News Plus

खड़े ट्रक में  तेज रफ़्तार बस ने मारी टक्कर एक महिला और एक पुरूष की मौत

खड़े ट्रक में  तेज रफ़्तार बस ने मारी टक्कर एक महिला और एक पुरूष की मौत

 

ऋतिक सोनी, सवांददाता (मध्य प्रदेश )

 

निवाडी (मध्य प्रदेश) -  सड़क किनारे खड़े ट्रक में  तेज रफ़्तार बस ने मारी टक्कर बस सवार एक महिला और एक पुरूष की मौत करीब दो दर्जन लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए.  सभी घायलो को ईलाज के लिये पृथ्वीपुर सामुदायिक स्वस्थ  केन्द्र  में  भर्ती कराया गया. 6 घायलो की हालत गम्भीर है.  गम्भीर रूप से घायल लोगो छः लोगों को झाँसी मेडीकल कालेज किया गया रेफर  जतारा से झाँसी तरफ जा रही थी बस पृथ्वीपुर थाना क्षेत्र के अछरुमाता  तिगैला के पास की घटना.

 

अधिग्रहण की जा रही जमीन में नौगाँव एसडीएम  के द्वारा ग़ुमराह किया जा रहा

 

नौगाँव (मध्य प्रदेश) - फोरलेन में अधिग्रहण की जा रही जमीन में नौगाँव एसडीएम  के द्वारा ग़ुमराह किया जा रहा है किसानों को मुआवजा राशि दी गई है लेकिन  किसानों को कुछ राशि नहीं दी गई है उस मे भी सही तरीके से भुगतान नहीं किया जा रहा है जिसमें नौगांव की किसान ने बहुत ही ज्यादा विद्रोह किया है जिसमें किसानों ने एसडीएम ऑफिस के बाहर भूख हड़ताल करना शुरू कर दी और दो-तीन दिन बाद कोई अधिकारी या नेता वहां पर नहीं पहुंचा जिस दौरान एक किसान की तबीयत खराब हो गई वह किसान ग्राम मऊ सानिया का रहने वाला नाम भन्नू अहिरवार की सबसे ज्यादा तबीयत खराब होने से उसे छतरपुर रेफर कर दिया गया जिस दौरान महाराजपुर विधायक  नीरज विनोद दीक्षित जी किसानों के साथ रहे उन्होंने केंद्र में भी एक आवेदन दिया। 

 

अयोध्या फैसले से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने की सीजेआई से मुलाकात, सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी

अयोध्या फैसले से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने की सीजेआई से मुलाकात, सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी

 

अयोध्या मामले में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ अगले सप्ताह अपना फैसला सुना सकती है.

 

नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर फैसला सुनाये जाने से पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की. अयोध्या मामले में प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ अगले सप्ताह अपना फैसला सुनाएगी.

सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश के कक्ष में करीब एक घंटे यह बैठक चली. बैठक में उप्र के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये किये गये बंदोबस्त से प्रधान न्यायाधीश को अवगत कराया.

सीजेआई के साथ हुई इस बैठक के बारे में और ज्यादा जानकारी उपलबध नहीं हो सकी.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- में बराबर बराबर बांटने के उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के निर्णय के खिलाफ दायर अपीलों पर 40 दिन तक सभी पक्षों की दलीलें सुनी. पीठ ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा. इस मामले में फैसला अगले सप्ताह सुनाये जाने की संभावना है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.

आवेदन करे 15 नवम्बर तक

आवेदन करे 15 नवम्बर तक


रायबरेली -  उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देश में पैरालीगल वैलेन्टियर/स्वयं सेवी पराविधिक स्वयं सेवक की नियुक्ति/पुर्ननामांकित किये जाने हेतु रायबरेली जनपद में निवास करते वाले शिक्षक (अवकाश प्राप्त भी सम्मिलित हो), सेवा निवृत्त कर्मचारी, एमएसडब्लू छात्र/शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, डाक्टर, विधि छात्र, एनजीओ के कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह के कर्मचारी व शिक्षित वाले व्यक्तियों से आवेदन पत्र आमंत्रित 15 नवम्बर 2019 को सायं 04ः00 बजे तक सीधे/पंजीकृत डाक से भेज सकते हैं। कार्यवधि नियुक्ति के दिनांक से एक वर्ष तक होगी। पदों की नियुक्ति हेतु आवश्यक योग्यता, नियम व शर्ते जनपद न्यायालय की वेबसाइट मबवनजतेण्हवअण्पद पर डाउनलोड किया जा सकता है। पैरालीगल वैले.न्टियर/पुर्ननामांकन के सम्बन्ध में 50-50 मुख्यालय स्तर पर व 25-25 तहसील स्तर पर पीएलवी की नियुक्त/पुर्ननामांकन किया जाना है। विस्तृत जानकारी/आवेदन फार्म आदि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय रायबरेली से प्राप्त कर सकते हैं। यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव पूजा गुप्ता ने दी हैं।
 

ड्रोन कैमरे से असामाजिक गतिविधियों की होगी निगरानी : शुभ्रा सक्सेना

ड्रोन कैमरे से असामाजिक गतिविधियों की होगी निगरानी : शुभ्रा सक्सेना

 

गंगा जमुना तहजीब आपसी भाईचारा सौहार्द जनपद की मिसाल है जिसे रखे कायम : डीएम

 

रायबरेली - हमारी राष्ट्रीयता तभी अधिक मजबूत होगी जब हम सभी लोगों मिलजुल कर भाईचारे के साथ रहें  परस्पर एक दुसरे के काम आये। इसके लिए जरूरी है कि हम सभी मिलकर समाज में समरसता बनाये रखें। भाईचारा, एकता, अखण्डता को मजबूती प्रदान करने के साथ ही महिलाए कमजोर वर्ग को यथा सम्भव मद्द करें। युवा अपनी शक्ति का रचनात्मक सकारात्मक कार्यो में लगाकर समाज व देश के विकास में आगे आये। इसके अलावा सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी लाभपरक योजनाओं का लाभ भी जन-जन तक पहुचाए। उन्होंने कहा कि जनपद में भाईचारा व सौहार्द गंगा जमुना तहजीब बनाये रखने के लिए ड्रोन कैमरे से भी जनपद की निगरानी की व्यवस्था की जा रही है। 


यह उदगार बचत भवन में आयोजित पीस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए वर्ष 2009 की आईएएस टापर रही नवागन्तुक जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने आहवान करते हुए कहा कि परिवार व आस पड़ोस में युवाआें की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देकर उन्हें मेहनत लगन के साथ पढ़ाई लिखाई बेहतर करने के साथ ही रचनात्मक सकारात्मक कार्यो के साथ ही संस्कारों की जोड़े रखने का आहवान किया है। उन्होंने अयोध्या मामले में सम्भावित फैसले के मद्देनजर पर सभी धर्मो व सम्प्रदाय के लोगों से आपसी सौहार्द बनाये रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय को सभी धर्म के लोगों को स्वीकार करना होगा तथा निर्णय के दौरान महौल को सामान्य बनाये रखा जाये यह सब धर्मो के लोगों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया फेसबुक, वास्टएप पर किसी भी प्रकार की गलत टिका-टिप्पणी करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। शान्ति और काननू व्यवस्था पूरी तरह से बरकरार रहे सभी में भाईचारा बना रहे इसके लिए प्रशासन और सरकार पूरी तरह से दृढ़ संकल्पित है। संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर लिया गया है संवेदनशीलता के हिसाब से ही सुरक्षा खाका तैयार कर पुलिस, खुफिया तंत्र अलर्ट कर दिया गया है तथा निरन्तर फ्लैग मार्च अधिकारियों का भ्रमण जारी है। शान्ति कमेटियों की बैठक आयोजित की जा रही है। समाज के जागरूक सभी धर्मो के आमजनों से भी सम्पर्क कर क्षेत्र की संवेदनशीलता को बनाये रखने का जायजा लिया जा रहा है।  सोशल साइट्स पर किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी निगरानी की जा रही है। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी फैलाने का प्रयास करने वालों को कतई बक्शा नहीं जायेगा तथा कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि जनपद में वर्तमान में धारा 144 भी प्रभावी है। इसके प्राविधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी लोगों से अपील है कि अपने-अपने क्षेत्रों में मिलजुल कर रहे और अपने क्षेत्रों की कड़ी निगरानी करे तथा अफवाह फैलाये जाने वालों पर निगरानी करके उन्हें विरूद्ध प्रशासन को इख्तीला भी करते रहे। अफवाह फैलाये जाने वालों पर कानून अपना कार्य करेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण करे शान्ति व्यवस्था को बनाये रखें तथा नगर व गांव के प्रमुख मार्गो पर पुलिस फोर्स के साथ रूट मार्च समय-समय पर निकाला जाये। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखे तथा गड़बड़ी फैलाने का प्रयास करने वालों की सूचना तत्काल दें ताकि उनके  विरूद्ध कड़ी कार्यवाही तत्काल अमल में लायी जाये। उन्होंने सभी समाज सेवियों व जन प्रतिनिधियों से अपील की है कि वह ऐसा कोई कार्य किसी के बहकावें में आकर कतई न करें जिससे कि कानून का उल्लंघन हो। इस दौरान एडीएम ई राम अभिलाष व एएसपी शशी शेखर सिंह ने कहा कि अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखने के साथ ही छोटी-छोटी बातों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति अपने घरों की छतो पर पथर, ईट, लाठी, डंडा आदि अप्रिय वस्तु न रखें उन्होंने कहा कि ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी की जायेगी। अफवाह फैलाने वालों पर कठोर कार्यवाही भी की जायेगी। जनपद में आपसी भाईचार सौहार्द गंगा जमुना तहजीब की मिसाल है जिसे कायम रखा जाये सभी वर्ग के लोग मिलज.ुलकर रहते है पुलिस प्रशासन का सहयोग करें। इसके अलावा समाज सेवी सरदार अवतार सिंह छाबड़ा, रामूदादा, मो0 मुकीम उर्फ चंदन, महेन्द्र, अतुल गुप्ता, पूनम तिवारी, स्नेहलता त्रिवेदी एवं कई जनप्रतिनिधियों सहित ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

प्याज जमाखोरों पर कार्रवाई करें प्रशासन वरना आंदोलन-सुरेंद्र

प्याज जमाखोरों पर कार्रवाई करें प्रशासन वरना आंदोलन-सुरेंद्र

 

ताजपुर /समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) ।  प्याज जमाखोरों एवं कालाबाजारियों को चिंहित कर छापेमारी समेत अन्य एवं कारवाई करे प्रशासन वरना भाकपा माले सरकार एवं प्रशासन की संयुक्त पूतला दहन से आंदोलन की शुरूआत करेगी। ये बातें गुरूवार को प्रखंड के मोतीपुर बंगली पर प्रखंड कमिटी की बैठक को बतौर अध्यक्ष संबोधित करते हुए भाकपा माले प्रखंड सचिव सह आइसा- इनौस जिला प्रभारी सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है। उन्होंने कहा है कि प्याज का बनावटी किल्लत बनाकर इसे 100 रूपये किलो में ताजपुर से जिला मुख्यालय तक बेचा जा रहा है जबकि क्षेत्र में सैकड़ों ट्रक 50 प्याज कालाबाजारी एवं जमाखोरों ने अपने गुप्त ठिकाने पर जमा कर रखा है। ब्रहमदेव प्रसाद सिंह,राजदेव प्रसाद सिंह, उपेंद्र राम, मुकेश कुमार गुप्ता, संजय शर्मा, बासुदेव राय, मलितर राम, मुकेश कुमार गुप्ता, हीरा सिंह, अमरनाथ सिंह, विजय कुमार आदि ने अपने- अपने विचार व्यक्त किए।  बैठक से लिए गये निर्णय की जानकारी देते हुए सुरेंद्र ने कहा कि 16-17 नवंबर को मुख्यालय में आहूत जिला सम्मेलन को सफल बनाने एवं 9-10 नवंबर को मुख्यमंत्री के समक्ष खेग्रामस के द्वारा प्रदर्शन एवं राज्य सम्मेलन को सफल बनाने, नलजल योजना में अनियमितता, राशन वितरण में धांधली रोकने, भूमिहीन को वास की जमीन देने, पर्चाधारी को कब्जा दिलाने, सरकारी जमीन एवं जलस्रोतों पर दबंगों के कब्जे को हटाने आदि को लेकर प्रखंड- अंचल घेराव करने का निर्णय लिया गया है।

 

अपराधियों ने एक व्यक्ति को गोली मारकर कर दी हत्या

 

समस्तीपुर से अब्दुल कादिर की रिपोर्ट !

 

समस्तीपुर  : इन दिनों जिले में अपराधियों का इतना मन बढ़ गया है कि उसे पुलिस का कोई खौफ नही, जब जिसको चाहा मौत के घाट उतार दिया जा रहा है। गुरुवार को दिनदहाड़े एक व्यक्ति की हत्या गोली मारकर कर दी गई। मृतक की पहचान भागीरथपुर गांव निवासी रामप्रसाद राय के पुत्र श्याम लाल राय के तौर पर की गई है। ज्ञात हो कि जैसे ही गोली चलने की बात सुनी तो गाँव में आग की तरह फैल गई और गांवों के लोग दहशत और खौफ जदा हो गये। हत्या की घटना की जानकारी मिलते ही कल्याणपुर थाना के अध्यक्ष व्रज किशोर सिंह अपने टीम के साथ मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। ईधर पुलिस ने घटना को आपसी विवाद का कारण विवाद बताया है। बताया जाता है कि शीशम का पेड़ काटे जाने को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था और दो पक्षों के बीच जमकर तू तू मैं हो गई। बाद इतना विवाद बढ़ गया कि एक पक्ष ने एक शख्स की गोली मार कर हत्या कर दी। ईधर इस हत्या को लेकर भगीरथपुर गांव में तनाव बना हुआ है। बहरहाल उक्त गांव में पुलिस कैम्प कर रही है।

फैसला चाहे जो आए अपने बीच ना आने देंं फासला : पंकज तिवारी

दीपचंद मिश्रा

बछरावां(रायबरेली) अयोध्या मुद्दे व बारा वफात के पर्व को लेकर क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर बछरावां थाना प्रभारी पंकज तिवारी की अध्यक्षता में बछरावां थाना क्षेत्र के कुंडौली गांव में पीस कमेटी की बैठक संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए थाना प्रभारी पंकज तिवारी ने सभी से आपसी भाईचारा एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। पंकज तिवारी ने कहा कि यदि किसी प्रकार के अराजक तत्व अयोध्या मुद्दे को लेकर अथवा बारा वफात के पर्व में माहौल बिगाड़ने का प्रयत्न करते हैं तो उसकी सूचना पुलिस को आवश्यक दे सूचना देने वाले का नाम बिल्कुल गुप्त रखा जाएगा। वहीं माहौल बिगाड़ने वाले अराजक तत्वों पर कठोर कठोर कार्रवाई की जाएगी। पंकज तिवारी ने कहा कि अयोध्या मामले में फैसला चाहे जो भी आए उसका सम्मान करें फैसले को लेकर अपने बीच फैसला ना आने दें। विदित हो कि बछरावां थाना प्रभारी पंकज तिवारी ने जब से बछरावां थाने की कमान संभाली है दिन और रात में क्षेत्र भ्रमण करने के साथ ही अधिकांश मामलों को अपनी सूझबूझ से आसानी से सुलझा देते हैं। वहीं कानून के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने से कतई पीछे नहीं हटते। पंकज तिवारी की कुशल कार्यशैली से बछरावां थाना क्षेत्र के लोग काफी सुकून महसूस कर रहे हैं।

चौदह मील के पास बीच सड़क पर युवक के शव को  रखकर आवागमन बंद किया 

चौदह मील के पास बीच सड़क पर युवक के शव को  रखकर आवागमन बंद किया 

 

रेवती राम तालाब के पास आम के पेड़ पर संदिग्ध परिस्थितियों में युवक शव लटकता पाया गया

 

रविंद्र कुमार ,सवाददाता डलमऊ 

 

डलमऊ रायबरेली। बुधवार को शहर कोतवाली क्षेत्र के  अहियारायपुर के पास स्थित रेवती राम तालाब के पास आम के पेड़ पर संदिग्ध परिस्थितियों में युवक शव लटकता पाया गया। मामले में पुलिस की कार्यशैली से नाराज सैकड़ों परिजन व ग्रामीणों ने  गुरुवार को सुबह करीब 8:00 बजे युवक के शव को  मुंशीगंज डलमऊ राज्य मार्ग पर चौदह मील के पास बीच सड़क पर युवक के शव को  रखकर आवागमन को ठप कर दिया। सुबह-सुबह हुई सड़क जाम की घटना से प्रशासन के हाथ पैर फूलने लगे । बीच सड़क पर शव रखते ही सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई देखते ही देखते भीषण जाम लग गया लोग पैदल भी नहीं चल पा रहे थे। उपजिलाधिकारी डलमऊ सविता यादव तहसील मुख्यालय भी नहीं पहुंची थी कि रास्ते में ही उन्हें ग्रामीणों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। सड़क जाम की खबर लगते ही क्षेत्राधिकारी आरपी शाही , कोतवाली प्रभारी श्री राम चौकी इंचार्ज घोरवारा श्री राम पांडे, तहसीलदार प्रतीत त्रिपाठी नायब तहसीलदार विनोद चौधरी सहित गदागंज, जगतपुर, लालगंज, भदोखर रायबरेली की पुलिस फोर्स मौके पहुंच गई और आक्रोशित ग्रामीणों को शांत कराने का प्रयास करने लगी।किंतु परिजन मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई किए जाने पर अड़े रहे। 

बताते चलें कि बुधवार को डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के बिझलामऊ मजरे निवासी भोला शंकर के 25 वर्षीय पुत्र रामबाबू का तालाब के पास पेड़ से लटकता पाया गया । मृतक विदेश में रहकर नौकरी करता था। युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की वजह तो स्पष्ट नहीं हो सकी है लेकिन परिजनों ने युवक की हत्या कर शव को पेड़ से लटकाए जाने की बात कह रहे हैं तथा परिजनों ने भाभी समेत चार लोगों के विरुद्ध नामजद तहरीर भी दी है। पुलिस ने मृतक युवक के पिता भोला की तहरीर पर हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया है।

 

युवा  की भाभी पर लगा हत्या करने का आरोप

 

मृतक के भाई श्याम बाबू के अनुसार उसकी शादी विशुनखेड़ा लालगंज निवास ने विंधेश्वरी के साथ 10 वर्ष पूर्व हुई थी। विगत कई वर्षों से उसकी पत्नी उसके परिवार के साथ आए दिन झगड़ा फसाद करती थी।और उसके साथ वैवाहिक जीवन न व्यतीत करके उसके छोटे भाई रामबाबू के साथ रहने की जिद पर अड़ी रहती थी। जिसको लेकर कई बार परिवार में विवाद भी हुआ जबकि रामबाबू इस रिश्ते से राजी नहीं था।कई बार मामला डलमऊ कोतवाली पहुंचा किंतु परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया मृतक के पिता भोला शंकर का कहना है कि मेरे लड़के को धोखे से नौकरी देने की लालच से पांडेपुर सदर कोतवाली बुलाया गया था। वह विदेश से सीधे वही आया और रात में उसकी साजिश के तहत हत्या कर दी गई।

न काम के खराब हालात और न ही वकीलों का हमला, दिल्ली पुलिस के दर्द का कारण कुछ और ही है

न काम के खराब हालात और न ही वकीलों का हमला, दिल्ली पुलिस के दर्द का कारण कुछ और ही है

 

पुलिस बल के लिए ये कठिन समय है. कोई जो लगभग चार दशकों से इसका हिस्सा है, यह देखते हुए दर्द होता है कि पुलिस बल आज कहां खड़ी है.

 

पिछले सप्ताह से ही तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई झड़प के वीडियो क्लिप्स देखने को मिल रहे हैं. दो दिन पहले वर्दी में एक पुलिस वाले के साथ साकेत कोर्ट में बदसलूकी और मारपीट की गई. इसी तरह की घटना कड़कड़डूमा कोर्ट से भी सामने आई.

उकसावे की घटना जो भी हुई हो लेकिन वकीलों के कदम को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता है. इस तरह की घटना स्पष्ट रूप से यही दिखाती है कि वकील ही अब कानून बन गए हैं और ड्यूटी पर तैनात पुलिस वाले को मारने से पहले दो बार सोचते भी नहीं हैं.

 

अभी तक किसी भी वकील के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है और ऐसा लग रहा है कि कैमरे में कैद उनकी गुंडागर्दी के बावजूद भी उनका कुछ नहीं होगा.

स्पष्ट रूप से, समाज का एक वर्ग कानून से ऊपर आराम से बैठता है, जबकि इसके ज्यादातर नजर आने लोग आसान लक्ष्य बन जाते हैं क्योंकि पुलिस अधिकारियों के लिए किसी का दिल नहीं पसीजता है जो सख्त आचरण नियमों से बंधे होते हैं.

लेकिन अभी सबसे बुरा होना बाकी है. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस और अतिरिक्त डीसीपी का तबादला कर दिया गया और कुछ कनिष्ठ अधिकरियों को सस्पेंड भी. दिल्ली पुलिस के आला नेतृत्व में किसी को कोर्ट के गलत फैसले के खिलाफ अपील करने की नहीं सूझी. मैं गलत इसलिए कह रहा हूं क्योंकि हाई कोर्ट के पास कोई अधिकार नहीं है कि वो पुलिस के खिलाफ कोई प्रशासनिक कदम उठाए.
इस कदम ने पुलिस बलों के मनोबल को कमज़ोर किया है.

प्रदर्शन को कमज़ोर करना

मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ उनके परिवार के सदस्य पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा हुए और प्रदर्शन किया. धीरे-धीरे संख्या बढ़ती गई. पुलिस अधिकारियों ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इसमें कुछ पुलिस वाले वर्दी में भी थे. उन्होंने नारे लगाए, पोस्टर दिखाए और मीडिया से भी बात की. मैंने टीवी में कुछ लोगों को देखा जो गैंगस्टर्स और आतंकवादियों से लड़ते हुए भी अपनी जिंदगी को खतरे में डाल चुके हैं. एक महिला पुलिस ने कैमरे पर बोला, ‘क्या यही हमारा भाग्य है कि पहले हम प्रताड़ित हों और उसके बाद हमें ही बर्खास्त कर दिया जाए?’

 

बहुत सारे प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने कहा कि खराब काम की स्थिति भी पुलिस बलों के प्रदर्शन का एक कारण है. मैं इससे सहमत नहीं हूं. इस संकट के समय जो सबसे बड़ी चीज़ की कमी है वो है- नेतृत्व की कमी. इसी कारण यह स्थिति आई है.

नेतृत्वकारियों ने जल्द ही हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती क्यों नहीं दी. पुलिस नेतृत्व ने इस हमले की निंदा क्यों नहीं की और जल्द ही कोई कानूनी कदम क्यों नहीं उठाया. क्यों नहीं एक भी वकील को हिरासत में लिया गया और कोर्ट द्वारा फटकार लगाई गई. वास्तव में पुलिस ने उनके खिलाफ कोई भी कदम उठाने से मना कर दिया था.

पिछली बार दिल्ली पुलिस के भीतर इस तरह की स्थिति 1960 के मध्य में सामने आई थी. उस समय काम करने की खराब स्थिति से परेशान होकर ऐसा किया गया था. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण था कि पुलिस प्रकरण को बीएसएफ की मदद लेकर समाप्त किया गया. कुछ पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त किया गया तो कुछ को हिरासत में लिया गया.

न्यायमूर्ति जीडी खोसला की अध्यक्षता में एक न्यायिक समिति गठित की गई जो दिल्ली में पुलिसिंग के पूरे मामले पर ध्यान देगी ​​और सुधारों की सिफारिश करेगी.

अतीत का दोहराव

यह पहली बार नहीं है जब वकीलों की पुलिस के साथ झड़प हुई है. 1980 के दशक में, एक प्रतिष्ठित पुलिस अधिकारी को वकीलों द्वारा क्रूरतापूर्वक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा था. इसी तरह की एक घटना में वकीलों ने उच्च न्यायालय को घेर लिया था और मुख्य न्यायाधीश को कई घंटों के लिए खुद को बंद करना पड़ा था. आखिरकार उन्हें सशस्त्र बलों द्वारा बचा लिया गया था.

 

आपराधिक न्याय प्रणाली के एक हिस्से को हिंसक रूप से देखना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह लोकप्रिय दृटिकोण के खिलाफ जाता है क्योंकि हम विश्व गुरू बनने की राह पर हैं. इस तरह की घटनाओं से पता चलता है कि हम कानून के सम्मान को लेकर कितने असभ्य हैं. पुलिस अधिकारी, जो सरकारी प्राधिकरण का प्रतीक हैं, पर सार्वजनिक रूप से अभद्रता के साथ हमला किया जा सकता है और सीसीटीवी फुटेज को नुकसान पहुंचाया जा सकता है, अगर इसमें यह दिखता है कि वकील पुलिस वालों पर हमला कर रहे हैं.

किसी भी स्वाभिमानी नागरिक के लिए जो कानून के शासन में विश्वास करना चाहता है, ये घटनाएं उस डूबती भावना का प्रतीक हैं कि हमारे सिस्टम में कुछ गंभीर रूप से गलत है. यह निश्चित है कि ऐसी हिंसा में लिप्त रहने वाले वकील मेधावी नहीं हो सकते हैं. वकीलों के पास सड़क के झगड़े में लिप्त होने के लिए समय नहीं होता है. उनके लिए कमोडिटी का मतलब पैसा है. ऐसा कहा जाता है कि बार के एक बड़े हिस्से में संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले वकील होते हैं. उनके पास संदेहपूर्ण विश्वविद्यालयों से कानून की डिग्री है जो किसी भी नियामक संस्था द्वारा सत्यापित नहीं हैं. बार काउंसिल के पदाधिकारी वकीलों द्वारा चुने जाते हैं और कोई भी उन्हें छूने की हिम्मत नहीं करता है. विशेष रूप से निचली अदालतों के न्यायाधीशों को भी कथित रूप से डर लगता है.

शर्मनाक समय

उनका क्या होता है जिनका काम कानून की रक्षा करना है. अब पुलिस फोर्स को ये साफ दिख रहा है कि अदालत बेपरवाह ही नहीं उनसे बैर पाले हुए भी है, ऐसा ही भारतीय समाज का रवैया है और यहां तक की उनके नेतृत्व का भी यही हाल है. उनके पैर मिट्टी के बने है और वे बस अपनी खाल बचाने में लगे है और अपने नौकरी. और जो सेवानिवृत्ति के करीब पहुंच चुके हैं उनको बस रिटायर्मेंट के बाद मिलने वाली मलाई की चिंता है. वो जो कहावत है न कि कोई बेचारी फौज नहीं होती बस बेचारे जनरल होते हैं वो चरितार्थ होता दिख रहा है.

 

जब कोई पुलिस की नौकरी ज्वाइन करता है तो उसे इस नौकरी के खतरे पता होते हैं और साथ ही लंबे काम के घंटे भी. ज्यादातर खाकी की जुंबिश से खिंचे चले आते हैं या फिर अपराधियों को पकड़ने के लिए और कानून का राज स्थापित करने के लिए. यह एक उच्च पदानुक्रमित और रेजीमेंट बल है जहां अधीनस्थ अपनी ऊपर के रैंकों के वरिष्ठों को रास्ता दिखाने के लिए और संकट की घड़ी में उनके बचाव की उम्मीद करते हैं. जब वे देखते हैं कि नेतृत्व उन्हें विफल कर रहा है, तो वे दिशाहीन और अनाथ महसूस करते हैं.

 

11 घंटे की पुलिस हलचल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निराश होने को प्रकट करता है. यह खाकी के कपड़े पहने होने की अभिव्यक्ति है, जो कानून के धारकों के लिए एक समान होने के बजाय, एक आसान पंचिंग बैग का प्रतीक है, जिसे कोई भी राहगीर, जिसमें काले कोट में गुंडे भी शामिल हैं वो उन पर हमला कर सकते हैं. पुलिस बल के लिए ये कठिन समय है. कोई जो लगभग चार दशकों से इसका हिस्सा है, यह देखते हुए दर्द होता है कि पुलिस बल आज कहां खड़ी है. न केवल मैं अपने आईपीएस सहयोगियों की दयनीय विफलताओं पर शर्म से अपना सिर झुकाता हूं, बल्कि उन उत्कृष्ट पुरुषों और महिलाओं के लिए भी आंसू बहाता हूं जिन्हें मुझे गर्व के साथ नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला है.

 

नीरज कुमार दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर हैं

 

 

पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह ने सीताद्वार मन्दिर पर मेले के सम्बन्ध में चल रही तैयारी का जायजा लिया

पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह ने सीताद्वार मन्दिर पर मेले के सम्बन्ध में चल रही तैयारी का जायजा लिया

 

प्रेम चन्द जायसवाल

 

श्रावस्ती - कार्तिक पूर्णिमा के दिन सीतद्बार मन्दिर पर भव्य मेले का आयोजन होने की दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी यशु रूस्तगी एवं पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह ने सीताद्वार मन्दिर पर मेले के सम्बन्ध में चल रही तैयारी का जायजा लिया तथा सभी व्यवस्थाओं को चुस्त दुरूस्त करने का सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया।ग्राम पंचायत टड़वा महन्त सीताद्वार मन्दिर के पास स्थित पुस्तकालय सभाकक्ष में सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करने के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि मन्दिर परिक्षेत्र के अन्तर्गत कोई भी दुकानदार सुरक्षा की दृष्टिकोण से छोटा गैस सिलेण्डर किसी भी दशा में इस्तेमाल नही करेगा केवल कामर्शियल एवं डोमेस्टिक सिलेण्डर ही प्रयोग करेगें। मेला परिक्षेत्र के अन्तर्गत मेला के प्रारम्भ होने से मेला की समाप्ति तक का सड़ी गली मिठाईंया या खुले खाद्य पदार्थ की बिक्री किसी भी दशा न होने पावे इसके लिए मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि मेले में मेडिकल कैम्प लगाने के साथ ही डाक्टरों की ड्यूटी रोस्टर के अनुसार मेला समाप्ति तक लगाना सुनिश्चित करें तथा मौसम के अनुरूप उत्पन्न होने वाली सम्भावित बीमारियों से सम्बन्धित दवाओं का स्टाक भी मेडिकल कैम्प में उपलब्ध रहना चाहिए ताकि यदि कोई दर्शनार्थी अचानक अस्वस्थ्य होता है तो उसे मेले में ही स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हो सके।उल्लेखनीय है कि सीताद्वार मेला कार्तिक पूर्णिमा आगामी 12 नवम्बर, 2019 को पडेगा और 11 नवम्बर से 14 नवम्बर, 2019 तक यह मेला गत वर्षो की भातिं चलेगा। मेले के पूर्व ही नवमी तिथि के दिन श्रद्धालुओं द्वारा सीताद्वार मन्दिर से झील के चारो तरफ परिक्रमा भी किया जाता है।जिलाधिकारी ने मेले परिक्षेत्र के अन्तर्गत आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कोई भी अश्लील डान्स पूर्णतयः प्रतिबन्धित रहेगा  इसे सुनिश्चित करने के लिए उप जिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी एवं थानाध्यक्ष को निर्देश दिया है पुलिस अधीक्षक ने सम्बन्धित पुलिस क्षेत्राधिकारी एवं थानाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि आगामी मेले के दृष्टिगत सुरक्षा व्यवस्था का भी मुकम्मल इंतजाम कर पहले से ही चाक चैबन्द कर लिया जाए ताकि शान्तिपूर्णढंग से मेले को सम्पन्न कराया जा सके। पुलिस अधीक्षक ने दर्शानर्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर मेले में सी0सी0टी0वी0 कैमरा लगाए जाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही खुफिया पुलिस तथा सादी वर्दी में पुरूष/महिला पुलिस की भी ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया है।इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक बी0सी0 दूबे, उप जिलाधिकारी इकौना राजेश कुमार मिश्रा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 वी0के0 सिंह, जिला विकास अधिकारी विनय कुमार तिवारी, परियोजना निदेशक, पुलिस क्षेत्राधिकारी इकौना, जिला पंचायत राज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी इकौना, एवं टडवा महन्त के ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।

वन माफिया खुलेआम हरे पेड़ों को काटकर चुनौती दे रहे

वन माफिया खुलेआम हरे पेड़ों को काटकर चुनौती दे रहे

 

डलमऊ - जहां एक और केंद्र व प्रदेश सरकार वृक्ष लगाकर प्रदूषण को बचाने का काम कर रही है वहीं दूसरी तरफ वन माफिया खुलेआम हरे पेड़ों को काटकर चुनौती दे रहे हैं मामला डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के संतपुर गांव का है जहां स्वस्थ हरे नीम के पेड़ों पर बेखौफ काटकर जमींदोज कर दिया गया एक दिन पूर्व ही हरे आम को काटने सी खबर फैलने पर वन विभाग द्वारा किसान पर जुर्माना किया गया था .शासन द्वारा हरियाली बनाने के लिए भले ही करोड़ों रुपए खर्च करके पेड़ लगवाए जा रहे हैं लेकिन तहसील मुख्यालय पर वन माफिया व वन कर्मियों की मिलीभगत के चलते दिनोंदिन हरियाली मिटती जा रही है।डलमऊ बनरेंज अंतर्गत भले ही प्रतिदिन हरे पेड़ काटे जा रहे हो लेकिन अधिकारियों को यह नजर नहीं आते आलम यह है कि विभागीय अधिकारी इन वन माफियाओं पर पूरी तरह मेहरबान है ।शासन के लाख निर्देशों के मुताबिक पांच से अधिक पेड़ काटने के मामले पर विभाग द्वारा उस व्यक्ति के विरुद्ध वन माफिया घोषित करके मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश हैं।लेकिन डलमऊ बन रेज मे किस बन माफिया के विरुद्ध कितने मुकदमे दर्ज हैं इसकी जानकारी तक उपलब्ध नहीं है।

 

 ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियां इस वर्ष राम भरोसे

 

डलमऊ रायबरेली-  ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियां इस वर्ष राम भरोसे हैं। स्थानीय अधिकारी भले ही तैयारियों को लेकर खूब पसीना बहा रहे हो, लेकिन धरातल पर मेले की तैयारियां  दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है।  आलम यह है कि मेले के चारों ओर अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। यह बात किसी से भी छिपी नहीं है, डीएम नेहा शर्मा का तबादला होते ही मेले की रौनक पहले ही खत्म हो चुकी है। क्योंकि जिस तरह डीएम नेहा शर्मा कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के पेच कस रही थी। उनके जाते ही अधिकारियों ने चैन की सांस ली है। नवागंतुक डीएम शुभ्रा सक्सेना और पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगैन बुधवार को सुबह करीब 11:00 बजे कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियों को लेकर औचक निरीक्षण किया। जिसकी वजह से स्थानीय अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे। डीएम एवं एसपी ने सर्वप्रथम मेला प्रदर्शनी स्थल का निरीक्षण कर उसके पश्चात डलमऊ कोतवाली पहुंची जहां पर उन्होंने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं एवं व्यवस्थाओं पर चर्चा की उन्होंने बताया कि मेले की तैयारियों के संबंध में 8 नवंबर को तहसील परिसर में अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। बैठक से पूर्व सभी अधिकारी अपनी अपनी तैयारियां पूरी करें अगर किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। स्थानीय लोगों ने डलमऊ रायबरेली मार्ग के मध्य स्थित रायपुर टप्पा हवेली के पास टूटी पुलिया की शिकायत की तो उन्होंने पीडब्ल्यूडी को मरम्मत कराने के लिए निर्देशित किया। इसके पश्चात मेले के दौरान इस वर्ष मलियापुर के पास सरकारी बस स्टॉप की व्यवस्था की गई है। बस स्टाफ को मेला क्षेत्र के अंदर  करने के लिए तीर्थ पुरोहितो ने बात कही। जिस पर डीएम ने कहां की 8 नवंबर को बैठक में अधिकारियों के साथ इस पर वार्ता की जाएगी। इस मौके पर एसडीएम सविता यादव ,अधिशासी अधिकारी अमित कुमार सिंह, नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौड़, कोतवाली प्रभारी श्री राम, सहित आदि लोग मौजूद रहे।