क्या आप हर रोज़ कार या बाइक चलाते हैं? अगर हाँ, तो सुरक्षित ड्राइविंग आपकी जिम्मेदारी है। सिर्फ थोड़ा‑सबह थोड़ा बदलने से आप और आपके साथियों की ज़िंदगी बच सकती है। चलिए, इन्हीं छोटे‑छोटे कदमों को समझते हैं।
बाइक चलाते समय हेलमेट लगाना कोई विकल्प नहीं, बल्कि बुनियादी नियम है। सही फिटिंग वाला हेलमेट सिर के पूरे भाग को ढंकता है और टक्कर में गंभीर चोट से बचाता है। हेलमेट को हर साल जांचें—बॉन्डिंग और स्ट्रैप टूटे‑फूटे तो तुरंत बदल दें।
कार में सीट बेल्ट भी उतनी ही जरूरी है। अक्सर लोग सफ़र शुरू होते ही बेल्ट नहीं बांधते, पर एक सेकंड में उनका फैसला बदलना चाहिए। छोटे बच्चों को पीछे की सीट में सुरक्षित सीट या कार सीट में रखें, क्योंकि आगे की सीट में उन्हें ज्यादा जोखिम रहता है।
गति सीमा की उल्लंघन से बचें। तेज़ गति में ब्रेक लगाना मुश्किल हो जाता है और या तो टक्कर या फिसलन हो सकती है। अगर आप थक गए हैं तो थोड़ा बायपास करके आराम करें, ड़ायरेक्ट ड्राइविंग नहीं।
विचर (संकेत) का सही इस्तेमाल करें। लेन बदलते समय, मोड़ लेते समय या ब्रेक लगाते समय हाथ या लाइट से संकेत देना बाकी ड्राइवरों को आपकी मंशा बताता है, जिससे अनावश्यक रुकावट या टक्कर नहीं होती।
रात में या बादल वाले मौसम में हेडलाइट्स ऑन रखें, और अपनी विंडशील्ड को साफ रखें। पावरस्टेरिंग या एंटी‑कैस्टर सिस्टम वाले कारों में रखरखाव अवश्य करें, क्योंकि ये सिस्टम अचानक ब्रेक में मदद करते हैं।
जैसे ही आप रोड पर उतरते हैं, मोबाइल फ़ोन या टैबलेट से डिस्कनेक्ट रहें। एक नजर भी लापरवाही में पड़ जाए तो नतीजा बड़ा हो सकता है। अगर जरूरी कॉल करनी हो, तो पार्क करके या हेंड‑फ़्री मोड में बात करें।
हिप्नोटिक म्यूजिक या बहुत तेज़ धुनी सुनना ध्यान भंग करता है। जेब में रखी चीज़ें, जैसे चाबियाँ या बैग, कूच में न रखें—इससे अचानक फटने पर हाथ चोटिल हो सकते हैं।
अंत में, हर ड्राइव के बाद अपनी वाहन की छोटी‑छोटी जांच करें—टायर की फुलाव, ब्रेक की आवाज़, तेल की लेवल। छोटी‑छोटी खराबी को जल्द ठीक कर लो, नहीं तो बड़ी समस्या बन सकती है।
इन सभी आसान लेकिन असरदार टिप्स को अपनी रूटीन में जोड़ दो। सुरक्षित ड्राइविंग सिर्फ कानून नहीं, बल्कि आपके और आपके प्यारों की सुरक्षा का तरीका है। तो अगली बार निकलते समय इन बातों को याद रखो और अपनी यात्रा को सुरक्षित बनाओ।