इस जिले के एएसपी ने यूपी 100 का गुडवर्क हैक कर किया झूठा खुलासा

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झूठा खुलासा कर एएसपी व कोतवाल ने ईमानदार एसपी की साख पर लगाया बट्टा

रायबरेली – हमेशा अपने कारनामों के कारण जनता के बीच में किरकिरी कराती रही पुलिस पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर अधिकारियों द्वारा चलाई जा रही मुहिम के कारण जनता के दिल में जगह बना रही है मगर रायबरेली जनपद में ईमानदार व स्वच्छ छवि के एसपी शिवहरी मीणा के कड़े रूख के बावजूद जिले के एक कोतवाल ने एएसपी से ऐसा झूठा व मनगढ़ंत गुडवर्क का खुलासा करा दिया जिससे पूरे प्रदेश में रायबरेली पुलिस की छवि धूमिल हो रही है।

दो भैंस चोरों को पकड़ने से शुरू हुआ गुडवर्क

क्षेत्र में बीती 18 मार्च की रात को पुलिस टीम ने यूपी 100 की पीआरवी की दो गाड़ियों की मदद से दो भैंस चोरों को पकड़ा और भदोखर थाना पुलिस को सौंप दिया और यूपी 100 ने लखनऊ मुख्यालय को आख्या प्रेषित कर दी।
यूपी हंड्रेड लखनऊ मुख्यालय से अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि “प्रभारी निरीक्षक भदोखर के साथ पीआरवी 1778 पीआरवी 1773 ने संयुक्त घेराबंदी कर भैंसों की तस्करी कर रहे दो बदमाशों को पिकप से भागने के दौरान बैरीकेडिंग लगाकर दबोचा तथा पिकप से 2 भैंस बरामद की जिस पर पुलिस अधीक्षक रायबरेली द्वारा टीम को पुरस्कृत भी किया गया”

यूपी 100 के ट्विटर हैंडल पर लखनऊ से 18 मार्च को जारी प्रेस विज्ञप्ति

इस घटना की प्रेस विज्ञप्ति लखनऊ मुख्यालय यूपी में पहले नंबर पर जारी की और बताया कि पिकप के पीछा करने के दौरान कुछ बदमाश भागने लगे जिनमें दो आरोपियों जंग बहादुर यादव व अजीज मनिहार निवासी टीकरमाफी अमेठी को पकड़कर बरामद माल के साथ थाना प्रभारी भदोखर को सौंप दिया गया।

पुलिस के झूठे व मनगढ़न्त गुडवर्क की ऐसे हुई शुरुआत

पूरा मामला हो जाने के बाद भदोखर थाने पर तैनात प्रभारी निरीक्षक अशोक त्रिपाठी ने पुलिस कप्तान को गुमराह करते हुए मनगढ़ंत गुडवर्क की झूठी पटकथा लिखनी शुरू की और उच्चाधिकारियों से अपने नम्बर बढ़वाने के लिए यूपी 100 द्वारा पकड़े गए आरोपियों को फरार बताकर 3 दिन थाने में रखने के बाद भैंस चोरों को अवैध तमंचे, जिन्दा कारतूस व चाकू सहित बरामद करने का दावा किया।

 

क्या एएसपी ने बिना जाँच पड़ताल के कर दिया खुलासा?

बुधवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित किरण हाल में पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने भी महकमे में वाहवाही लूटने के लिये प्रभारी निरीक्षक अशोक त्रिपाठी की शान में कसीदे पढ़ते हुए मीडिया को बताया की उन्नीस मार्च को जब आलाधिकारी के साथ जनपद की पुलिस फ़ोर्स सक्रिय थी तभी भदोखर थाना क्षेत्र में दो भैंस चोरों ने पुलिस द्वारा पीछा किये जाने पर पुलिस टीम पर फायरिंग करके भाग गए और इंट पत्थर भी चलाये जिनमे चौकी इंचार्ज इंसाफ अली को चोट भी लगी मगर बदमाश भाग निकले और बीती रात पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए इन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से कारतूस, तमंचा व चाकू भी बरामद किये गए।

रायबरेली पुलिस द्वारा 21 मार्च को प्रेस वार्ता में एएसपी द्वारा जारी किया गया प्रेस नोट

 

पुलिसिंग पर उठे सवाल

भदोखर पुलिस के इस गुडवर्क को जब एएसपी ने बड़ी सफाई के साथ जब मीडिया के सामने पेश किया तभी इसपर सवाल उठने लगे की बड़े अपराध रोकने में नाकाम रहे भदोखर प्रभारी निरीक्षक अशोक त्रिपाठी ने चलो भैंस चोर ही पकड़े मगर जब इसकी सच्चाई सामने आई तो ईमानदार कप्तान के मातहतों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे कि जिन आरोपियों को डायल 100 ने 18 मार्च को भदोखर पुलिस को सौंपा वही आरोपी 19 मार्च को पुलिस पर फायरिंग करके कहाँ और कब भाग गए? और पुलिस अभिरक्षा में उनके पास तमंचा व कारतूस कहाँ से आया ?
अगर अपराधी पुलिस अभिरक्षा से नहीं भागे तो क्या भदोखर थाना प्रभारी ने क्या कप्तान के सामने नम्बर बढ़ाने के लिए यूपी 100 द्वारा पकड़े गए अपराधियों के पास अपने पास से तमंचा व कारतूस रखकर मुठभेड़ की कहानी बना दी? फ़िलहाल रायबरेली पुलिस के इस मनगढ़ंत व झूठे गुडवर्क से लोगों का विश्वास पुलिस से कम हुआ है और अब सभी की नजरें ईमानदार व कर्मठ पुलिस अधीक्षक शिवहरी मीणा पर लगी हुईं हैं कि वे इस कृत्य के लिए अपने अधीनस्थ अपर पुलिस अधीक्षक व विभाग व आलाधिकारियों को गुमराह करने वाले भदोखर थाना प्रभारी अशोक त्रिपाठी पर कब और क्या कार्यवाही करते हैं!

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