पद्मावती का अपमान बर्दाश्त नही,तत्काल फिल्म से अपत्ति जनक दृश्य हटाए जांय : राजा राकेश प्रताप सिंह

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किसी जाति, धर्म, समुदाय की आत्मा कुचलकर लोक प्रियता हांसिल करना उचित नही : राजा राकेश प्रताप सिंह

रायबरेली-बॉलीवुड फिल्म पद्मावती का विरोध रायबरेली में शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक दिखाई देने लगा है शिवगढ़ विरासत के राजा एवं हेरिटेज हासपिटालिटी एसोसिएशन आफ उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष राजा राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि फिल्मों की टीआरपी बढ़ाने के लिए पहले भी राजपूतों को फिल्मों अपत्ति जनक किरदारों में प्रस्तुत किया जाता रहा है जिसे सहा गया। अब ऐतिहासिक राजपुताना क्षत्राणियों पर हमला किया जा रहा है अगर इसे रोका न गया तो अंजाम बद् से बत्तर हो सकते हैं। भयंकर विवाद आन्दोलन पर फिल्म की टीआरपी बढ़ाने की एक सोंची समझी चाल है। किसी जाति,धर्म,समुदाय की आत्मा कुचलकर लोक प्रियता हांसिल की जाय उचित नही है। तत्काल प्रभाव से फिल्म से आपत्ति जनक दृश्य हटाये जाने चाहिए। हेरिटेज हासपिटालिटी एसोसिएशन आफ उत्तर प्रदेश जिनके सैकड़ों किले,महल,भवन हैं ऐसे राजपुताना परिवारों की भावनायें पद्मावती से जुड़ी साथ ही क्षत्रियों ने हमेशा देश के लिए संघर्ष किया है जिसे झुठलाया नही जा सकता है।

ज्ञात हो कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने प्रमाणपत्र के लिए आवेदन के अपूर्ण होने के कारण शुक्रवार को भंसाली की फिल्म वापस लौटा दी थी। दीपिका पादुकोण ने फिल्म में पद्मावती का किरदार अदा किया है, जबकि शाहिद कपूर ने महारावल रतन सिंह और रणवीर सिंह ने अलाउद्दीन खिलजी का किरदार निभाया है। शिवगढ़ क्षेत्र के राजपूतों का कहना है कि फिल्म में पद्मावती से संबंधित कुछ दृश्यों से भारतीय संस्कृति की भावनाएं और देश के हिन्दू समाज के मूल्य आहत हुए हैं।
उन्होंने कहा, फिल्म प्रदर्शित करने से पहले आपत्तिजनक और भारतीय संस्कृति को नुकसान पहुंचाने वाले दृश्यों को हटाये जाने की जरूरत है।
विदित हो कि निर्माता और निर्देशक संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावती न तो रिलीज हुई है और न ही संजय लीला भंसाली ने फिल्म की कहानी के विषय में किसी को बताया है। भंसाली ने इस फिल्म का जो ट्रेलर और एक नृत्य जारी किया है उसी को लेकर राजपूत समाज में रोष व्याप्त है। समाज के लोगों का कहना है कि राजपूत घराने की रानियां कभी भी नृत्य नहीं करती थी। जबकि भंसाली ने दीपिका पादुकोण को पद्मावती के तौर पर दिखा कर अश्लील नृत्य करवाया है। क्षेत्र के राजपूतों एवं क्षत्राणियों का कहना है कि सवाल अल्लाउद्दीन खिलजी के साथ प्रेम प्रसंगों का ही नहीं है बल्कि राजपूत समाज के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा का है। राजपूत समाज की महिलाओं का हमेशा मान सम्मान रहा है यदि कोई महिला अपने सम्मान को बचाने में असमर्थ दिखी तो उसने रानी पद्मावती की तरह अग्निकुंड में कूद कर अपनी जान दे दी। ऐसी बहादुर रानी को लेकर कोई अश्लील नृत्य दिखाया जाता है तो राजपूत समाज कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा। इस समय केन्द्र में भाजपा की सरकार है जिसे भारत की संस्कृति का पक्षधर माना जाता है। ऐसे में राजपूतों के साथ ही हिन्दू समुदाय ने लोगों ने केन्द्र की भाजपा सरकार से भी उम्मीद लगा रखी है।

रायबरेली से न्यूज प्लस के लिए अंगद राही की रिपोर्ट

2 टिप्पणी

  1. न्यू प्लस सबसे तेज, होगा भ्रष्टाचार पर सीधा वार

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