22 अक्टूबर 2025 को Govardhan Puja 2025 नई दिल्ली में शुभ मुहूर्त के साथ मनाया जाएगा, जिसमें अननकूट, ड्यूटा क्रीडा और पर्यावरणीय संदेश प्रमुख हैं।
जब Govardhan Puजा, हिंदू कैलेंडर में अंधकार के बाद उजाले का प्रतीक, गोवर्धन पर्वत की पूजा और शाकाहारिक प्रसाद की व्यवस्था है. इसके साथ साथ गोवर्धन व्रत भी कहा जाता है, तो इस उत्सव में Annakut, भेड़ों की सौगात जैसा कई प्रकार का शाकाहारी भोजन और Krishna, जिनके चरणों में गोवर्धन को उठाकर बारिश से बचाया गया दो प्रमुख तत्व होते हैं। इन तीनों के बीच गहरा संबंध है: Govardhan Puजा के बिना Annakut का महत्त्व अधूरा रहता है और कृष्ण की कथा बिना इस व्रत के पूरा नहीं होता।
Govardhan Puजा आम तौर पर दिवाली के पांचवें दिन मनाई जाती है, इसलिए यह Diwali से सीधे जुड़ी हुई है। इस दिन लोग गाँव‑शहर में गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाते हैं, उसे फूल, दीया और धूप से सजाते हैं। पूजा की मुख्य आवश्यकता है शुद्ध शाकाहारी भोजन, जिसे कई बार “अन्नघोट” कहा जाता है। इस प्रसाद में दाल, सब्जी, चावल, घी और मीठे की विभिन्न किस्में शामिल होती हैं। समुदाय में मिलकर तैयार किया गया भोजन भक्ति को उत्थान देता है और साथियों के बीच आपसी बन्धन को मजबूत बनाता है।
रिवाज में एक और अहम हिस्सा है गोवर्धन का ऊँचा ढेर बनाना। लोग ऐसे ढेर बनाते हैं जितना संभव हो उतना ऊँचा, जिससे यह दर्शाया जाता है कि कृष्ण ने भगवान की इच्छा से पहाड़ को उठाकर अपनी बस्ती को बचाया था। इस ढेर के चारों ओर अक्सर पवित्र जल और गजरे लगाते हैं, जिससे माहौल में पवित्रता का अहसास बढ़ता है। इस प्रक्रिया में महिलाएँ और बुजुर्ग लोग मिलकर मंच तैयार करते हैं, जिससे हर घर में एकजुटता की भावना पनपती है।
देश के विभिन्न क्षेत्रों में Govardhan Puजा के स्वरूप में हल्की‑हल्की भिन्नता देखने को मिलती है। ब्रज में, जहाँ कृष्ण का जन्मस्थल है, लोग विशेष रूप से द्वादशव्रत के अंत के बाद इस पूजा को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। उत्तर भारत में फाल्गुन महीने की समाप्ति के बाद इसे मनाया जाता है, जबकि दक्षिण में इसे अक्सर आश्विन महीने के अंत में जोड़ते हैं। इन सभी विविधताओं के बीच मूल भावना एक ही रहती है – प्रकृति को कृतज्ञता और भगवान को भक्ति।
आजकल समाचार पोर्टल जैसे समाचार प्लस इस त्यौहार पर विशेष कवरेज देते हैं। आप यहाँ Govardhan Puजा से जुड़ी ताज़ा खबरें, रिवाजों की विस्तृत जानकारी और भोजन की रेसिपी देखेंगे। नीचे दी गई सूची में आपको विभिन्न लेख मिलेंगे जो इस उत्सव की सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयामों को उजागर करेंगे। आइए, इस पृष्ठ के नीचे दिए गए लेखों के माध्यम से Govardhan Puजा की पूरी कथा और व्यावहारिक पहलुओं को समझें।
22 अक्टूबर 2025 को Govardhan Puja 2025 नई दिल्ली में शुभ मुहूर्त के साथ मनाया जाएगा, जिसमें अननकूट, ड्यूटा क्रीडा और पर्यावरणीय संदेश प्रमुख हैं।