पीने के एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे सैमरगंज के लोग

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 आदी के 70 वर्ष बाद भी महिलाएं,बृद्ध एवं बच्चे एक मील दूर से बाल्टियों में भरकर लाते हैं पीने का पानी। 

 आजादी के सात दशक बाद भी समस्या जस की तस 

अंगद राही/विपिन पाण्डेय     News plus 

 रायबरेली   तख्त बदल गए ताज बदल गए,पर आज तक नहीं बदली सैमरगंज गांव की तस्वीर। एक समय था जब गांव की महिलाएं पीने का पानी भरने के लिए नदियों झीलों और सगरों पर आया जाया करती थी। बाद में कच्चे और पक्के कुओं का दौर आया। जिसके बा साहूकार जमीदार जैसे बड़े लोग देशी नलों का प्रयोग करने लगे। आजादी के बाद परिवर्तन शुरू हुआ, और देखते ही देखते नौकरशाह, मध्यम और उच्च परिवारों के लोग कुओं और देशी नलों का पानी पीना छोड़कर आरओ का प्रयोग करने लगे।

 सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली का बुरा हाल

   सोनिया के गढ़ में : दूसरे गांव पानी भरने जाती महिलाएं देखें न्यूज प्लस की ये रिपोर्ट

 विडंबना है कि आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी वीवीआईपी जनपद कहे जाने वाले सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली का एक ऐसा भी गांव है जहां गांव का पानी बिल्कुल खारी और फ्लोराइड युक्त होने के कारण गांव की महिलाएं, बच्चे ,बूढ़े पीने का पानी भरने के लिए गांव से 1 मील दूर दूसरे गांव जाते हैं। हम बात कर रहे हैं रायबरेली जिले के अति पिछड़े शिवगढ़ ब्लॉक के सैमरगंज मजरे भौसी गांव की। जहां देश की आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है।देशी और इंडिया मार्का नलों के, फ्लोराइड युक्त दूषित पानी के प्रयोग से , ग्रामीण विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

क्या कहते हैं ग्रामीण 

बेबसी की कहानी ग्रामीणों की जुबानी देखें न्यूज प्लस की स्पेशल रिपोर्ट 

ग्रामीणों का कहना है कि गांव का पानी इतना खारी है कि यदि उसे किसी बाहरी व्यक्ति को पिला दिया जाय तो निश्चित रुप उल्टी हो जाएगी। गांव के मनोज कुमार बताते हैं कि लोग हमारे गांव में लड़की की शादी करना पसंद नहीं करते । पानी पीकर ही भड़क जाते हैं।

गांव के फ्लोराइड युक्त पानी से जिंदगी बन गई नर्क

गांव के रामदेव का कहना हैं कि फ्लोराइड युक्त खारा पानी होने की वजह से जिंदगी नर्क बन गई है, गांव के पानी से नहा लेने से शरीर में खुजली होने लगती है आलम यह है कि गांव के लोग दूसरे गांव या नहर के पानी में नहाने जाते हैं।

खण्ड़ विकास अधिकारी से लेकर उपजिलाधिकारी,जिलाधिकारी, एवं सत्ता पक्ष के क्षेत्रीय विधायक रामनरेश रावत से मिलकर ग्रामीण शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गुहार लगा चुके हैं किंतु नतीजा बिल्कुल सुन रहा।

पानी की आस देखत-देखत आंखैं पथरा गई

गांव की बृद्ध रामदेई का कहना है कि गांव मां पियै के पानी की आस देखत देखत आंखैं पथरा गई हैं। चुनाव के समय बड़े-बड़े नेता गांव आवत हैं और हर बार पानी कै टंकी बनावै का झूठा वादा करिकै चले जात हैं। जीतै के बादि दुबारा लौटिकै दिखाय नहीं परत।

 ग्रामीण हो रहे हैं संक्रामक बीमारियों का शिकार

पूर्व शिक्षक राजेश्वर प्रसाद यादव का कहना है कि करीब 600 की आबादी वाले सैमरगंज गांव में पानी की गम्भीर समस्या है। जिसकी वजह से गांव के लोग चर्म रोग,दन्तरोग सहित संक्रामक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। गांव का पानी बिल्कुल खारा होने की वजह से बच्चे भी घर में खाना खाने के बाद एक मील दूर पानी पीने जाते हैंं। हम लोग पानी की समस्या से काफी तंग हो चुके हैं।

ग्रामीण करेंगे चुनाव का बहिष्कार

चुनाव बहिष्कार चेतावनी देते ग्रामीण देखें न्यूज प्लस की ये रिपोर्ट

ग्रामीणों का  कहना है  कि हम लोगों ने निर्णय किया है कि ग्राम प्रधान, एमएलए, सांसद सहित सभी चुनावों का बहिष्कार करेंगे और गांव के दोनों ओर नेताओं का प्रवेश वर्जित का बोर्ड लगा देंगे। आक्रोशित ग्रामीणों ने नारे लगाते हुए कहा कि “हमारी समस्या का हो निदान, वरना करेंगे वोट का बहिष्कार।

उपजिलाधिकारी का कहना है :

महराजगंज उपजिलाधिकारी एस. सुधाकरन का कहना है कि मामला संज्ञान में आया हुआ है, सैमरगंज मजरे भौसी में पानी की समस्या बहुत ज्यादा है इस संबंध में जो भी उच्चाधिकारी हैं, सभी को पत्राचार किया जाएगा और जांच कराकर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। मैं उम्मीद करता हूं कि शासन की टीम आकर पानी की जांच करेगी। और सैमरगंज की पानी की जो समस्या है उसका निराकरण किया जाएगा।

 रायबरेली से न्यूज प्लस संवाददाता अंगद राही/विपिन पाण्डेय की रिपोर्ट। 

 

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