जायसी के जायस को पद्मावत के रिलीज होने का बेकरारी से इंतजार

0
236

सैय्यद वहीद अब्बास नकवी
         जायस,अमेठी


भूली बिसरी यादों को ताजा करेेेगी पद्मावत

देश भर में फिल्म पद्मावत के विरोध के बीच महाकाव्य पद्मावत के रचयिता सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी की नगरी शांत है।विरोध की बातों को खारिज करने वाले इस नगर के लोग फिल्म के स्वागत को तैयार हैं। कहते हैं-‘निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली ने पद्मावत फिल्म बनाकर भूली-बिसरीं यादों को तरो ताजा कर दिया है।

महाकवि मलिक मोहम्मद जायस

‘संजय लीला भंसाली की 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही फिल्म पद्मावत उस दौर में आ रही है जब लोग जायसी और उनके महाकाव्य को लगभग भूल से गए थे। भंसाली की फिल्म से पूरे देश में भले ही उत्तेजना का एक माहौल खड़ा किया गया हो लेकिन प्रेमपरक काव्य लिखने वाले मलिक मोहम्मद जायसी का जायस शांत है। जायस के लोग फिल्म पद्मावत के रिलीज होने के इंतजार में हैं।

नई पीढ़ी के तमाम लोग तो फिल्म से ही अपने उस पूर्वज के ग्रंथ के बारे में अपनी समझ बढ़ाने को बेकरार हैं जिन्हें पद्मावत ग्रंथ पढ़ने की बात दूर देखने तक को नसीब नहीं हुआ है।जायस का एकमात्र सिनेमाघर बंद हो चुका है लेकिन लोग फिल्म देखने दूसरे नगरोें को भी जाने को तैयार हैं। वैसे, सबसे पास का नगर रायबरेली है और फिर सुलतानपुर है।नगर के एजाज अली और रोमिल जैन

रोमिल जैन

कहते हैं कि पद्मावत ग्रंथ पर संजय लीला भंसाली ने फिल्म बनाकर जायस का नाम एक बार फिर विश्व पटल पर रख दिया है। बुजुर्ग डा. जिया जाफरी और दिलबर हसन कहते हैं

दिलवर हसन

कि जब न्यायालय ने फिल्म पद्मावत को क्लीन चिट दे दी है तो किस बात का विरोध? भाजपा नेता अशोक कुमार मौर्या और व्यापारी अजय अग्रवाल भी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश सर्वोपरि है। अदालत के आदेश के बाद फिल्म का विरोध बेइमानी है।सभासद शकील इद्रीसी व सभासद सैय्यद सादिक मेहदी कहते हैं कि संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत जायसी जी की महाकाव्य ग्रन्थ पद्मावत पर आधारित है। इस फिल्म ने जायस नगर को देश विदेश में एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है। पद्मावत फिल्म के कारण ही जायसी जी धरती जायस पर देश भर की मीडिया की नजरे केंद्रित हैं। लोगों का कहना है कि निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली ने विश्वविख्यात कवि जायसी जी के काव्यग्रंथ पद्मावत पर फिल्म बनाकर महाकवि जायसी और जायस के बाशिंदों का मान देश के पटल पर बढ़ाया है।

फिल्म की कमाई से जायसी से जुड़े स्थान का जीर्णोद्धार करा दें..

यादगार की तौर छोड़ा गया मलिक मोहम्मद जायसी मकान जीर्ण अवस्था में

जायस के लोग बस इतना चाहते हैं कि संजय लीला भंसाली फिल्म की कमाई के एक हिस्से से जायसी जुडे़ स्थान का जार्णोद्धार-सौदर्यीकरण करा दें। जायसी से जुड़ा स्थान आज पूरी तरह उपेक्षित है। जायसी पर देश-विदेश में शोध हो रहे हैं लेकिन अपने ही नगर में उनसे जुड़ीं यादें जर्जर हो चुकी हैं। जायसी जी के याद में स्मारक और शोध संस्थान को संजोने की जरूरत है। शासन को चाहिए कि इसे पर्यटक स्थल घोषित करे।

जायस में आकर बसे थे जायसी

जायस नगर धरम स्थानू-तहां आय कर कीन्ह बखानू..’

शिलापट्ट को देखते पर्यटक

माना जाता है कि सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी जायस नगर में आकर बस गए थे। माना जाता है कि यहीं उन्होने महाकाव्य पद्मावत की रचना की। जायस अमेठी जिले की एकमात्र नगरपालिका है और यह अभी बहुत सुविधा संपन्न भी नहीं हो पाया है। इस नगर के ऊपरी छोर पर बेहद संकरे रास्ते से होकर जायसी के उस स्थान तक पहुंचना आज भी उतना आसान नहीं है। उन्होने अंतिम सांस अमेठी में ली। वहां उनकी मजार बनी है।

1988 में राजीव गांधी ने बनवाया था स्मारक

मलिक मोहम्मद जायसी स्मारक

जायस नगर की तंग गलियों के बीच से होते हुए जायसी से जुड़े स्थान प आप पहुंचेंगे उसे यहां के लोग उनका जन्मस्थान मानते हैं। अपने प्रधानमंत्रित्वकाल काल में राजीव गांधी ने इसी जगह पर स्मारक बनवाया था। इस जगह तीन स्तंभ बने हैं। उनपर जायसी से जुड़ा इतिहास उकेरा गया है। यहीं नीचे एक लॉट भी लगी है। बताया जाता है कि 1904 में इसे एक अंग्रेज शेरिफ ने लगवाया था। उनकी स्मृति में मेन रोड के किनारे एक जायसी शोध संस्थान भी स्थापित किया गया था। उसे तब जिला माध्यमिक शिक्षा विभाग के चार्ज में दे दिया गया था लेकिन बाद में गैर कांग्रेसी सरकारों में शोध संस्थान की संकल्पना साकार नहीं हुई और उसका भव्य भवन जर्जर होता चला गया।

फिल्म पर विवाद बेवजह : पाण्डेय रामेंद्र

पद्मावत महाकाव्य स्नातक और परास्नातक कक्षाओं में पढ़ाने वाले फिरोज गांधी कॉलेज के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. पाण्डेय रामेंद्र कहते हैं कि जायसी मूलत: प्रेमपरक काव्य रचने वाले थे। पद्मावत में ऐसा कोई जिक्र नहीं है जिसपर विवाद खड़ा किया जाए। आपत्तिजनक सीन हटा दिए जाने के बाद भी बखेड़ा खड़ा करा एक साजिश भी हो सकती है।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here