बिजली कटौती से त्रस्त हुआ आमजनमानस

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शिवगढ़,रायबरेली- योगीराज में हो रही अघोषित विद्युत कटौती से बछरावां विधानसभा की जनता पूरी तरह से त्रस्त नजर आ रही । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ग्रामीण अंचल को 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति का दावा बिल्कुल खोखला साबित हो रहा है। हो रही अन्धाधुन्ध विद्युत कटौती को लेकर छात्र-छात्राओं एवं ग्रामीणों में भाजपा सरकार के प्रति गहरा आक्रोश दिखाई पड़ रहा है।

विद्युत कटौती को लेकर क्या कहते हैं लोग-
रानीखेड़ा निवासी वरिष्ठ समाजसेवी एवं युवा नेता अखिलेश सिंह पटेल का कहना है कि- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ग्रामीण अंचल को 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति का दावा ‘छलावा’ साबित हो रहा है। इससे बेहतर तो सपा सरकार थी। जिसमें ग्रामीण अंचल को अच्छी विद्युत आपूर्ति मिलने के साथ-साथ विकास भी दिखाई पड़ रहा था। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने पर प्रदेश की जनता में एक उम्मीद की किरण जागी थी कि योगी जी अवश्य प्रदेश की तस्वीर बदलने का काम करेंगे। किन्तु विडम्बना है कि योगी सरकार प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर खरी नही उतर सकी। भाजपा द्वारा प्रदेश की जनता से किया गया हर वादा छलावा लगने लगा है।
गूढ़ा कस्बे में स्थित सोनू हाण्डा शाप के मालिक सोनू का कहना है कि ग्रामीण अंचल को 24 घण्टे में ठीक तरह से 8 भी विद्युत आपूर्ति नही मिल रही है । शाम होते ही बिजली गुल हो जाती है जिसके चलते छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है ऐसी स्थिति में ग्रामीण अंचल के बच्चे कैसे पढ़ पायेंगे ?
भवनपुर मजरे पिपरी निवासी पीसीसी सदस्य नन्दकिशोर तिवारी का कहना है जिस तरह से अन्धाधुन्ध विद्युत कटौती हो रही है उसकी ग्रामीणों ने कभी उम्मीद तक नही की थी। किसान,मजदूर जब थक मांदकर शाम को घर आता है तो बिजली गुल हो जाती है। सोने के बाद बिजली आती है और जागने से पूर्व चली जाती है। जिसके चलते छात्र-छात्राए चिराग के उजाले में अपना भविष्य सवारने को मजबूर हैं। मजे की बात है जब कम्पटीशन की बात आती है तो उन्हे शहरी छात्र-छात्राओं से कम्पटीशन करना पड़ता है ऐसी स्थिति में कैसे उज्ज्वल होगा ग्रामीण अंचल के छात्र-छात्राओं का भविष्य। गूढ़ा निवासी समाजसेवी प्रमोद चौरसिया का कहना है कि आज के दौर में बिजली जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। जिसके बिना किसान,मजदूर,व्यापारी एवं छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना नही की जा सकती।क्योंकि विद्युत आपूर्ति के अभाव में दैनिक जीवन की कई महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति सम्भव नही है।

 

रायबरेली से न्यूज प्लस के लिये अंगद राही की रिपोर्ट

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