डीह-रायबरेली। कहते हैं कि भारत गांव में बसता है मगर यह सब पंक्तियां सिर्फ कागजों में ही पढ़ने और देखने में अच्छी लगती है गांव की हालत आजादी के सात दशक बाद भी वैसी की वैसी ही इस बात का अंदाजा उक्त तस्वीर से लगाया जा सकता है कि आज भी गांव की स्थिति और गांव का विकास किस स्तर पर हो रहा है तस्वीर है रायबरेली जनपद के डीह विकासखंड के मऊ ग्राम सभा का जहां पर आज से लगभग 20 वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत में विकास के मुद्दों व बैठक पर चर्चा करने के लिए लाखों की लागत लगाकर मिनी सचिवालय का निर्माण कराया गया। शौचालय निर्माण में सरकारी धन की बंदरबाट के कारण गुणवत्ता विहीन भवन निर्माण करा दिया गया। निर्माण होने के कुछ ही दिनों बाद देखरेख के अभाव में उक्त सचिवालय लगातार बदहाल होता चला गया और आज आलम यह है कि सचिवालय खंडहर में तब्दील हो गया है। विकास खंड स्तर पर तैनात अधिकारियों की नजर उस तरफ जाना तो दूर की बात है ग्राम पंचायत में ही किसी की नजर उस खंडहर की तरफ नहीं जाती है ग्राम सभा में तैनात ग्राम विकास अधिकारी को या विकास के मुद्दों पर वोट लेकर ग्राम प्रधान का पद प्राप्त करने वाले ग्राम प्रधान को जब कोई बैठक करनी होती है तो गांव के प्राथमिक स्कूल को अपना बैठक का स्थान बनाकर बैठक कर ली जाती है मगर बदहाल पड़े सचिवालय की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है। ग्रामीण राकेश शुक्ला का कहना है कि गांव का बदहाल सचिवालय की अगर देख रेख की गई होती तो आज इसका भवन खंडहर में तब्दील न हुआ होता। गांव निवासी रामप्रीत ने बताया कि देखरेख के अभाव में उक्त भवन जर्जर हो गया है किसी भी अधिकारी या जन प्रतिनिधि की नजर इस तरफ नहीं जाती है सब लोग सिर्फ वोट मांगने की राजनीति तक ही सीमित रह जाते हैं। ग्राम सभा के विकास पर चर्चा करने की या जनता का दुख दर्द समझने की फुर्सत किसी को नहीं है।
ग्राम प्रधान रामहेत ने बताया कि खंड विकास अधिकारी से कई बार नए भवन निर्माण करने के लिए ग्रामसभा से प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।
खंड विकास अधिकारी दिनेश कुमार मिश्रा ने बताया कि ग्राम पंचायत के मिनी सचिवालय की बदहाल स्थिति का मामला संज्ञान में नहीं है। जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाएगी। ग्राम विकास अधिकारी से भवन निर्माण संबंधी दस्तावेज तलब किए जाएंगे।
रायबरेली से न्यूज प्लस संवाददाता उमेश चौरसिया की रिपोर्ट।