ओडीएफ ग्रामसभा शिवगढ़ में पात्रों ने शौंचालय बना लिया पैसा अभी तक नही आया
रायबरेली(रायबरेली)- स्वच्छ भारत मिशन योजना के अन्तर्गत ओडीएफ योजना के तहत गाॅवों को चयनित करके गाॅवों के भविष्य को सवारने की सरकार की मंशा पर जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते पानी फिरते नजर आ रहा हैं। विदित हो कि ओडीएफ योजना के तहत गाॅव हो या शहर शौचालय को लेकर केंद्र सरकार द्वारा काफी सक्रियता दिखाई जा रही है।
इतना ही नही शौचालय केवल बनाने से ही काम नहीं चलेगा, लोग उसका सही ढंग से उपयोग करें जिससे गाॅवों में पूरी तरह से खुले में शौंच रुक जाये तभी उसका लाभ मिलेगा। गाॅवों में शौंचालय समय-समय पर बनवाए भी जाते हैं। कुछ धरातल पर तो कुछ कागजों में ही बन जाते हैं। जहां बनते भी हैं तो लोग उनका उपयोग नही करते । अब ऐसी नौबत न आए जिसके लिए सरकार ने ओडीएफ योजना चलाई है। इसमें गांवों को पूर्ण रूप से शौचालय से संतृप्त तो करना है ही साथ ही वहां के लोगों को जागरूक करना है जिससे लोग खुले में शौंच को न जाएं। गाॅव को पूरी तरह से खुले में शौंच से मुक्त किया जा सके जिसके लिए सरकार द्वारा पात्र लाभार्थी के खाते में 12 हजार रुपये की धनराशि भी भेजी जाती है। किन्तु विडम्बना है कि ओडीएफ योजना के तहत चयनित जिन गाॅवों के लोग अपने पास से शौंचालय बना भी लेते हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते पात्र लाभार्थियों के खाते में धनराशि नही भेज जाती। अधिकारियों की लापरवाही का दंश झेल रही शिवगढ़ ग्रामसभा के लोग ओडीएफ योजना की पोल रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
विदित हो कि वित्तीय 2016 – 2017 में शिवगढ़ ग्रामसभा को ओडीएफ योजना के तहत चयनित किया गया था। जिसमें ग्राम प्रधान प्रमिला देवी व पूर्व ग्राम पंचायत अधिकारी सीताराम द्वारा शौंचालय निर्माण हेतु 446 पात्रों की सूची बनाकर भेजी गयी थी। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि चिन्हित शौंचालयों में 418 शौंचालयों में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।वहीं 5 शौंचालयों का अभी और निर्माण होना है। किन्तु विडम्बना है कि अधिकारियों की उदासीनता के चलते अभी तक मात्र 318 शौंचालयों का मात्र 6000 के हिसाब से रुपया आया है।
शिवगढ़ एडीओ पंचायत सुशील चन्द्र पाण्डेय का कहना कि जिस समय पात्रों की सूची बनाकर शासन को भेजी गयी थी उस समय मैं नही था।वित्तीय वर्ष 2016-17 में चयनित ओडीएफ चयनित ग्राम पंचायत शिवगढ़ में 318 शौंचालयों का 6 हजार के हिसाब से रुपया आया है। जिसमें 2 बार 100-100 व दो बार 59-59 पात्रा का पैसा आया है।अवशेष धनराशि के लिए डिमाण्ड बनाकर शासन को भेजी गयी है किन्तु अभी तक पैसा नही आया है। डीपीआर ने शौंचालयों के सत्यापन का निर्देश दिया है। जल्द ही शौंचालयों का सत्यापन कार्य पूरा करके डीपीआरओ को सूची भेजकर पुनः डिमाण्ड की जायेगी
रायबरेली से न्यूज प्लस संवाददाता अंगद राही की रिपोर्ट