चक्रवात 'मोंथा' का झटका: छत्तीसगढ़ में भारी बारिश और तेज हवाएं, रेलवे सेवाएं बंद

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चक्रवात 'मोंथा' का झटका: छत्तीसगढ़ में भारी बारिश और तेज हवाएं, रेलवे सेवाएं बंद
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चक्रवात "मोंथा" ने छत्तीसगढ़ के आसमान को अचानक बदल दिया है। 29 अक्टूबर 2025 की सुबह से ही बिलासपुर, रायपुर और सरगुजा संभाग में आकाश घने बादलों से ढक गया, और ठंडी हवाओं के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई। ये बारिश कोई साधारण बूंदाबांदी नहीं — ये एक बड़े चक्रवात का असर है, जो बंगाल की खाड़ी से उठकर अब आंध्र प्रदेश के तट पर टकराने वाला है। और छत्तीसगढ़, इस तूफान के अंतिम झटके का सामना कर रहा है।

चक्रवात 'मोंथा' का रास्ता और ताकत

मौसम विभाग के अनुसार, "मोंथा" अभी 12°N और 85°E के आसपास सक्रिय है, और इसकी गति बढ़कर 90 किमी/घंटा तक पहुँच सकती है। ये तूफान शनिवार को पोर्ट ब्लेयर से 460 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, चेन्नई से 950 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व और काकीनाडा से 970 किमी दक्षिण-पूर्व में था। अब ये आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट की ओर बढ़ रहा है, जहाँ शाम तक इसका टकराव हो सकता है। स्काईमेट के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन अध्यक्ष (सेना नौकरी से सेवानिवृत्त) जनरल प्रवीण शर्मा ने कहा, "इस तूफान का असर छत्तीसगढ़ पर अभी भी बरकरार है — जहाँ हवाएँ 60-70 किमी/घंटे तक दौड़ सकती हैं, और बारिश ऐसी है कि एक घंटे में 100 मिमी तक गिर सकती है।"

छत्तीसगढ़ के जिलों में अलर्ट, किसानों की चिंता

मौसम विभाग ने बिलासपुर, रायगढ़, बस्तर और कांकेर जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। जशपुर जिले में तो बुधवार की सुबह से ही बारिश ने खेतों को भिगो दिया है। जहाँ धान की फसल तैयार अवस्था में थी, वहाँ अब खलिहानों में रखी कटी फसल भी भीग रही है। किसानों ने बताया कि अगर अगले 24 घंटे तक बारिश जारी रही, तो फसल में नमी आ जाएगी — और इसका मतलब है भंडारण नहीं, बल्कि फसल का नुकसान।

पत्थलगांव, फरसाबहार और मनोरा ब्लॉक में टमाटर की फसल भी अब खतरे में है। किसान अपने खेतों को तिरपाल और पॉलीथिन से ढक रहे हैं — ये दृश्य अब आम हो गया है। एक किसान ने कहा, "हमने साल भर मेहनत की, अब बारिश ने हमारी आशाओं को बहा दिया।"

रेलवे की अव्यवस्था: 15 ट्रेनें रद्द, 12 के मार्ग बदले

चक्रवात का सबसे बड़ा प्रभाव निकासी में दिख रहा है। विशाखापत्तनम रेलवे डिवीजन ने अपने अंतर्गत आने वाले मार्गों पर 15 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इनमें विशाखापत्तनम-पुरी एक्सप्रेस (18519/18520), विशाखापत्तनम-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841/12842) और विशाखापत्तनम-हावड़ा विशेष एक्सप्रेस (08045/08046) शामिल हैं। और 12 ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित किए गए हैं। अभिषेक कुमार सिंह, दक्षिण-पूर्वी रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, ने कहा, "यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या स्टेशन पर जाकर जानकारी लेनी चाहिए।"

रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा

रायपुर जैसे शहरों में भारी बारिश से जल जमाव की स्थिति बन सकती है। नहरें और नाले भर गए हैं, और कुछ इलाकों में पहले से ही सड़कें जलमग्न हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो ये खतरा और भी बड़ा है — जहाँ सड़कें मिट्टी की हैं और घरों की छतें टिन की। मौसम विभाग के अनुसार, रायपुर में 28-29 अक्टूबर के दौरान 80-100 मिमी बारिश हुई है। अगर ये लगातार रही, तो बाढ़ का खतरा असली हो जाएगा।

पड़ोसी राज्यों पर असर और छठ पूजा की तैयारियाँ

पड़ोसी राज्यों पर असर और छठ पूजा की तैयारियाँ

छत्तीसगढ़ के बाहर भी तूफान का असर दिख रहा है। ओडिशा में 27 से 30 अक्टूबर तक भारी से बहुत भारी बारिश का दौर चल रहा है। झारखंड और बिहार में 29-31 अक्टूबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है — और ये छठ पूजा की तैयारियों को प्रभावित कर सकती है। पश्चिम बंगाल और सिक्किम में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है। जहाँ लोग छठ के लिए घरों को साफ कर रहे हैं, वहाँ बारिश ने उनके दिनों को बिगाड़ दिया है।

अगले 24 घंटे: निर्णायक समय

चक्रवात का असर अगले 24 घंटे तक जारी रहने की संभावना है। फिर ये धीरे-धीरे कमजोर होकर छत्तीसगढ़ से बाहर निकल जाएगा। लेकिन इन 24 घंटों में बहुत कुछ तय हो सकता है — किसानों की फसल, रेलवे की योजनाएँ, शहरों की बाढ़ की स्थिति। अभी तक कोई जानबूझकर नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन अगर बारिश और तेज हवाएँ बरकरार रहीं, तो ये एक बड़ी आपदा बन सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

चक्रवात 'मोंथा' किस तरह छत्तीसगढ़ को प्रभावित कर रहा है?

'मोंथा' बंगाल की खाड़ी से उठकर आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इसके बाहरी चक्र छत्तीसगढ़ के मध्य और दक्षिणी जिलों जैसे बिलासपुर, रायपुर और जशपुर पर पड़ रहे हैं। यहाँ 50-70 किमी/घंटे की तेज हवाएँ और 80-100 मिमी भारी बारिश हो रही है, जिससे फसलें, सड़कें और रेलवे सेवाएँ प्रभावित हो रही हैं।

किसानों की फसलों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?

जशपुर और बस्तर जिलों में तैयार धान और टमाटर की फसलें भीग रही हैं। अगर बारिश 24 घंटे से अधिक जारी रही, तो फसल में नमी आकर भंडारण मुश्किल हो जाएगा। किसान तिरपाल और पॉलीथिन से फसल ढक रहे हैं, लेकिन ये अस्थायी उपाय हैं। बाजार में फसल की कीमत गिर सकती है।

रेलवे सेवाएँ कितनी प्रभावित हुई हैं?

विशाखापत्तनम रेलवे डिवीजन ने 15 ट्रेनें पूरी तरह रद्द कर दी हैं और 12 ट्रेनों के मार्ग बदल दिए हैं। इनमें विशाखापत्तनम-हावड़ा और विशाखापत्तनम-चेन्नई एक्सप्रेस शामिल हैं। यात्री अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले रेलवे वेबसाइट या स्टेशन पर जाकर जानकारी लें।

क्या रायपुर में बाढ़ का खतरा है?

हाँ। रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में 28-29 अक्टूबर को 80-100 मिमी बारिश हुई है। शहरी नालों और नहरों की क्षमता पार हो चुकी है। अगर अगले 12-24 घंटे में फिर से 50 मिमी से अधिक बारिश हुई, तो शहर के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।

क्या छठ पूजा की तैयारियाँ प्रभावित हो रही हैं?

हाँ। झारखंड और बिहार में 29-31 अक्टूबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। छठ पूजा के लिए घरों की सफाई, बाहर घूमना और नदी में स्नान जैसी परंपराएँ प्रभावित हो सकती हैं। कई परिवार अपनी योजनाएँ बदल रहे हैं।

अगले कदम क्या होंगे?

मौसम विभाग अगले 24 घंटे तक अलर्ट जारी रखेगा। राज्य सरकार ने आपातकालीन टीमें तैनात कर दी हैं। जल्द ही चक्रवात कमजोर होकर छत्तीसगढ़ से बाहर निकल जाएगा, लेकिन बारिश के बाद बाढ़ और बीमारियों का खतरा बना रहेगा।