात से इंकार किया कि सत्ता साझेदारी फार्मूले के तहत शिवसेना को 2.6 साल के लिए मुख्यमंत्री पद का भरोसा दिलाया गया है.

गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को हुए 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी और उसे 105 सीटें प्राप्त हुई. वहीं, शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की.

मलिक ने कहा, ‘राज्यपाल (भगत सिंह कोश्यिारी) अगले कुछ दिनों में देवेंद्र जी को सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं. सवाल यह है कि क्या शिवसेना के मंत्री शपथ लेते हैं या नहीं (फडणवीस के साथ). और उनको (फडणवीस) को 14-15 दिनों में सदन में अपना संख्या बल साबित करनी होगी.’

राकांपा के नगर प्रमुख ने कहा कि यदि शिवसेना सदन में सरकार गिरने की वजह बनती है…’तो हम इस बारे में सोच सकते हैं कि क्या किया जा सकता है.’

पार्टी प्रमुख शरद पवार के शिवसेना के साथ जाने की किसी संभावना से इनकार करने के कुछ दिनों बाद मलिक का यह बयान आया है.

वहीं, राकांपा के सहयोगी दल कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के साथ किसी तरह की सौदेबाजी करने से आधिकारिक रूप से इंकार किया है. हालांकि, राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए विकल्प तलाशे जा सकते हैं.

दिलचस्प है कि शरद पवार नीत पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनाव के फौरन बाद भाजपा का बाहर से समर्थन करने की घोषणा की थी. उस चुनाव में भाजपा को 122 सीटें मिली थी, जबकि शिवसेना ने 63 सीटों पर जीत दर्ज की थी. दोनों भगवा दलों ने अपने-अपने बूते चुनाव लड़ा था.

बाद में शिवसेना सरकार में शामिल हो गई थी.

लाजवंती कुरील ने साबित कर दिया पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है

अंगद राही / विपिन पांडेय

रायबरेली। बछरावां से बसपा विधानसभा प्रभारी लाजवंती कुरील इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है। जिन्हें बसपा से अब तक हुए बछरावां विधानसभा प्रभारियों में से सबसे तेज तर्रार और कर्मठ माना जा रहा है। विदित हो कि बछरावां विधानसभा से पार्टी की कमान संभालने से पूर्व भी लाजवंती कुरील समाज सेवा एवं दीन दुखियों की सेवा के लिए जानी जाती रही हैं। चाहे बछरावां विधानसभा क्षेत्र रहा हो या अन्य कोई क्षेत्र लाजवंती कुरील ने कभी दूसरे वाहन अथवा एंबुलेंस का इंतजार किए बगैर अपने निजी वाहन से दुर्घटना में शिकार हुए राहगीरों एवं बीमारी से जूझ रहे लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बछरावां से लेकर जिला अस्पताल एवं राजधानी लखनऊ में स्थित अस्पतालों में निस्वार्थ भावना से पहुंचाने का काम किया है। भले ही पिछले चुनावों में बसपा को देश और प्रदेश में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा किंतु लाजवंती कुरील ने जब से सुध संभाली है पार्टी के प्रति उनका कभी आत्मविश्वास कमजोर नहीं हुआ, और ना ही उनके अंदर कभी निराशावादी विचारों की उत्पत्ति हुई। ज्ञात हो कि बसपा विधानसभा प्रभारी लाजवंती कुरील बसपा के विधानसभा अध्यक्ष रत्नेश चौधरी, महासचिव राममिलन गौतम, शिवांशु राव के साथ पिछले कई दिनों से पार्टी कार्यकर्ताओं के घर-घर जाकर उन्हें उपहार में मिठाई देने के साथ ही दीपावली की शुभकामनाएं दे रही हैं। जिनकी इस आशावादी सोंच से पार्टी कार्यकर्ताओं को एक नई ऊर्जा और स्फूर्ति मिल रही है। पार्टी कार्यकर्ता लाजवंती कुरील के इस कार्य की जमकर सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है कि अक्सर देखा गया है कि चुनाव के बाद कोई पार्टी कार्यकर्ताओं का हाल नहीं लेता, किन्तु लाजवंती कुरील की इस पहल से उन्हें एक नई ऊर्जा मिली है।

गोपाल कांडा के भाजपा को समर्थन पर भड़कीं उमा भारती, कहा- हमारे साथ साफ-सुथरे लोग ही हों

गोपाल कांडा के भाजपा को समर्थन पर भड़कीं उमा भारती, कहा- हमारे साथ साफ-सुथरे लोग ही हों

 

'गोपाल कांडा बेक़सूर है या अपराधी, यह तो क़ानून साक्ष्यों के आधार पर तय करेगा, किंतु उसका चुनाव जीतना उसे अपराधों से बरी नहीं करता. चुनाव जीतने के बहुत सारे फैक्टर होते हैं

 

नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिरसा सीट से एचएलपी पार्टी से जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस के पूर्व नेता गोपाल कांडा ने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने की बात कही है. यही नहीं उन्होंने निर्दलीय विधायकों के भाजपा के साथ होने की बात कही जिसके बाद न केवल विपक्षी पार्टियां बल्कि भाजपा के नेता भी पार्टी को कांडा से समर्थन न लेने की नसीहत दे दी है. भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल को टैग करते हुए न केवल गोपाल कांडा का विरोध किया है ​बल्कि यहां तक कह दिया कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ता साफ-सुथरे जिंदगी के लोग होते हैं वैसे ही लोग हों. उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए.

 कांडा के विरोध में आईं उमा

उन्होंने कहा लिखा, ‘जब तक मोदी जी की लहर नहीं आई थी, हम हरियाणा में दो विधानसभा सीटें जीतने पर भी खुश हो जाते थे. इसलिए हरियाणा में पहले चुनाव में सरकार बना लेना और दूसरे चुनाव में भी सबसे बड़ी पार्टी बनकर आना असाधारण उपलब्धि है. यह सब नरेंद्र मोदी की तपस्या का ही परिणाम रहा है.

 

उन्होंने आगे लिखा कि अभी मैं गंगा प्रवास पर हूं. हिमालय में गंगा के किनारे हूं. यहां टीवी नहीं है, मैं मोबाइल पर सारी ख़बरें ले रही हूं, मुझे जानकारी मिली है कि हम हरियाणा में भी सरकार बना सकते हैं. उन्होंने लिखा कि यह एक अच्छी ख़बर है. मुझे जानकारी मिली है कि गोपाल कांडा नाम के एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी हमें मिल सकता है.

भारती ने कांडा का विरोध करते हुए कहा, ‘मुझे कुछ कहना है.’ ‘अगर गोपाल कांडा वही व्यक्ति है जिसकी वजह से एक लड़की ने आत्महत्या की थी तथा उसकी मां ने भी न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली थी, मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है, तथा यह व्यक्ति ज़मानत पर बाहर है.’

‘गोपाल कांडा बेक़सूर है या अपराधी, यह तो क़ानून साक्ष्यों के आधार पर तय करेगा, किंतु उसका चुनाव जीतना उसे अपराधों से बरी नहीं करता. चुनाव जीतने के बहुत सारे फैक्टर होते हैं. मैं भाजपा से अनुरोध करूंगी कि हम अपने नैतिक अधिष्ठान को न भूलें.’

‘हमारे पास तो नरेंद्र मोदी जैसी शक्ति मौजूद है, एवं देश क्या पूरे दुनिया की जनता मोदी जी के साथ है तथा मोदी जी ने सतोगुणी ऊर्जा के आधार पर राष्ट्रवाद की शक्ति खड़ी की है. हरियाणा में हमारी सरकार ज़रूर बने, लेकिन यह तय करिए कि जैसे भाजपा के कार्यकर्ता साफ़-सुथरे ज़िंदगी के होते हैं, हमारे साथ वैसे ही लोग हों.’

उमा भारती भारतीय जनता पार्टी की पहली महिला हैं जिन्होंने किसी अपराधिक प्रवृति के नेता के खिलाफ बोला है और प्रधानमंत्री तथा पार्टी से गुजारिश की है कि ऐसे नेता को पार्टी में जगह नहीं दी जानी चाहिए.

गोपाल कांडा ने दिया भाजपा को समर्थन

सरकार गठन से महज छह सीट दूर भाजपा को हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा ने ‘बिना किसी शर्त समर्थन’ देने का एलान कर दिया है. कांडा आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में आरोपी हैं.

निर्दलीय विधायक कांडा ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने और अन्य निर्दलीय विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी को बिना किसी शर्त ‘समर्थन’ देने का फैसला किया है. सिरसा सीट से जीत दर्ज करने वाले कांडा ने कहा, ‘मेरा परिवार 1926 से संघ से जुड़ा है. मेरा पिता भाजपा से जुड़े हैं.’ दिल्ली में छह विधायकों ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा से मुलाकात भी की है.

उमा भारती ने एक ट्वीट में अपनी पार्टी को आगाह करते हुए कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की साफ छवि को नुकसान पहुंच सकता है.

सुरजेवाला बोले- भाजपा की कथनी करनी दिखाई दी

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया है. सुरजेवाला ने कहा, ‘जब कांडा हरियाणा सरकार में मंत्री थे तो उस वक्त के नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बयानों को देखिए. उस वक्त भाजपा का क्या रुख था?’ सुरजेवाला ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांडा को हटा दिया था. यह भाजपा का दोहरा मापदंड है.

सत्तारूढ़ पार्टी ने राज्य में सबसे अधिक 40 सीटों पर जीत दर्ज की है, लेकिन बहुमत से वह छह सीटें पीछे रह गई. वहीं कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की. जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने 10 सीटें हासिल की है. वहीं सात निर्दलीय विधायक चुने गए हैं.

क्या था एयर होस्टेस आत्म हत्या मामला

गौरतलब है कि कांडा पर 2012 में एक एयर होस्टेस को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगा था. राज्य में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कांडा गृह मंत्री थे. उन्होंने कहा, ‘मेरे खिलाफ केवल धारा 306 का एक गलत मामला है.’

कांडा ने अपने खिलाफ अन्य मामले दर्ज होने की खबरें खारिज करते हुए कहा, ‘आरोप लगाना आसान है.’ कांडा की ‘एमडीएनआर एयरलाइन’ में काम करने वाली गीतिका शर्मा पांच अगस्त 2012 को उत्तरपश्चिम दिल्ली के अशोक विहार में अपने घर पर मृत मिली थी.

गीतिका ने चार अगस्त को आत्महत्या करने से पहले एक पत्र में लिखा था कि कांडा के ‘उत्पीड़न’ के कारण वह यह कदम उठा रही है. कांडा ने इन आरोपों को खारिज किया था.

दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था और अभी वह जमानत पर बाहर हैं.

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, नियमित होंगी दिल्ली की अनधिकृत कालोनियां

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, नियमित होंगी दिल्ली की अनधिकृत कालोनियां

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला, 40 लाख लोगों को होगा फायदा.

 

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को स्वामित्व का अधिकार देने संबंधी एक प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसको लेकर जानकारी दी है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इस फैसले से 40 लाख लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है.

कैबिनेट की बैठक के बाद जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अहम फैसले में दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को स्वामित्व का अधिकार देने का निर्णय किया है.’

उन्होंने कहा कि इससे 40 लाख लोगों को फायदा होगा. इस संबंध में संसद के अगले सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा.

शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह एक दूरदर्शी और अभूतपूर्व निर्णय है जिसमें स्वामित्व का अधिकार दिया जा रहा है, चाहे जमीन निजी हो या सरकारी.

सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण को हमेशा ध्वस्त किया जाना चाहिए: अदालत

वहीं इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकारी जमीन पर अनधिकृत और अवैध निर्माण को हमेशा ही ध्वस्त करने की बात कही थी.

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने एक याचिका खारिज करने के दौरान 16 अक्टूबर को यह टिप्पणी की थी. याचिका के जरिये यह मांग की गई थी कि निजी या सरकारी जमीन पर हुए अवैध निर्माण को सरकार को सौंप दिया जाए, जो युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के पुनर्वास के लिए इसका इस्तेमाल कर सकती है
वहीं अदालत ने वकीलों के एक समूह की याचिका स्वीकार करने से इंकार करते हुए कहा था कि इस याचिका को स्वीकार करने से सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण या अतिक्रमण की बाढ़ आ जाएगी.

पीठ ने कहा, ‘सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की इजाजत नहीं दी जा सकती. सरकारी जमीन पर किसी अनधिकृत या अवैध निर्माण को हमेशा ही ध्वस्त किया जाना चाहिए.’

अखिलेश सिंह के भतीजे मनीष सिंह कांग्रेस का थामेंगे दामन

अखिलेश सिंह के भतीजे मनीष सिंह कांग्रेस का थामेंगे दामन

 

रायबरेली में कांग्रेस को मजबूत करने में जुटीं प्रियंका गांधी

 

रायबरेली - कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली में पार्टी को मजबूत करने में लग गई है. रायबरेली की सदर विधायक अदिति सिंह का इन दिनों कांग्रेस से मोहभंग हो रहा है और पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी के करीब खड़ी नजर आ रही हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी ने अदिति सिंह की भरपायी के लिए उनके घर में सेंध लगाई है. अखिलेश सिंह के भतीजे और अदिति सिंह के चचेरे भाई मनीष सिंह बुधवार को कांग्रेस का दामन थामेंगे.

मनीष सिंह ने 2017 में बसपा से रायबरेली के हरचंद्रपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी राकेश सिंह के हाथों हार गए थे. रायबरेली के बदलते सियासी माहौल को देखते हुए मनीष सिंह बसपा छोड़कर कांग्रेस में वापसी कर रहे हैं. मनीष सिंह को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रायबरेली में पार्टी की सदस्यता दिलाएंगी.

मनीष सिंह ने एक प्राइवेट न्यूज़ चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि रायबरेली कांग्रेस का गढ़ है और वो प्रियंका गांधी की राजनीति से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है. अदिति सिंह की बीजेपी से बढती नजदीक के सवाल पर मनीष ने कहा कि परिवार अलग जगह और राजनीति अपनी जगह है. हमें कांग्रेस की विचारधारा अच्छी लग रही है तो हम कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. उन्हें बीजेपी की विचारधारा पसंद आ रही है तो वहां जा रही हैं.

उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस में एक कार्यकर्ता के तौर पर शामिल हो रहे हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी जो भी जिम्मेदारी हमें देंगी उसे मैं पूरी ईमानदारी के साथ निभाने का काम करूंगा. हालांकि उन्होंने कहा कि वह पहले भी कांग्रेस में रह चुके हैं और इस तरह से वह घर वापसी कर रहे हैं.

मनीष ने कहा कि हमारे पिता से लेकर चाचा तक कांग्रेस में रह रहे हैं. मनीष सिंह पूर्व सांसद अशोक सिंह के बेटे हैं. अशोक सिंह रायबरेली से दो बार सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अशोक सिंह का निधन होने के बाद मनीष सिंह ने राजनीति में कदम रखा था.

कांग्रेस से इन नेताओं को मोहभंग

बता दें कि लोकसभा चुनाव के पहले रायबरेली में एक के बाद एक कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. रायबरेली से एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे और लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ मैदान में उतरे थे. साथ ही दिनेश प्रताप सिंह के भाई राकेश सिंह जो हरचंद्रपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं उन्होंने पार्टी से किनारा कर लिया था. इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह भी कांग्रेस छोड़ दी थी.

अदिति सिंह की भरपाई करेंगे मनीष

दिनेश प्रताप सिंह के बाद अब रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने पार्टी से किनारा कर लिया है. वह बीजेपी के करीब जाती नजर आ रही हैं. ऐसे में रायबरेली में कांग्रेस के कई बड़े चेहरे पार्टी छोड़ चुके हैं. इस तरह से प्रियंका गांधी ने अपने दुर्ग को बचाए रखने के लिए अखिलेश सिंह के भतीजे मनीष सिंह को कांग्रेस में लाकर बड़ा दांव चला है.

चुनाव हारने के बाद मजदूरी करने चला गया था ये नेता, प्रियंका गांधी ने बनाया कांग्रेस का यूपी चीफ

लखनऊ : कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश का नया अध्यक्ष विधायक अजय कुमार लल्लू को बनाया है. ज़मीनी नेता के तौर पर पहचान रखने वाले लल्लू को सोमवार देर शाम यूपी प्रमुख बनाए जाने की घोषणा की गई. अभी तक नामी गिरामी चेहरों को आगे रखने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में जबरदस्त शिकस्त खाने के बाद नए-नए पैंतरे अपना रही है. अब वह राज बब्बर के स्थान पर पार्टी की जिम्मेदारी संभालेंगे. राज बब्बर ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. अजय कुमार लल्लू को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही चार उपाध्यक्ष, 12 महासचिव और 24 सचिव भी बनाए गए हैं.

कांग्रेस में नई जान डालेंगे लल्लू

कांग्रेस ने सभी जिला कमेटियों को भंग कर दिया गया है. कुशीनगर जिले की तुमकुहीराज विधानसभा सीट विधायक अजय कुमार लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष के साथ कई और जिम्मेदारियां भी निभानी होगी. जिसमें सबसे अहम होगा प्रियंका गांधी के साथ मिलकर पूरे यूपी के संगठन को फिर से खड़ा करना. लल्लू को ये जिम्मेदारी मिलने के पीछे राहुल गांधी की अहम भूमिका बताई जा रही है.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस बात की खुशी है कि पार्टी ने अपनी पिछली गलतियों से सबक लेते हुए एक ज़मीनी नेता को संगठन खड़ा करने की जिम्मेदारी दी है. कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे ‘कांग्रेस में अब नई जान आएगी.’

यूपी में कांग्रेस के बारे में अब तक यही कहा गया है कि यहां बड़े चेहरों की ही चलती है. किसी दौर में जितिन प्रसाद यहां ताकतवर रहे तो कभी संजय सिंह तो कभी श्रीप्रकाश जायसवाल. इसके बाद सलमान खुर्शीद, निर्मल खत्री, राजबब्बर का नाम भी इस फेहरिस्त में जुड़ा. यूपी कांग्रेस में फिल्म अभिनेता से राजनेता बने राज बब्बर का कार्यकाल भी समाप्त हो गया. वह करीब तीन वर्षो तक प्रदेश अध्यक्ष रहे.

गिने-चुने 6-7 नेताओं के इर्द-गिर्द ही यूपी कांग्रेस पिछले दो दशक से चलती रही. न कांग्रेस का हाल बदला न नतीजों में कुछ सुधार हुआ. बल्कि 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी महज एक लोकसभा सीट पर ही सिमट गई.

दिलचस्प है लल्लू के विधायक बनने की कहानी

40 वर्षीय अजय कुमार लल्लू फिलहाल कुशीनगर जिले की तुमकुहीराज विधानसभा सीट से विधायक हैं. पाॅलिटिकल साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद से ही राजनीति में सक्रिय हो गए. उन्होंने छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ा जिसमें पहली बार में उन्हें हार मिली लेकिन, दूसरी बार उन्हें जीत हासिल हुई. इसके बाद वह सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे और जनता से जुड़े मुद्दों पर अधिकारियों का घेराव व धरना प्रदर्शन भी करते रहे.

अजय लल्लू बताते हैं, ‘साल 2007 विधानसभा में चुनाव लड़ने का फैसला किया. किसी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय ही लड़ गए. इस चुनाव में उन्हें महज़ 3200 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई.’

किसान परिवार से ताल्लुख रखने वाले अजय लल्लू के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया.

‘निराश लल्लू चुनाव हारने के बाद 2007 में ही दिल्ली चले गए और नोएडा में नौकरी की. नौकरी भी ऐसी जिसमें मजदूरी करनी पड़ी. वह कंस्ट्रक्शन के व्यापार से जुड़े अपने लोगों के साथ काम करने लगे जिसमें कई बार मजदूरों के साथ सरिया तक उठाना पड़ता था. लगभग आठ महीने बाद कुछ पैसे कमाकर अपने गांव लौटे तो गांव वालों ने उन्हें रोक लिया और राजनीति में दोबारा आने को कहा.’

फिर यूं बदल गई जिंदगी

लल्लू ने तुमकुहीराज की जनता की आवाज फिर से उठानी शुरू कर दी. धरना प्रदर्शन किए और कई बार जेल भी गए. इसी बीच 2012 विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस से टिकट मिल गया. इस चुनाव में वह भाजपा उम्मीदवार को 5 हजार से अधिक वोटों से हराकर विधायक बने. साल 2017 विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर जीत हासिल की जिसके बाद उन्हें कांग्रेस विधानमंडल का नेता चुना गया.

इसके बाद गुजरात व मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की स्क्रीनिंग कमेटी में भी उन्हें जगह दी गई और अब माना जा रहा है कि राहुल गांधी की सलाह पर प्रियंका गांधी ने उन्हें अपनी टीम का सबसे अहम सदस्य बना लिया है.

लल्लू पर अब कांग्रेस को यूपी में दोबारा से खड़ा करने की जिम्मेदारी है. लल्लू ये भी बखूबी समझते हैं कि यूपी में कांग्रेस का हाल और अंदरूनी राजनीति के कारण उनकी राह आसान नहीं होने वाली है. हालांकि, लल्लू का कहना है, ‘वह इस जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं.’

‘आलाकमान ने उन पर जो भरोसा जताया है उस पर वह खरे उतरने की कोशिश करेंगे.’

भाजपा नेता अतुल सिंह से मार्ग खुलवाने की मांग

 

रायबरेली। ग्रामसभा थुलरई,गौरा उबरनी,गौरा उबरनी,दुर्गा गंज जफरापुर गांव के निवासियों ने भाजपा नेता अतुल सिंह को रेल मंत्री भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में अनुरोध किया है कि उबरनी रेलवे स्टेशन से दक्षिण डलमऊ की तरफ गेट नंबर 14 सी  पर खम्भे गाड़ कर मनहेरू दुर्गागंज मार्ग को गेट लगाकर खुलवाया जाए।।ग्राम वासियो ने बताया मनेहरू दुर्गागंज मार्ग अत्यंत पुराने समय से कायम है। उस मार्ग में रेलवे क्रासिंग से दक्षिण की और बसे ग्राम वासियों एक मात्र सम्पर्क मार्ग है। वर्ष 1968-69 में चकबंदी के नक्शे में भी यह मार्ग प्रदर्शित है।

गौरा उवरनि ग्राम के अधिकांश कायस्थ कारों की कृषि भूमि रेलवे लाइन के पश्चिम ओर है। मार्ग अवरूद्ध हो जाने के कारण किसानों को अपनी कृषि कार्य में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। साधन कृषि यंत्र ट्रेक्टर आदि ना  पहुंच पाने के कारण कृषि कार्य बाधित हो रहा है ।जनहित की समस्या को देखते हुए यहां पर गेट लगवाने व् खुलवाने का अनुरोध किया गया है। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से राम नाथ यादव प्रधान ,कोकिला सिंह प्रधान, गीता देवी प्रधान, गयादीन, सत्यम सिंह, रामनारायण ,अंकुर सिंह, आशीष श्रीवास्तव, जियालाल, मनोज कुमार, संतोष सिंह, आनंद कुमार यादव जी आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

 

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी हिरासत में

नई दिल्ली: बाम्बे हाई कोर्ट द्वारा शुक्रवार को मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए आरे कॉलोनी में लगे पेड़ काटने का आदेश दिया था. इसके बाद मरोल मरोशी रोड से आरे कॉलोनी में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है. इस पूरे क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है. इस फैसले के विरोध में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं और पेड़ों को न काटने के लिए सरकार ने गुहार लगा रहे हैं. प्रशासन की तरफ से पेड़ों को काटने का काम शुरू हो गया है.

इस कदम का काफी विरोध हो रहा है. भाजपा की सहयोगी शिवसेना भी इस कदम का विरोध कर रही हैं. बता दें कि हाल ही में राज्य में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी पेड़ों के काटे जाने को लेकर असहमति जताई है और इस कदम का विरोध किया है.

इस फैसले के बाद इस कॉलोनी में रह रहे लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे. इसमें शामिल होने के लिए शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी भी गई. लेकिन, उन्हें मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

बॉलीवुड के कई अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने भी प्रशासन द्वारा पेड़ काटे जाने को लेकर सोशल मीडिया पर लिखकर गुस्सा निकाला है. आरे कॉलोनी में पेड़ों के काटने पर रोक लगाने के लिए कई याचिकाएं दायर की गई थी. कई दिनों से यहां रह रहे लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन, शुक्रवार को बाम्बे हाई कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इन याचिकाओं को मेरिट के आधार पर खारिज नहीं किया जा रहा है बल्कि मेट्रो की जरूरत को देखते हुए यह फैसला किया जा रहा है.

इस मामले पर फिल्म अभिनेता फरहान अख्तर ने ट्विटर पर लिखा, ‘रातों रात पेड़ों को काटना गलत है. जो ऐसा कर रहा है वो भी जानता है कि यह गलत है.

अभिनेत्री श्रद्धा कपूर हाल ही में इन लोगों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में हिस्सा भी लिया था. उन्होंने इंस्टाग्राम पर कुछ खबरों को पोस्ट किया. जिसमें लिखा हुआ था कि पेड़ों को काटना गलत है और मुंबई के लोगों को साथ आने का आह्वान भी किया.

यूएन गुडविल एम्बेसडर दिया मिर्जा ने भी पेड़ों के काटे जाने को लेकर गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘रात में 400 पेड़ों को काट दिया गया है. लोग पेड़ों के न काटने को लेकर कहते रहे फिर भी ऐसा किया गया. क्या आप नहीं देख रहे हैं कि प्रकृति के प्रति इनके प्रेम ने इन्हें एक कर रखा है. अपने बच्चों और उनके भविष्य के प्रति इनके प्यार ने इनको एक कर रखा है.’

इसके इतर कई ऐसे अभिनेता भी हैं जो मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों के काटने का समर्थन कर चुके हैं. इनमें अभिनेता अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार शामिल हैं.

प्रियंका गांधी के लिए लखनऊ में ढूंढ़ा जा रहा है घर, यहीं से करेंगी चुनावी तैयारी

लखनऊ : टीम प्रियंका कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के लिए यूपी की राजधानी लखनऊ में मकान की तलाश कर रही है. पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो लखनऊ के गोखले मार्ग व गोमती नगर इलाके में एक-एक मकान देखा गया है. गांधी जयंती के मौके पर जब प्रियंका लखनऊ आईं तो कुछ मिनट के लिए गोखले मार्ग स्थित घर देखने भी गईं. हालांकि, इस बात की जानकारी मीडिया को नहीं दी गई. मीडिया को जारी प्रियंका के शेड्यूल में इसे ‘रिजर्व’ समय बताया गया.

पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो गोखले मार्ग पर कांग्रेस की पूर्व सांसद और गांधी परिवार की रिश्तेदार शीला कौल की प्राॅपर्टी है. शीला का परिवार अब वहां नहीं रहता. ऐसे में प्रियंका वहां रह सकती हैं. प्रियंका ने अपनी टीम के साथ जाकर खुद घर को देखा. प्रियंका गांधी को एसपीजी सुरक्षा मिली है, ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर भी तमाम पहलुओं को देखा जा रहा है. वहां से माॅल एवेन्यू स्थित कांग्रेस यूपी हेड ऑफिस की दूरी भी महज़ 3 किलोमीटर है. इसके अलावा गोमती नगर इलाके में भी प्रियंका के लिए घर ढूंढ़ा जा रहा है.

सूत्रों की मानें तो दोनों में से एक जगह प्रियंका घर ले सकती हैं. बता दें कि यूपी इंचार्ज बनने के बाद प्रियंका गांधी जब भी लखनऊ आईं तो होटल में रुकीं. बीते लोकसभा चुनाव के दौरान वह रायबरेली के भुएमऊ गेस्ट हाउस में रुकीं. अब 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह यूपी को अधिक समय देना चाहती हैं. इसी कारण उनके लिए लखनऊ में घर ढूंढ़ा जा रहा है.