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महाराष्ट्र में कोविंद के हस्ताक्षर के बाद लगाया गया राष्ट्रपति शासन, सरकार बनाने के लिए एनसीपी-कांग्रेस कर रही है मंथन

महाराष्ट्र में कोविंद के हस्ताक्षर के बाद लगाया गया राष्ट्रपति शासन, सरकार बनाने के लिए एनसीपी-कांग्रेस कर रही है मंथन

 

288 विधानसभा वाली महाराष्ट्र में शिवसेना के जहां 56 विधायक हैं. भाजपा के 105 जबकि कांग्रेस और एनसीपी के क्रमश: 44 और 54 विधायक है. अब देखना है कि कांग्रेस एनसीपी बैठक के बाद क्या गठजोड़ करती हैं.

 

नई दिल्ली: पिछले तीन दिनों से महाराष्ट्र में चली जबरदस्त गहमागहमी के बाद आखिरकार महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की शाम राष्ट्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किये. अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी.

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर कहा, ‘महाराष्ट्र के राज्यपाल ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के खत्म होने के 15 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी कोई भी राजनीतिक दल राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं, ऐसे में राष्ट्रपति शासन ही एक बेहतर विकल्प है.’

बता दें कि 10 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी द्वारा महाराष्ट्र में सरकार बनाए जाने के इनकार के बाद से वहां पेच फंस गया और पिछले दो दिनों में राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने एक के बाद एक शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का बुलावा भेजा. मंगलवार शाम8.30 बजे एनसीपी को दी गई अवधि खत्म हो रही है

वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल राकांपा प्रमुख शरद पवार से मिलने पहुंचे हैं. अभी भी महाराष्ट्र में सरकार के गठन के लिए कांग्रेस पार्टी और और एनसीपी जोड़-तोड़ में लगी है. जबकि शिवसेना महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

शिवसेना के एक वकील ने मंगलवार को कहा कि यदि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो पार्टी उच्चतम न्यायालय में एक दूसरी याचिका दाखिल करेगी.

शिवसेना की ओर से पहली याचिका दायर करने वाले वकील सुनील फर्नांडिस ने कहा, ‘राज्य में यदि राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो हम आज ही दूसरी याचिका दायर करेंगे.’

उन्होंने कहा कि उनकी पहली याचिका पर मंगलवार को तत्काल सुनवाई किये जाने के अनुरोध पर उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार से कोई जवाब नहीं मिला है. इस याचिका में पार्टी ने राज्य में सरकार गठन के लिए समर्थन पत्र सौंपने के लिए तीन दिन का समय नहीं दिये जाने संबंधी राज्यपाल के सोमवार के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है.

वहीं देर शाम शिवसेना के दूसरे वकील राजेश इनामदार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर कहा , अभी तक जितनी भी सूचनाएं हमें मिल रही हैं सभी समाचार चैनलों के माध्यम से मिल रही है. अब समय आ गया है कि इसपर कानूनी विचार हो, अगर इस मामले में किसी कानूनी कद की जरूरत होगी तो हम वह कदम कानून के अंदर रहते हुए उठाएंगे.

कांग्रेस ने किया विरोध, संवैधानिक प्रक्रिया का बनाया मजाक

कांग्रेस ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने के लिए उनकी आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने ‘न्याय का हनन’ किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर राकांपा, शिवसेना और भाजपा को सरकार बनाने के लिए बहुमत साबित करने के लिए ‘मनमाने ढंग से’ समय देने का आरोप भी लगाया.

सुरजेवाला ने कहा, ‘ये बेईमानी से भरा हुआ और राजनीति से प्रेरित है.’

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राज्यपाल कोश्यारी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करके लोकतांत्रिक न्याय का हनन किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है.’

कोश्यारी के कार्यालय द्वारा ट्विटर पर जारी किए गए एक बयान में कहा गया, ‘उन्हें विश्वास है कि संविधान के अनुरूप सरकार का गठन नहीं किया जा सकता है (और इसलिए) आज संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधानों को लागू करने की रिपोर्ट भेजी है.’

कोश्यारी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को सरकार बनाने का दावा करने के लिए मंगलवार शाम साढ़े आठ बजे तक का समय दिया था और इस बीच उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की रिपोर्ट भेज दी है.

बता दें कि अगर आज कांग्रेस और एनसीपी की बात बन भी जाती है तो भी उसे सरकार बनाने के लिए तीसरी पार्टी का सहारा लेना पड़ेगा. क्योंकि 288 विधानसभा वाली महाराष्ट्र में शिवसेना के जहां 56 विधायक हैं. वहीं भाजपा के 105 विधायक हैं. जबकि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के क्रमश: 44 और 54 विधायक है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस को 134 विधायकों की आवश्यकता है जबकि इन दोनों के पास 98 ही विधायक हैं. ऐसे में किसी भी सूरत में उन्हें शिवसेना का सहयोग लेना ही पड़ेगा.

शिवगढ़ भाजपा मण्डल अध्यक्ष जीबी सिंह का हुआ भव्य स्वागत

अंगद राही / विपिन पाण्डेय
रायबरेली। भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त शिवगढ़ मंडल अध्यक्ष डॉ.जीबी सिंह व जिला उपाध्यक्ष शरद सिंह का भवानीगढ़ चौराहे पर वरिष्ठ भाजपा नेता दिनेश सिंह भदौरिया के नेतृत्व में फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि शशि सिंह भदौरिया, वरिष्ठ भाजपा नेता रवींद्र कुमार शर्मा,पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष पवन सिंह, शालू गुप्ता,सुत्तन सिंह, शिवमूर्ति सिंह कछवाह, वीरेंद्र सिंह, सुंदर सिंह, राकेश सिंह कछवाह, अमर सिंह राठौर, श्रवण पांडेय, रामअवध वर्मा, हर्षवर्धन सिंह, सुनील कुमार,राजाराम लोधी, रामशंकर सिंह चौहान, सुरेंद्र सिंह,रमेश कुमार, राकेश कुमार वर्मा,रामहेत सिंह,आदित्य वर्मा ,सोहनलाल, रामशंकर चौहान, रामप्रसाद,योगेश प्रताप,पूर्णेन्द्र सिंह,अजय विश्वकर्मा सहित लोगों ने नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष डॉ जीबी सिंह को फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया एवं डा.जीबी सिंह के साथ ही एक दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया। इस अवसर पर डॉ.जीबी सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करूंगा और किसी भी कीमत पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता का सम्मान खोने नहीं पाएगा, कार्यकर्ताओं के मान सम्मान एवं स्वाभिमान को हमेशा बरकरार रखा जाएगा। श्री जीबी सिंह ने कहा कि जिस अपेक्षा के साथ जिम्मेदारी सौंपी गई है उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। वहीं  जिला उपाध्यक्ष शरद सिंह ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत एक युवा प्रधान देश है भारत में करीब 60 प्रतिशत आबादी नौजवानों की है। इस बार उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने करीब 90 प्रतिशत मंडल अध्यक्ष पद की कमान नौजवानों को सौंपी गई है। जिसका असर 2022 के विधानसभा चुनाव में अवश्य देखने को मिलेगा। वरिष्ठ भाजपा नेता रविंद्र सिंह ने कहा कि डॉ.जीबी सिंह को शिवगढ़ भाजपा मंडल अध्यक्ष बनाए जाने से कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा और स्फूर्ति आ गई है। श्री शर्मा ने कहा कि डॉ.जीबी सिंह के साथ उन्होंने काफी दिनों तक कार्य किया है उनका विश्वास है कि डॉ.जीबी सिंह पार्टी और कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं पर बिल्कुल खरा उतरेंगे। विदित हो कि शिवगढ़ भाजपा मंडल अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद डॉ.जीबी सिंह ने मंगलवार को रामपुर टिकरा,ओसाह,शिवगढ़,भवानीगढ़,अहलादगढ़,गूढ़ा,रानीखेड़ा,तिलेण्डा सहित गांव का भ्रमण कर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।

जीवन में आगे बढ़ने के लिए बाबा साहब के आदर्शों पर चलना होगा : कैबिनेट मंत्री

अंगद राही

रायबरेली। बछरावां क्षेत्र के बगाही गांव की पावन मातृभूमि पर उत्तर प्रदेश सरकार की प्राविधिक शिक्षा कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण के प्रथम आगमन पर कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण व बछरावां विधानसभा क्षेत्र के तेजतर्रार विधायक राम नरेश रावत के स्वागत में महाबली वीरा पासी शौर्य महासभा द्वारा विशाल सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। सम्मान समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण,विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित भाजपा विधायक रामनरेश रावत व महाबली वीरा पासी शौर्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज कुमार रावत द्वारा भगवान गौतम बुद्ध,भारतरत्न डॉ.भीमराव अंबेडकर, महाराजा वीरा पासी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करके किया गया। जिसके पश्चात भारी भरकम मालाओं एवं बुकों से प्राविधिक शिक्षा कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण व क्षेत्रीय विधायक रामनरेश रावत का बगाही की सर जमी पर ऐतिहासिक स्वागत किया गया। इस दौरान पासी महाराजाओं एवं कैबिनेट मंत्री और विधायक के जयकारों से समूचा सभास्थल गूंज उठा। स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण ने कहा कि हम सभी के पूर्वज राजा रहे हैं। महाराजा लाखन पासी, महाराजा वीरा पासी, उदा देवी जितने भी नाम लिए जाएं उत्तर भारत में ज्यादातर पासी महाराजाओं के राज्य रहे हैं। किंतु विडंबना है कि महाराजाओं के वंशज हमारा पासी समाज आज विभिन्न मंचों में बट गया है। हम विभिन्न टुकड़ों में बढ़ चुके सभी अपने हैं आखिर हम जाना भी जाएं तो कहां और किस मंच पर जाएं। अगर हमें अपने समाज को संगठित करना है और समाज के स्वाभिमान को बचाना है तो बाबा साहब के आदर्शों एवं मूल्यों को अपने जीवन में उतारना होगा और फिर से एक मंच पर सभी को आना होगा। बाबा साहब ने कहा था शिक्षित बनो संगठित बनो लेकिन हम कहां शिक्षित बन रहे हैं और कहां संगठित हो रहे हैं। सरकार शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न सुविधाएं मुहैया करा रही है। यदि हम कक्षा आठ तक पढ़ाई कर सकते हैं तो स्नातक तक की भी पढ़ाई आसानी से कर सकते। हम उच्च शिक्षा ग्रहण करके अपने समाज को संगठित करने के साथ ही उच्च शिखर पर ले जा सकते हैं। कमला रानी वरुण ने मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान राम, कृष्ण को नारी ने जन्म दिया है, भगवान बुद्ध स्वामी विवेकानंद को नारी ने अपना दूध पिला कर पाला और बड़ा किया है। पुरुषों को तुमने जन्म दिया है पुरुषों से डरने की जरूरत नहीं है। श्रीमती वरुण ने कहा कि नारी जीवन हर पल तू एक नई कहानी, तेरे आंचल में है दूध, फिर भी क्यों आंखों में पानी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आज के बाद यदि किसी ने आंख उठाकर बगाही गांव की तरफ देखा और लोगों को डराने धमकाने की कोशिश की तो अच्छा नहीं होगा। जरूरत पड़ी तो बगाही गांव के स्वाभिमान के लिए वे स्वयं चलकर आएंगी। वहीं क्षेत्रीय विधायक रामनरेश रावत ने अपने संबोधन में कहा कि 1401 को एक के बाद कुछ पासी मतवाले निकले और उन्होंने मन में ठान लिया था कि तब तक पासी वीर गाथा गाएंगे जब तक कोई पासी महापुरुष पैदा नहीं हो जाता। पासी वर्ग अपने आपको जबरदस्ती शुद्र मानता घूम रहा है हम नागवंशी हैं भले ही क्षत्रियों वाला हमारा काम नहीं था पर राज्य करना या राज्य कार्य में सहयोग करना हमारा कार्य था। श्री रावत ने कहा कि अपने पूर्वजों के सम्मान और स्वाभिमान को कभी गिरने नहीं देंगे आखिरी सांस तक उनकी लड़ाई पासी समाज के उत्थान के लिए जारी रहेगी। श्री रावत ने कहा कि पासी समाज के उत्थान के लिए उन्होंने एक श्वेत पत्र भी जारी किया है। श्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा जल्द ही महाराजा बिजली पासी के किले का उत्थान कराया जाएगा। वहीं सम्मान समारोह में उपस्थित बब्लू पासवान, महाबली वीरा पासी शौर्य महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज कुमार रावत व कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे हैं पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष देवतादीन पासी सहित वक्ताओं ने पासी समाज के महापुरुषों के जीवन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। इस मौके पर प्रदीप कुमार ,रावत कुलदीप कुमार रावत ,वीरेंद्र कुमार रावत, सूरत सिंह रावत, बक्षराज रावत, बनवारी लाल रावत, राम जी, धर्मेंद्र दिलीप कुमार, शिवमंगल, रामअचल, धीरज, राममिलन सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

पल पल बदल रही है महाराष्ट्र कि सियासी हलचल, राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए एनसीपी को दी 24 घंटे की मोहलत

पल पल बदल रही है महाराष्ट्र कि सियासी हलचल, राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए एनसीपी को दी 24 घंटे की मोहलत

 

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने शिवसेना के सरकार बनाने की तयसीमा के खत्म होने के बाद एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता भेजा और उन्हें इसके लिए 24 घंटे का समय दिया गया है.

 

नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार बनाने को लेकर चल रही सियासी खींचतान अब राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है. अगले 24 घंटे महाराष्ट्र के लिए काफी अहम बताए जा रहे हैं. शिवसेना को सरकार बनाए जाने के लिए और समय न दिए जाने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने एनसीपी को न्योता दिया है. और सरकार बनाने के लिए 24 घंटे का समय भी दिया है.

एनसीपी के नेता अजित पवार मीडिया से बातचीत की और कहा कि राज्यपाल ने उन्हें बुलाया है और मिलने को कहा है. अजित पवार ने यह भी कहा कि उनके साथ छगन भुजबल, जयंत पाटिल और दूसरे नेता राज्यपाल कोशियारी से मिलने पहुंचे. पवार ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि गर्वनर ने उन्हें क्यों बुलाया है. गर्वनर एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं इसलिए हम उनसे मिलने जा रहे हैं.

पवार के ठीक बाद पार्टी नेता नवाब मलिक ने मीडिया को बताया कि गर्वनर ने उनकी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता दिया है. हमारे नेताओं का एक दल उनसे मिलने गया है. उन्होंने कहा कि गर्वनर द्वारा भेजे गए सरकार निर्माण के न्योते को लेकर हम अपनी गठबंधन पार्टी कांग्रेस से बात करेंगे और देखेंगे कि हम राज्य में एक स्थायी सरकार दे सकें. मलिक ने यह भी बताया कि उन्हें कल तक अपना दावा पेश करना होगा.

पल पल बदलती रही महाराष्ट्र की राजनीति

पिछले 18 दिनों भाजपा और शिवसेना में 50/50 फॉर्मुले पर बात न बनने के बाद शिवसेना ने सरकार बनाने का दावा पेश किया लेकिन फिर भी बात नहीं बनी. सोमवार 11 नवंबर को एक वक्त ऐसा भी आया जब लगा की महाराष्ट्र की सरकार की तस्वीर लगभग साफ हो गई है लेकिन देर शाम होते होते एकबार फिर पासा पलटा और यह एनसीपी के खाते में जा गिरा. देर शाम राज्यपाल कोशियारी ने एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया और उन्हें दावा पेश करने के लिए 24 घंटे यानी मंगलवार शाम 8 बजे तक का समय दिया है.

कांग्रेस पार्टी कि दिन भर चली मीटिंग

बता दें कि सोमवार को कांग्रेस पार्टी में सुबह से ही गहमागहमी बनी हुई थी. खबर आ रही थी कि कांग्रेस पार्टी एनसीपी और शिवसेना दोनों को बाहर से समर्थन देगी लेकिन इसी घमासान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि हमने पहले ही प्रेस नोट जारी किया है और हमने यह भी बताया हमारी कार्यसमिति के सदस्यों और पीसीसी के नेताओं से चर्चा हुई है.

खड़गे ने यह भी बताया कि एआईसीसी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शरद पवार जी से बात की है. लेकिन अब आगे कि चर्चा कल मुंबई में होगी. वहीं दूसरी तरफ सुबह एक बार बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर देर शाम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की.

राज्य में सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देना है या नहीं, इस संबंध में फैसला करने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और सुशील कुमार शिंदे के साथ-साथ पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोराट ने सोनिया गांधी से मुलाकात की.

इससे पूर्व कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सभी वरिष्ठ सदस्यों ने गांधी के आवास पर सुबह मुलाकात की थी. हालांकि, बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका था और पार्टी नेतृत्व ने शाम चार बजे फिर से बैठक करने का निर्णय लिया था. पार्टी के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी, अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल ने शाम की बैठक में भाग लिया.

सूत्रों ने बताया कि सोनिया ने महाराष्ट्र से पार्टी के वरिष्ठ नेता नाना पटोले से भी बात की और राजनीतिक संभावनाओं पर उनसे विचार-विमर्श किया.

आदित्य ठाकरे पहुंचे राज्यपाल के पास मांगा और समय

देर शाम आदित्य ठाकरे सरकार बनाने के दावे के साथ राज्यपाल से मुलाकात की और कहा कि हमने राज्यपाल से कहा कि हम सरकार बनाना चाहते हैं, लेकिन हमें इसके लिए कम से कम दो दिनों का समय चाहिए लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. ठाकरे ने कहा कि हम महाराष्ट्र में सरकार निर्माण करने के लिए कोशिश कर रहे हैं.

ठाकरे ने मीडिया को यह भी बताया कि हमसे कांग्रेस और एनसीपी दोनों ही पार्टियों के नेता और विधायक बात कर रहे हैं. ठाकरे ने कहा कि राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी है जिसे सरकार बनाने का हक है हमने अपनी बात राज्यपाल के सामने रखी है लेकिन हमें और समय नहीं दिया जा रहा है.

राजभवन ने जारी किया बयान कहा शिवसेना आवश्यक समर्थन पत्र जमा नहीं कर सकी

शिवसेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार बनाने की इच्छा प्रकट की लेकिन वे जरूरी समर्थन पत्र जमा नहीं कर सके. राजभवन ने एक बयान में यह बात कही.

राजभवन की ओर से यहां जारी बयान में कहा गया कि शिवसेना ने समर्थन पत्र जमा करने के लिए तीन दिन का समय और मांगा था, लेकिन राज्यपाल ने इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया.

इसमें कहा गया है कि शिवसेना नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने कोश्यारी से मुलाकात की और सरकार बनाने की इच्छा प्रकट की. बयान के अनुसार, ‘शिवसेना समर्थन का जरूरी पत्र नहीं जमा कर सकी. शिवसेना ने समर्थन पत्र जमा करने के लिए समयसीमा तीन दिन और बढ़ाने का अनुरोध करते हुए पत्र दिया था जो सोमवार शाम 7:30 बजे समाप्त हो गयी.’

इसमें कहा गया, ‘राज्यपाल ने और समय देने में असमर्थता प्रकट की.’

राज्यपाल से मुलाकात के बाद शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी का सरकार बनाने का दावा अब भी कायम है क्योंकि दोनों दलों ने शिवसेना नीत सरकार को सैद्धांतिक रूप से समर्थन की सहमति जताई है.

क्या है सीटों का गणित

शिवसेना महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय सदन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके 56 विधायक हैं. भाजपा के 105 विधायक हैं. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के क्रमश: 44 और 54 विधायक है.

धन्यवाद एसपीजी आप के समर्पण और स्नेह के लिए धन्यवाद- राहुल गांधी

धन्यवाद एसपीजी आप के समर्पण और स्नेह के लिए धन्यवाद- राहुल गांधी

 


राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा एसपीजी में हमारी और हमारे परिवार की सुरक्षा में तैनात रहे सभी भाई बहनों को धन्यवाद


नई दिल्ली- भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा एसपीजी सुरक्षा वापस लेने के बाद ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने सभी कर्मचारियों का शुक्रिया अदा किया है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा है-

 

"SPG में मेरे सभी भाइयों और बहनों को बहुत धन्यवाद, जिन्होंने वर्षों से मेरी और मेरे परिवार की सुरक्षा के लिए अथक प्रयास किया। आपके समर्पण, आपके निरंतर समर्थन और स्नेह और सीखने से भरी यात्रा के लिए धन्यवाद। यह एक विशेषाधिकार रहा है। एक बेहतरीन भविष्य के लिए शुभकामनाएं।"

 
 
"A big thank you to all my brothers & sisters in the SPG who worked tirelessly to protect me & my family over the years. Thank you for your dedication, your constant support & for a journey filled with affection & learning. It has been a privilege. All the best for a great future."

 

मोदी सरकार ने सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ली

मोदी सरकार ने सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ली

 

अधिकारियों ने बताया कि सोनिया गांधी परिवार को अब पूरे भारत में सीआरपीएफ की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मिलेगी.

 

नयी दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल और बेटी प्रियंका से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला लिया है. इससे पहले सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाई गई थी, जिसका काफी विरोध भी हुआ था.

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि गांधी परिवार को अब पूरे भारत में सीआरपीएफ की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मिलेगी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने सुरक्षा आकलन करने के बाद गांधी परिवार को मिली विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) की सुरक्षा वापस लेने का फैसला लिया.

गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा वापस वापस लिए जाने पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल रोष व्यक्त किया है. अहमद पटेल ने भाजपा पर हमला करते हुए लिखा कि पार्टी प्रतिशोध तंत्र पर काम कर रही है. दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार जिन्होंने अपनी जिंदगी आतंक और हिंसा में गंवाई है से बदला लेने जैसा है.

वहीं कांग्रेस पार्टी के ही दूसरे नेता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी से पूछा है कि एक महीने पहले तक तो भाजपा सरकार राहुल गांधी के साथ एसपीजी विदेश तक भेजना चाहती थी लेकिन एक महीने में ऐसा क्या हो गया कि इसे पूरी तरह से ही वापस ले लिया गया है. जयवीर आगे लिखते हैं एसपीजी की वापसी वास्तविक सुरक्षा जोखिम का मूल्यांकन कर ली गई है न कि सस्ते राजनीतिक मूल्यांकन कर.

गौरतलब है कि सोनिया गांधी के पति एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी सास एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी दोनों की हत्या की गयी थी.

 

स्मृति की प्रियंका को दो टूक जिनके अपनों पर गबन के आरोप वो नसीहत न दें तो बेहतर

स्मृति की प्रियंका को दो टूक जिनके अपनों पर गबन के आरोप वो नसीहत न दें तो बेहतर

 

दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंची हैं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

 

मंगलवार को प्रतापगढ़ के व्यापारी की अमेठी पुलिस की कस्टडी में हुई थी मौत, 15 पुलिस वालों पर दर्ज हो चुकी है एफआईआर

 

अमेठी:-केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर पलटवार किया है। कहा कि, जिनके अपने परिजनों पर गबन और किसानों की जमीनें हड़पने का आरोप है, जो आज तक सम्राट साइकिल की जमीन पर बैठ चुके हैं, किसानों के अधिकारों का हनन कर बैठ चुके हैं वो अगर प्रशासन को नसीहत न दें तो बेहतर होगा। दरअसल, प्रतापगढ़ के एक व्यापारी की अमेठी पुलिस कस्टडी में हुई मौत पर प्रियंका गांधी ने कहा था कि, यूपी पुलिस अपराधियों पर मेहरबान है, लेकिन हर दिन नागरिकों को परेशान में माहिर है। प्रियंका ने प्रतापगढ़ व हापुड़ की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि, भाजपा सरकार के मान पर जूं तक नहीं रेंग रही।केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बुधवार दोपहर बाद दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंची हैं। मीडिया से बात करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि जिन्होंने अपनी सत्ता चलाई गुंडा राज में आज वो आज वो योगी जी पर कटाक्ष कर रहे हैं। वो अपने गिरेहबान में झांक कर देखें।

स्मृति ने कहा कि, मैं इस बात से पूर्णतः सहमत हूं और विश्वास प्राप्त कर चुकी हूं कि सरकार परिवारों को न्याय पहुंचाएगी। लेकिन जो अमेठी और अमेठी के प्रशासन और उत्तर प्रदेश की सरकार को नसीहत देना चाहते हैं उनसे मेरा विशेष निवेदन है कि आप अपनी राजनीति छोड़कर अगर गरीब और किसान कल्याण में वाकई में विश्वास रखते हैं तो सम्राट साइकिल की जमीन अमेठी के किसान को लौटाएं। ये पांच सालों से मेरा आग्रह रहा है, लेकिन जिसने ये बयान अभी दिया है, उसके कान पर जूं नहीं रेंगी है।

भाजपा बहुमत साबित करने में फेल हुई तो वैकल्पिक सरकार बनाने पर कर सकते हैं विचार : राकांपा

भाजपा बहुमत साबित करने में फेल हुई तो वैकल्पिक सरकार बनाने पर कर सकते हैं विचार : राकांपा

 

राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह टिप्पणी शरद पवार के शिवसेना के साथ जाने की किसी संभावना से इनकार के कुछ दिनों बाद यह बयान आया है.

 

मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मंगलवार को कहा कि यदि भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने में नाकाम रहती है तो एक वैकल्पिक सरकार के गठन पर विचार किया जा सकता है. राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह टिप्पणी की.

वहीं, शिवसेना ने सरकार गठन पर भाजपा के साथ अपनी बैठक मंगलवार को रद्द कर दी.

 

बैठक रद्द किये जाने के कुछ घंटे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बात से इंकार किया कि सत्ता साझेदारी फार्मूले के तहत शिवसेना को 2.6 साल के लिए मुख्यमंत्री पद का भरोसा दिलाया गया है.

गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को हुए 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी और उसे 105 सीटें प्राप्त हुई. वहीं, शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की.

मलिक ने कहा, ‘राज्यपाल (भगत सिंह कोश्यिारी) अगले कुछ दिनों में देवेंद्र जी को सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं. सवाल यह है कि क्या शिवसेना के मंत्री शपथ लेते हैं या नहीं (फडणवीस के साथ). और उनको (फडणवीस) को 14-15 दिनों में सदन में अपना संख्या बल साबित करनी होगी.’

राकांपा के नगर प्रमुख ने कहा कि यदि शिवसेना सदन में सरकार गिरने की वजह बनती है…’तो हम इस बारे में सोच सकते हैं कि क्या किया जा सकता है.’

पार्टी प्रमुख शरद पवार के शिवसेना के साथ जाने की किसी संभावना से इनकार करने के कुछ दिनों बाद मलिक का यह बयान आया है.

वहीं, राकांपा के सहयोगी दल कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के साथ किसी तरह की सौदेबाजी करने से आधिकारिक रूप से इंकार किया है. हालांकि, राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए विकल्प तलाशे जा सकते हैं.

दिलचस्प है कि शरद पवार नीत पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनाव के फौरन बाद भाजपा का बाहर से समर्थन करने की घोषणा की थी. उस चुनाव में भाजपा को 122 सीटें मिली थी, जबकि शिवसेना ने 63 सीटों पर जीत दर्ज की थी. दोनों भगवा दलों ने अपने-अपने बूते चुनाव लड़ा था.

बाद में शिवसेना सरकार में शामिल हो गई थी.

लाजवंती कुरील ने साबित कर दिया पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है

अंगद राही / विपिन पांडेय

रायबरेली। बछरावां से बसपा विधानसभा प्रभारी लाजवंती कुरील इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है। जिन्हें बसपा से अब तक हुए बछरावां विधानसभा प्रभारियों में से सबसे तेज तर्रार और कर्मठ माना जा रहा है। विदित हो कि बछरावां विधानसभा से पार्टी की कमान संभालने से पूर्व भी लाजवंती कुरील समाज सेवा एवं दीन दुखियों की सेवा के लिए जानी जाती रही हैं। चाहे बछरावां विधानसभा क्षेत्र रहा हो या अन्य कोई क्षेत्र लाजवंती कुरील ने कभी दूसरे वाहन अथवा एंबुलेंस का इंतजार किए बगैर अपने निजी वाहन से दुर्घटना में शिकार हुए राहगीरों एवं बीमारी से जूझ रहे लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बछरावां से लेकर जिला अस्पताल एवं राजधानी लखनऊ में स्थित अस्पतालों में निस्वार्थ भावना से पहुंचाने का काम किया है। भले ही पिछले चुनावों में बसपा को देश और प्रदेश में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा किंतु लाजवंती कुरील ने जब से सुध संभाली है पार्टी के प्रति उनका कभी आत्मविश्वास कमजोर नहीं हुआ, और ना ही उनके अंदर कभी निराशावादी विचारों की उत्पत्ति हुई। ज्ञात हो कि बसपा विधानसभा प्रभारी लाजवंती कुरील बसपा के विधानसभा अध्यक्ष रत्नेश चौधरी, महासचिव राममिलन गौतम, शिवांशु राव के साथ पिछले कई दिनों से पार्टी कार्यकर्ताओं के घर-घर जाकर उन्हें उपहार में मिठाई देने के साथ ही दीपावली की शुभकामनाएं दे रही हैं। जिनकी इस आशावादी सोंच से पार्टी कार्यकर्ताओं को एक नई ऊर्जा और स्फूर्ति मिल रही है। पार्टी कार्यकर्ता लाजवंती कुरील के इस कार्य की जमकर सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है कि अक्सर देखा गया है कि चुनाव के बाद कोई पार्टी कार्यकर्ताओं का हाल नहीं लेता, किन्तु लाजवंती कुरील की इस पहल से उन्हें एक नई ऊर्जा मिली है।

गोपाल कांडा के भाजपा को समर्थन पर भड़कीं उमा भारती, कहा- हमारे साथ साफ-सुथरे लोग ही हों

गोपाल कांडा के भाजपा को समर्थन पर भड़कीं उमा भारती, कहा- हमारे साथ साफ-सुथरे लोग ही हों

 

'गोपाल कांडा बेक़सूर है या अपराधी, यह तो क़ानून साक्ष्यों के आधार पर तय करेगा, किंतु उसका चुनाव जीतना उसे अपराधों से बरी नहीं करता. चुनाव जीतने के बहुत सारे फैक्टर होते हैं

 

नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिरसा सीट से एचएलपी पार्टी से जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस के पूर्व नेता गोपाल कांडा ने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने की बात कही है. यही नहीं उन्होंने निर्दलीय विधायकों के भाजपा के साथ होने की बात कही जिसके बाद न केवल विपक्षी पार्टियां बल्कि भाजपा के नेता भी पार्टी को कांडा से समर्थन न लेने की नसीहत दे दी है. भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल को टैग करते हुए न केवल गोपाल कांडा का विरोध किया है ​बल्कि यहां तक कह दिया कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ता साफ-सुथरे जिंदगी के लोग होते हैं वैसे ही लोग हों. उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए.

 कांडा के विरोध में आईं उमा

उन्होंने कहा लिखा, ‘जब तक मोदी जी की लहर नहीं आई थी, हम हरियाणा में दो विधानसभा सीटें जीतने पर भी खुश हो जाते थे. इसलिए हरियाणा में पहले चुनाव में सरकार बना लेना और दूसरे चुनाव में भी सबसे बड़ी पार्टी बनकर आना असाधारण उपलब्धि है. यह सब नरेंद्र मोदी की तपस्या का ही परिणाम रहा है.

 

उन्होंने आगे लिखा कि अभी मैं गंगा प्रवास पर हूं. हिमालय में गंगा के किनारे हूं. यहां टीवी नहीं है, मैं मोबाइल पर सारी ख़बरें ले रही हूं, मुझे जानकारी मिली है कि हम हरियाणा में भी सरकार बना सकते हैं. उन्होंने लिखा कि यह एक अच्छी ख़बर है. मुझे जानकारी मिली है कि गोपाल कांडा नाम के एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी हमें मिल सकता है.

भारती ने कांडा का विरोध करते हुए कहा, ‘मुझे कुछ कहना है.’ ‘अगर गोपाल कांडा वही व्यक्ति है जिसकी वजह से एक लड़की ने आत्महत्या की थी तथा उसकी मां ने भी न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली थी, मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है, तथा यह व्यक्ति ज़मानत पर बाहर है.’

‘गोपाल कांडा बेक़सूर है या अपराधी, यह तो क़ानून साक्ष्यों के आधार पर तय करेगा, किंतु उसका चुनाव जीतना उसे अपराधों से बरी नहीं करता. चुनाव जीतने के बहुत सारे फैक्टर होते हैं. मैं भाजपा से अनुरोध करूंगी कि हम अपने नैतिक अधिष्ठान को न भूलें.’

‘हमारे पास तो नरेंद्र मोदी जैसी शक्ति मौजूद है, एवं देश क्या पूरे दुनिया की जनता मोदी जी के साथ है तथा मोदी जी ने सतोगुणी ऊर्जा के आधार पर राष्ट्रवाद की शक्ति खड़ी की है. हरियाणा में हमारी सरकार ज़रूर बने, लेकिन यह तय करिए कि जैसे भाजपा के कार्यकर्ता साफ़-सुथरे ज़िंदगी के होते हैं, हमारे साथ वैसे ही लोग हों.’

उमा भारती भारतीय जनता पार्टी की पहली महिला हैं जिन्होंने किसी अपराधिक प्रवृति के नेता के खिलाफ बोला है और प्रधानमंत्री तथा पार्टी से गुजारिश की है कि ऐसे नेता को पार्टी में जगह नहीं दी जानी चाहिए.

गोपाल कांडा ने दिया भाजपा को समर्थन

सरकार गठन से महज छह सीट दूर भाजपा को हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता गोपाल कांडा ने ‘बिना किसी शर्त समर्थन’ देने का एलान कर दिया है. कांडा आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में आरोपी हैं.

निर्दलीय विधायक कांडा ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने और अन्य निर्दलीय विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी को बिना किसी शर्त ‘समर्थन’ देने का फैसला किया है. सिरसा सीट से जीत दर्ज करने वाले कांडा ने कहा, ‘मेरा परिवार 1926 से संघ से जुड़ा है. मेरा पिता भाजपा से जुड़े हैं.’ दिल्ली में छह विधायकों ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा से मुलाकात भी की है.

उमा भारती ने एक ट्वीट में अपनी पार्टी को आगाह करते हुए कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की साफ छवि को नुकसान पहुंच सकता है.

सुरजेवाला बोले- भाजपा की कथनी करनी दिखाई दी

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया है. सुरजेवाला ने कहा, ‘जब कांडा हरियाणा सरकार में मंत्री थे तो उस वक्त के नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बयानों को देखिए. उस वक्त भाजपा का क्या रुख था?’ सुरजेवाला ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांडा को हटा दिया था. यह भाजपा का दोहरा मापदंड है.

सत्तारूढ़ पार्टी ने राज्य में सबसे अधिक 40 सीटों पर जीत दर्ज की है, लेकिन बहुमत से वह छह सीटें पीछे रह गई. वहीं कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की. जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने 10 सीटें हासिल की है. वहीं सात निर्दलीय विधायक चुने गए हैं.

क्या था एयर होस्टेस आत्म हत्या मामला

गौरतलब है कि कांडा पर 2012 में एक एयर होस्टेस को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगा था. राज्य में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कांडा गृह मंत्री थे. उन्होंने कहा, ‘मेरे खिलाफ केवल धारा 306 का एक गलत मामला है.’

कांडा ने अपने खिलाफ अन्य मामले दर्ज होने की खबरें खारिज करते हुए कहा, ‘आरोप लगाना आसान है.’ कांडा की ‘एमडीएनआर एयरलाइन’ में काम करने वाली गीतिका शर्मा पांच अगस्त 2012 को उत्तरपश्चिम दिल्ली के अशोक विहार में अपने घर पर मृत मिली थी.

गीतिका ने चार अगस्त को आत्महत्या करने से पहले एक पत्र में लिखा था कि कांडा के ‘उत्पीड़न’ के कारण वह यह कदम उठा रही है. कांडा ने इन आरोपों को खारिज किया था.

दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था और अभी वह जमानत पर बाहर हैं.