उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल डीह द्वारा आयोजित भव्य होली मिलन समारोह संपन्न

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उमेश चौरसिया


डीह-रायबरेली। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल डीह द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन कस्बे के झुल्ले सिंह का मैदान में किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि सलोन की पूर्व सपा विधायका आशा किशो व उनके प्रतिनिधि राजेन्द्र यादव मौजूद रहे। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि आशा किशोर ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पूजन अर्चन कर कार्यक्रम की शुरुवात की गई।उसके बाद कवियत्री सानिया सिंह ने -‘हे माई यूं ना मार मुझे, दे जीने का अधिकार मुझे। इस प्यारी प्यारी दुनिया का कर लेने दे दीदार मुझे’। कविता पढ़कर कोख में बेटियों को मार देने वाले लोगो को झकझोर दिया। ‘नाजुक’ कोमल ने पढ़ा- ‘अब तुम्हारे लिए दिल मे चाहत नही। मुझसे कहने लगे वो अब मोहब्बत नही।’ हास्य कवि सन्दीप शरारती ने अपनी कविता से गुदगुदाते हुए पढ़ा-‘पति देव को झोड़कर प्रेमी के संग भागे, भगवान ऐसी नारियों को कानी बनादे।‘ संतोष दीक्षित ने अपनी कविता ‘जब-जब सत्ता सोती है, तब कलमकार जग जाता है। अंधे पृथ्वीराज से भी वह गोरी को मरवाता है।’ पढ़कर श्रोताओं के भीतर उत्साह का संचार कर दिया। देश की शरहद पर अपने परिवार को छोड़ माँ भारती के रक्षा के लिए तत्पर भारत के जवानों को नमन करते हुए रायबरेली के शिवतोष संघर्षी ने पढ़ा- मसला हल हो जाता पल में, इन आतंकी विस्फोटो का। कटा शीश यदि आया होता मंत्री जी के बेटों का।’ जमुना प्रसाद पांडेय ‘अबोध’  अपनी हास्य कविताओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। गीतकार गोविंद ‘गजब’ ने देश के किसानों से संबंधित कविता पढ़कर मंच को लूट लिया। हास्य कवि मधुप श्रीवास्तव ‘नरकंकाल’ ने -‘दुनिया कमाए पइसा हमहू कमाई का, पइसा की खातिर मूसरा खड़े होइ जाइ का’ पढ़कर खूब तालियां बटोरी। गीतकार निर्मल श्रीवास्तव ने ‘राजनीति का रंग आजकल काला होता, राजनीति में भाई भतीजा साला होता है’ पढ़कर मौजूदा राजनीति पर व्यंग किया। कवि मयंक मिश्रा ने ‘मेरी याद में तुम भी कभी एक शाम लिख देना। मुझे स्वीकार है कोई भी हो अंजाम लिख देना’ पढ़कर युवाओं की तालियां लूटी। वरिष्ठ साहित्यकार राम अवध उमराव ने -‘रुक जा चंदा हम भी चलेंगे मीत अभी आते होंगे। अलबेले से चित्र बनाकर मधुर-मधुर मुस्काते होंगे’ पढ़कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि सम्मेलन का जोरदार संचालन कर रहे अनुज अवस्थी ‘प्रमोदी’ ने -‘दुनिया मा प्रेमु केहेव सबते, मुलु साढू ते होशियार रहेव’ पढ़कर खूब हंसाया।  अंत में कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे ब्रजेश तनहा ने सभी कवियों को आशीर्वाद दिया और समापन कविता पढ़ी। इसके पूर्व अन्य कवियों के अलावां व्यंग्यकार उत्तम सोनी,  माजित रहबर, विनय सांस्कृत, आकाश अधूरा, अनिल मिश्रा, शैलेन्द्र गुलशन आदि ने भी अपना काव्यपाठ किया। कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष बसंत सिंह बग्गा कहा कि बिना साहित्य के समाज अपनी समझ खो देता है। यह साहित्य ही है, जो दुनिया के हर समाज को भले-बुरे वक्त संभाले रखता है। साहित्य में कविता की विद्या निराली है। व्यापार मंडल डीह के अध्यक्ष पवन अग्रहरि ने सभी कवियों व आगंतुक अतिथियों का आभार प्रकट किया। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों द्वारा कार्यक्रम में आये हुए अथितियों और पत्रकारों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महामंत्री जुगल किशोर, कोषाध्यक्ष मो इशरार, अमरनाथ साहू, राकेश अग्रहरि, संरक्षक विनोद अग्रहरि, फूलचंद्र अग्रहरि, मनोज सिंह चौहान, सुनील जायसवाल, रघुनाथशरण सिंह, मो चाँद, कमलेश अग्रहरि, सतेंद्र सिंह, सोनू ज्वेल, सुशील अग्रहरि सहित सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।

डीह से न्यूज प्लस संवाददाता उमेश चौरसिया की रिपोर्ट।

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