और फिर डॉ ने महिला का गुप्तांग ही सिल दिया..

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विपिन पाण्डेय (संवाददाता)

शिवगढ़ से न्यूज़ प्लस संवाददाता विपिन पांडे की रिपोर्ट  

रायबरेली डाक्टर किसी सुई लगाने वाले या दवाई देने वाले का नाम नही है, बल्कि डॉ वो होते है जो जीवन देते हैं, हमे बीमारियों से बचाने के लिए अपना दिन रात एक कर देते हैं। असल डॉ कहलाने का हक सिर्फ उनको हो है जो वाकई में जीवन रक्षक होते हैं, और एक जुनून से काम करते हैं। लेेेकिन जो राजनीति कर के सत्ता शासन के साथ मिलकर सिर्फ क्लीनिक चला रहे हैं वह डॉ समाज के लिए कलंक की तरह हैं। आज कई डॉ कहते फिरते हैं कि समाज में अब उनकी वेल्यू कम हो गई है ये हकीकत से बिल्कुल परे है, आज भी जो डॉ ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन करते हैं समाज उन्हें झुक कर सलाम करता है। ऐसे डॉ को आज भी हम भगवान मानते हैं और इन्ही भगवान डॉ के पास हम अपनी समस्या लेके जाते हैं जिससे वो उसका समाधान कर सके और हम खुशहाल और निरोगी रह सकें। हम अपना चलता फिरता शरीर निसन्देह उनके हवाले कर के निश्चिंत हो जाते हैं कि अब उसके जिम्मेदार वो हैं और जो चाहें जैसे चाहे इलाज करें। लेकिन जब जीवन देने वाला भगवान डॉ ही जीवन लेने पर आमादा हो जाये तो क्या करना चाहिए ये एक बड़ा सवाल है।

क्या है मामला ?

रायबरेली जिले के शिवगढ़ थाना क्षेत्र के भवानीगढ़ चौराहे पर स्थित पंकज पाली क्लीनिक के डाक्टर ने ऐसा कारनामा कर दिया कि आप के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। आपकी रूह कांप उठेगी और आप कह उठेंगे की भगवान ऐसे डॉ को दुश्मन से भी न मिलाये। घटना एक साल पहले की है जब रामदुलारी के पेट मे दर्द की शिकायत रहती थी तो वो डॉ पंकज के पास गई और अपनी समस्या बताई। डॉ ने रामदुलारी को दवा दी और बिना एक्सरे, अल्ट्रासाउंड के ही पेट मे खून का थक्का होने की बात कह कर ऑपरेशन कर दिया। इतना ही नही उसने महिला की बच्चेदानी निकाल डाली और उसके गुप्तांग को भी सिल दिया। जिससे उसे असहनीय पीड़ा होने लगी। इसकी शिकायत लेकर वो बार बार फरियाद लेकर डॉक्टर के पास गई  कितु वहां से इसे भगा दिया गया। महिला ने आरोप लगाते हुए शिवगढ़ थानाध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग आदि को लिखित शिकायती पत्र भेजकर शिकायत की है । विडम्बना है कि दो दिनों से शिवगढ़ थाने के चक्कर काट रही है।

डॉ की धमक से पीड़िता को ही धमका रही पुलिस

पीड़ता जब बृहस्पतिवार को पुनः शिवगढ़ थाने शिकायत करने पहुंची तो शिवगढ़ पुलिस द्वारा पीड़िता को थाने से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। पीड़िता का आरोप है कि शिवगढ़ पुलिस आरोपी डाॅक्टर से मिली हुई है जो सेटिंग- गेटिंग करके मामले को दबाना चाहती है। पीड़िता ने बताया की वह एक साल से न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खा रही है किन्तु उसकी कोई सुनने वाला नही है।

क्या कहते हैं थानाध्यक्ष

उत्तर प्रदेश की मित्र पुलिस का चेहरा तब सामने आया जब इस  बाबत जब शिवगढ़ थानाध्यक्ष लालचन्द्र सरोज से बात की गयी तो उन्होंने  रटा रटाया जवाब दे दिया कि मामले की जांच चल रही है। लेकिन कब तक चलेगी इसका कोई पता नही है।

सीएमओ की भी है ज़िम्मेदारी

सीएमओ डॉ डीके सिंह ने पहले तो मामले में अनभिज्ञता व्यक्त की लेकिन मामले को समझने के बाद खेद व्यक्त करते हुए स्वंय जांच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया है साथ ही महिला के आगे से इलाज के लिए सीएचसी को आवश्यक दिशा निर्देश भी दे दिए हैं। फिलहाल उन्होंने कहा कि वो खुद डॉ है और हैरान है की कोई ऐसे कैसे कर सकता है।

महिला इस समय अपनी हालात से परेशान है न्यूज़ प्लस  की पूरी सहानूभूति है और अपने समस्त पाठको से अपील करता है कि अपना इलाज कराते समय सावधानी बरतें और ज्यादा से ज्यादा शासन द्वारा तैनात डॉ से ही इलाज कराएं या फिर जिस डॉ के पास जा रहें उसके बारे में ठीक से पड़ताल कर लें।

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