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महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या कहते हुए सोनिया गांधी सड़क पर

नई दिल्ली : महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर संसद में जहां कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद में बैनर के साथ प्रदर्शन करने उतर गईं. वहीं राहुल गांधी ने कहा कि सदन में आज सवाल पूछने आया था, लेकिन सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है.

वहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद में महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर प्रदर्शन करने उतर गईं. संविधान की हत्या बंद करो के साथ नारेबाजी की गई.

बता दें विपक्ष ने महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर का मुद्दा संसद के सदनों में भी उठाया है. विपक्ष यह आरोप लगा रहा है कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या कर रही है. इस बीच लोकसभा में विपक्षी दलों के सांसदों ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर संविधान की हत्या बंद करो के साथ नारेबाजी की है.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी . इसके बाद से शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा अपने विधायकों को मुंबई के अलग अलग होटलों में रखे हुए है. भाजपा की सरकार बनने को लेकर इन तीनों दलों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है.

महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक दोपहर 12 बजे तक और राज्यसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है.

राहुल गांधी ने कहा कि में सदन में आज सवाल पूछने आया था, लेकिन सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है.

इस सत्र में पहली बार सदन में पहुंचे गांधी ने सवाल पूछने से इनकार करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है.’ इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं.

महाराष्ट्र मुद्दे पर हंगामा, रास दोपहर दो बजे तक स्थगित

महाराष्ट्र मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक सोमवार को शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाए.

सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत उन्हें कांग्रेस के आनंद शर्मा, माकपा सदस्य के के रागेश तथा इलामारम करीम, भाकपा के विनय विस्वम एवं द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा की ओर से कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं.

सभापति ने कहा कि महाराष्ट्र मुद्दा अदालत में विचाराधीन है. इसके अलावा, उच्च पद पर आसीन किसी व्यक्ति के आचरण पर समुचित नोटिस के बिना चर्चा नहीं की जा सकती. नायडू ने कहा कि इन वजहों के चलते उन्होंने सदस्यों के नोटिस स्वीकार नहीं किए.

सभापति ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के बारे में या राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बारे में नोटिस दिए जाने पर सदन में चर्चा की जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई नोटिस विचाराधीन नहीं है.

इसके बाद विपक्षी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक एवं वाम सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. कुछ सदस्यों ने ‘महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या’ के नारे लगाए.

इसी बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के फैसले पर विशेष नोटिस के माध्यम से ही चर्चा की जा सकती है और ऐसा कोई नोटिस विपक्षी सदस्यों की ओर से नहीं दिया गया है.

नकवी ने आरोप लगाया ‘कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना महाराष्ट्र में जुगाड़ के जरिये लोकतंत्र का अपहरण करने की कोशिश कर रही हैं.’ नकवी ने यह भी कहा कि जनतंत्र भाजपा के साथ है.

उन्होंने कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार सदन के सम्मानित सदस्य हैं और बड़े खिलाड़ी भी हैं.

नकवी ने कहा ‘पवार को समझना चाहिए कि फिसलन भरी पिच पर क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों के रन आउट होने का खतरा होता है. फिर भी वह ऐसी पिच पर दौड़ रहे हैं.’ इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों से आगे आए, हालांकि वे आसन के समक्ष नहीं गए. सभापति ने उन्हें अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने को कहा. अपनी बात का असर नहीं होते देख उन्होंने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

महाराष्ट्र मुद्दे पर लोकसभा में भारी हंगामा, कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित

महाराष्ट्र मुद्दे पर लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस सदस्यों के भारी हंगामे और पार्टी के दो सदस्यों हिबी इडेन एवं टी एन प्रतापन और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते और पोस्टर लिए हुए आसन के निकट पहुंच गए। इडेन और प्रतापन ने बड़ा पोस्टर ले रखा था जिस पर ‘स्टॉप मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी’ लिखा था.

नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और अनुसूचित जाति के लड़के-लड़कियों के छात्रावास विषय पर पूरक प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम पुकारा.

स सत्र में पहली बार सदन में पहुंचे गांधी ने सवाल पूछने से इनकार करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है.’ इसी बीच स्पीकर बिरला ने बड़ा पोस्टर लहरा रहे इडेन और प्रतापन को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी। स्पीकर ने मार्शलों को दोनों कांग्रेस सदस्यों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया.

हालांकि इडेन, प्रतापन और अन्य कांग्रेस सदस्यों तथा मार्शलों के बीच धक्कामुक्की हो गयी.

हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

ड्रग्स और कास्मैटिक ऐक्ट के विरोध में फार्मासिस्ट संघ

रायबरेली। भारत सरकार के प्रस्ताव ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के शेड्यूल 'के' में  बदलाव किये जाने पर इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के द्वारा इसके विरोध का निर्णय लिया गया है। जिसे फेडरेशन ऑफ इंडियन फार्मासिस्ट ऑर्गनाइजेशन  एआईएस ,जीपीए , सहित अन्य राष्ट्रीय फार्मासिस्ट संगठनों का समर्थन प्राप्त है शेड्यूल 'के' में बदलाव के विरोध में 29 नवम्बर को जंतर मंतर दिल्ली में दोपहर 1 बजे से धरना प्रदर्शन किया जाएगा उक्त धरने में भारत के सभी प्रान्तों के  रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट (सेवारत, सेवानिर्वित , वेरोजगार फार्मासिस्ट) भागीदारी करेगे।  राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ  के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने समस्त फार्मासिस्टों से अनुरोध है कि 29 नवम्बर 19 को 1 बजे  जंतर मंतर दिल्ली धरने में पहुँच कर  सफल बनायें जिससे शेड्यूल 'के' में होने वाले बदलाव के लिये प्रस्तावित प्रस्ताव को भारत सरकार को वापस लेना पड़े।

महंगाई एवं बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेसियों ने खोला मोर्चा

अंगद राही

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के पूरे दरिया मजरे बसन्तपुर सकतपुर में कांग्रेसियों द्वारा बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी के खिलाफ नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। नुक्कड़ सभा का आयोजन कांग्रेस कमेटी के शिवगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष दिग्विजय सिंह उर्फ मुन्ना भैया के नेतृत्व में किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए  बछरावां विधानसभा प्रभारी राजकुमार दीक्षित ने कहा कि भाजपा के तानाशाही रवैया से आम जनमानस त्रस्त है। महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जिला संगठन सचिव दिनेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार में प्याज बिना खाए ही आंसू निकल रहे हैं। महंगाई के चलते लहसुन के बिना सब्जी का स्वाद गायब हो गया है। ब्लॉक अध्यक्ष दिग्विजय सिंह उर्फ मुन्ना भैया ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बेरोजगारी चरम सीमा पार कर चुकी है। गैस सिलेंडर के दाम  आसमान छू रहे हैं। स्नातक परास्नातक एवं डिग्री धारी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इस मौके पर उपस्थित पूर्व विधानसभा प्रत्याशी साहब शरण पासी, गिरिजेश श्रीवास्तव, गणेश शंकर मिश्रा, शिवकुमार सिंह, अविनाश शुक्ला, बृजेश बाजपाई, शिवशंकर अवस्थी,गोविंद त्रिपाठी सहित वक्ताओं ने बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा।

शिवगढ़ भाजपा मण्डल अध्यक्ष जीबी सिंह का हुआ भव्य स्वागत

अंगद राही / विपिन पाण्डेय
रायबरेली। भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त शिवगढ़ मंडल अध्यक्ष डॉ.जीबी सिंह व जिला उपाध्यक्ष शरद सिंह का भवानीगढ़ चौराहे पर वरिष्ठ भाजपा नेता दिनेश सिंह भदौरिया के नेतृत्व में फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि शशि सिंह भदौरिया, वरिष्ठ भाजपा नेता रवींद्र कुमार शर्मा,पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष पवन सिंह, शालू गुप्ता,सुत्तन सिंह, शिवमूर्ति सिंह कछवाह, वीरेंद्र सिंह, सुंदर सिंह, राकेश सिंह कछवाह, अमर सिंह राठौर, श्रवण पांडेय, रामअवध वर्मा, हर्षवर्धन सिंह, सुनील कुमार,राजाराम लोधी, रामशंकर सिंह चौहान, सुरेंद्र सिंह,रमेश कुमार, राकेश कुमार वर्मा,रामहेत सिंह,आदित्य वर्मा ,सोहनलाल, रामशंकर चौहान, रामप्रसाद,योगेश प्रताप,पूर्णेन्द्र सिंह,अजय विश्वकर्मा सहित लोगों ने नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष डॉ जीबी सिंह को फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया एवं डा.जीबी सिंह के साथ ही एक दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया। इस अवसर पर डॉ.जीबी सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करूंगा और किसी भी कीमत पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता का सम्मान खोने नहीं पाएगा, कार्यकर्ताओं के मान सम्मान एवं स्वाभिमान को हमेशा बरकरार रखा जाएगा। श्री जीबी सिंह ने कहा कि जिस अपेक्षा के साथ जिम्मेदारी सौंपी गई है उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। वहीं  जिला उपाध्यक्ष शरद सिंह ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत एक युवा प्रधान देश है भारत में करीब 60 प्रतिशत आबादी नौजवानों की है। इस बार उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने करीब 90 प्रतिशत मंडल अध्यक्ष पद की कमान नौजवानों को सौंपी गई है। जिसका असर 2022 के विधानसभा चुनाव में अवश्य देखने को मिलेगा। वरिष्ठ भाजपा नेता रविंद्र सिंह ने कहा कि डॉ.जीबी सिंह को शिवगढ़ भाजपा मंडल अध्यक्ष बनाए जाने से कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा और स्फूर्ति आ गई है। श्री शर्मा ने कहा कि डॉ.जीबी सिंह के साथ उन्होंने काफी दिनों तक कार्य किया है उनका विश्वास है कि डॉ.जीबी सिंह पार्टी और कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं पर बिल्कुल खरा उतरेंगे। विदित हो कि शिवगढ़ भाजपा मंडल अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद डॉ.जीबी सिंह ने मंगलवार को रामपुर टिकरा,ओसाह,शिवगढ़,भवानीगढ़,अहलादगढ़,गूढ़ा,रानीखेड़ा,तिलेण्डा सहित गांव का भ्रमण कर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।

जीवन में आगे बढ़ने के लिए बाबा साहब के आदर्शों पर चलना होगा : कैबिनेट मंत्री

अंगद राही

रायबरेली। बछरावां क्षेत्र के बगाही गांव की पावन मातृभूमि पर उत्तर प्रदेश सरकार की प्राविधिक शिक्षा कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण के प्रथम आगमन पर कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण व बछरावां विधानसभा क्षेत्र के तेजतर्रार विधायक राम नरेश रावत के स्वागत में महाबली वीरा पासी शौर्य महासभा द्वारा विशाल सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। सम्मान समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण,विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित भाजपा विधायक रामनरेश रावत व महाबली वीरा पासी शौर्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज कुमार रावत द्वारा भगवान गौतम बुद्ध,भारतरत्न डॉ.भीमराव अंबेडकर, महाराजा वीरा पासी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करके किया गया। जिसके पश्चात भारी भरकम मालाओं एवं बुकों से प्राविधिक शिक्षा कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण व क्षेत्रीय विधायक रामनरेश रावत का बगाही की सर जमी पर ऐतिहासिक स्वागत किया गया। इस दौरान पासी महाराजाओं एवं कैबिनेट मंत्री और विधायक के जयकारों से समूचा सभास्थल गूंज उठा। स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण ने कहा कि हम सभी के पूर्वज राजा रहे हैं। महाराजा लाखन पासी, महाराजा वीरा पासी, उदा देवी जितने भी नाम लिए जाएं उत्तर भारत में ज्यादातर पासी महाराजाओं के राज्य रहे हैं। किंतु विडंबना है कि महाराजाओं के वंशज हमारा पासी समाज आज विभिन्न मंचों में बट गया है। हम विभिन्न टुकड़ों में बढ़ चुके सभी अपने हैं आखिर हम जाना भी जाएं तो कहां और किस मंच पर जाएं। अगर हमें अपने समाज को संगठित करना है और समाज के स्वाभिमान को बचाना है तो बाबा साहब के आदर्शों एवं मूल्यों को अपने जीवन में उतारना होगा और फिर से एक मंच पर सभी को आना होगा। बाबा साहब ने कहा था शिक्षित बनो संगठित बनो लेकिन हम कहां शिक्षित बन रहे हैं और कहां संगठित हो रहे हैं। सरकार शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न सुविधाएं मुहैया करा रही है। यदि हम कक्षा आठ तक पढ़ाई कर सकते हैं तो स्नातक तक की भी पढ़ाई आसानी से कर सकते। हम उच्च शिक्षा ग्रहण करके अपने समाज को संगठित करने के साथ ही उच्च शिखर पर ले जा सकते हैं। कमला रानी वरुण ने मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान राम, कृष्ण को नारी ने जन्म दिया है, भगवान बुद्ध स्वामी विवेकानंद को नारी ने अपना दूध पिला कर पाला और बड़ा किया है। पुरुषों को तुमने जन्म दिया है पुरुषों से डरने की जरूरत नहीं है। श्रीमती वरुण ने कहा कि नारी जीवन हर पल तू एक नई कहानी, तेरे आंचल में है दूध, फिर भी क्यों आंखों में पानी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आज के बाद यदि किसी ने आंख उठाकर बगाही गांव की तरफ देखा और लोगों को डराने धमकाने की कोशिश की तो अच्छा नहीं होगा। जरूरत पड़ी तो बगाही गांव के स्वाभिमान के लिए वे स्वयं चलकर आएंगी। वहीं क्षेत्रीय विधायक रामनरेश रावत ने अपने संबोधन में कहा कि 1401 को एक के बाद कुछ पासी मतवाले निकले और उन्होंने मन में ठान लिया था कि तब तक पासी वीर गाथा गाएंगे जब तक कोई पासी महापुरुष पैदा नहीं हो जाता। पासी वर्ग अपने आपको जबरदस्ती शुद्र मानता घूम रहा है हम नागवंशी हैं भले ही क्षत्रियों वाला हमारा काम नहीं था पर राज्य करना या राज्य कार्य में सहयोग करना हमारा कार्य था। श्री रावत ने कहा कि अपने पूर्वजों के सम्मान और स्वाभिमान को कभी गिरने नहीं देंगे आखिरी सांस तक उनकी लड़ाई पासी समाज के उत्थान के लिए जारी रहेगी। श्री रावत ने कहा कि पासी समाज के उत्थान के लिए उन्होंने एक श्वेत पत्र भी जारी किया है। श्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा जल्द ही महाराजा बिजली पासी के किले का उत्थान कराया जाएगा। वहीं सम्मान समारोह में उपस्थित बब्लू पासवान, महाबली वीरा पासी शौर्य महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज कुमार रावत व कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे हैं पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष देवतादीन पासी सहित वक्ताओं ने पासी समाज के महापुरुषों के जीवन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। इस मौके पर प्रदीप कुमार ,रावत कुलदीप कुमार रावत ,वीरेंद्र कुमार रावत, सूरत सिंह रावत, बक्षराज रावत, बनवारी लाल रावत, राम जी, धर्मेंद्र दिलीप कुमार, शिवमंगल, रामअचल, धीरज, राममिलन सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

महाराष्ट्र में कोविंद के हस्ताक्षर के बाद लगाया गया राष्ट्रपति शासन, सरकार बनाने के लिए एनसीपी-कांग्रेस कर रही है मंथन

महाराष्ट्र में कोविंद के हस्ताक्षर के बाद लगाया गया राष्ट्रपति शासन, सरकार बनाने के लिए एनसीपी-कांग्रेस कर रही है मंथन

 

288 विधानसभा वाली महाराष्ट्र में शिवसेना के जहां 56 विधायक हैं. भाजपा के 105 जबकि कांग्रेस और एनसीपी के क्रमश: 44 और 54 विधायक है. अब देखना है कि कांग्रेस एनसीपी बैठक के बाद क्या गठजोड़ करती हैं.

 

नई दिल्ली: पिछले तीन दिनों से महाराष्ट्र में चली जबरदस्त गहमागहमी के बाद आखिरकार महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की शाम राष्ट्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किये. अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी.

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर कहा, ‘महाराष्ट्र के राज्यपाल ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के खत्म होने के 15 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी कोई भी राजनीतिक दल राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं, ऐसे में राष्ट्रपति शासन ही एक बेहतर विकल्प है.’

बता दें कि 10 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी द्वारा महाराष्ट्र में सरकार बनाए जाने के इनकार के बाद से वहां पेच फंस गया और पिछले दो दिनों में राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने एक के बाद एक शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का बुलावा भेजा. मंगलवार शाम8.30 बजे एनसीपी को दी गई अवधि खत्म हो रही है

वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल राकांपा प्रमुख शरद पवार से मिलने पहुंचे हैं. अभी भी महाराष्ट्र में सरकार के गठन के लिए कांग्रेस पार्टी और और एनसीपी जोड़-तोड़ में लगी है. जबकि शिवसेना महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

शिवसेना के एक वकील ने मंगलवार को कहा कि यदि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो पार्टी उच्चतम न्यायालय में एक दूसरी याचिका दाखिल करेगी.

शिवसेना की ओर से पहली याचिका दायर करने वाले वकील सुनील फर्नांडिस ने कहा, ‘राज्य में यदि राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो हम आज ही दूसरी याचिका दायर करेंगे.’

उन्होंने कहा कि उनकी पहली याचिका पर मंगलवार को तत्काल सुनवाई किये जाने के अनुरोध पर उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार से कोई जवाब नहीं मिला है. इस याचिका में पार्टी ने राज्य में सरकार गठन के लिए समर्थन पत्र सौंपने के लिए तीन दिन का समय नहीं दिये जाने संबंधी राज्यपाल के सोमवार के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है.

वहीं देर शाम शिवसेना के दूसरे वकील राजेश इनामदार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर कहा , अभी तक जितनी भी सूचनाएं हमें मिल रही हैं सभी समाचार चैनलों के माध्यम से मिल रही है. अब समय आ गया है कि इसपर कानूनी विचार हो, अगर इस मामले में किसी कानूनी कद की जरूरत होगी तो हम वह कदम कानून के अंदर रहते हुए उठाएंगे.

कांग्रेस ने किया विरोध, संवैधानिक प्रक्रिया का बनाया मजाक

कांग्रेस ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने के लिए उनकी आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने ‘न्याय का हनन’ किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर राकांपा, शिवसेना और भाजपा को सरकार बनाने के लिए बहुमत साबित करने के लिए ‘मनमाने ढंग से’ समय देने का आरोप भी लगाया.

सुरजेवाला ने कहा, ‘ये बेईमानी से भरा हुआ और राजनीति से प्रेरित है.’

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राज्यपाल कोश्यारी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करके लोकतांत्रिक न्याय का हनन किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है.’

कोश्यारी के कार्यालय द्वारा ट्विटर पर जारी किए गए एक बयान में कहा गया, ‘उन्हें विश्वास है कि संविधान के अनुरूप सरकार का गठन नहीं किया जा सकता है (और इसलिए) आज संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधानों को लागू करने की रिपोर्ट भेजी है.’

कोश्यारी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को सरकार बनाने का दावा करने के लिए मंगलवार शाम साढ़े आठ बजे तक का समय दिया था और इस बीच उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की रिपोर्ट भेज दी है.

बता दें कि अगर आज कांग्रेस और एनसीपी की बात बन भी जाती है तो भी उसे सरकार बनाने के लिए तीसरी पार्टी का सहारा लेना पड़ेगा. क्योंकि 288 विधानसभा वाली महाराष्ट्र में शिवसेना के जहां 56 विधायक हैं. वहीं भाजपा के 105 विधायक हैं. जबकि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के क्रमश: 44 और 54 विधायक है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस को 134 विधायकों की आवश्यकता है जबकि इन दोनों के पास 98 ही विधायक हैं. ऐसे में किसी भी सूरत में उन्हें शिवसेना का सहयोग लेना ही पड़ेगा.

पल पल बदल रही है महाराष्ट्र कि सियासी हलचल, राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए एनसीपी को दी 24 घंटे की मोहलत

पल पल बदल रही है महाराष्ट्र कि सियासी हलचल, राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए एनसीपी को दी 24 घंटे की मोहलत

 

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने शिवसेना के सरकार बनाने की तयसीमा के खत्म होने के बाद एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता भेजा और उन्हें इसके लिए 24 घंटे का समय दिया गया है.

 

नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार बनाने को लेकर चल रही सियासी खींचतान अब राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है. अगले 24 घंटे महाराष्ट्र के लिए काफी अहम बताए जा रहे हैं. शिवसेना को सरकार बनाए जाने के लिए और समय न दिए जाने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने एनसीपी को न्योता दिया है. और सरकार बनाने के लिए 24 घंटे का समय भी दिया है.

एनसीपी के नेता अजित पवार मीडिया से बातचीत की और कहा कि राज्यपाल ने उन्हें बुलाया है और मिलने को कहा है. अजित पवार ने यह भी कहा कि उनके साथ छगन भुजबल, जयंत पाटिल और दूसरे नेता राज्यपाल कोशियारी से मिलने पहुंचे. पवार ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि गर्वनर ने उन्हें क्यों बुलाया है. गर्वनर एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं इसलिए हम उनसे मिलने जा रहे हैं.

पवार के ठीक बाद पार्टी नेता नवाब मलिक ने मीडिया को बताया कि गर्वनर ने उनकी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता दिया है. हमारे नेताओं का एक दल उनसे मिलने गया है. उन्होंने कहा कि गर्वनर द्वारा भेजे गए सरकार निर्माण के न्योते को लेकर हम अपनी गठबंधन पार्टी कांग्रेस से बात करेंगे और देखेंगे कि हम राज्य में एक स्थायी सरकार दे सकें. मलिक ने यह भी बताया कि उन्हें कल तक अपना दावा पेश करना होगा.

पल पल बदलती रही महाराष्ट्र की राजनीति

पिछले 18 दिनों भाजपा और शिवसेना में 50/50 फॉर्मुले पर बात न बनने के बाद शिवसेना ने सरकार बनाने का दावा पेश किया लेकिन फिर भी बात नहीं बनी. सोमवार 11 नवंबर को एक वक्त ऐसा भी आया जब लगा की महाराष्ट्र की सरकार की तस्वीर लगभग साफ हो गई है लेकिन देर शाम होते होते एकबार फिर पासा पलटा और यह एनसीपी के खाते में जा गिरा. देर शाम राज्यपाल कोशियारी ने एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया और उन्हें दावा पेश करने के लिए 24 घंटे यानी मंगलवार शाम 8 बजे तक का समय दिया है.

कांग्रेस पार्टी कि दिन भर चली मीटिंग

बता दें कि सोमवार को कांग्रेस पार्टी में सुबह से ही गहमागहमी बनी हुई थी. खबर आ रही थी कि कांग्रेस पार्टी एनसीपी और शिवसेना दोनों को बाहर से समर्थन देगी लेकिन इसी घमासान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि हमने पहले ही प्रेस नोट जारी किया है और हमने यह भी बताया हमारी कार्यसमिति के सदस्यों और पीसीसी के नेताओं से चर्चा हुई है.

खड़गे ने यह भी बताया कि एआईसीसी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शरद पवार जी से बात की है. लेकिन अब आगे कि चर्चा कल मुंबई में होगी. वहीं दूसरी तरफ सुबह एक बार बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर देर शाम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की.

राज्य में सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देना है या नहीं, इस संबंध में फैसला करने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और सुशील कुमार शिंदे के साथ-साथ पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोराट ने सोनिया गांधी से मुलाकात की.

इससे पूर्व कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सभी वरिष्ठ सदस्यों ने गांधी के आवास पर सुबह मुलाकात की थी. हालांकि, बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका था और पार्टी नेतृत्व ने शाम चार बजे फिर से बैठक करने का निर्णय लिया था. पार्टी के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी, अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल ने शाम की बैठक में भाग लिया.

सूत्रों ने बताया कि सोनिया ने महाराष्ट्र से पार्टी के वरिष्ठ नेता नाना पटोले से भी बात की और राजनीतिक संभावनाओं पर उनसे विचार-विमर्श किया.

आदित्य ठाकरे पहुंचे राज्यपाल के पास मांगा और समय

देर शाम आदित्य ठाकरे सरकार बनाने के दावे के साथ राज्यपाल से मुलाकात की और कहा कि हमने राज्यपाल से कहा कि हम सरकार बनाना चाहते हैं, लेकिन हमें इसके लिए कम से कम दो दिनों का समय चाहिए लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. ठाकरे ने कहा कि हम महाराष्ट्र में सरकार निर्माण करने के लिए कोशिश कर रहे हैं.

ठाकरे ने मीडिया को यह भी बताया कि हमसे कांग्रेस और एनसीपी दोनों ही पार्टियों के नेता और विधायक बात कर रहे हैं. ठाकरे ने कहा कि राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी है जिसे सरकार बनाने का हक है हमने अपनी बात राज्यपाल के सामने रखी है लेकिन हमें और समय नहीं दिया जा रहा है.

राजभवन ने जारी किया बयान कहा शिवसेना आवश्यक समर्थन पत्र जमा नहीं कर सकी

शिवसेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार बनाने की इच्छा प्रकट की लेकिन वे जरूरी समर्थन पत्र जमा नहीं कर सके. राजभवन ने एक बयान में यह बात कही.

राजभवन की ओर से यहां जारी बयान में कहा गया कि शिवसेना ने समर्थन पत्र जमा करने के लिए तीन दिन का समय और मांगा था, लेकिन राज्यपाल ने इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया.

इसमें कहा गया है कि शिवसेना नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने कोश्यारी से मुलाकात की और सरकार बनाने की इच्छा प्रकट की. बयान के अनुसार, ‘शिवसेना समर्थन का जरूरी पत्र नहीं जमा कर सकी. शिवसेना ने समर्थन पत्र जमा करने के लिए समयसीमा तीन दिन और बढ़ाने का अनुरोध करते हुए पत्र दिया था जो सोमवार शाम 7:30 बजे समाप्त हो गयी.’

इसमें कहा गया, ‘राज्यपाल ने और समय देने में असमर्थता प्रकट की.’

राज्यपाल से मुलाकात के बाद शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी का सरकार बनाने का दावा अब भी कायम है क्योंकि दोनों दलों ने शिवसेना नीत सरकार को सैद्धांतिक रूप से समर्थन की सहमति जताई है.

क्या है सीटों का गणित

शिवसेना महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय सदन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके 56 विधायक हैं. भाजपा के 105 विधायक हैं. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के क्रमश: 44 और 54 विधायक है.

धन्यवाद एसपीजी आप के समर्पण और स्नेह के लिए धन्यवाद- राहुल गांधी

धन्यवाद एसपीजी आप के समर्पण और स्नेह के लिए धन्यवाद- राहुल गांधी

 


राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा एसपीजी में हमारी और हमारे परिवार की सुरक्षा में तैनात रहे सभी भाई बहनों को धन्यवाद


नई दिल्ली- भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा एसपीजी सुरक्षा वापस लेने के बाद ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने सभी कर्मचारियों का शुक्रिया अदा किया है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा है-

 

"SPG में मेरे सभी भाइयों और बहनों को बहुत धन्यवाद, जिन्होंने वर्षों से मेरी और मेरे परिवार की सुरक्षा के लिए अथक प्रयास किया। आपके समर्पण, आपके निरंतर समर्थन और स्नेह और सीखने से भरी यात्रा के लिए धन्यवाद। यह एक विशेषाधिकार रहा है। एक बेहतरीन भविष्य के लिए शुभकामनाएं।"

 
 
"A big thank you to all my brothers & sisters in the SPG who worked tirelessly to protect me & my family over the years. Thank you for your dedication, your constant support & for a journey filled with affection & learning. It has been a privilege. All the best for a great future."

 

मोदी सरकार ने सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ली

मोदी सरकार ने सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ली

 

अधिकारियों ने बताया कि सोनिया गांधी परिवार को अब पूरे भारत में सीआरपीएफ की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मिलेगी.

 

नयी दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल और बेटी प्रियंका से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला लिया है. इससे पहले सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाई गई थी, जिसका काफी विरोध भी हुआ था.

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि गांधी परिवार को अब पूरे भारत में सीआरपीएफ की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मिलेगी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने सुरक्षा आकलन करने के बाद गांधी परिवार को मिली विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) की सुरक्षा वापस लेने का फैसला लिया.

गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा वापस वापस लिए जाने पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल रोष व्यक्त किया है. अहमद पटेल ने भाजपा पर हमला करते हुए लिखा कि पार्टी प्रतिशोध तंत्र पर काम कर रही है. दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार जिन्होंने अपनी जिंदगी आतंक और हिंसा में गंवाई है से बदला लेने जैसा है.

वहीं कांग्रेस पार्टी के ही दूसरे नेता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी से पूछा है कि एक महीने पहले तक तो भाजपा सरकार राहुल गांधी के साथ एसपीजी विदेश तक भेजना चाहती थी लेकिन एक महीने में ऐसा क्या हो गया कि इसे पूरी तरह से ही वापस ले लिया गया है. जयवीर आगे लिखते हैं एसपीजी की वापसी वास्तविक सुरक्षा जोखिम का मूल्यांकन कर ली गई है न कि सस्ते राजनीतिक मूल्यांकन कर.

गौरतलब है कि सोनिया गांधी के पति एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी सास एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी दोनों की हत्या की गयी थी.

 

स्मृति की प्रियंका को दो टूक जिनके अपनों पर गबन के आरोप वो नसीहत न दें तो बेहतर

स्मृति की प्रियंका को दो टूक जिनके अपनों पर गबन के आरोप वो नसीहत न दें तो बेहतर

 

दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंची हैं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

 

मंगलवार को प्रतापगढ़ के व्यापारी की अमेठी पुलिस की कस्टडी में हुई थी मौत, 15 पुलिस वालों पर दर्ज हो चुकी है एफआईआर

 

अमेठी:-केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर पलटवार किया है। कहा कि, जिनके अपने परिजनों पर गबन और किसानों की जमीनें हड़पने का आरोप है, जो आज तक सम्राट साइकिल की जमीन पर बैठ चुके हैं, किसानों के अधिकारों का हनन कर बैठ चुके हैं वो अगर प्रशासन को नसीहत न दें तो बेहतर होगा। दरअसल, प्रतापगढ़ के एक व्यापारी की अमेठी पुलिस कस्टडी में हुई मौत पर प्रियंका गांधी ने कहा था कि, यूपी पुलिस अपराधियों पर मेहरबान है, लेकिन हर दिन नागरिकों को परेशान में माहिर है। प्रियंका ने प्रतापगढ़ व हापुड़ की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि, भाजपा सरकार के मान पर जूं तक नहीं रेंग रही।केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बुधवार दोपहर बाद दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंची हैं। मीडिया से बात करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि जिन्होंने अपनी सत्ता चलाई गुंडा राज में आज वो आज वो योगी जी पर कटाक्ष कर रहे हैं। वो अपने गिरेहबान में झांक कर देखें।

स्मृति ने कहा कि, मैं इस बात से पूर्णतः सहमत हूं और विश्वास प्राप्त कर चुकी हूं कि सरकार परिवारों को न्याय पहुंचाएगी। लेकिन जो अमेठी और अमेठी के प्रशासन और उत्तर प्रदेश की सरकार को नसीहत देना चाहते हैं उनसे मेरा विशेष निवेदन है कि आप अपनी राजनीति छोड़कर अगर गरीब और किसान कल्याण में वाकई में विश्वास रखते हैं तो सम्राट साइकिल की जमीन अमेठी के किसान को लौटाएं। ये पांच सालों से मेरा आग्रह रहा है, लेकिन जिसने ये बयान अभी दिया है, उसके कान पर जूं नहीं रेंगी है।