प्रमोद राही
मोहनलालगंज। बाबा साहेब डा० भीमराव अम्बेडर की जयन्ती पर शनिवार को मोहनलालगंज में सामाजिक समरसता मंच,लखनऊ द्वारा डा०अम्बेडकर जी के सामाजिक वं राष्ट्रीय चितंन पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।गोष्ठी में सबसे पहले बाबा साहेब के चित्र पर माल्यार्पण के बाद गोष्ठी के मुख्य वक्ता संजय जी ने डा०भीमराव अम्बेडकर के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा दीक्षा व समाज के लिये किये गये कार्यो पर प्रकाश डालते हुये कहा
भारत रत्न बाबा साहेब अम्बेडकर पर देश में समग्रता से विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है. उनकी जय जयकार कर लेना, वर्ष में एक बार जन्मदिन मना लेना ही पर्याप्त नहीं है. बल्कि प्रतिदिन, कदम-कदम पर उनके विचारों का अनुसरण करने की आवश्यकता है. उनका जीवन प्रेरणा देने वाला है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रासंगिक बातों का विचार न कर दीर्घकालिक विचार करते हैं, ऐसे ही व्यक्ति महामानव कहलाते हैं. बाबा साहेब ने समाज में अधिकारों के लिये तो संघर्ष किया, लेकिन वर्ग संघर्ष को बढ़ावा नहीं दिया. उनके लिये राष्ट्रहित सर्वोपरि रहा समाज से विद्रोह नहीं किया तथा अनुयायियों को सही दिशा दिखाई, यह उनके जीवन की विशेषता रही. उन्होंने समता, स्वतंत्र व बंधुत्व पूर्ण समाज के निर्माण के लिये प्रयास किया।वही गोष्ठी में दिनेश जी ,रविदत्त ,मनीराम ,मनोज पासवान ,मनीष तिवारी ने अपने -अपने विचार रखे।कार्यक्रम के अन्त में जिला सामजिक समरसता प्रमुख महेन्द्र मिश्रा ने गोष्ठी में आये सभी लोगो को धन्यवाद ज्ञापित कर गोष्ठी के समापन की घोषणा की।