मेले में दुकानें आना शुरू, तैयारियां अब भी अधूरी

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तय समय में नही पूरी हो सकी मेले की तैयारियां


डलमऊ(रायबरेली)-डलमऊ में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले ऐतिहासिक मेले में दुकानें का आना शुरू हो गयी हैं मगर तैयारियां अब तक पूरी नही की जा सकी हैं।
कब होना है ऐतिहासिक डलमऊ मेला

विदित हो कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आगामी 4 नवम्बर को होने वाले ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा के मेले में दुकानें आना शुरू हो गयी हैं। मगर मेले की तैयारियां अकचप भी कच्छप गति से चल रही हैं। प्रशासन की उदासीनता का यह आलम है कि डलमऊ में अब तक सड़कों की पटरियों की सफाई तक नही हो सकी है। जबकि डलमऊ में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा में हजारों की संख्या में दूर दराज से श्रद्धालु परिक्रमा करते हुए गंगा मैया के तट पर आते हैं और एक दिन पूर्व गंगा तट पर आकर पूर्णिमा के दिन स्नान एवं पूजा अर्चना करके मनोकामनाएं मांगते हैं। डलमऊ के कार्तिक पूर्णिमा मेले में प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान कर मेले में हर्षोउल्लास पूर्वक खरीददारी करते हैं दिखाई देते हैं। वहीं डलमऊ के मियां टोला के सामने बच्चों के झूले व अन्य मनोरंजन के साधन आना शुरू हो गये हैं जिसको लेकर बच्चों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। विद्युत विभाग की उदासीनता के चलते मेला परिसर में विद्युतीकरण का कार्य अब तक पूरा नही किया जा सका।

क्यों है डलमऊ मेले का विशेष महत्व

गंगा जी के प्रति भक्तों की अपार श्रृद्धा है। श्रद्धालु गंगा जी को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मानते हैं भक्तों का पूरा विश्वास है कि माॅ गंगा की गोद में पैठ कर डुबकी लगाने मात्र से मोक्ष की प्राप्ति के साथ-साथ भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं। वहीं सबसे बड़ी विशेषता है कि कार्तिक पूर्णिमा को विशेष रुप से नहान पर्व माना जाता है। जिसके चलते डलमऊ के कार्तिक पूर्णिमा मेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
मेले की तैयारियों के सम्बन्ध में जानकारी लेने के लिए जब नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी पवन किशोर से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे दूरभाष पर सम्पर्क नही हो सका।

रायबरेली से न्यूज प्लस संवाददाता देवेश वर्मा की विशेष रिपोर्ट

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