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पवित्र बेला पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, डलमऊ घाट पहुंचा बैलगाड़ियों का करवा 

पवित्र बेला पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, डलमऊ घाट पहुंचा बैलगाड़ियों का करवा 

 

डलमऊ रायबरेली- कार्तिक पूर्णिमा मेले में चार चांद लगाने के क्रम में नगर पंचायत डलमऊ द्वारा आयोजित आठ दिवसीय डलमऊ महोत्सव कार्यक्रम के क्रम में आज मंगलवार को सूचना एवं जन संपर्क कार्यालय लखनऊ से अजय अजय जादूगर द्वारा विभिन्न प्रकार के जादू के कार्यक्रम दिखाकर लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया वहीं इसी क्रम में सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के कलाकारों द्वारा विभिन्न गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया डॉक्टर श्रेया एंड टीम के कंचन मधुर कला संगम के सुशील सोलंकी रीना कंचन आदि के साथ टीम के अन्य कलाकारों द्वारा मेरा देश रंगीला गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया और लोगों की खूब तालियां बटोरी.  डलमऊ महोत्सव के व्यवस्थापक शुभम गौड़ ने बताया कि डलमऊ महोत्सव का कार्यक्रम 18 नवंबर तक चलेगा जिस में प्रतिदिन कलाकारों द्वारा गीत संगीत और नृत्य के कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे इस मौके पर उपजिलाधिकारी डलमऊ सविता यादव तहसीलदार प्रदीप त्रिपाठी नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौड़ अधिशासी अधिकारी अमित कुमार कोतवाली प्रभारी श्री राम मनोज कुमार पांडे इरफान हुसैन दिलीप बाजपेई शैलेश मिश्रा आदि के साथ सैकड़ों कस्बा वासी मौजूद रहे

 

कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी 

 

डलमऊ गंगा तट पर प्रतिवर्ष होने वाले कार्तिक पूर्णिमा स्नान के पर्व पर जनपद के साथ गैर जनपद से आए लाखों श्रद्धालुओं ने अर्ध रात्रि से ही आज मंगलवार को गंगा मैया के जयकारों के साथ मां गंगा की जलधारा में आस्था की डुबकी लगाई गई और देर शाम तक श्रद्धालुओं द्वारा गंगा स्नान का क्रम जारी रहा इसी के साथ गंगा स्नान के बाद गंगा तट के किनारे स्थित मंदिरों और शिवालयों में श्रद्धालुओं द्वारा पूजा अर्चना की गई तथा घाट के किनारे आए हुए श्रद्धालुओं ने विभिन्न प्रकार के मांगलिक कार्य संपन्न कराए गए क्षेत्रीय प्रशासन नगर पंचायत तथा पुलिस प्रशासन किस चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था होने के कारण किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटने की कोई सूचना नहीं है.

आज मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व के अवसर पर डलमऊ गंगा तट के स्नान किला घाट सड़क घाट रानी शिवाला घाट पक्का घाट संकट मोचन घाट पथवारी घाट शुकुल घाट महावीरन घाट बड़ा और छोटा छोटा मठ घाट श्मशान घाट तराई घाट आदि के साथ 1 दर्जन से अधिक घाटों पर दूरदराज से आए लगभग 6 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और गंगा तट के किनारे स्थित मंदिरों और शिवालयों में जलाभिषेक करते हुए पूजा और अर्चना की गई तथा गंगा तट के स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं द्वारा विभिन्न प्रकार के मांगलिक कार्य संपन्न कराए गए किसी ने ढोल और नगाड़े के साथ मुंडन संस्कार कराया तो किसी ने सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी

गंगा स्नान के बाद जनपद के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं के मेला क्षेत्र में लगे पंडाल में लोगों द्वारा अस्थाई रूप से भोलेनाथ की व्यवस्था की गई उसके बाद मेले में सजी विभिन्न प्रकार की दुकानों में बच्चों से लेकर महिलाएं व पुरुष तथा वृद्धों ने खूब जमकर खरीदारी की गई जहां एक और छोटे बच्चों ने अपने मनचाहे खिलौने लेकर और विभिन्न प्रकार के झूले खिलौने देख कर आनंदित हुए वहीं महिलाओं द्वारा अपनी श्रृंगार और गृह उपयोगी संबंधी खरीदारी की गई वहीं युवा और वृद्ध किसी ने लाठी खरीदी तो किसी ने वस्तु खरीद कर मेले का लुफ्त उठाया और देर शाम होते होते अपने पडा़ओ पर पहुंचकर घर के लिए रवाना होने लगे.

 

मेले में बिछड़े पति पत्नी खोया पाया केंद्र में मिले

 

डलमऊ गंगा घाट पर ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेला सकुशल प्रशासन की देखरेख में संपन्न हो गया है मेले में प्रशासन द्वारा खोया पाया केंद्र की व्यवस्था की गई थी। जिसकी वजह से 145 भटके लोग खोया पाया केंद्र में मिले। स्नान घाटों के साथ-साथ कस्बे के प्रत्येक मार्गों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही। जिसकी वजह से लोग एक दूसरे से बिछड़ गए। इसी दौरान एक पति पत्नी एक दूसरे से बिछड़ गए जिसको खोया पाया केंद्र में मिलाया गया।

 

और जब पशुओं की खुरो से निकला खून

 

डलमऊ ऐतिहासिक नगरी आज भी अपनी ऐतिहासिकता संजोए हुए हैं इसकी मुख्य वजह है यहां का कार्तिक पूर्णिमा मेला जहां पर कई वर्षों से चली आ रही परंपरा को श्रद्धालु आज भी निभाते चले आ रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा मेले में बैल गाड़ियों का सहारा लेकर श्रद्धालु गंगा घाट पर आए हुए थे। कई मिलमील चल कर आय पशुओं के खुरो  से खून निकलने लगा लेकिन फिर भी पशुओं की आस्था कम नहीं पड़ी वह लंगड़ाते हुए श्रद्धालुओं के साथ आखिरकार गंगा घाट पर पहुंच ही गए। और गंगा जी का स्पर्श करने के बाद पशु एवं श्रद्धालुओं का दर्द पल भर में मिट गया।

 

जमकर हुई वितासखाने में खरीददारी

 

कार्तिक पूर्णिमा मेले में विभिन्न क्षेत्रों में जनपदों से आई दुकानों में श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी की बिसात खाने की दुकानों में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ लगी रही। वही स्नान घाटों पर लगी प्रसाद की दुकानों में श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी की।

 

मेले के दौरान अधिकारियों ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा 

 

कार्तिक पूर्णिमा मेले में आए लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर स्नान करने के पश्चात विधिपूर्वक पूजा अर्चना कर किया। मंगलवार को मेला जैसे ही संपन्न होने की कगार पर पहुंचा वैसे ही डीएम शुभ्रा सक्सेना और एसपी स्वप्निल ममगई ने मेले में व्यवस्थाओं का जायजा लेने लगे। इस दौरान अधिकारियों के कुछ देर तक धड़कने बढ़ने लगी। अधिकारियों ने सर्वप्रथम कस्बे के वीआईपी घाट पहुंचे वहां पर मेले में आए श्रद्धालुओं से व्यवस्थाओं के विषय में जानकारी लेने लगे। इसके पश्चात मोटर बोट से नौका विहार भी किया और इस स्नान घाटों की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से पूछताछ भी की। मंगलवार को का मेला के शुभ अवसर पर कस्बे के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमडा रहा।

 

 मेले में बने अस्थाई बस स्टैंड में यात्रियों को हुई परेशानी

 

डलमऊ कार्तिक  पूर्णिमा में आने वाले श्रद्धालुओं को आने-जाने के लिए परिवहन निगम द्वारा 56 बसें लगाई गई थी जिनके लिए अस्थाई बस स्टैंड सराय दिलावर के पास बनाया गया स्टैंड दूर होने की वजह से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होती रही 5 किलोमीटर उन्हें पैदल चलकर गंगा स्नान के लिए जाना पड़ता था वहीं पर बसों की पर्याप्त व्यवस्था ना होने की वजह से यात्रियों को घंटों बसे के लिए इंतजार करना पड़ता है वहीं जब कोई बस आती तो चढ़ने के लिए भगदड़ सी मच थी जिसको लेकर परिवहन निगम के कर्मचारी लापरवाह दिखे पर्याप्त बसें उपलब्ध ना होने की वजह से यात्रियों में अफरातफरी मची रही एक दूसरे को धक्का-मुक्की करते हुए बसों में लोग चढ़ते नजर आए जहां पर बुजुर्गों व महिलाओं को काफी परेशानी भी झेलनी पड़ी

रामजानकी मंदिर में विधि-विधान पूर्वक हुआ श्रीरामचरितमानस पाठ

विपिन पांडेय

रायबरेली। हिंदू युवा वाहिनी इकाई द्वारा शिवगढ़ कस्बे में स्थित रामजानकी मंदिर में विधि-विधान पूर्वक रामचरितमानस पाठ का आयोजन किया गया। जिसमें हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों एवं क्षेत्र के लोगों ने पूर्ण्य की लालसा से श्रीरामचरितमानस पाठ पढ़कर क्षेत्र की खुशहाली एवं अमन चैन के लिए प्रभु श्रीराम से दुआएं मांगी। श्रीरामचरितमानस पाठ के समापन पर विधि-विधान पूर्वक मंत्रोच्चारण के साथ 11,000 देवी देवताओं को पूर्णाहुति दी गई। इस मौके पर हिंदू युवा वाहिनी के योगेश सिंह, लवकुश मिश्रा, दुर्गेश गिरी, प्रदीप दीक्षित अंकित सिंह, जितेंद्र सिंह, ललित तिवारी, अमन सिंह अभिषेक सिंह,पवन दीक्षित,अखिलेश सिंह, धर्मराज सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

दुर्गा पूजा के बाद गरबा नृत्य ने मोहा मन

लखनऊ। श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा में विकल्प खण्ड, गोमती नगर स्थित दुर्गा पूजा में सुबह महा नवमी की पूजा में नीरा सिन्हा (वर्षा) संस्थापक अध्यक्ष एवं संरक्षक, लीपिका उकील, अनुपम सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव सहित कमेटी के सभी सदस्यों तथा भक्तो ने पूजा अर्चना की।पूजा पंडाल में समर्थ नारी - समर्थ भारत भी झलकता है, श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा  मे पुष्पांजली एंव आरती की गयी, मॉं को भोग  लगाने के बाद भोग वितरण भी किया गया,  वहीं शाम को शंखनाद प्रतियोगिता एवं भारतीय पारम्परिक परिधान,गरबा  नृत्य की  मन मोहक प्रस्तुति भी हुई।

क्या आप जानते हैं ? भैसेश्वर महादेव के मंदिर का इतिहास

अंगद राही/ विपिन पांडेय

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के कोटवा गांव में स्थित प्राचीन कालीन भैसेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र ही नहीं दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर प्रांगण में आयोजित चार दिवसीय दशहरा मेला आज भी भारतीय सभ्यता संस्कृति और अध्यात्म को संरक्षक प्रदान करने के साथ ही जीवंत है। 19 वीं सदी से 21वीं सदी तक के सफर में आज तक लोगों का विश्वास कम नहीं हुआ। बताते हैं कि भैसेश्वर मंदिर के स्थान पर 19 वीं सदी से पूर्व एक टीला हुआ करता था। जिसके आसपास घना जंगल घना जंगल था। एक दिन कोटवा गांव के दन्नू शुक्ल को स्वप्न आया कि जंगल में स्थित टीले के स्थान पर कालांतर में भैसेश्वर महादेव मंदिर था। जिसकी स्थापना देवताओं ने की थी। जो आज टीले में तब्दील हो चुका है। दन्नू शुक्ल ने अपने स्वप्न की बात ग्रामीणों से बताई। फिर क्या था ग्रामीणों ने सत्यता जानने के लिए टीले की खुदाई की तो उन्हें वास्तव में मंदिर के अवशेष मिले। टीले के स्थान पर मंदिर के निर्माण के लिए ग्रामीणों ने शिवगढ़ रियासत के राजा को स्वप्न की बात बताई और मंदिर निर्माण के लिए गुहार लगाई। शिवगढ़ रियासत के धर्म निष्ठा राजा ने लोगों की प्रार्थना सहज स्वीकार करते हुए ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से भैसेश्वर महादेव के इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया। वहीं कोटवा गांव के भुजवा बिरादरी के एक व्यक्ति ने 1001 चांदी के सिक्के दिए जिससे मंदिर के बगल में एक दूसरे छोटे मंदिर का निर्माण कराया गया। सन 1917 के करीब मंदिर बनकर तैयार हो गया है। तब से विजयदशमी मेले का आयोजन किया जाने लगा। वहीं जिलेदार बहादुर सिंह ने रामलीला पर आधारित स्वयं एक किताब लिखकर दशहरा मेले में रामलीला की शुरुआत करके भैसेश्वर महादेव के विजयदशमी मेले को चार चांद लगा दिया। भैसेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में आयोजित विजयदशमी मेले की सबसे बड़ी खासियत है कि 1917 से शुरू हुआ विजयदशमी मेला तब से निरंतर चल रहा है। चार दिवसीय विजयदशमी मेले में आज भी गांव के युवाओं द्वारा रामलीला का सुंदर मंचन किया जाता है। मेले में रामलीला का सजीव मंचन लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है। मेले के अंतिम दिन जनपद स्तरीय दंगल का भव्य आयोजन किया जाता है। जिसमें रायबरेली जिले के साथ ही अन्य कई जनपदों के पहलवान शिरकत कर अपने- अपने दांव पेच दिखाते हैं। 1917 में शुरू हुए इस विजयदशमी मेले की चमक आज तक फीकी नहीं पड़ी। प्रधान संघ अध्यक्ष विनोद सिंह व शिक्षक जहांगीर सिंह की माने तो मेले के आयोजन में किसी प्रकार की ना तो रसीद काटी जाती है और ना ही दुकानदारों से किसी प्रकार का चंदा लिया जाता है। आयोजक कमेटी के ही सहयोग से भैसेश्वर महादेव के चार दिवसीय मेले का भव्य आयोजन किया जाता है।

बाबा बैजनाथ के भंडारे में हजारों भक्तों ने छका प्रसाद

विपिन पाण्डेय

रायबरेली/शिवगढ़। शिवगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत गूढ़ा में गत वर्षो की भांति कांवड़ियों एवं ग्राम प्रधान व ग्रामीणों के सौजन्य से बाबा बैजनाथ के विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्ण्य की लालसा से हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद छककर मनोकामनाएं मांगी। विदित हो कि गूढ़ा ग्राम पंचायत से प्रतिवर्ष कांवड़ियों के कई जत्थे बाबा बैजनाथ के दर्शन के लिए रवाना होते हैं। जो बाबा बैजनाथ के दर्शन करके वापस आने के बाद ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से विशाल भंडारे का आयोजन करते हैं। भंडारे में क्षेत्र ही नहीं दूरदराज से आने वाले सैकड़ों श्रद्धालु भंडारे में शिरकत करके प्रसाद छककर बाबा बैजनाथ से दुआएं मांगते हैं। पूर्वाहन 11 बजे से शुरू हुआ भंडारा देर रात तक चलता रहा। आयोजक कमेटी के मुताबिक भंडारे में 10 हजार से अधिक श्रद्धालु भंडारे में शामिल होकर प्रसाद छकते हैं। इस मौके पर ग्राम प्रधान रामहेत रावत, आशीष कुमार वर्मा, रामकिशोर, सुरेश, आलोक कुमार, जयवर्धन सिंह, सतगुरु, दयाराम, धनीराम, रामहेत, वासुदेव, राम सुमिरन, रुपेश रावत, सुरेश रावत, जगदीश, रूबी, विजय संतोष राजेंद्र रिंकू प्रेमी चंद्रपाल अंकित अरविंद राजाराम संजय इंदल लखन विनोद कुमार अवधेश शिव प्रकाश नंदू बबलू रामअचल अवधेश सहित हजारों की संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।

झमा-झम बारिश के बीच सम्पन्न हुआ कलश शोभा यात्रा एवं शारदीय नव्रात्रारम् 

ताजपुर /समस्तीपुर (अब्दुल कादिर) ताजपुर प्रखण्ड क्षेत्रों में रविवार अश्वनी शुक्ल पक्ष को  भाड़ी बारिश होने के बावजूद भी कलश शोभा यात्रा एवं शारदीय नव्रात्रारम्भ की गई।   महिलाएं/पुरुषों एवं नवयुवकों में काफी उत्साह देखे गए । लोगों के दिलो-दिमाग मे बैठे माँ शारदे की श्रद्धा-भक्ति को यह झमा-झम बारिश कुछ नही बिगाड़ पाई। माता के भक्ति में जरा सी भी कमी नही आई। इसी का जीता-जागता नमूना, नवयुवक दुर्गापूजा समिति मुन्नीचक हाट  बना जो,लगातार बारिश होने के वावजूद भी वहां भव्य कलश शोभा- यात्रा का आयोजन किया गया। इस शोभायात्रा में 501 कुंवारी कन्याओं ने भाग ली। झमा-झम बारिश होने के वावजूद भी आस्था और भक्ति का परिचय देते हुए हजारों की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष इस शोभा यात्रा में शामिल हुए। शोभायात्रा पूजा स्थल से जुलूस निकाल कर, हाथी-घोड़े, गाजे-बाजे के साथ-साथ माता रानी का जय करा लगते हुए पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया, जिससे पूरा क्षेत्र भक्ति मय बना हुआ था। जगह जगह पर श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत किया गया। क्षेत्र भ्रमण करते हुए जुलूस नून नदी (बच घाट) पहुंचा,जहां से 501 कुमारी कन्याओं ने कलश में जल भरी। पवित्र जल भरकर पुनः क्षेत्र परिक्रमा करते हुए माता का पूजा स्थल मुन्नीचक हाट पहुंचा, जहां पंडितो द्वरा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापित किया गया एवं मां शारदे की पूजा अर्चना सुरु की गई। दुर्गापूजा को लेकर युवा वर्ग में काफी उत्साह देखा गया। माता की मंदिर को रंग बिरंगी लाइट से सजाया गया है। उक्त स्थान पर लगभग कई दशक से ग्रामवासियों के सहयोग से पूजा होते चला रहा है। कलश यात्रा एवं पूजा सफल बनाने में पूजा समिति अध्यक्ष चंदेश्वर प्रसाद साह, सचिव अनिल कुमार साह, सदस्य ओम प्रकाश साह, पूर्व पंचायत समिति सदस्य, मनोज राय , शीतल राय , संजीत राय , दीपक राम , परमानंद राम , अशोक राम, अनिल कुमार दास, सुरेश प्रसाद साह पूर्व मुखिया , रितेश कुमार , अनिल राय, दीपक महतो , फूल बाबू भगत वं समस्त ग्रामवासियों ने भाग लिए ।

माता-पिता ही सच्चे भगवान है : रामनरेश रावत

शिवगढ़ में जननी जनक महोत्सव का हुआ भव्य आयोजन 

अंगद राही

रायबरेली। पितृपक्ष में जीवित धरती के भगवान माता-पिता के प्रति श्रद्धा अर्पण कार्यक्रम के तहत शिवगढ़ ब्लॉक सभागार में जननी-जनक महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें 32 जोड़ी माता-पिता का पूजन उनके पुत्रों द्वारा किया गया। जननी-जनक महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन क्षेत्रीय विधायक रामनरेश रावत द्वारा करवाया गया। जिसमें शिवगढ़ क्षेत्र के 32 जोड़ी माता-पिता का उनके बेटों द्वारा विधि-विधान पूर्वक पूजन एवं आरती की गई। इस अनूठे कार्यक्रम को देखने के लिए भारी संख्या में आए लोगों ने क्षेत्रीय विधायक रामनरेश रावत व व्यवस्थापकों की जमकर सराहना की। क्षेत्रीय विधायक रामनरेश रावत ने बताया कि धरती पर माता पिता ही सच्चे भगवान हैं। जो लोग माता-पिता का तिरस्कार करके भगवान की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। उन पर भगवान कभी दया नहीं कर सकते। इसलिए हमें सच्चे मन से माता पिता का पूजन करना चाहिए। माता पिता की सेवा करने वालों पर ही भगवान अपनी कृपा करते हैं।
जो व्यक्ति सुबह उठ के माता पिता को प्रणाम करता है वह हमेशा सुखी रहता है उसके ऊपर कोई संकट नहीं आता। विदित हो कि जनक जननी महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन विधायक रामनरेश रावत पारिजात संस्था के बैनर तले पिछले 24 वर्षों से करते चले आ रहे हैं। रामनरेश रावत का कहना है कि पितृपक्ष में मृत माता-पिता एवं पूर्वजों को तर्पण देते हैं, किंतु पितृपक्ष में मृत माता पिता को तर्पण देने का तभी फायदा है जब उनके जिंदा रहते उनका आदर सत्कार एवं पुत्र धर्म का निर्वाहन किया हो। इसलिए हमें माता पिता की सच्चे मन से सेवा एवं पूजा करनी चाहिए। अंत में विधायक ने जननी जनक महोत्सव में उपस्थित माता-पिता व उनके बेटों को संकल्प दिलवाया की आज से हम अपने माता-पिता की सेवा करेंगे और सुबह उठकर उन्हे प्रणाम करने के बाद ही अन्य कार्य करेंगे। इस मौके पर खण्ड विकास अधिकारी अजय कुमार सिंह, एडीओ पंचायत जितेंद्र बहादुर एडीओ समाज कल्याण अधिकारी,शिव शरण सिंह वरिष्ठ भाजपा नेता रामप्रकाश अवस्थी, अरविंद कुमार मिश्रा,भाजपा महिला मोर्चा की ब्लॉक अध्यक्ष किरण तिवारी, युवा नेता भाजपा नेता नीरज उर्फ शिवेंद्र शुक्ला, ललित तिवारी, ब्लॉक उपाध्यक्ष पंकज मिश्रा, रवींद्र शर्मा,राजाराम लोधी, संजय कुमार, सपना अवस्थी, अजय पांडेय,रमेश शुक्ला, सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

नगर पंचायत अध्यक्ष एवं अधिशासी द्वारा रामलीला मैदान का निरीक्षण किया

डलमऊ रायबरेली- नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौड़ एवं अधिशासी अधिकारी अमित कुमार सिंह द्वारा रामलीला मैदान का निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान नहर किनारे लगी हुई बालू को देखा जो कस्बे के लोगो के लिए बवाल बनी हुई थी।बालू नहर की पटरियों लगी हुई है लोगो को जाने के लिये रास्ता बंद पड़ा हुआ है।कस्बे की समस्या को देखते हुये श्री गौड़ ने सिंचाई विभाग के एक्सियन से बात कर पटरियो पर लगी हुई बालू को हटवाने की बात कही वही अठ्ठारह दिवसीय होने वाली रामलीला के दौरान प्रतिदिन साफ सफाई रूटीन के हिसाब से होना चाहिए।मौके पर लिपिक शोहराब अली, अध्यक्ष प्रतिनिधि सुभम गौड़, दिलीप बाजपेयी, मोनू सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

 

 

कच्ची दीवार गिरने से मासूम की मौत व मां घायल 

 

डलमऊ रायबरेली- बीती रात से हो रही लगातार रुक रुक कर मूसलाधार बारिश ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनी हुई है गुरुवार को दोपहर को कच्ची दीवार गिरने से एक मासूम की मौत हो गई वहीं उसमें दबकर मां गंभीर रूप से घायल हो गई जिसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है गदागंज थाना क्षेत्र के पूरे ककोरन मे शाहिद अली का परिवार कच्चे घर में गुजर-बसर कर रहा है पूरे दिन हुई रुक-रुक कर बारिश से घर की कच्ची दीवार अचानक भरभरा कर गिर गई जिसके नीचे 3 वर्षीय मासूम सबीना एवं उसकी मां तस्लीम दब गई अचानक गिरी दीवार से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई चीख-पुकार सुनकर ग्रामीणों का मजमा लग गया और मलबे में दबी बच्ची और उसकी मां को बाहर निकाला गया किंतु मासूम की मौत हो गई वहीं गंभीर रूप से घायल तस्लीम को परिजनों द्वारा जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां पर उसका इलाज चल रहा है थाना अध्यक्ष गदागंज धीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि दीवार गिरने से तस्लीम बुरी तरह से जख्मी हो गई है जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है एवं उसकी 4 वर्षीय बेटी की दबकर मौत हो गई है शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है.

 

कार्तिक पूर्णिमा की सभी तैयारियों को समय से पूरा किया जाएगा - ब्रजेश दत्त गौर

डलमऊ रायबरेली- उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर डलमऊ का कार्तिक पूर्णिमा अपना एक अलग ही स्थान रखता है दालभ्य ऋषि की तपोभूमि डलमऊ जहां पर कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए सुदूर जिलों से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है  कार्तिक पूर्णिमा के स्नानरथियों के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नगर पंचायत डलमऊ अध्यक्ष व जिला प्रशासन सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध करता है जिससे किसी भी श्रद्धालू को अव्यवस्था का शिकार ना होना पड़े आगामी नवंबर से डलमऊ गंगा घाट पर लगने वाले ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियों को लेकर नगर पंचायत ने इसकी कवायत तेज कर दी है। मेले में सकरे मार्गो से आवागमन करने में स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। कस्बे वासियों की मांग पर मंगलवार को नगर पंचायत अध्यक्ष एवं सभासदों ने सकरे मार्गो का निरीक्षण किया। नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौड़ ने डलमऊ डल पार्क श्मशान घाट मार्ग का निरीक्षण  कर मोहल्ला टिकैतगंज में सड़कों पर बनाए गए चबूतरे की नाप कराई। इसके साथ ही सड़क से 2 मीटर तक  मार्ग को चौड़ीकरण कराने के लिए सड़क पर बने चबूतरे को काटने के निर्देश दिए। इसके साथ ही जिन का मकान सड़क पर बना हुआ है उनका कोई नुकसान नहीं है लेकिन घर के सामने बने चबूतरे को काट कर सड़क की चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। वही मोहल्ला शेरनन्दाजपुर में ओम नारायण होंडा  के घर के पास से लगभग डेढ़ से 2 मीटर सड़क चौड़ीकरण होगी तथा राजेंद्र पंडा के घर के पास से बड़े मठ तक 4 मीटर तक सड़क चौड़ीकरण कर खड़ंजा निर्माण का कार्य कराया जाएगा। वही कस्बे की खुली नालियों में पत्थर डालकर नाले एवं नालियों को बंद कर दिया जाएगा जिससे मेले में किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना ना हो। नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौड़ ने बताया कि मेले को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं, कस्बे के विभिन्न मार्ग सक्रिय थे जिन्हें चौड़ीकरण कराने का कार्य किया जा रहा है जिससे मेले के दौरान लोगों को जाम की स्थिति से परेशान ना होना पड़े । कस्बे की सड़कें चौड़ीकरण होने से लोगों ने नगर पंचायत अध्यक्ष की जमकर प्रशंसा की है। इस मौके पर अधिशासी अधिकारी अमित कुमार सिंह, नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौड़, वरिष्ठ लिपिक सोहराब अली, सतीश जयसवाल, रघुनंदन पंडा, मन्नू सभासद जितेंद्र,मोनू दुबे,दीपू यादव,सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

कैसे होगा देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन

डलमऊ-  शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से प्रारंभ हो रहे हैं वही डलमऊ रायबरेली राष्ट्रीय मार्ग से होकर डलमऊ गंगा घाट पर प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रालियो  में  सवार होकर गंगा घाट पर स्नान पर स्नान करने के लिए आते हैं। वही डलमऊ रायबरेली राष्ट्रीय राजमार्ग के मध्य क्षतिग्रस्त पुलिया किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है इस बात को विभागीय अधिकारी भी नजरअंदाज कर रहे हैं। इतना ही नहीं शारदीय नवरात्र समापन के पश्चात प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों एवं जनपदों से श्रद्धालु डलमऊ गंगा घाट पर आएंगे । इसके बावजूद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त पुलिया की मरम्मत का कार्य नहीं कराया। जबकि पुलिया का निर्माण  कराने में लगभग 2 से 3 माह का समय लगता है ऐसी स्थिति में 10 नवंबर को डलमऊ गंगा घाट पर लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेले में लोक निर्माण विभाग क्या इस पुलिया को बनाकर तैयार कर सकेगा। यह सवाल स्थानीय लोगों को टीस की तरह चुभ रही है।