आवारा पशुओं के आतंक से रो रहे किसान

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शिवगढ़/रायबरेली- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फरफान पर प्रशासन ने अवैध बूचड़खानों खानों पर शिकंजा क्या कसा। आवारा पशुओं की संख्या में एक बाढ़ सी आ गयी है। जिसका खामियाजा किसानों एवं राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। गौरतलब हो कि पहले से कर्ज डूबे किसान बैंक, साहूकारों,लम्बरदारों एवं रसूखदारों से कर्ज लेकर महंगे बीज, रसायन, खाॅद खरीदकर एवं खेतों में खून पसीना जलाकर फसल तैयार करता है। जिसे झुण्ड़ों में जाकर आवांरा पशु घण्टों में ही चरकर, रौंदकर चौपट कर देते हैं। यही नहीं हाईवे एवं सड़कों पर घुमन्तू आवारा पशुओ की संख्या में बढ़ोत्तरी से दुर्घटनाओं का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसा कोई दिन नही बीतता जिस दिन क्षेत्र में आवारा पशुओं के अचानक वाहन के सामने आ जाने से एक दो दुर्घटनाएं न होती हों। स्थिति इतनी विकराल हो गयी है कि कुछ आवांरा सांड तो दौड़ाकर किसानों एवं राहगीरों पर हमले भी करने लगे हैं। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि यदि यही आलम कुछ दिन और रहा तो ओ दिन दूर नही जब दूसरे की जीविका चलाने वाला किसान स्वयं दाने-दाने को मोहताज हो जायेगा। अपने परिवार के साथ-साथ राष्ट्र की जीविका चलाने वाले अन्नदाता अवारा पशुओं के आतंक से अपने आपको बेबश महसूश कर रहे हैं।
शासन, प्रशासन की उदासीनता के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फरमान किसानों के लिए अभिशाप बन गया।आवांरा पशुओं के आतंक से अपनी बर्बादी पर आंसू बहा रहे कृषकों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी जी ने फरमान जारी करके अवैध बूचड़ खानों पर प्रतिबन्ध तो लगा दिया किन्तु आवारा पशुओं के चरने लिए पशुचर भूमि से भू-माफियाओं के अवैध कब्जे नही हटवाने में नाकामयाब रहे। एक पुरानी कहावत है कि भारतीय कृषक ऋण में जन्म लेता है । और ऋण में मर जाता है। तकनीकी ज्ञान व आधुनिक संसाधनों के अभाव में खेती से पर्याप्त मुनाफा न मिल पाने के कारण जहाॅ कृषकों की पहले से ही दीनहीन दशा थी।वहीं रही खुही कमी योगी के फरमान ने पूरी कर दी है। 43 ग्राम सभाओं वाले शिवगढ़ क्षेत्र के जागरुक कृषकों का कहना है कि प्रत्येक ग्रामसभा में पशुचर भूमि है जिस पर गाॅवों के सरहंग व भूमाफियों का अवैध कब्जा है।जिसके चलते मावेशियों को चराने के लिए कहीं जगह शेष नही बची है।वहीं कृषि क्षेत्र में यंत्रीकरण के कारण फसलों का अवशेष खेतों में ही रह जाता है । फूसा पुआल आदि के दाम आसमान को छूने लगे हैं जिसके परिणाम स्वरूप कृषकों ने बैलों को पालना बन्द कर दिया है। यही कारण है क्षेत्र में अवांरा पशुओं की बाढ़ सी आ गयी है।कृषकों का कहना है कि यदि अवांरा पशुओं के चरने के लिए पशुचर भूमि को मुक्त कराके ठोंस कदम न उठाये गये।दूसरों की जीविका चलाने वाले कृषक स्वयं भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेंगे।कृषकों ने सीएम से आवांरा पशुओं के लिए न्याय पंचायत स्तर पर पशु शालाएं बनाने की मांग की है।

पूर्व एमएलसी ने न्याय पंचायत स्तर पर पशुशालाएं बनाने के लिए डिप्टी सीएम को लिखा पत्र

शिवगढ़,रायबरेली-पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखकर न्याय पंचायत स्तर पर पशुशालाएं बनाये बनाये जाने की मांग की है। श्री सिंह ने बताया कि आवांरा पशुओं को लेकर सरकार पूरी तरह से गम्भीर है। आवांरा पशुओं से फसल को चौपट होने से बचाने के लिए शासन की ओर से जल्द ही ठोस कदम उठाये जा सकते हैं।

रायबरेली से न्यूज प्लस के लिए विपिन पाण्डेय/ अंगद राही की खास रिपोर्ट

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