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क्या आप जानते हैं ? भैसेश्वर महादेव के मंदिर का इतिहास

अंगद राही/ विपिन पांडेय

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के कोटवा गांव में स्थित प्राचीन कालीन भैसेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र ही नहीं दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर प्रांगण में आयोजित चार दिवसीय दशहरा मेला आज भी भारतीय सभ्यता संस्कृति और अध्यात्म को संरक्षक प्रदान करने के साथ ही जीवंत है। 19 वीं सदी से 21वीं सदी तक के सफर में आज तक लोगों का विश्वास कम नहीं हुआ। बताते हैं कि भैसेश्वर मंदिर के स्थान पर 19 वीं सदी से पूर्व एक टीला हुआ करता था। जिसके आसपास घना जंगल घना जंगल था। एक दिन कोटवा गांव के दन्नू शुक्ल को स्वप्न आया कि जंगल में स्थित टीले के स्थान पर कालांतर में भैसेश्वर महादेव मंदिर था। जिसकी स्थापना देवताओं ने की थी। जो आज टीले में तब्दील हो चुका है। दन्नू शुक्ल ने अपने स्वप्न की बात ग्रामीणों से बताई। फिर क्या था ग्रामीणों ने सत्यता जानने के लिए टीले की खुदाई की तो उन्हें वास्तव में मंदिर के अवशेष मिले। टीले के स्थान पर मंदिर के निर्माण के लिए ग्रामीणों ने शिवगढ़ रियासत के राजा को स्वप्न की बात बताई और मंदिर निर्माण के लिए गुहार लगाई। शिवगढ़ रियासत के धर्म निष्ठा राजा ने लोगों की प्रार्थना सहज स्वीकार करते हुए ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से भैसेश्वर महादेव के इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया। वहीं कोटवा गांव के भुजवा बिरादरी के एक व्यक्ति ने 1001 चांदी के सिक्के दिए जिससे मंदिर के बगल में एक दूसरे छोटे मंदिर का निर्माण कराया गया। सन 1917 के करीब मंदिर बनकर तैयार हो गया है। तब से विजयदशमी मेले का आयोजन किया जाने लगा। वहीं जिलेदार बहादुर सिंह ने रामलीला पर आधारित स्वयं एक किताब लिखकर दशहरा मेले में रामलीला की शुरुआत करके भैसेश्वर महादेव के विजयदशमी मेले को चार चांद लगा दिया। भैसेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में आयोजित विजयदशमी मेले की सबसे बड़ी खासियत है कि 1917 से शुरू हुआ विजयदशमी मेला तब से निरंतर चल रहा है। चार दिवसीय विजयदशमी मेले में आज भी गांव के युवाओं द्वारा रामलीला का सुंदर मंचन किया जाता है। मेले में रामलीला का सजीव मंचन लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है। मेले के अंतिम दिन जनपद स्तरीय दंगल का भव्य आयोजन किया जाता है। जिसमें रायबरेली जिले के साथ ही अन्य कई जनपदों के पहलवान शिरकत कर अपने- अपने दांव पेच दिखाते हैं। 1917 में शुरू हुए इस विजयदशमी मेले की चमक आज तक फीकी नहीं पड़ी। प्रधान संघ अध्यक्ष विनोद सिंह व शिक्षक जहांगीर सिंह की माने तो मेले के आयोजन में किसी प्रकार की ना तो रसीद काटी जाती है और ना ही दुकानदारों से किसी प्रकार का चंदा लिया जाता है। आयोजक कमेटी के ही सहयोग से भैसेश्वर महादेव के चार दिवसीय मेले का भव्य आयोजन किया जाता है।

भजन संध्या में बही भक्ति रसधार

अंगद राही

रायबरेली। शिवगढ क्षेत्र के शिवली गांव में स्थित औसानेश्वर महादेव में गांव के ही अनिल सिंह द्वारा भजन संध्या का भव्य आयोजन किया गया। रीवां के पंडित श्याम किशोर पाठक की अध्यक्षता में आयोजित भजन संध्या में गंगाखेड़ा की मशहूर भजन पार्टी ने भोलेनाथ के भजन गाकर समा बांध दी। भजन संध्या का शुभारंभ भोलेनाथ की पूजा-अर्चना से किया गया। मजे की बात रही कि कड़ाके की ठंड में भी श्रोता गण रात को बैठकर भक्ति रस से सराबोर भजनों का आनंद लेते रहे। इस मौके पर धीरज सिंह, सोनू सिंह, मोनित, चंकी मिश्रा, राहुल, विकास, अन्नू सिंह, मनोज पांडेय, प्रमोद त्रिवेदी, आद्या सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

श्री संगम वीर बाबा के दो दिवसीय ऐतिहासिक मेले में उमड़ा आस्था का सैलाब

मेले में आयोजित दिव्य रामलीला बनी रही दर्शकों के आकर्षण का केंद्र 

अंगद राही

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत नारायनपुर में स्थित श्री संगम वीर बाबा की पावन तपोस्थली पर गत वर्षो की भांति 2 दिवसीय ऐतिहासिक मेले का शुभारंभ हवन पूजन के पश्चात  हर्षोल्लास पूर्वक किया गया। मेले के पहले दिन अपरान्ह एक बजे से श्री संगम वीर बाबा रामलीला कमेटी द्वारा  दिव्य रामलीला का शुभारंभ किया गया। मशहूर कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रामलीला दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। रामलीला का भव्य मंचन देकर दर्शक टस से मस नही हुए। रामलीला में सीता स्वयंवर का भव्य मनमोहक दृश्य देखकर दर्शक भगवान श्री राम, मां सीता और लक्ष्मण के जयकारे लगाने लगे। मान्यता है कि संगम वीर बाबा ने ग्रामीणों को जमीदार के अत्याचार से मुक्ति दिलाई थी। जिनके समाधि लेने के बाद ग्रामीणों द्वारा संगम वीर बाबा की पावन तपोस्थली पर पूजा अर्चना की जाने लगी। बताते हैं तभी से प्रतिवर्ष धान की फसल काटने पर ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से प्रतिवर्ष मेले का आयोजन किया जाने लगा। इस अवसर पर मेला कमेटी के अध्यक्ष अध्यक्ष जगदीश शर्मा, पंडित गिरजा शंकर द्विवेदी, सत्यम द्विवेदी, दिलीप कुमार पांडेय, पत्रकार विपिन कुमार पांडेय, श्रीकांत कनौजिया,चंद्रपाल, ग्राम प्रधान अमृतलाल लोधी, वरिष्ठ भाजपा नेता रविंद्र कुमार शर्मा, राजाराम लोधी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

विश्व वैदिक सम्मेलन व सामूहिक उपनयन संस्कार कार्यक्रम 22 को

रायबरेली। उन्नाव जनपद के सुमेरपुर विकास खंड के अंतर्गत स्थित छांछीराई खेड़ा में प्रतिवर्ष बैसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति द्वारा आयोजित किया जाने वाला विश्व वैदिक सम्मेलन व सामूहिक उपनयन संस्कार इस बार आगामी 22 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। छांछीराई खेड़ा के एमजी कॉलेज ऑफ साइंस, आर्ट एण्ड कल्चर में नौवीं बार आयोजित होने वाले इस समारोह में इस बार 201 बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराने का संकल्प समिति ने लिया है। इस समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रमोद नारायण द्विवेदी ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि बांसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति अब तक 962 बैठकों का यज्ञोपवीत संस्कार करा चुकी है उन्होंने बताया कि आगामी 22 दिसंबर पुण्य प्रदायिनी एकादशी के दिन आयोजित होने वाले इस महा अनुष्ठान की तैयारियां जोरों पर चल रही है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में इस बार जगतगुरु शंकराचार्य राजराजेश्वर आश्रम जी महाराज और काली पीठाधीश्वर ब्रह्मचारी श्री श्री 1008 स्वामी कैलाशानंद जी महाराज शामिल होकर बटु को को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। 
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक पांडेय ने मीडिया को समिति के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि यह समिति 12 वर्षों से निरंतर समाज सेवा और लोक सेवा के लिए काम कर रही है उन्होंने कहा कि समिति के साथ भले ही ब्राह्मण शब्द जुड़ा हो लेकिन यह समिति समाज के हर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए काम करती है क्योंकि लोक कल्याण से ही अच्छे समाज की स्थापना करके राष्ट्र को देश को आगे ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज हम अपनी सनातन संघ सांस्कृतिक परंपरा को भूलकर एक ऐसी भोगवादी, भौतिकवादी संस्कृति को गले लगाने के लिए आतुर जो संस्कृति 'इंड आफ आइडोलॉजी और इंड ऑफ मारलिटी' की बात करता है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों की मेघा का प्रयोग किए बिना भारत विश्व गुरु नहीं बन पाएगा। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है वेदों में जाति का जो स्वरूप है वह आज के स्वरूप से अलग है क्योंकि आज के स्वरूप को राजनैतिक बना दिया गया है। शक्ति के दो बड़े केंद्र नासा और इसरो हैं जिनमें 23 प्रतिशत वैज्ञानिक ब्राह्मण हैं। यही समाज अपने कर्मपथ से हट रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीयता की रक्षा सनातन संस्कृति की रक्षा से ही संभव है जिसके लिए ब्राह्मण को जागना होगा। राम, कृष्ण, परशुराम, बुद्ध और गांधी आदि एक विचार थे। यह विचार और ज्ञान भारत के उत्कर्ष पथ की सनातन संस्कृति भारतीयता की जीवनी शक्ति है। जिसे सांस्कृतिक आदर्श, पद्धतियां तथा व्यवस्थाएं प्राणवान करती रहीं हैं। अंत में एक बार फिर अशोक पांडे ने ब्राह्मण समाज की एकजुटता पर जोर दिया और कहा कि ब्राह्मणों के बिना विश्व का कल्याण नहीं हो सकता इस मौके पर जागेश्वर अवस्थी राजेंद्र अवस्थी आशीष अवस्थी सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। 
यज्ञोपवीत के लिए यहां कराएं पंजीकरण
 बांसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति ने यज्ञोपवीत के लिए बट्टू को का पंजीकरण कराने हेतु दर्जनभर संपर्क सूत्र जारी किए हैं। मोबाइल नंबर 9984 44444 2497 930 958
अनुज मौर्य रिपोर्ट

हाथी,घोड़ो ऊंटों के संग निकली कुड़वा वीर बाबा की भव्य शोभायात्रा

अंगद राही

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के पहाड़पुर मजरे कुम्हरावां ग्राम पंचायत में स्थित प्राचीन कालीन कुड़वावीर बाबा की तपोस्थली पर आयोजित कुड़वा वीर बाबा का ऐतिहासिक धनुष यज्ञ मेला संपन्न हुआ। चार दिवसीय मेले के अंतिम दिन बड़े ही धूमधाम से कुड़वा वीर बाबा की तपोस्थली प्रांगण से गत वर्षो की भांति वरिष्ठ समाजसेवी पंडित गिरजा शंकर मिश्रा की अगुवाई में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें गांव के दिलीप अवस्थी, संकट मोचन मिश्रा, राकेश त्रिवेदी प्रदीप अवस्थी, विश्वास मिश्रा, विनायक मिश्रा, मोनू पारुल ,श्रेयस,सत्यम,करन,कृष्णा,विभू,अनिरुद्ध, राहुल, मुन्ना, संतराम, नीरज अवस्थी, अंकुर बाजपाई, अंशुल बाजपेई, राजेश त्रिवेदी, राम सजीवन, अंशू त्रिवेदी, उत्कर्ष, हर्ष अवस्थी सहित युवाओं एवं किशोरों ने भोलेनाथ, राजा दशरथ,राम दरबार,राजा जनक, भक्त प्रहलाद,हनुमान, कृष्ण-बलराम, परमवीर छत्रपति शिवाजी,विश्वामित्र, गुरु वशिष्ठ,नारद सहित भगवानों के स्वरूप का दिव्य अभिनय करके रथ एवं हाथी, घोड़ों, ऊंटों पर सवार होकर आकर्षक झांकियां निकालकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। शोभायात्रा कुम्हरावां, श्री बरखण्डीनाथ,भैरीखेड़ा,शिवगढ़,दामोदर खेड़ा,भवानीगढ़,मनऊ खेड़ा,पिपरी,पूरे पाण्डेय,ढेकवा  होते हुए पुनः कुड़वावीर बाबा की तपोस्थली पर पहुंची। शोभायात्रा में क्षेत्र ही नहीं दूर दराज से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर कुड़वा वीर बाबा से मन वांछित आशीर्वाद मांगा। विदित हो कि कुंडवा वीर बाबा का ऐतिहासिक मेला करीब 150 वर्षों से निरंतर होता चला आ रहा है। मान्यता है कि कुड़वा वीर बाबा के आश्रम पर जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मनोकामना मांगता है उसकी मान्यता अवश्य पूरी होती है। इस मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षक फूलचंद त्रिवेदी, प्रधान प्रतिनिधि अनूप मिश्रा, समाजसेवी पवन मिश्रा, जय अवस्थी, देवेंद्र अवस्थी, मोहन हरिवंश उर्फ राजू सहित लोग मौजूद रहे।

अंग्रेज भी बाबा की तपोस्थली हो गए थे नतमस्तक

बताते हैं कि कुड़वा वीर बाबा की प्राचीन कालीन तपोस्थली करीब 250 वर्ष पूर्व खुदाई में मिली थी। करीब 150 वर्षों से कुड़वा वीर बाबा का निरंतर मेला लगता चला रहा है। मान्यता है कि मंदिर के पास से गांव को जाने वाले रास्ते से अंग्रेजों ने पहाड़पुर गांव की पावन तपोभूमि में कई बार दाखिल होने की कोशिश की किंतु मंदिर के पास आते ही घोड़ों के पैर अपने आप ठहर जाते थे जिसके बाद अंग्रेजों के द्वारा काफी कोशिशें किए जाने बावजूद घोड़े एक कदम आगे नहीं बढ़ाते थे। यही कारण है कि इस तपोस्थली पर फिरंगी भी नतमस्तक हो गए थे। जिसकी खुशी में ग्रामीणों द्वारा प्रतिवर्ष धान की फसल कटने पर बाबा की तपोस्थली पर भंडारे एवं उत्सव का आयोजन किया जाता था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा निरंतर चली आ रही है। इस परंपरा को जीवंत रखने के लिए समूचा पहाड़पुर गांव समर्पण की भावना से लगा रहता है।

शिवगढ़ में बुद्ध विहार मेला आगामी 10 दिसंबर को

अंगद राही

रायबरेली।शिवगढ़ क्षेत्र के चंदापुर गांव में स्थित तथागत बुद्ध विहार एवं बोधिसत्व बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर प्रेरणा स्थल पर आगामी 10 दिसंबर को विशाल धम्म मेले का आयोजन किया जाएगा। विदित हो कि बौद्ध उपासकों द्वारा तथागत बुद्ध विहार का निर्माण कराया गया है। जिसमें भगवान बुद्ध एवं बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। नवनिर्मित बुद्ध विहार का स्थापना दिवस समारोह आगामी 10 दिसंबर दिन मंगलवार को प्रातः 9 बजे से मनाया जाएगा। उक्त जानकारी संस्थापक बैजनाथ द्वारा दी गई। मेले का आयोजन शोध अधिकारी आनंद कुमार ,इंजीनियर दीपक गौतम, कुमार ,शैलेश, प्रधान रामचंद्र, डॉ अशोक, राजाराम गौतम, भानु प्रताप सिंह, बेचालाल ,राम सजीवन, प्रेम नारायण ,रामकिशोर बौद्ध ,रामहेत, रामफेर एवं समस्त बौद्ध उपासक सहित लोगों द्वारा किया जाएगा।

रामजानकी मंदिर में विधि-विधान पूर्वक हुआ श्रीरामचरितमानस पाठ

विपिन पांडेय

रायबरेली। हिंदू युवा वाहिनी इकाई द्वारा शिवगढ़ कस्बे में स्थित रामजानकी मंदिर में विधि-विधान पूर्वक रामचरितमानस पाठ का आयोजन किया गया। जिसमें हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों एवं क्षेत्र के लोगों ने पूर्ण्य की लालसा से श्रीरामचरितमानस पाठ पढ़कर क्षेत्र की खुशहाली एवं अमन चैन के लिए प्रभु श्रीराम से दुआएं मांगी। श्रीरामचरितमानस पाठ के समापन पर विधि-विधान पूर्वक मंत्रोच्चारण के साथ 11,000 देवी देवताओं को पूर्णाहुति दी गई। इस मौके पर हिंदू युवा वाहिनी के योगेश सिंह, लवकुश मिश्रा, दुर्गेश गिरी, प्रदीप दीक्षित अंकित सिंह, जितेंद्र सिंह, ललित तिवारी, अमन सिंह अभिषेक सिंह,पवन दीक्षित,अखिलेश सिंह, धर्मराज सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

पवित्र बेला पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, डलमऊ घाट पहुंचा बैलगाड़ियों का करवा 

पवित्र बेला पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, डलमऊ घाट पहुंचा बैलगाड़ियों का करवा 

 

डलमऊ रायबरेली- कार्तिक पूर्णिमा मेले में चार चांद लगाने के क्रम में नगर पंचायत डलमऊ द्वारा आयोजित आठ दिवसीय डलमऊ महोत्सव कार्यक्रम के क्रम में आज मंगलवार को सूचना एवं जन संपर्क कार्यालय लखनऊ से अजय अजय जादूगर द्वारा विभिन्न प्रकार के जादू के कार्यक्रम दिखाकर लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया वहीं इसी क्रम में सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के कलाकारों द्वारा विभिन्न गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया डॉक्टर श्रेया एंड टीम के कंचन मधुर कला संगम के सुशील सोलंकी रीना कंचन आदि के साथ टीम के अन्य कलाकारों द्वारा मेरा देश रंगीला गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया और लोगों की खूब तालियां बटोरी.  डलमऊ महोत्सव के व्यवस्थापक शुभम गौड़ ने बताया कि डलमऊ महोत्सव का कार्यक्रम 18 नवंबर तक चलेगा जिस में प्रतिदिन कलाकारों द्वारा गीत संगीत और नृत्य के कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे इस मौके पर उपजिलाधिकारी डलमऊ सविता यादव तहसीलदार प्रदीप त्रिपाठी नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौड़ अधिशासी अधिकारी अमित कुमार कोतवाली प्रभारी श्री राम मनोज कुमार पांडे इरफान हुसैन दिलीप बाजपेई शैलेश मिश्रा आदि के साथ सैकड़ों कस्बा वासी मौजूद रहे

 

कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी 

 

डलमऊ गंगा तट पर प्रतिवर्ष होने वाले कार्तिक पूर्णिमा स्नान के पर्व पर जनपद के साथ गैर जनपद से आए लाखों श्रद्धालुओं ने अर्ध रात्रि से ही आज मंगलवार को गंगा मैया के जयकारों के साथ मां गंगा की जलधारा में आस्था की डुबकी लगाई गई और देर शाम तक श्रद्धालुओं द्वारा गंगा स्नान का क्रम जारी रहा इसी के साथ गंगा स्नान के बाद गंगा तट के किनारे स्थित मंदिरों और शिवालयों में श्रद्धालुओं द्वारा पूजा अर्चना की गई तथा घाट के किनारे आए हुए श्रद्धालुओं ने विभिन्न प्रकार के मांगलिक कार्य संपन्न कराए गए क्षेत्रीय प्रशासन नगर पंचायत तथा पुलिस प्रशासन किस चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था होने के कारण किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटने की कोई सूचना नहीं है.

आज मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व के अवसर पर डलमऊ गंगा तट के स्नान किला घाट सड़क घाट रानी शिवाला घाट पक्का घाट संकट मोचन घाट पथवारी घाट शुकुल घाट महावीरन घाट बड़ा और छोटा छोटा मठ घाट श्मशान घाट तराई घाट आदि के साथ 1 दर्जन से अधिक घाटों पर दूरदराज से आए लगभग 6 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और गंगा तट के किनारे स्थित मंदिरों और शिवालयों में जलाभिषेक करते हुए पूजा और अर्चना की गई तथा गंगा तट के स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं द्वारा विभिन्न प्रकार के मांगलिक कार्य संपन्न कराए गए किसी ने ढोल और नगाड़े के साथ मुंडन संस्कार कराया तो किसी ने सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी

गंगा स्नान के बाद जनपद के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं के मेला क्षेत्र में लगे पंडाल में लोगों द्वारा अस्थाई रूप से भोलेनाथ की व्यवस्था की गई उसके बाद मेले में सजी विभिन्न प्रकार की दुकानों में बच्चों से लेकर महिलाएं व पुरुष तथा वृद्धों ने खूब जमकर खरीदारी की गई जहां एक और छोटे बच्चों ने अपने मनचाहे खिलौने लेकर और विभिन्न प्रकार के झूले खिलौने देख कर आनंदित हुए वहीं महिलाओं द्वारा अपनी श्रृंगार और गृह उपयोगी संबंधी खरीदारी की गई वहीं युवा और वृद्ध किसी ने लाठी खरीदी तो किसी ने वस्तु खरीद कर मेले का लुफ्त उठाया और देर शाम होते होते अपने पडा़ओ पर पहुंचकर घर के लिए रवाना होने लगे.

 

मेले में बिछड़े पति पत्नी खोया पाया केंद्र में मिले

 

डलमऊ गंगा घाट पर ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेला सकुशल प्रशासन की देखरेख में संपन्न हो गया है मेले में प्रशासन द्वारा खोया पाया केंद्र की व्यवस्था की गई थी। जिसकी वजह से 145 भटके लोग खोया पाया केंद्र में मिले। स्नान घाटों के साथ-साथ कस्बे के प्रत्येक मार्गों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही। जिसकी वजह से लोग एक दूसरे से बिछड़ गए। इसी दौरान एक पति पत्नी एक दूसरे से बिछड़ गए जिसको खोया पाया केंद्र में मिलाया गया।

 

और जब पशुओं की खुरो से निकला खून

 

डलमऊ ऐतिहासिक नगरी आज भी अपनी ऐतिहासिकता संजोए हुए हैं इसकी मुख्य वजह है यहां का कार्तिक पूर्णिमा मेला जहां पर कई वर्षों से चली आ रही परंपरा को श्रद्धालु आज भी निभाते चले आ रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा मेले में बैल गाड़ियों का सहारा लेकर श्रद्धालु गंगा घाट पर आए हुए थे। कई मिलमील चल कर आय पशुओं के खुरो  से खून निकलने लगा लेकिन फिर भी पशुओं की आस्था कम नहीं पड़ी वह लंगड़ाते हुए श्रद्धालुओं के साथ आखिरकार गंगा घाट पर पहुंच ही गए। और गंगा जी का स्पर्श करने के बाद पशु एवं श्रद्धालुओं का दर्द पल भर में मिट गया।

 

जमकर हुई वितासखाने में खरीददारी

 

कार्तिक पूर्णिमा मेले में विभिन्न क्षेत्रों में जनपदों से आई दुकानों में श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी की बिसात खाने की दुकानों में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ लगी रही। वही स्नान घाटों पर लगी प्रसाद की दुकानों में श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी की।

 

मेले के दौरान अधिकारियों ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा 

 

कार्तिक पूर्णिमा मेले में आए लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर स्नान करने के पश्चात विधिपूर्वक पूजा अर्चना कर किया। मंगलवार को मेला जैसे ही संपन्न होने की कगार पर पहुंचा वैसे ही डीएम शुभ्रा सक्सेना और एसपी स्वप्निल ममगई ने मेले में व्यवस्थाओं का जायजा लेने लगे। इस दौरान अधिकारियों के कुछ देर तक धड़कने बढ़ने लगी। अधिकारियों ने सर्वप्रथम कस्बे के वीआईपी घाट पहुंचे वहां पर मेले में आए श्रद्धालुओं से व्यवस्थाओं के विषय में जानकारी लेने लगे। इसके पश्चात मोटर बोट से नौका विहार भी किया और इस स्नान घाटों की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से पूछताछ भी की। मंगलवार को का मेला के शुभ अवसर पर कस्बे के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमडा रहा।

 

 मेले में बने अस्थाई बस स्टैंड में यात्रियों को हुई परेशानी

 

डलमऊ कार्तिक  पूर्णिमा में आने वाले श्रद्धालुओं को आने-जाने के लिए परिवहन निगम द्वारा 56 बसें लगाई गई थी जिनके लिए अस्थाई बस स्टैंड सराय दिलावर के पास बनाया गया स्टैंड दूर होने की वजह से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होती रही 5 किलोमीटर उन्हें पैदल चलकर गंगा स्नान के लिए जाना पड़ता था वहीं पर बसों की पर्याप्त व्यवस्था ना होने की वजह से यात्रियों को घंटों बसे के लिए इंतजार करना पड़ता है वहीं जब कोई बस आती तो चढ़ने के लिए भगदड़ सी मच थी जिसको लेकर परिवहन निगम के कर्मचारी लापरवाह दिखे पर्याप्त बसें उपलब्ध ना होने की वजह से यात्रियों में अफरातफरी मची रही एक दूसरे को धक्का-मुक्की करते हुए बसों में लोग चढ़ते नजर आए जहां पर बुजुर्गों व महिलाओं को काफी परेशानी भी झेलनी पड़ी

दुर्गा पूजा के बाद गरबा नृत्य ने मोहा मन

लखनऊ। श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा में विकल्प खण्ड, गोमती नगर स्थित दुर्गा पूजा में सुबह महा नवमी की पूजा में नीरा सिन्हा (वर्षा) संस्थापक अध्यक्ष एवं संरक्षक, लीपिका उकील, अनुपम सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव सहित कमेटी के सभी सदस्यों तथा भक्तो ने पूजा अर्चना की।पूजा पंडाल में समर्थ नारी - समर्थ भारत भी झलकता है, श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा  मे पुष्पांजली एंव आरती की गयी, मॉं को भोग  लगाने के बाद भोग वितरण भी किया गया,  वहीं शाम को शंखनाद प्रतियोगिता एवं भारतीय पारम्परिक परिधान,गरबा  नृत्य की  मन मोहक प्रस्तुति भी हुई।

बाबा बैजनाथ के भंडारे में हजारों भक्तों ने छका प्रसाद

विपिन पाण्डेय

रायबरेली/शिवगढ़। शिवगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत गूढ़ा में गत वर्षो की भांति कांवड़ियों एवं ग्राम प्रधान व ग्रामीणों के सौजन्य से बाबा बैजनाथ के विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्ण्य की लालसा से हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद छककर मनोकामनाएं मांगी। विदित हो कि गूढ़ा ग्राम पंचायत से प्रतिवर्ष कांवड़ियों के कई जत्थे बाबा बैजनाथ के दर्शन के लिए रवाना होते हैं। जो बाबा बैजनाथ के दर्शन करके वापस आने के बाद ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से विशाल भंडारे का आयोजन करते हैं। भंडारे में क्षेत्र ही नहीं दूरदराज से आने वाले सैकड़ों श्रद्धालु भंडारे में शिरकत करके प्रसाद छककर बाबा बैजनाथ से दुआएं मांगते हैं। पूर्वाहन 11 बजे से शुरू हुआ भंडारा देर रात तक चलता रहा। आयोजक कमेटी के मुताबिक भंडारे में 10 हजार से अधिक श्रद्धालु भंडारे में शामिल होकर प्रसाद छकते हैं। इस मौके पर ग्राम प्रधान रामहेत रावत, आशीष कुमार वर्मा, रामकिशोर, सुरेश, आलोक कुमार, जयवर्धन सिंह, सतगुरु, दयाराम, धनीराम, रामहेत, वासुदेव, राम सुमिरन, रुपेश रावत, सुरेश रावत, जगदीश, रूबी, विजय संतोष राजेंद्र रिंकू प्रेमी चंद्रपाल अंकित अरविंद राजाराम संजय इंदल लखन विनोद कुमार अवधेश शिव प्रकाश नंदू बबलू रामअचल अवधेश सहित हजारों की संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।