News Plus

सीएम के मीडिया एडवाइजर के बारे में भड़ास4मीडिया एडिटर ने लिखी यह बड़ी बात

न्यूजडेस्क - मीडिया जगत में शायद ही कोई ऐसा चेहरा हो जो भड़ास4मीडिया या उसके एडिटर  यशवन्त सिंह के नाम से परिचित न हो , उसका रीजन यह नहीं कि सिर्फ खबरें प्रकाशित करने से उनकी पहचान हो, बल्कि यह पहचान मिली है उनकी बेबाक शैली, तीखी लेखनी व भड़ास4मीडिया की मेहनत से, यशवन्त सिंह भड़ास 4 मीडिया के एडिटर होने के साथ साथ एक बेबाक व निष्पक्ष इंसान भी हैं, एक बार अगर किसी की यशंवत सिंह से मुलाकात हो जाए तो वह आजीवन अविस्मरणीय हो जाती है।
इस बार यशवन्त सिंह ने ऐसी मिशाल पेश की है जो कि आज के समय मे कोई करने को तैयार न हो, एक छोटे से सन्देश से जो कि सिर्फ सोशल मीडिया पर मिला हो, उसपर पूरी गम्भीरता दिखाते हुए यशवन्त सिंह ने न सिर्फ खुद अपने सूत्रों से मामले की पड़ताल कराकर पीड़िता की मदद की बल्कि मामले में कार्यवाही में हो रहे विलम्ब पर मामला सीएम कार्यालय तक पहुंचा दिया, एक रेप पीड़िता जिसकी मदद कोई न कर रहा हो उसके बारे में पूरी पड़ताल व कार्यवाही कराने तक का जो कार्य यशवन्त सिंह ने किया है, उससे उनकी प्रशंसा हो रही है, सोशल मीडिया पर भी लोग इस कार्य की सराहना कर रहे हैं।
खुद यशवन्त सिंह ने पूरे मामले को सोशल मीडिया पर बयां किया है,

आगे पढ़ें यशवन्त सिंह ने पूरे मामले मे विस्तार से क्या लिखा....

भड़ास4मीडिया एडिटर यशवन्त सिंह की फेसबुक वाल से

इसे कहते हैं 'मृत्युंजय' होना!

जिला जौनपुर के एक गांव की बेहद गरीब लड़की, दलित परिवार की बेटी, भूमिहीन की बेटी... रोते बिलखते उसका कल फोन आया था... उसके प्रेमी ने शादी के लिए अपनी दीदी को उसे दिखाने के वास्ते बुलाया... पर उसने महापाप कर दिया... उसने धोखा दिया... उसने जबरदस्ती कर दी.. उसने लड़की से बलात्कार किया...  
लड़की की इतनी हिम्मत-हैसियत नहीं कि वह थाने जाकर मुकदमा दर्ज करा सके... उसने इंटरनेट पर नंबर ढूंढा... पता नहीं कैसे मेरा नंबर उसके हाथ लग गया... उसे टालना चाहा.... पर उसकी सिसकन, रुदन, आर्तनाद ने अलग न होने दिया... उसके लिए कुछ करना चाहा... उसने सुसाइड की बात कही... उसे ज़िंदा रहने देने के लिए उसके साथ खड़े होने का दिल चाहा..
ये सब बातें कल लिख चुका हूं... फिर इसलिए संक्षेप में लिख रहा कि जो न पढ़े हों, वो थोड़ा बैकग्राउंड जान लें ताकि आगे की स्थिति को अच्छे से समझ सकें...
अमर उजाला, जौनपुर के ब्यूरो चीफ विनोद तिवारी को फोन किया.. पूरा माजरा बताया.... उनने फौरन खबर बनाकर बनारस मुख्यालय भेजा... एक सुनार के यहां करोड़ों की डकैती के खुलासे के लिए जौनपुर कैंप किए बनारस रेंज के आईजी से विनोद तिवारी ने इस प्रकरण पर बात कर पीड़ित लड़की को न्याय दिलाने और रेपिस्ट को अरेस्ट कराने का अनुरोध किया. आईजी साहब ने लड़की से कंप्लेन लिखवाने को कहा.
विनोद जी ने मुझे बताया कि आईजी साहब ने कंप्लेन लिखवाने के लिए कहा है. लड़की कंप्लेन लिख कर दे तो पुलिस एक्टिव हो जाएगी..
मैं सोचने लगा.॥यह पूरा सिस्टम इतना संवेदनहीन, इतना औपचारिक, इतना ठस, इतना एकतरफा, इतना कागजी, इतना बासी, इतना पुराना, इतना जनविरोधी क्यों है...
मैंने लड़की से बातचीत के दो आडियो भेज रखे थे... दलित लड़की और  उसके भूमिहीन मां पिता की इतनी हिम्मत नहीं कि वे थाने जाकर कंप्लेन लिखा सकें... ऐसे में क्या सिस्टम खुद संज्ञान लेकर एक्टिव नहीं हो सकता? मुन्ना भाई एमबीबीएस फिल्म का वो सवाल-सीन दिमाग में घूम गया जिसमें मुन्ना भाई मेडिकल की पढ़ाई के वक्त अपने प्रिंसिपल से पूछता है कि जब कोई घायल व्यक्ति अस्पताल में आएगा तो पहले उसका इलाज शुरू होगा या उसका नाम पता लिखकर पुलिस केस की प्रक्रिया शुरू होने के बाद ही उस पर डाक्टर हाथ लगाएगा.. 

कुछ इसी टाइप सवाल था...

आशय ये कि अस्पताल के द्वार घायल आया है तो फौरन इलाज करो.. पर्चा लिखाने और पुलिस में रिपोर्ट लिखाने का इंतजार कर उसे मरने के लिए न छोड़ो...

अगर सबसे हाशिए के किसी व्यक्ति पर अत्याचार की सूचना मिल गई है तो फौरन उसे न्याय दिलाने के लिए सक्रिय हो जाओ, न कि उसके द्वारा कंप्लेन लिखे जाने और थाने में सबमिट किए जाने का इंतजार करो....

मुझे कोफ्त होने लगी... 

आखिर ये पूरा फौज फाटा लाव लश्कर सत्ता सिस्टम पुलिस प्रशासन मीडिया न्यायपालिका थाना कचहरी डीएम एसएसपी मंत्री संतरी है क्यों? किसके लिए निर्मित है... इसका मकसद क्या है... क्या यह सब कुछ सबसे कमजोर आदमी की रक्षा के लिए, सबसे हाशिए के आदमी को न्याय दिलाने के लिए, दबे कुचलों को मुख्यधारा में लाने के लिए नहीं है? अगर है तो फिर सब इतने आत्मकेंद्रित क्यों हैं... सब अपने अपने खोल में बैठे आत्ममुग्ध से क्यों हैं... 

मुझे गुस्सा आने लगा... खुद के पत्रकार होने पर, खुद के एक संवेदनशील इंसान होने पर शर्म आने लगी.. कुछ न कर पाने की पीड़ा परेशान करने लगी...

ऐसे में याद आए Mrityunjay जी. यूपी के सीएम के मीडिया एडवाइजर. दशक भर से ज्यादा वक्त तक ये अमर उजाला जैसे अखबारों में संपादक रहे. तबसे परिचय है. उन्हें कल रात में फोन लगाया और सीधा सा सवाल पूछा कि क्या ये सत्ता सिस्टम समाज के सबसे हाशिए के व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए किसी लिखित कंप्लेन का इंतजार करता हुआ सोता रहेगा या स्वत:संज्ञान लेकर खुद सत्ता के साहेब लोग पीड़ित के दरवाजे पहुंचेंगे और न्याय दिलाने की पहल करेंगे? 

मृत्युंजय भाई फौरन फोन उठाते हैं. उन्हें पता होता है कि अपन उनसे कभी दलाली बट्टा की बात न करेंगे. उनसे किसी की ट्रांसफर पोस्टिंग की सिफारिश न करेंगे. मृत्युंजय जी का खुद का स्वभाव भी ऐसा नहीं है... वह एकदम सपाट, बेबाक और सहज हैं... सुनेंगे सबकी... पर ऐसा कुछ न करेंगे जो उनके स्वभाव के प्रतिकूल हो... नियम कानून के हिसाब से जो कुछ सही होगा, वही करेंगे.... और, ऐसा ही सबको करने की सलाह भी देंगे... मुझे ऐसे आदमी सही लगते हैं... ऐसा आदमी संवेदनशील होता है.. ऐसा आदमी दलालों-चोट्टों से घिरा नहीं रहता... ऐसा आदमी वक्त निकाल लेता है उन पीड़ितों के लिए जिनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं...

मृत्युंजय भाई ने मेरा सवाल सुनकर सीधा जवाब दिया, एक लाइन में- यशवंत जी, बताइए मामला क्या है. सत्ता सिस्टम बिलकुल पीड़ित के दरवाजे पर पहुंचेगा... 

मैंने उनसे अनुरोध किया कि कलम उठाएं और नोट करें...

उनने कहा कि एक मिनट दीजिए... भोजन पर बैठा हूं... अब आगे एक कौर न खाउंगा... हाथ धोने भर का वक्त दीजिए... आपको कालबैक करता हूं...

एक मिनट भी न बीता होगा, मृत्युंजय भाई का फोन आया... उनने नोट करना शुरू किया... जिला जौनपुर थाना सराख्वाजा... गांव, लड़की का नाम, उसके साथ हुआ घटनाक्रम... 

उनने कहा- अब आप फोन रखिए... आपका काम खत्म. अब मेरा काम शुरू.... उनका मेरा सा आशय ये था कि राज्य सरकार के संज्ञान में आपने प्रकरण ला दिया... राज्य सरकार का एक हिस्सा होने के नाते अब आश्वस्त करता हूं कि राज्य सरकार अब अपना काम शुरू करता है, पीड़ित के द्वार पहुंचकर उसे न्याय दिलाने के लिए...

पांच मिनट भी नहीं बीते होंगे... खुद डीजीपी से लेकर आईजी बनारस, एसएसपी जौनपुर, थानेदार सरायख्वाजा एक के बाद एक धड़ाधड़ एक्टिव होने लगे... लखनऊ से लगातार आ रहे फोन काल्स और निर्देशों से जौनपुर का अलसाया पुलिस महकमा एलर्ट मोड में आ गया...

रात ग्यारह बजे आईजी का फोन मेरे पास आया... उनके साथ दूसरी तरफ कॉल पर सराख्वाजा के थानेदार थे... पूरा प्रकरण उनने मुझसे दुबारा जाना समझा और पुलिस फोर्स को पीड़िता के दरवाजे पहुंचने का निर्दश जारी किया.. रात बारह बजे लड़की के घर थानेदार समेत पुलिस फोर्स पहुंच चुकी थी. 

लड़की का फोन मेरे पास आया... थैंक्यू भइया... पुलिस के लोग आ गए हैं... मुझे अब मुकदमा नहीं लिखाना है... मुझे उस लड़के से शादी करनी है...

मैंने दस मिनट उसे समझाया... बेटा, भय बिन होई न प्रीत... पहले मुकदमा लिखाओ... लड़का अरेस्ट होगा... फिर तुम उससे शादी के लिए कहना.. न करे तो उसे जेल भिजवाओ... 

उसे समझ में आ गया.... गेट पर इंतजार कर रहे थानेदार के आगे जाकर भूमिहीन दलित मां पिता और बेटी ने पूरा वाकया बयान किया... पुलिस विनम्र भाव से सिर झुकाकर सब कुछ नोट करने के बाद बिटिया को आश्वस्त किया कि हम सब आपके साथ हैं, आपको न्याय मिलेगा.

लड़की का अभी कुछ देर पहले फोन आया. कहने लगी, भइया थाने जा रही हूं, थानाध्यक्ष ने रात कहा था कि आप कल कभी भी थाने आ जाइएगा. 

मैंने कहा- थाने जाे में डर तो नहीं लग रहा? 

उसका जवाब था- अब नहीं. रात में उन लोगों ने बहुत अच्छे से बात किया. मुझे पहले डर लगता था पुलिस से. लेकिन कल उनसे बात कर, उनका व्यवहार देखकर लगा कि ये अच्छे लोग हैं. मुझे थाने जाने में कोई डर नहीं अब.

मैंने कहा- आप भले ही गांव की सबसे गरीब घर की हो, आप भले ही एक भूमिहीन दलित परिवार से हो... आपके पिताजी भले ही एक लेबर का काम करके आप सबका गुजारा करते हैं... आपका भले ही इस सत्ता सिस्टम समाज में कोई पैरोकार नहीं... बावजूद इसके, पूरी राज्य सरकार आपके साथ खड़ी है... इसलिए क्योंकि लखनऊ में स्थित राज्य सरकार के हेडक्वार्टर में एक ऐसा शख्स भी बैठा है जिसके लिए किसी पीड़ित को न्याय दिलाना उसकी निजी संवेदना और सरोकार का हिस्सा है. 

ऐसे दौर में जब खाए अघाए धूर्त नौकरशाह, मदमस्त सत्ताएं, करप्ट पुलिस  के आगे पीड़ित अपनी बात कहते कहते थक कर चुप हो जाते हैं, हार कर घर बैठ जाते हैं, एक अकेले मृत्युंजय कुमार का होना ये आश्वस्त करता है कि चंद अच्छे लोग हर कहीं होते हैं जिनके दम पर पूरा सिस्टम ये भरोसा देता रहता है कि सब कुछ बिगड़ा नहीं. कुछ लोग हैं जो लोकतंत्र को, न्याय को, सरोकार को जिंदा रखना चाहते हैं... इस भावना को अपने रुटीन जीवन में जीते हैं... 

बहुत से चपल चालाक किस्म के धूर्तों को ये लगेगा कि यशवंत ने मृत्युंजय की कुछ ज्यादा ही तारीफ कर दी... पर कल रात में अपन और मृत्युंजय भाई ने एक भूमिहीन दलित लड़की की पीड़ा का स्वत: संज्ञान लेकर जिस किस्म का आपरेशन चलाया, जिस तरह से सत्ता सिस्टम फौज फाटे को समाज के सबसे आखिरी पायदान के आदमी के दरवाजे पर ला खड़ा किया, वह अभूतपूर्व था. 

वो लड़की गर्व से भर गई.

जिला प्रशासन की अनदेखी देखिए छप्पर के नीचे रहने को मजबूर 8 लोगों का परिवार

जिला प्रशासन की अनदेखी देखिए छप्पर के नीचे रहने को मजबूर 8 लोगों का परिवार

 

बहन और भाई है विकलांग बावजूद अनदेखी पर उतारू है जनपद के अधिकारी

 

रायबरेली- नाम पंकज सिंह निवासी ग्राम कोड़रा मजरे रहवा थाना हरचंदपुर प्रशासन से उम्मीद एक कमरा बन जाए 8 लोगों का परिवार सुरक्षित तरीके से जीवन यापन करने लगे। स्थिति हर अधिकारियों के पास से सिर्फ कल परसों हो जाएगा का जवाब। यथास्थिति मुख्यमंत्री को लिखा पत्र कहा आवास योजना के अंतर्गत आवास दिलाया जाए हो गया हूं प्रताड़ित। जी हां! रायबरेली जिला प्रशासन के नाकामयाबी और अपनी बेबसी का शब्द-शब्द जिक्र पंकज सिंह ने अपने प्रार्थना पत्र में किया है उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम प्रार्थना पत्र लिखकर कहा है हुजूर माता-पिता द्वारा बनवाई गई एक कोठरी में 8 लोगों का परिवार गुजर-बसर कड़ी कठिनाइयों के साथ हो रहा है और अब बड़ी तकलीफ उस कोठरी में हो रही है तथा छप्पर भी रख लिया है 2011 के सर्वे में उनका नाम है पात्र होने के बावजूद आज तक आवाज नहीं मिला। पंकज सिंह आगे लिखते हैं हुजूर ना हमारे पास जमीन है ना ही कोई सरकारी नौकरी हमारी बहन भी विकलांग है भाई भी विकलांग है उसका हाथ टूटा हुआ है जितने अधिकारी हैं छोटे से लेकर बड़े तक सबके पास वह पहुंचे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई इन अधिकारियों को निर्देश दिया जाए की तत्काल कार्यवाही करें आवास देने के लिए तत्काल कार्यवाही करें जिनके वह पात्र हैं।

 

शब्दों से प्रार्थना पत्र में झलक रही है जरूरत लेकिन प्रशासन उसका कुछ कहना ही नहीं!

 

मीडिया के समक्ष आकर पंकज सिंह अपनी दुश्वारियां बताने लगे उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम लिखे प्रार्थना पत्र को मीडिया के सामने रखा जिसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्हें एक घर की तत्काल जरूरत है लेकिन रायबरेली जिला प्रशासन को आम आदमी से क्या लेना देना क्या प्रशासनिक व्यवस्थाएं ऐसे ही चलती रहेंगी आम आदमी ऐसे ही दर दर की ठोकरें खाएगा सवाल किसी की जरूरत का भी है किसी की सुरक्षा का भी है लेकिन जिला प्रशासन इसमें रुचि नहीं लेता क्योंकि वहां अपने पुराने ढर्रे से काम कर रहा है उसके लिए सरकार एक खेल बन गई हैं और मुख्यमंत्री भी सिर्फ आदेश तक सीमित रह गए हैं। उत्तर प्रदेश के अब तक के बेहद सख्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी दिन पति जाए अगर वह यह प्रार्थना पत्र पढ़ ले लेकिन वह दूर की बात है भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी आम जनमानस के इस दर्द को सुनना चाहिए भाजपा के जिला अध्यक्ष को भी इस दर्द को महसूस करना चाहिए आखिर एक असहज व्यक्ति किन कठिनाइयों में आप की सरकार से एक घर मांग रहा है।

 

घर के इर्द-गिर्द नहीं है सरकारी हैंडपंप

 

सरकारी हैंडपंप को अगर बंदरबांट कह दिया जाए तो सियासतदानों में भी हड़कंप मच जाएगा लेकिन उसका प्रयोग मत कीजिए क्योंकि नेता से लेकर सरकारी महकमे तक को बुरा लग जाएगा इसलिए हम वह शब्द वापस लेते हैं। इसकी जगह यहां  कह दिया जाए क्या जरूरतमंद के घर हैंडपंप पहुंचाए गए हैं तो उसका जवाब है नहीं हैंडपंप तो जुगाड़ से हरेक घरों में फिट करा दिए गए हैं और पानी की हर एक बूंद उन्हीं घरों में गिरती है जहां पर पहुंच और पकड़ होती है। पंकज सिंह अपने दूसरे प्रार्थना पत्र में जिला अधिकारी को लिखते हुए एक सरकारी हैंडपंप की भी मांग करते हैं वह लिखते हैं हमें तत्काल एक सरकारी हैंडपंप मुहैया कराया जाए जिससे कम से कम पानी की तो सुगम व्यवस्था हो सके।
अनुज मौर्य रिपोर्ट( न्यूज़ डेस्क हेड)

रायबरेली के इस राजमहल में आज भी लगता है जनता दरबार, फरियादियों के साथ होता है इंसाफ

राजदरबार में होते हैं निष्पक्ष फैसले

अंगद राही


रायबरेली। पूर्व एमएलसी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजा राकेश प्रताप सिंह के शिवगढ़ राजमहल में पूर्व की भांति आज भी लगता है जनता दरबार। सरल एवं उदार व्यक्तित्व के धनी राजा राकेश प्रताप सिंह कि न्याय व्यवस्था पर लोगों को उतना विश्वास आज भी है जितना पहले था। बताते चलें कि पूर्व एमएलसी एवं शिवगढ़ रियासत के राजा राकेश प्रताप सिंह के दरबार में प्रत्येक रविवार को जनता दरबार लगता है। न्यायप्रिय राजा राकेश प्रताप सिंह अपने जनता दरबार में आने वाले फरियादियों की शिकायतों को न केवल सुनते हैं बल्कि मौके पर ही दूरभाष एवं पत्राचार के माध्यम से समस्याओं का त्वरित निदान करने की पूरी कोशिश करते हैं। श्री सिंह जनता दरबार में आने वाली जन समस्यात्मक एवं व्यक्तिगत समस्याओं को पूरी गंभीरता से लेकर उनका समाधान करने की पूरी कोशिश करते हैं। यही कारण है कि रविवार को शिवगढ़ राजमहल में लगने वाले जनता दरबार में फरियादियों की  काफी भीड़ लगी रहती है। सबसे बड़ी मजे की बात है कि जनता दरबार में निष्पक्ष भाव से लोगों को त्वरित न्याय मिल जाता है। फरियादियों को कोर्ट कचेहरी अथवा अधिकारियों की चौखट के चक्कर  नही काटने पड़ते हैं। श्री सिंह पत्राचार के माध्यम से क्षेत्र की छोटी से छोटी समस्याओं को पीएम, सीएम एवं विभागीय अधिकारियों व मंत्रियों तक पहुंचा कर उनका समाधान कराने की कोशिश में लगे रहते हैं। लोग शिवगढ़ रियासत के राजा राकेश प्रताप सिंह को जिले की आन बान शान मानते हैं। क्षेत्र के लोगों की माने तो किसी ने आज तक राजा साहब को किसी अधिकारी अथवा किसी व्यक्ति से ऊंची आवाज में बात करते नहीं देखा। राजा साहब अपनी मृदुल वाणी से बड़े से बड़े काम चुटकी बजाकर करा लेते हैं।

सक्षम शिवगढ़ टीम ने 192 जरूरतमंद परिवारों को बांटे कम्बल

सक्षम टीम द्वारा दिए गए अंशदान से किया गया कम्बलों का वितरण

26 जनवरी तक लगातार चलता रहेगा कम्बल वितरण अभियान

अगंद राही

 रायबरेली। पड़ रही कड़ाके की ठंड में गरीब, बेसहारा, वृद्धों एवं जरूरतमंद परिवारों को ठण्ड से राहत दिलाने के लिए गत वर्षो की भांति कम्युनिटी एम्पॉवरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ टीम द्वारा किये गए अंशदान से रविवार को शिवगढ़ राजमहल में स्थित कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब के सक्षम समागम हाल में  शिवगढ़ क्षेत्र की 21 ग्रामसभाओं के 192 परिवारों को कम्बल वितरित किए गए।

जबकि इससे पूर्व मंगलवार को 172 जरूरतमंद परिवारों को कंबल वितरित किए गए थे। बताते चले कि ये वही परिवार हैं जिन्हें कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब की टीम ने स्वयं प्रत्येक ग्रामसभाओं में जाकर गरीब, बेसहारा एवं वृद्धों को चिन्हित किया था। जो वास्तव में जरूरतमंद परिवार थे।

महिला को कंबल प्रदान करते हुए बाएं से शशि बाबू एवं सक्षम के संस्थापक डॉ विश्वजीत कुमार

विदित हो कि गरीब बेसहारा, वृद्धों एवं जरूरतमंदों को ठंड से राहत दिलाने के लिए कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब टीम का यह अभियान 26 जनवरी 2020 तक निरंतर चलता रहेगा। शिवगढ़ राजमहल में स्थित कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ के सभागार में आयोजित कम्बल सहयोग समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह व कम्युनिटी एम्पावरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ के संस्थापक डॉ. विश्वजीत कुमार, प्रधान संघ अध्यक्ष विनोद सिंह,जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि सत्येंद्र सिंह उर्फ शशि बाबू, पिपरी प्रधान अनुपमा तिवारी, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पिपरी प्रधान प्रतिनिधि नंदकिशोर तिवारी,ढेकवा प्रधान राज बहादुर सिंह,नेरुआ रायपुर प्रधान प्रतिनिधि रतीपाल रावत, भवानीगढ़ प्रधान प्रतिनिधि अखिलेश शुक्ला, रामपुर खास प्रधान प्रतिनिधि हनुमान सिंह, कवि जमुना प्रसाद पांडेय ‘अबोध’, विष्णु गोस्वामी सहित जनप्रतिनिधियों एवं सक्षम टीम ने अपने कर कमलों से जरूरतमंद परिवारों को कम्बल प्रदान किए गए।

लाभार्थियों के साथ सक्षम टीम एवं जनप्रतिनिधि

इस मौके पर कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब टीम से अग्रिमा अनु, अभिषेक सिंह, राजकुमार मौर्य, अनूप शुक्ला, सत्य प्रकाश शुक्ला, अमित पटेल, जितेंद्र पटेल, दिलीप वर्मा, दुर्गा शरण, शिव मोहन सिंह, अशोक पांडेय, राजकिशोर वर्मा ,मन्नू उर्फ मातादीन,रामू सहित कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब टीम मौजूद रही।

संदिग्ध परिस्थितियों में अज्ञात युवक की ठंड लगने से हुई म्रत्यु

 

रायबरेली- संदिग्ध परिस्थितियों में अज्ञात युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया युवक के ठंड लगने से मौत की जताई जा रही हैं  आशंका। शहर कोतवाली क्षेत्र के सुपर मार्केट, खालसा चौक का मामला। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि एक व्येक्ति खालसा चौक के पास पड़ा हुआ है सूचना पर पहुँची पुलिस ने जब युवक को जगाने की कोशिश करी तो वो न उठा जिसपर पुलिस उसे तत्काल अस्पताल ले गई जहां डॉक्टरों ने उसे जांच करने के बाद मृत घोषित कर दिया प्रथम दृष्टिकोण से युवक की ठंड लगने से ही बताई जा रही हैं बाकी पोस्टमार्टम आने के बाद ही पता चल पाएगा कि असलियत क्या है वही म्रतक का पुलिस द्वारा खोजबीन के बाद भी नाम निवास नही पता चल पाया है फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है 
अनुज मौर्य/सुरेश रिपोर्ट

यूपी में अवैध निर्माण और अनाधिकृत कालोनियों पर सख्त हुए सीएम योगी, दिए ये निर्देश

यूपी में अवैध निर्माण और अनाधिकृत कालोनियों पर सख्त हुए सीएम योगी, दिए ये निर्देश

 

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने प्रदेश में अनाधिकृत निर्माण (Illegal Construction) की प्रवृत्ति को रोकने के लिए पारदर्शी व व्यावहारिक शमन योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. इस योजना में आम नागरिकों के सुझावों को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी ने कहा कि एक निर्धारित समय-सीमा के अन्दर ये प्रस्ताव मांगे जाएं और उन पर तेजी से कार्यवाही करते हुए प्रभावी शमन योजना बनायी जाए.

मुख्यमंत्री ने लखनऊ स्थित लोकभवन में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के शमन योजना-2020 सम्बन्धी प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को ये निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि अवैध और अनाधिकृत निर्माण और कॉलोनियों (Unauthorized Colonies) में व्यावहारिकता के आधार पर शमन शुल्क लेते हुए कार्रवाई की जाए. शहरों में अवैध निर्माणों में बड़े पैमाने पर निजी पूंजी निवेश किया गया है, जिसके चलते विकास प्राधिकरणों और अवैध निर्माणकर्ताओं के बीच लगातार विवाद रहता है. इसका ठोस और व्यावहारिक समाधान निकाला जाए.

 

पार्किंग का रखें खास ख्याल



मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सुनिश्चित करें कि भविष्य में अवैध कॉलोनियों का निर्माण न हो. अनधिकृत निर्माण पर जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाए. सीएम ने शहरों की टाउन प्लानिंग की कार्रवाई में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि पार्किंग की व्यवस्था हो. पार्किंग न होने पर कार्रवाई की जाए.

 

एफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम पर भी तेजी से कार्य करें



मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी दशा में सार्वजनिक भूमि पर शमन योजना न लागू हो. योजनाएं ऐसी बनाएं कि कम जमीन पर अधिक लोगों को आवास उपलब्ध हो सकें. आवासों में मंजिलों की संख्या बढ़ाये जाने पर विचार किया जा सकता है. एफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम पर भी तेजी से कार्य करें.मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शमन योजना-2020 की कमियों को दूर करते हुए इसे प्रभावी बनाया जाए. इस योजना के लागू होने के बाद प्राप्त होने वाले शमन शुल्क से सम्बन्धित कॉलोनियों में अवस्थापना सुविधाएं मुहैया कराने की सम्भावनाओं पर विचार किया जाए.इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन दीपक कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

पूरे देश में हो सकती है बैंकों की हड़ताल,निपटा लें काम

अगर आप अगले हफ्ते अपने बैंक के जरूरी काम निपटाने का सोच रहे हैं तो, आपके लिए जरूरी खबर है. बैंक संबंधी कामों को फौरन निपटा लें. दरअसल 8 जनवरी को बैंकों की हड़ताल हो सकती है. हड़ताल के कारण बैंकों में लेन-देन और चेक का काम ठप्प हो सकता है. बैंकिंग सेक्टर की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 8 जनवरी को हड़ताल का फैसला किया है. हड़ताल की स्थिति में ग्राहकों का लेनदेन का काम प्रभावित होने के साथ ही एटीएम में कैश की किल्लत भी हो सकती है. ऐसे में बैंक बंद होने पर आपका जरूरी काम भी रुक सकता है.

क्यों हो रही बैंकों की हड़ताल

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) के मुताबिक, इस हड़ताल का समर्थन 10 यूनियन कर रही हैं. देशभर के बैंक कर्मचारी इस हड़ताल का हिस्सा बनेंगे. AIBEA के महासचिव सीएच वेकंटचलम ने इस हड़ताल के बारे में कहा, ''सरकार की नीतियों और बैंकों के विलय के विरोध में ये हड़ताल की जा रही है. इस हड़ताल का मुद्दा सरकार की नीतियों का विरोध है.'' वेकंटचलम की मानें तो वह सरकार से बैकिंग सेक्टर में नए अवसर देने और श्रम कानून में संशोधन पर रोक लगाने और जॉब सुरक्षा की मांग करेंगे.

 

कौन-कौन-सी यूनियन होंगी हड़ताल में शामिल

 

वेकंटचलम के मुताबिक, हड़ताल में बैंकिंग सेक्‍टर से जुड़ी प्रमुख यूनियन हिस्सा बनेंगी. इस लिस्ट में AIBEA, AIBOA, BEFI, INBEF और INBOC आदि यूनियनों के नाम शामिल हैं. इसके अलावा RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) के कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल होंगे. इसके अलावा सहकारी बैंक, LIC (भारतीय जीवन बीमा निगम), RRB (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक) सहित बीमा क्षेत्र के अन्‍य कर्मचारी भी हड़ताल के समर्थन में हैं.

 

सरकार के इस फैसले से नाराज बैंक कर्मचारी

 

सरकार के बैंकों के विलय के फैसले से बैंक कर्मचारी नाराज हैं. सरकार के इस फैसले के विरोध के लिए 8 जनवरी को हड़ताल की जा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 बैंकों का विलय कर उन्हें 4 बैंकों में मर्ज करने का ऐलान किया. सरकार के इस कदम से इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, कार्पोरेशन बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स बैंक बंद हो जाएंगे. बैंक यूनियनें इसका विरोध कर रही हैं.

प्रियंका, बोलीं- जहां अन्याय होगा वहां हम खड़े होंगे

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस कार्रवाई से प्रभावित लोगों से मिलीं प्रियंका, बोलीं- जहां अन्याय होगा वहां हम खड़े होंगे

 

मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में 46 लोगों को नोटिस भेजा है.

 

नई दिल्ली/मुजफ्फरनगर: नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति अभी भी जारी है. शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जाकर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के बाद पुलिस कार्रवाई से प्रभावित लोगों से मुलाकात करने पहुंची. प्रियंका ने कहा, ‘जहां भी अन्याय होगा वहां कांग्रेस खड़ी होगी.’

इधर,मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में 46 लोगों को नोटिस भेजा है.

मुजफ्फरनगर दौरे के दौरान प्रियंका ने पहले एक स्थानीय मदरसे के मौलाना से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने कुछ अन्य पर प्रभावित लोगों से मिलते हुए रुकैया परवीन नामक उस युवती से मुलाकात की जिसकी जल्द ही शादी तय है. रुकैया के परिवार का आरोप है कि पुलिस उनके घर में घुसी और उसने तोड़फोड़ की एवं वह बहुत सारा समान ले गयी .

प्रियंका ने इस लड़की का उल्लेख करते हुए कहा, ‘उसकी शादी होने वाली थी. पुलिस ने इसके घर में घुसकर समान तोड़फोड़ दिया . लड़की के सिर पर चोट लगी है.’

उन्होंने कहा, ‘जहां जहां अन्याय होगा वहां हम खड़े होंगे. हम हर संभव मदद करेंगे.’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘मैंने हाल ही में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल को चिट्ठी लिखी जिसमें कई मामलों का विवरण है. हमने उन्हें बताया कि पुलिस ने किस तरह लोगों को बेवजह मारा-पीटा है. ‘

उन्होंने कहा, ‘अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो पुलिस कार्रवाई करे. इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन पुलिस घरों में घुसकर मारपीट कर रही है. पुलिस का काम न्याय दिलाना है, लेकिन यहां तो उलटा हुआ है.’

सूत्रों का कहना है कि मुजफ्फरनगर के बाद प्रियंका मेरठ भी जा सकती हैं. उन्हें और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पिछले दिनों मेरठ जाने से रोक दिया गया था.

प्रियंका ने इससे पहले बिजनौर में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मारे गए दो युवकों के परिवारों से मुलाकात की थी.

20 दिसंबर के प्रदर्शन के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने भेजा नोटिस

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के दौरान यहां सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में 46 लोगों को नोटिस भेजा है.

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अमित कुमार के नेतृत्व में गठित एक पैनल ने 46 लोगों को नोटिस जारी किया है .

कुमार ने कहा कि अधिकारियों ने पाया कि ये आरोपी 20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान तोड़-फोड़ में शामिल थे.

उन्होंने बताया कि आरोपियों को नौ जनवरी तक जवाब देने का समय दिया गया है.

वहीं मदरसे के चार छात्रों को एक अदालत के आदेश के बाद छोड़ दिया गया क्योंकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर रिपोर्ट में पुलिस ने इन छात्रों को क्लीन चिट दे दी थी.

आयुष्मान भारत के तहत 171 अस्पताल पैनल से बाहर

आयुष्मान भारत के तहत 171 अस्पताल पैनल से बाहर, 4.5 करोड़ रुपये का जुर्माना

 

आयुष्मान भारत योजना के तहत गुजरात में एक ही परिवार के नाम पर 1700 लोगों के नाम पर कार्ड बनाया गया है जबकि छत्तीसगढ़ में भी एक ही परिवार के नाम पर 109 कार्ड बनाए गए हैं.

 

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना में एक के बाद एक कई फर्जीवाडे पकड़े जा रहे हैं. योजना के तहत फर्जीवाड़ा करने के आरोप में 171 अस्पतालों को पैनल से बाहर कर दिया गया है तथा अस्पतालों पर 4.5 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है. जबकि गुजरात, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में आयुष्मान योजना के फर्जी कार्ड का मामला सामने आया है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उसने यह भी बताया कि उत्तराखंड और झारखंड के छह अस्पतालों के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.

इसने एक बयान में कहा, ‘अस्पतालों को पहले ही पैनल से बहार किया जा चुका है. कदाचार में शामिल अस्पतालों पर 4.5 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है.’

हाईटेक निगरीना के बावजूद इस महत्वाकांक्षी योजना में घोटालेबाजों ने सेंध लगा दी है. गुजरात और छत्तीसगढ़ से इस योजना से जुड़ा ऐसा मामला सामने आया है जिसने जांच एजेंसियों का होश उड़ा कर रख दिया है.

बताया जा रहा है कि गुजरात में एक ही परिवार के नाम पर 1700 लोगों के नाम पर कार्ड बनाया गया है जबकि छत्तीसगढ़ में भी एक ही परिवार के नाम पर 109 कार्ड बनाए गए हैं.

मजेदार बात ये है कि उनमें से 57 की आंख की सर्जरी कराने और 171 अस्पतालों द्वारा फर्जी बिल भेज कर भुगतान लेने जैसे मामले सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि अभी तक देशभर में दो लाख से अधिक फर्जा कार्ड का मामला सामने आया है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

ठंड लगने से किसान की हुई मौत

ऊंचाहार रायबरेली -ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के गाँव फरीदपुरबहेरवा में ठंड से लगने से किसान की मौत हो गई, किसान की ठंड लगने के कारण अचानक मौत से परिवार में हड़कंप मच गया प्राप्त जानकारी के अनुसार ,लल्लन पुत्र मीरा बकश अपने खेत पर काम करने गये थे जहाँ अचानक वो बेहोश हो गया गम्भीर हालत में परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे जहाँ डाक्टर ने बताया कि इनकी ठंड लगने के कारण मृत्यु हो चुकी है।जिसके बाद परिवार में आफत का पहाड़ टूट पड़ा हैं

वही मामले की जाँच लेखपाल द्वारा की जा रही है लेखपाल द्वारा बताया गया कि जो भी नियमानुसार सरकारी सहायता होगी वो परिवार को दिलाई जाएगी।

 

हर्षोल्लास से मनाई गई प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती

पाली भाषा के मेधावी छात्रों को किया गया सम्मानित

विपिन पाण्डेय

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के दामोदर खेड़ा गांव में स्थित बौद्ध उपासक महासभा कार्यालय में बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक देश की प्रथम शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले की जयंती एवं मेधावी छात्र सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माता सावित्रीबाई फुले एवं उनके पति ज्योति राव फूले व भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित करके किया गया। शिक्षिका श्रीदेवी ने माता सावित्रीबाई फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि  भारत की प्रथम महिला शिक्षिका,समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री माता सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी सन 1831 में हुआ था। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। वे प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है। वहीं शिक्षक अजय सिंह पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि माता सावित्रीबाई फुले ने 3 जनवरी 1848 में पुणे में अपने पति के साथ मिलकर विभिन्न जातियों की नौ छात्राओं के साथ महिलाओ के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। एक वर्ष में सावित्रीबाई व उनके पति महात्मा फुले ने पाँच नये विद्यालय सहित कुल 18 विद्यालय खोलकर शिक्षा की अलख जगाई थी।


जरा कल्पना कीजिए कि एक महिला प्रिंसिपल के लिये सन् 1848 में बालिका विद्यालय चलाना कितना मुश्किल रहा होगा, इसकी कल्पना शायद आज भी नहीं की जा सकती। बालिका शिक्षा पर उस समय सामाजिक पाबंदी थी। अमरीश कुमार बौद्ध ने अपने संबोधन में कहा कि माता सावित्रीबाई फुले ने उस कठिन दौड़ में खुद पढ़ने लिखने के साथ दूसरी बालिकाओं के भी पढ़ने का बंदोबस्त किया था, वह भी पुणे जैसे शहर में। वहीं बसंतलाल व जगजीवन भारती ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा की देवी सावित्रीबाई फुले ने अपने जीवन में बहुत सी मुश्किलें झेली उस समय आलम यह था कि जब वे स्कूल जाती थीं, तो विरोधी लोग पत्थर मारते थे। उन पर गंदगी फेंक देते थे। आज से 160 साल पहले बालिकाओं के लिये जब स्कूल खोलना पाप का काम माना जाता था। उस समय कितनी सामाजिक मुश्किलों से विद्यालय खोले होंगे।

माता सावित्रीबाई पूरे देश की महानायिका हैं। प्रथम शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले की जयंती के पावन अवसर पर पाली भाषा के मेधावी छात्र शिवनारायन, प्रेमनारायन,रामदास गौतम, मांडवी गौतम, राजनारायन, नीरज कुमार, साहित्य विक्रम, अनूप कुमार,संतोष कुमार गौतम सहित छात्रों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित भंते कमलशील,सुमंत लाजबती,एमएल गौतम, चंदन सोनकर, गुरु चरण वर्मा, राजकुमारी, रामचंद्र ,आलोक कुमार बौद्ध, राजकुमार, श्रीराम, रामदास,सुरेंद्र बौद्ध, चंद्रोदय,संदीप विद्यार्थी, रामलखन,रामबालक, भजनलाल,विनोद कुमार, सुनील कुमार,तेज नारायण, रामदेव, रामसुरेश,अनूप कुमार, अमित कुमार सहित वक्ताओं ने सावित्रीबाई फुले के जीवन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि आज हम सभी को माता सावित्रीबाई फुले के जीवन से प्रेरणा लेनी होगी।