आतंक में शोले के ‘गब्बर सिंह’ को भी मात दे रही लालगंज पुलिस

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रायबरेली/लालगंज (सिद्धार्थ त्रिवेदी) आतंक फैलाकर आम नागरिकों के उत्पीड़न और अवैध वसूली के आरोपों के बीच अब लालगंज कोतवाली पुलिस का नया कारनामा सामने आया है। पुलिस विभाग के तमाम नियम-निर्देशों को ठेंगे पर रख पिछले 15 वर्षों से अंगद के पाँव की तरह लालगंज में ही जमा हुआ उर्दू अनुवादक पद पर तैनात पुलिसकर्मी मजीद अब अपनी अवैध वसूली के ख़िलाफ़ आवाज उठाने वाले लोगों को गुंडों-माफियाओं की तर्ज पर फ़ोन पर झूठे मामलों में फंसाने और विगत 2 महीनों में जिस तरह से अवैध हिरासत में कई लोगों की बेरहमी से पिटाई की गई है, वैसे ही पिटाई करवाने की धमकी दे रहा है।

क्या है पूरा मामला

कुम्हड़ौरा निवासी किसान नेता रमेश सिंह ने पुलिस अधीक्षक रायबरेली को मजीद और लालगंज कोतवाली पुलिस के खिलाफ शिकायती पत्र देते हुए कहा है कि कोतवाली में पिछले 15 वर्षों से तैनात उर्दू अनुवादक मजीद आम जनता से हर कार्य मे रिपोर्ट लगाने के लिए सुविधा शुल्क लेता है, चाहे पासपोर्ट/वीजा हो , चरित्र सत्यापन हो या फिर मोबाइल गुमशुदगी की ही रिपोर्ट क्यों न हो यह बिना अवैध वसूली किये कोई कार्य नहीं करता है। डेढ़ दशक से यहां जमा होने के कारण यह यहां आने वाले भ्रष्ट कोतवालों का चहेता बन जाता है, कमाऊ पूत होने के कारण यह ऊपर से नीची तक सभी का करीबी है। तमाम शिकायतों के बाद भी किसी अफ़सर ने जनता के लिए बोझ बन चुके इस कर्मी पर कार्यवाही नहीं की जिससे इसके हौसले इतने बुलंद हैं कि यह आम नागरिकों से गाली-गलौज कर धमकाता रहता है। कोतवाली प्रभारी भी पता नहीं किस मजबूरी या लालच में इस पर कार्यवाही करने की बजाय इसको संरक्षण देने का कार्य कर रहे हैं।

अपराधियों से हैं अंतरंग सम्बन्ध

क्षेत्र के तमाम शातिर अपराधियों, चोरों, और शूटरों से मजीद के संबंध है। चूंकि मैने पिछली 5 जुलाई को निहस्था निवासीे एक व्यापारी की अवैध हिरासत में यातनाएं दिए जाने और इसी हफ्ते नकटुआ निवासी युवक राज की पुलिस लॉकअप में बेरहमी से की गई पिटाई की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी इसलिए मजीद समेत लालगंज पुलिस मुझसे निजी तौर पर रंजिश मानते हुए मुझे किसी गंभीर मामले में षड्यंत्र कर फंसा सकती है या अपने संरक्षण में पल रहे किसी अपराधी से मेरी हत्या तक करा सकता है। पूरे क्षेत्र में अपराध का ग्राफ़ बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। जिसके खुलासे कर पाने में नाकाम पुलिस आम नागरिकों का उत्पीड़न कर रही है। धन के लालच में आज तक तहसील के कुख्यात हिस्ट्रीशीटरों, गिरोह चलाने वाले सरगनाओं के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है जिससे ये अपराधी मस्त हैं और जनता त्रस्त है।

ईमानदार कप्तान की छवि को लगा रहा पलीता

अब लालगंज पुलिस की गुंडई रोकने, जनता का उत्पीड़न रोकने और कुख्यात हिस्ट्रीशीटरों गिरोह चलाने वाले लोगों को जेल भेजने की आखिरी उम्मीद न्यायप्रिय और सख़्त फैसले लेने की ताकत रखने वाले रायबरेली के पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीणा से ही है क्योंकि बाकी पुलिस जनता का विश्वास खो चुकी है।
लालगंज पुलिस की गुंडई और आम जनता के उत्पीड़न पर कार्यवाही न होने की स्थिति में किसान नेता रमेश सिंह ने धरने पर बैठने की चेतावनी दी है। फिलहाल अब देखना है पुलिस की गिरती साख़ को बचाने के लिए जनता के बीच मजबूत साख़ रखने वाले पुलिस अधीक्षक क्या एक्शन लेते हैं, फिलहाल इसका जवाब अभी समय के गर्भ में है।

 

न्यूज़ प्लस के लिये सिद्धार्थ त्रिवेदी की खास रिपोर्ट

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