आचार्य द्विवेदी स्मृति समारोह 11 नवम्बर को, तैयारियां पूरीं

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विशेष संवाददाता न्यूज़ प्लस
रायबरेली आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की स्मृति में 11 नवंबर को फिरोज गांधी कॉलेज सभागार में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन की भव्य तैयारियांं पूरी हो चुकी हैं।
किसका होगा सम्मान
आचार्य द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति के अध्यक्ष विनोद शुक्ल ने बताया कि इस वर्ष का आचार्य द्विवेदी युग प्रेरक सम्मान श्रीमती मंजू मिश्रा (अमेरिका) एवं डॉ. राम मनोहर त्रिपाठी लोक सेवा सम्मान ‘अनाथों की मां’ कही जाने वाली सिंधुताई सपकाल (पुणे) को प्रदान किया जाएगा। प्रभाष जोशी स्मृति पत्रकारिता सम्मान बीबीसी-दिल्ली के पत्रकार वात्सल्य राय को दिया जा रहा है।
    समिति के महामंत्री अनिल मिश्र ने बताया कि शिवानंद मिश्र ‘लाले’ सम्मान जनपद में इंटर की परीक्षा में टॉप करने वाली वर्तिका सिंह को दिया जाएगा। समारोह में आचार्य द्विवेदी की स्मृतियों को संरक्षित करने में अतुलनीय योगदान देने वाले सूचना निदेशक एवं पूर्व जिलाधिकारी अनुज कुमार झा एवं रेलकोच फैक्ट्री की पूर्व अकाउंट ऑफीसर श्रीमती स्नेहलता का विशेष अभिनंदन भी किया जाएगा। समारोह में आचार्य पथ स्मारिका का विमोचन भी किया जाएगा। इसके संपादक आनंद स्वरूप श्रीवास्तव हैं।
सूर्य प्रसाद दीक्षित का होगा नागरिक अभिंनदन
आचार्य स्मृति दिवस पर लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं प्रख्यात समालोचक डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित का नागरिक अभिनंदन किया जाएगा। नागरिक अभिनंदन में हर धर्म-वर्ग के गणमान्य लोग जुटेंगे। इस मौके पर दयानंद पीजी कॉलेज-बछरावां की ओर से उन्हें चंद्रिका प्रसाद पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।
सूर्यकुमार और हाशिम फिरोजाबादी बांधेंगे समा
कार्यक्रम में सम्मान के साथ कवियों को काव्य पाठ के लिए भी आमंत्रित किया गया है। जिसमे कवि सूर्य कुमार और युवा शायर हाशिम फिरोजाबादी अपनी रचनाओं से लोगो को माहौल में बांध कर रखेंगे। कार्यक्रम की भव्यता बनाने के लिए इनके साथ कई और नामी कवि मंच की शोभा बढ़ाएंगे।
दो दशक से चल रहा है स्मृति अभियान
आचार्य द्विवेदी स्मारक समिति पिछले 20 वर्षों से आचार्य द्विवेदी की स्मृतियों को जीवंत बनाने का अभियान चला रहा है। घ्यानाकर्षण घरनों के माध्यम से समाज और सरकार को जगाने का सिलसिला शुरू हुआ था। समिति की मुख्य मांग दौलतपुर स्थित आचार्य द्विवेदी की जन्मस्थली को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में संरक्षित करने की है। समिति दौलतपुर से लेकर दिल्ली तक यह मांग पुरजोर तरीके से उठा चुकी है। इसके अतिरिक्त आचार्य द्विवेदी से संबंधित पुस्तकों के पुनर्प्रकाशन भी हो रहा है। वर्ष 2015 में समिति के अनुरोध पर नेशनल बुक ट्रस्ट ने 1933 में प्रकाशित द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ को पुनर्प्रकाशित किया था। प्रेमचंद द्वारा संपादित और संकलित ‘विज्ञान वार्ता’ के पुनर्प्रकाशन की प्रकिया भी चल रही है।

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