भाई, रोज़ी‑रोटी में चावल का हिस्सा बड़ा ही बड़ा है। चाहे दाल‑चावल हो या बिरयानी, हर भारतीय घर में चावल मिलता है। लेकिन कई बार हम सही तरह से नहीं पकाते या किस‑किस प्रकार का चावल है, इसका नहीं पता होता। चलो, अब इस लेख में हम चावल के मुख्य प्रकार, पोषण और बेहतरीन पकाने के गुर देखेंगे।
भारत में चावल दो बड़े समूह में बाँटा जाता है – साधारण (बेसिक) चावल और विशेष (प्रोसेस्ड) चावल. साधारण में बासमती, सर्वर, इडली राइस, जवान शामिल हैं। बासमती लंबा, सुगंधित और हल्का होता है, जो दाल‑चावल या पुलाव में बढ़िया रहता है। इडली राइस छोटा और मोटा, इडली‑डोसा बैटर में इस्तेमाल होता है। जवान (छोटा दाने वाला) अक्सर दक्खिनी व भारतीय रेस्टोरेंट में परोसा जाता है। प्रोसेस्ड में परोल्ड (त्रिकोणीय) और प्री‑बॉइल्ड राइस आते हैं। परोल्ड चावल को पहले भूनकर फिर परोसते हैं, जिससे वो सख्त और जल्दी पकता है। प्री‑बॉइल्ड राइस को पहले से ही आधा पकाया गया होता है, इसलिए स्टीमर में दो‑तीन मिनट में तैयार हो जाता है।
इन प्रकारों का चुनाव आपकी रेसिपी और टाइम पर निर्भर करता है। अगर आप जल्दी में हैं तो प्री‑बॉइल्ड या परोल्ड सही रहेगा, नहीं तो बासमती या इडली राइस से फुल भी बना सकते हैं।
1. पानी‑चावल अनुपात – अधिकांश सादा चावल के लिए 1 कप चावल में 2 कप पानी सही रहता है। परोल्ड या बासमती में 1:1.5 बेहतर होता है। 2. भिगोना – 30 मिनट से 1 घंटे तक भिगोने से दाने फुलते हैं और पकाते समय कम पानी चाहिए। खासकर बासमती में यह फायदेमंद है। 3. उबाल के बाद ढककर पकाना – पानी उबलने पर आँच धीमी कर दें, फिर ढक्कन बंद करके 10‑12 मिनट पकाएँ। आँच कम रखने से दाने फटे नहीं और चाव से भरपूर रहेंगे। 4. भाप से फिनिश – पकने के बाद गैस बंद करके 5 मिनट तक पॉट बंद रखें। इस ‘इनफ्लेशन’ से चावल पूरी तरह से सॉफ्ट हो जाता है और दाने अलग‑अलग रहेंगे। 5. स्टोरेज – बिना पकाया चावल एयर‑टाइट कंटेनर में ठंडे, सूखे जगह पर रखें। पकाया चावल फ्रिज में दो‑तीन दिन और फ्रीज़र में एक महीने तक सुरक्षित रहता है।
इन साधारण ट्रिक्स को अपनाकर आप हर बार परफेक्ट राइस बना पाएँगे।
अब आप चावल के प्रकार, पोषण मूल्य और पकाने की तकनीक जानते हैं। अगली बार जब रसोई में चावल बनाना हो, तो इन टिप्स को याद रखिए। दाल‑चावल की थाली और भी मज़ेदार बन जाएगी, और आपका समय भी बचेगा।