पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से हरियाली पर चल रहा है आरा
पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से हरियाली पर चल रहा है आरा
अनुज मौर्या , न्यूज़ डेस्क हेड, न्यूज़ प्लस
डलमऊ रायबरेली- डलमऊ तहसील क्षेत्र में पुलिस व वन विभाग कर्मियों के मिलीभगत से बिना परमिट के हरे पेड़ काटे जा रहे हैं क्षेत्र में आम महुआ नीम के पेड़ों का कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा है पर्यावरण को संतुलित बनाने के लिए जहां वनविभाग द्वारा अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का काम कर रहा है वहीं क्षेत्रीय वन कर्मियों की मिलीभगत से वन माफिया हरे पेड़ों पर खुलेआम आरा चला रहे ऐसा ही मामला बुधवार को विकासखंड दीन शाह गौरा के कितूली गांव में विशालकाय हरे आम के पेड़ को बिना परमिट के काट दिया गया जबकि वन विभाग के कर्मचारियों को पेड़ काटे जाने की जानकारी ही नहीं है पूछे जाने पर मामले को देखने जाते हैं और कार्रवाई करेंगे कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं जब तक वन विभाग द्वारा कार्रवाई करने की प्रक्रिया जारी की जाती है तब तक ठेकेदार पेड़ को काटकर ठिकाने लगा देते यह सिलसिला पिछले 1 माह से चल रहा है इसी प्रकार आजादपुर दीना शाह गौरा जलालपुर धई सहित कई गांवों में पिछले कई दिनों से हरे पेड़ों की कटान जारी है इस बाबत वन दरोगा रजनीश से पूछे जाने पर बताया कि मामले की जानकारी नहीं है जांच कर कार्रवाई करेंगे ।
नहीं रुक रही पराली जलाने की घटनाएं ,जिम्मेदार मौन
डलमऊ रायबरेली- प्रशासन द्वारा सख्ती के बावजूद भी किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ली रही हैं लगातार किसान अपने खेतों में पराली जलाते नजर आ रहे हैं किसान खेतों में पराली न जलाएं इसके लिए मंगलवार को उपजिलाधिकारी डलमऊ सविता यादव ने गदागंज थाना में पहुंचकर क्षेत्रीय ग्राम प्रधान व किसानों की बैठक करके पराली न जलाने के लिए निर्देशित किया लेकिन बावजूद इसके किसान अनजान बने हुए हैं और पराली जलाने में लगे हुए हैं क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं ऐसा ही मामला बुधवार को मुराईबाग जगतपुर मुख्य मार्ग पर दुर्गागंज के निकट किसान पराली जलाते नजर आए जबकि प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी पराली जलाने का मामला जब उजागर हुआ तो क्षेत्रीय प्रशासन के हाथ-पैर फूल आए और तब क्षेत्रीय प्रशासन लेखपाल और कानूनगो मौके पर पहुंचकर जल रही पराली को बुझाने का प्रयास किया ।
A/F के लिए कोई नियम है क्या!!
रायबरेली- ना उम्र का बंधन हो, ना ट्रैफिक का नियम हो, बस बिना नम्बर प्लेट की गाड़ी हो, भर्राटे भरना हो,शायद नयी बाइको पर कोई जवाबदेही नही है। तभी तो खुले गगन के तले बिना नंबर की बाइक चले। जी हां हम बात कर रहे हैं, नवंबर माह यातायात के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार सहित कई प्रदेशों की सरकारे मना रही है। पर यहां बिना रजिस्ट्रेशन की गाड़ियां सड़क पर बढ़ रही हैं। यही नहीं बुजुर्गों से लेकर युवा तक बिना नंबर प्लेट की गाड़ी चलाने का मतलब शायद नहीं जानते कोई दुर्घटना हो जाने पर क्लेम कहां मिलेगा, किसको मिलेगा दूसरी बात हेलमेट लगाना तो दूर की बात।तस्वीर में आप देख सकते हैं कि उम्र के इस पड़ाव में भी हेलमेट लगाना और बिना नंबर प्लेट की गाड़ी को चलाना अपना शौक मान रहे हैं। युवा भी कहीं पीछे नहीं दूसरी तस्वीर हेलमेट लगा है पर 3 लोग सवार।हेलमेट पास नहीं है और नंबर प्लेट भी अप्लाई फॉर में है। शायद इस पर क्या कोई नियम और कानून लागू होता हैं ।