रक्त का बदला रक्त है यदि यह किसी को रक्त की जरूरत है तो इसकी पूर्ति रक्त से ही पूर्ति संभव : शुभ्रा
रायबरेली- जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने जिला अस्पताल में स्थित ब्लडबैंक में जाकर रक्तदान किया और बताया कि रक्तदान महादान है और यह मानवता को एक सूत्र में बांधने का कार्य करता है सभी के रक्त का रंग लाल ही होता है और मानवता धर्म का कोई मूल्य नहीं होता। यह अमूल्य है, हम सबको को एकजुट होकर मानवता का एकसूत्र करके मानव जीवन को बचाने के कार्य में आगे आना चाहिए। उन्होंने अटेवा द्वारा आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में रक्तदान करने वाले व्यक्तियों की प्रशंसा की और कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान व जागरूकता कार्यक्रम निरंतर चलने चाहिए तथा सभी एमओआईसी को अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक जागरूकता लाकर आमजन को रक्तदान के प्रति प्रेरित करना चाहिए, क्योकि रक्त का बदला रक्त है यदि यह किसी को रक्त की जरूरत है तो इसकी पूर्ति रक्त से ही पूर्ति संभव है। स्वैच्छिक रक्तदान अधिक से अधिक किया जाये क्योकि यह गरीब जरूरतमंद को आसानी से उपलब्ध कराया जा सके। हर व्यक्ति को समय समय पर स्वेच्छा से जनहित में रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान करने से हम अपने शरीर में नए रक्त के निर्माण की प्रक्रिया को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैसे भी हमारे शरीर में रक्त में पायी जाने वाली लाल रूधिर कणिकाएं 90 दिनों के बाद अपने आप नष्ट हो जाती हैं तथा श्वेत रूधिर कणिकाएं जो कि हमारे शरीर की कई तरह की बीमारियों से बचाती हैं वो भी एक सप्ताह के बाद नष्ट हो जाती हैं। ये दोनों ही रूधिर कणिकाएं रक्तदान के बाद नए सिरे से बनने लगती हैं। स्वेच्छा से रक्तदान करें व मानवहित में सहयोग करें। रक्तदान करने से पूर्व जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने रक्तदान फार्म भरने के साथ ही ब्लडप्रेशर आदि भी चेक करवाया। जिला चिकित्सालय में रक्तदान जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 शरद कुमार वर्मा, सीएमएस एन0के0 श्रीवास्तव ने कहा कि रक्तदान के प्रति लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने की जरूरत है उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में आयोजित होने वाले रक्तदान रक्तदान महादान शिविर में स्टाफ के लोग अपने तथा अपने परिजन, मित्रजन को रक्तदान के प्रति जागरूक कर अधिक से अधिक संख्या में लाये और रक्तदान हेतु प्रेरित करें। रक्तदान कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित अधिकारियों, आमजनों से कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को यह जानकारी मिल जाए कि रक्तदान करने से शरीर पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि ऐसा करने से नए रक्त के बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती। उन्होंने कहा कि रक्तदान कार्यक्रम निरंतर चलने वाला जिला चिकित्सालय में कार्यक्रम है कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से ब्लड डोनेशन/ब्लड बैंक कक्ष में आकर जिला अस्पताल सीएमएस/प्रभारी, ब्लड कक्ष प्रभारी से मिलकर रक्तदान कर सकता है। सन्देश दें कि स्वेच्छा से रक्तदान करें तथा किसी जरूरतमन्द की मदद में आगे आएं। अपर सीएमओ डा. एस0के0 चक ने कहा कि चिकित्सकों की समय समय पर सलाह लेकर व्यक्ति को अपने आचार, विचार तथा आहार आदि में भी तब्दीली लानी चाहिए। आहार में फलों, शाक, सब्जियों, फलियों, विटामिनों और खनिजयुक्त खाद्य पदार्थो पर ध्यान देना चाहिए। अनाजों व कार्बोहाइड्रेडयुक्त अन्य खाद्य पदार्थो को वरीयता दें। कम वसा वाले डेयरी उत्पाद भी ग्रहण करने योग्य हैं। दूध जो बाजार में पैकेट में बिकते है उनकी तिथि गुणवत्ता आदि को भी देख लें। पानी अधिक पीयें। क्योंकि अधिक पानी पीने से शरीर से हानिकारक पदार्थ अच्छी तरह निकल जाते हैं। तनावमुक्त रहे, न किसी को तनाव दें, न ही तनाव लें। दिनचर्या में हल्का व्यायाम, योग, घूमना, टहलना आदि भी शामिल करें। खानपान में संयम बरतकर वजन पर नियन्त्रण रखें। इस मौके पर सहायक निदेशक प्रमोद कुमार सहित बडी संख्या अटेवा के पदाधिकारी, अटेवा के ब्लड डोनर व स्टाफ उपस्थित रहा तथा ब्लड डोनरों ने अपना ब्लड भी स्वच्छता से दान किया व माहिला ब्लड डोनरों ने भी रक्तदान कर खुशी जाहिर की। अटेवा द्वारा इस मौके पर सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की भी मांग की।
डीएम ने सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर जनपदवासियों से स्वैच्छिक दान की अपील की
रायबरेली- विगतवर्षो की भॉति इस वर्ष भी 07 दिसम्बर, 2019 को ‘‘सशस्त्र सेना झण्डा दिवस‘‘ जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी रायबरेली ले0 कर्नल0 सूर्यबली सिंह (अ0प्रा0) द्वारा कराया गया। इस आयोजन में सर्व प्रथम जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना को प्रतीक झण्डा लगाया तथा उन्होने स्वैच्छिक दान देकर धनसंग्रह अभियान का शुभारम्भ किया। जिलाधिकारी ने जनपदवासियो से देश की सुरक्षा एवं अखंण्डता की रक्षा करने के लिये अपने प्राणों की आहूति देन वाले सैनिको ंकी वीर नारियों, अपंग सैनिकों एव पूर्व सैनिकों की सहायतार्थ इस राष्ट्रीय कार्य में अधिक से अधिक अनुदान देने की अपील की। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाई, मुख्य विकास अधिकारी राकेश कुमार, नगर मजिस्ट्रेट युगराज सिंह, वरिष्ठ कोषाधिकारी जीतेन्द्र, उप जिलाधिकारी (प्रशासन) राम अभिलाष एवं अन्य अधिकारियों को प्रतीक झण्डा लगाकर अनुदान संग्रहीत किया गया। इस अभियान में जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय का समस्त स्टाफ का सक्रिय योगदान सराहनीय रहा।
एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण सहायता योजना के पात्र आमजन ले लाभ
आवेदन पत्र प्राप्त करने की अन्तिम तिथि 20 दिसम्बर निर्धारित
रायबरेली - उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश व जनपद में ”एक जनपद एक उत्पाद कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्त पोषण हेतु सहायता योजना’’ लागू की गई है, जिसमें एक जनपद एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) कार्यक्रम के अन्तर्गत चिन्हित उत्पाद के समग्र विकास हेतु सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से चिन्हित ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद की विभिन्न विधाओं में कार्यरत अथवा कार्य करने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए शर्तो के अनुरूप अभ्यर्थियों के आवदेन-पत्र कार्यालय-जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, में प्राप्त किये जायेंगे। जनपद में उत्पाद-उडेन वर्क ओ0डी0ओ0पी0 योजना के अन्तर्गत चिन्हित किया गया है। योजना का वित्त पोषण लाभ हेतु पात्र व्यक्तियों को रूपये 25.00 लाख तक कुल परियोजना लागत की इकाईयों हेतु कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम रू0 6.25 लाख, जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में देय होगी। उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र अधिकारी नेहा सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि रूपये 25.00 लाख से अधिक एवं 50.00 लाख तक की कुल परियोजना लागत की इकाईयों हेतु धनराशि रू0 6.25 लाख अथवा परियोजना लागत का 20 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, मार्जिन मनी के रूप में देय होगी उन्होंने कहा रूपये 50.00 लाख से अधिक एवं 150.00 लाख तक की कुल परियोजना लागत की इकाईयों हेतु धनराशि रू0 10.00 लाख अथवा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, मार्जिन मनी के रूप में देय होगी। रूपये 150.00 लाख से अधिक की कुल परियोजना लागत की इकाईयों हेतु परियोजना लागत का 10 प्रतिशत, अधिकतम रू0 20.00 लाख, जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में देय होगी। इसी प्रकार उद्यम के 02 वर्ष तक सफल संचालन के उपरान्त मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी। सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत स्वयं का अंशदान के रूप में जमा करना होगा। विशेष श्रेणी (अनुसूचित जाति, अनु0जन जाति, अन्य पिछड़ी जाति वर्ग, अल्प.संख्यक, महिला एवं दिव्यांगजन) के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का 5 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा। कुल परियोजना लागत में पूँजी व्यय (भूमि क्रय की लागत को छोड़कर) और कार्यशील पूँजी का एक चक्र शामिल होगा। परियोजना लागत में किराए पर वर्कशाप/वर्कशेड लिए जाने को सम्मिलित किया जा सकता है, परन्तु भूमि क्रय की लागत को परियोजना लागत में सम्मिलित नहीं किया जाएगा।पात्रता की शर्तो की भी जानकारी भी देते हुए बताया कि अभ्यर्थी की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है। योजनान्तर्गत उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण में सहायता की सुविधा सम्बन्धित जनपद हेतु चिन्हित ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद की इकाईयों को ही प्राप्त होगी। आवेदक किसी वित्तीय संस्था/सरकारी संस्था/बैंक इत्यादि का चूककर्ता (क्मिंनसजमत) नही होना चाहिए। आवेदक द्वारा भारत सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य स्वरोजगार योजना का पूर्व में लाभ प्राप्त न किया गया हो। आवेदक अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य को योजनान्तर्गत केवल एक बार ही लाभान्वित किया जायेगा। आवेदक द्वारा पात्रता की शर्तों को पूर्ण किये जाने के सम्बन्ध में शपथ पत्र प्र्रस्तुत किया जाना होगा। विशेष श्रेणी (अनुसूचित जाति, अनु0जन जाति, अन्य पिछड़ी जाति वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला एवं दिव्यांगजन) के लाभार्थियों के लाभ हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाण-पत्रों की प्रमाणित प्रति आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा। आवेदन पत्र प्राप्त करने की अन्तिम तिथि 20 दिसम्बर, 2019 निर्धारित की गई है। विस्तृत जानकारी व आवेदन-पत्र हेतु कार्यालय-जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, रायबरेली में किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत आवेदन पत्र आमंत्रित
आवेदन पत्र प्राप्त करने की अन्तिम तिथि 20 दिसम्बर निर्धारित
रायबरेली - उत्तर प्रदेश शासन ने ‘‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’’ के अन्तर्गत शिक्षित बेरोजगारों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र प्राप्त/आमंत्रित किये जाने हेतु उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन उपायुक्त नेहा सिंह द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि निम्न शर्ते पूरे करने वाले अभ्यर्थियों के आवेदन-पत्र कार्यालय उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र से प्राप्त किये जायेंगे। अभ्यर्थी हाईस्कूल या समकक्ष उत्तीर्ण हो तथा उसकी उम्र 18 वर्ष से 40 वर्ष के मध्य हो, आवेदक किसी वित्तीय संस्था/सरकारी संस्था/बैंक इत्यादि का चूककर्ता (क्मिंनसजमत) नहीं होना चाहिए, आवेदक द्वारा पूर्व के संचालित प्रधानमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री रोजगार योजना अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित अन्य किसी स्वरोजगार योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त नही होना चाहिए, आवेदक द्वारा चयनित उद्यम यदि उत्पादन है तो परियोजना लागत 25 लाख से अधिक नही होना चाहिए तथा सेवा में 10 लाख से अधिक नही होना चाहिए, सामान्य जाति के अभ्यर्थी को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत व अनुसूचित जाति/अनु0जनजाति/पिछड़ी जाति/विकलांग/महिला/ अल्पसंख्यक वर्ग के अभ्यर्थी को परियोजना लागत का 05 प्रतिशत स्वयं का अंशदान लगाया जायेगा.
अनुज मौर्या
डेस्क हेड न्यूज़ प्लस