कश्मीर मुद्दे पर ट्रम्प के बयान के बाद डैमेज कंट्रोल करने में जुटा अमेरिका
न्यूजडेस्क - कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मध्यस्ता वाले बयान के दावे को भारत द्वारा सिरे से खारिज किये जाने के बाद अब अमेरिका डैमेज कंट्रोल करने में जुटा हुआ है। दरअसल अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने 23 जुलाई को कहा है कि कश्मीर मुद्दा भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला है और अमेरिका इस बात का स्वागत करेगा कि दोनों पक्ष बैठकर इस पर बात करें, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ''दोनों पक्षों के लिए कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है, ट्रंप प्रशासन इस बात का स्वागत करेगा कि भारत और पाकिस्तान बैठकर इस पर बात करें, ऐसे में अमेरिका सहयोग के लिए तैयार है, इसके अलावा अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, ''हम मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी सफल बातचीत की आधारशिला इस पर टिकी है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाए, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जिस प्रतिबद्धता की बातें कही हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के लिए जो बाध्यताएं हैं, ये उन कदमों की दिशा में ही हैं। '
अमेरिकी सांसद ब्रेड शेरमन ने कश्मीर पर ट्रंप के बयान के लिए 23 जुलाई को माफी मांगी है, उन्होंने कहा, ''मैं भारतीय राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला से ट्रंप की नासमझी भरी और शर्मनाक गलती के लिए माफी मांगता हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''जो भी दक्षिण एशिया की विदेश नीति के बारे में जानता है, उसे पता है कि भारत लगातार कश्मीर पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है. हर कोई जानता है कि पीएम मोदी ऐसी बात नहीं कहेंगे.''
ये था ट्रंप का बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने 22 जुलाई को दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने को कहा था, अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा था कि पीएम मोदी और उन्होंने पिछले महीने जापान के ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की थी, जहां पीएम मोदी ने उन्हें कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की पेशकश की थी। ट्रंप ने कहा था कि अगर दोनों देश (भारत और पाकिस्तान) कहेंगे तो वह मदद के लिए तैयार हैं. उन्होंने ओवल ऑफिस में इमरान खान के साथ अपनी बैठक के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ''अगर मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ होना पसंद करूंगा. अगर मैं मदद करने के लिए कुछ भी कर सकता हूं, तो मुझे बताएं.’’
भारत ने यह दावा सिरे से खारिज कर दिया था, भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के दावे को खारिज किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, हमने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रेस को दिए उस बयान को देखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है, इसके साथ ही रवीश कुमार ने कहा, ‘‘भारत का लगातार यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय चर्चा होगी. पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर रोक जरूरी होगी. भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों के समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का पालन ही आधार होगा।