पिण्डौली की धरती पर सेवानिवृत्त शिक्षकों का ऐतिहासिक सम्मान

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रायबरेली(शिवगढ़)-क्षेत्र के पिण्ड़ौली गाॅव में बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ सेवानिवृत्त शिक्षक सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। सम्मान से अभीभूत गुरुओं ने खूब आशीष दिया। गौरतलब हो कि कुछ दिन पूर्व क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बहुदाखुर्द से सेवानिवृत्त हुए शिक्षक रामप्रसाद रावत के सम्मान में उनके आवास पर सेवानिवृत्त शिक्षक सम्मान कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ ग्राम विकास अधिकारी करुणाशंकार, ग्राम विकास अधिकारी विभूति,शिक्षक दुर्गेश नन्दन द्वारा सेवानिवत्त शिक्षक रामप्रसाद रावत,गोविन्द नरायण शुक्ल,शिवप्रसाद शुक्ल,रामगोपाल गुप्ता,सूर्य प्रसाद मौर्य,छेदालाल रावत,रामदुलारे सहित एक दर्जन से अधिक सेवानिवृत्त शिक्षकों का माल्यार्पण कर,अंग वस्त्र भेंटकर ऐतिहासिक सम्मान किया गया। वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिंहपुर ब्लाक के प्रधान संघ अध्यक्ष अर्जुन सिंह भदौरिया, विशिष्ट अतिथि पूर्व ब्लाक प्रमुख रामदेव रावत ने फूल मालाओं से शिक्षकों का सम्मान करते हुए कहाकि कि गुरु शिष्यों के अन्दर ज्ञान रुपी प्रकाश की ज्योति जलाकर शिष्यों के सारे मार्ग सुगम कर देते हैं। गुरु की कृपा के बिना। सफल जीवन की कल्पना नही की जा सकती। गुरु वह सीढ़ी है जिसके चरण स्पर्श मात्र से आधी बाधायें दूर हो जाती हैं। एक अच्छा गुरु शिष्यों की कमियों को पहचानकर उसके दुर्गुणों को दूर उसे एक आदर्श बनाने का कार्य करता है।

कीर्तन की मन मोहक प्रस्तुति देते मशहूर कीर्तन सम्राट

ग्राम विकास अधिकारी करुणा शंकर ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहाकि वास्तव में गुरु की महिमा का पूरा वर्णन कोई नहीं कर सकता। गुरु की महिमा तो भगवान् से भी कहीं अधिक है-
“गुरुब्रह्मा गुरुविर्ष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।” शास्त्रों में गुरु का महत्त्व बहुत ऊँचा है। गुरु की कृपा के बिना भगवान् की प्राप्ति असंभव है। गुरु के मन में सदैव ही यह विचार होता है कि उसका शिष्य सर्वश्रेष्ठ हो और उसके गुणों की सर्वसमाज में पूजा हो। ग्राम विकास अधिकारी गंगा विभूति ने अपने सम्बोधन में कहाकि कबीर दास जी ने भी गुरु महिमा का वर्णन करते हुए कहा था कि
“गुरू गोविन्द दोऊ खड़े का के लागु पाँव,बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताय।”
आज के आधुनिक युग में भी गुरु की महत्ता में जरा भी कमी नहीं आयी है। एक बेहतर भविष्य के निर्माण हेतु आज भी गुरु का विशेष योगदान आवश्यक होता है। गुरु के प्रति श्रद्धा व समर्पण दर्शित करने हेतु ‘गुरु पूर्णिमा’ का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गुरु का पूजन करने से गुरु की दीक्षा का पूरा फल उनके शिष्यों को मिलता है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुओं का सम्मान किया जाता है। इस अवसर पर आश्रमों में पूजा-पाठ का विशेष आयोजन किया जाता है। इस मौके पर कार्यक्रम में चार चाॅद लगाते हुए सुरीला संकीर्तन समूह महेशपुर अमेठी के कीर्तन सम्राट नवीन जी महराज,रामानुज मिश्रा,रमेश तिवारी,अवधेश शुक्ला,ढोलक मास्टर दिनेश सिंह ने मनमोहक कीर्तनों की प्रस्तुती देकर सभी का मनमोह लिया। इस मौके पर सिंहपुर खण्ड़ विकास अधिकारी शरद सिंह,जिला पंचायत प्रतिनिधि शशी सिंह भदौरिया,मुनेश्वर पासी,कुकुहा प्रधान विनोद पाण्डेय,हरिकेश सिंह,पुतान सिंह,मुकेश प्रताप,दिनेश सिंह, बीटीएम नीरेश कुमार,बीटीएम अरुण कुमार, बीटीएम कृपा शंकर,विनोद कुमार,आशाराम,दिलीप रावत सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

रायबरेली से न्यूज प्लस संवाददाता अंगद राही की रिपोर्ट

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