शिवगढ़,रायबरेली-परिषदीय विद्यालय में पढ़ने गयी किशोरी संदिग्ध परिस्थितयों में विद्यालय से लापता हो गयी,और शिक्षकों को पता भी चला, जिसका पता लगाने में जुटी पुलिस के हाथ अभी तक कोई सुराग न ही लगा है। उधर ग्रामीणों में विद्यालय प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश दिखाई दे रहा है। जहां एक ओर शासन द्वारा पढ़े बेटियां, बढ़े बेटियां कार्यक्रम के तहत स्त्री शिक्षा को बढ़ावा दिया जा है। व परिषदीय विद्यालयों में सब पढ़े सब बढ़ें का नारा देकर अभिभावकों को उनके बच्चों के उज्जवल भविष्य का सपना दिखाकर बच्चों का विद्यालय मे दाखिला कराया जाता है किन्तु बच्चों का विद्यालय में दाखिला होने के पश्चात शिक्षक अपनी नैतिक जिम्मेदारी एवं अभिभावकों से किया गया वादा बिल्कुल भूल जाते हैं। मामला थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मठ गोसांई मजरे दहिगावां ग्रामसभा का है। जहां के शिक्षकों की घोर लापरवाही उजागर हुई। विद्यालय में गेट और बाउन्ड्रीवाल होने के बावजूद वृहस्पतिवार को विद्यालय में पढ़ने आई नईन मजरे मठ गोसांई निवासिनी कक्षा एक की छात्रा दीक्षा पुत्री सुरेन्द्र कुमार रावत संदिग्ध परिस्थितियों में विद्यालय से लापता हो गयी। जिसको लेकर क्षेत्रीय लोगो में पूरी तरह से दहशत का व्याप्त है। जिसके चलते शुक्रवार को मारे दहशत के अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नही भेजा। छात्रा के पिता सुरेन्द्र कुमार रावत ने बताया कि प्रतिदिन की भाॅति उसकी पुत्री दीक्षा और कक्षा 4 में अध्यनरत बेटा अभय बृहस्पतिवार को प्रात: आठ बजे विद्यालय आ गये थे । लंच में दोनो ने एमडीएम भी खाया और अपनी कक्षा में पढ़ने बैठ गये। उसके बाद से बेटी का कोई पता नहीं चल पाया, छुट्टी के समय अभय ने बहन दीक्षा को न पाकर बहन दीक्षा के विषय में अध्यापक से पूछा तो अध्यापक ने बताया देख लो यही कहीं होगी। बहन का बैग लेकर घर पहुंचे अभय ने माॅ से पूछा तो पता चला कि दीक्षा घर नही पहुंची। जिसके बाद परिजनों द्वारा काफी खोजबीन करने के पश्चात भी जब कहीं पता नही तो परिजनों द्वारा पुलिस को सूचना देकर मामले के विषय में अवगत कराया गया। सूचना पर नम्बर पर यूपी 100 पुलिस एवं थाना अध्यक्ष लालचंद्र सरोज ने पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू कर दी , वहीं स्कूल के करीब ही रास्ते में पड़ने वाले नाले के आस पास भी खोज बीन की किन्तु समाचार लिखे जाने तक छात्रा का कोई सुराग नहीं मिल पाया था। इधर खंड शिक्षा अधिकारी रामललित वर्मा ने बताया कि वृहस्पतिवार की रात जानकारी हो गई थी,सुबह से ही गांव में अध्यापको के साथ खोजा जा रहा है, पुलिस भी साथ लगी हुई है किन्तु अभी तक छात्रा का कोई सुराग नही मिला। माँ लक्ष्मी का व पिता सुरेंद्र का रो रो कर बुरा हाल है।
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शोपीस बना विद्यालय का शौचालय – ग्रामीणों का कहना है कि जहाँ सरकार द्वारा गांवो को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए शौचालयों के निर्माण पर पानी की तरह रुपये बहाये जा रहे हैं वहीं शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे खुले में शौच को जाने को मजबूर हैं।ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय मठ गोसांई में बना शौचालय मात्र शोपीस साबित हो रहा है।जो संचालित होने से पूर्व ही खण्ड़हर तब्दील हो गया है । जिसके चलते नौनिहाल अपनी जान जोखिम में डालकर तालाब एवं नाले के किनारे खुले में शौच के लिए जाते हैं जिसकी कई बार विद्यालय के अध्यापकों व शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से मौखिक शिकायत भी की गई किन्तु नतीजा बिल्कुल शून्य रहा।
रायबरेली से न्यूज प्लस के लिये अंगद राही/ अनन्त सिंह की रिपोर्ट