आजादी के 70 साल बाद भी,दलित बस्ती में नही हो सका विद्युतीकरण

0
204

बिजली के अभाव में अन्धकारमय रहता है मुर्तजापुर

लखनऊ(मोहनलालगंज) एक तरफ सरकारें जहां विकास के बड़े-बड़े दावे करती हैं, अपने आपको दलितों का मशीहा बताती हैं। वहीं दूसरी ओर मोहनलालगंज क्षेत्र के अमवा मुर्तजापुर गाॅव के पश्चिम में स्थित दलित बस्ती में आजादी के 70 साल बाद भी विद्युतीकरण नही हो सका।

पंण्डित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना को लगा ग्रहण

पंण्डित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत गाॅवों में चल रहे विद्युतीकरण की पोल खुलती नजर आ रही है। विदित हो कि वर्तमान दिनों में मोहनलालगंज क्षेत्र के अमवा मुर्तजापुर में विद्युतीकरण का कार्य चरम सीमा पर चल रहा है। किन्तु विडम्बना है कि विद्युत विभाग की उदासीनता के चलते मुर्तजापुर के पश्चिम दिशा में स्थित दलित बस्ती को छोड़ दिया गया है। जिसको लेकर उपेक्षा के शिकार दलित मायूस नज़र आ रहे हैं।

चिराग के उजाले में अपना भविष्य सवारने को मजबूर हैं छात्र-छात्राए

एक ओर जहां देश तकनीकी क्षेत्र में नये नये आयाम रच रहा है।’तकनीकी एवं कम्प्यूटर शिक्षा “शिक्षा” का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। जिसके बिना बेहतर शिक्षा की कल्पना नही की जा सकती। किन्तु विद्युतीकरण के अभाव में इस दलित बस्ती अमवा मुर्तजापुर के छात्र-छात्राए दूरसंचार के साधनों से आज भी काफी दूर हैं ऐसे में कैसे उज्ज्वल होगा इस बस्ती के दलितों छात्र-छात्राओं का भविष्य ?

ग्रामीण अंचल को 18 घण्टे आपूर्ति की बात दूर,गाॅव में अब तक नही हो सका विद्युतीकरण

सीएम योगी का जहां ग्रामीण अंचल को 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति का दावां खोखला साबित हो रहा है। वहीं योगी सरकार की महत्वाकांक्षी पंण्डित दीनदयाल ग्राम विद्युतीकरण योजना भी कार्यदायी संस्था व विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते दम तोड़ती नजर आ रही है।

wee

            सीएम साहब हम भी इंसान हैं
दलित बस्ती अमवा मुर्तजापुर के ग्रामीण ने मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज बुलन्द करते हुए कहा सीएम साहब हम भी इंसान हैं। हम भी अपने बच्चों को बिजली के उजाले में पढ़ाना चाहते हैं उन्हे कम्प्यूटर,इण्टरनेट एवं तकनीकी ज्ञान दिलाना चाहते हैं। विद्युत विभाग की मिली भगत से कार्यदायी संस्था द्वारा मनमाने ढंग से विद्युतीकरण किए जाने के चलते शासन की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

तख्त बदल गये,ताज बदल गये नही बदली गाॅव की तस्बीर

ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि आते हैं और विकास के बड़े -बड़े दावे करते हैं किन्तु चुनाव जीत जाने के बाद उन्हे शाप सूंघ जाता है दुबारा दिखाई नही देते। आजादी के 70 वर्ष बाद भी अमवा मुर्तजापुर की दलित बस्ती बिजली,पानी,सड़क जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से जूझ रही है। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि यही हाल रहा तो वे आन्दोलन करने को मजबूर हो जायेंगे।

न्यूज प्लस संवाददाता अंगद राही की रिपोर्ट

शेयर करें
पिछला लेखविधायक रामनरेश रावत एवं कुंवर हनुमन्त सिंह का किया गया ऐतिहासिक स्वागत्
अगला लेखऐसी बाइक जिसमें नही है “स्टैण्ड” की जरूरत
News Plus Reporter

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here