शिवगढ़ ड्रेन पर बनाए गए डायवर्जन को हटवाने के लिए पहुंचे पीडब्लूडी एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी
पीडब्लूडी विभाग ने सिंचाई विभाग की बिना अनुमति के बना दिया था डायवर्जन
हजारों हेक्टेयर फसल जलमग्न होने के बाद नींद से जागे सिंचाई विभाग को पता चला कि शिवगढ़ ड्रेन पर डायवर्जन बना दिया गया है।
रायबरेली एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह की फटकार पर सिंचाई विभाग खंड 28 व पीडब्लूडी विभाग के अधिकारियों की नींद खुल गई है। दूसरे ही दिन पीडब्लूडी विभाग के एई डीपी सिंह व सिंचाई विभाग खंड 28 के एई अशोक कुमार यादव पिपरी में शिवगढ़ ड्रेन पर बने डायवर्जन को देखने पहुंच गए। एमएलसी प्रतिनिधि विनय वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि डायवर्जन को हटाने की बात हुई है पीडब्लूडी विभाग के एई डीपी सिंह व सिंचाई विभाग के एई अशोक कुमार यादव ने अपने उच्चाधिकारियों से बात कर मंगलवार को आकर डायवर्जन को हटाने की बात कही है। बताते चलें कि रविवार को एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने शिवगढ़-महाराजगंज क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया था। जिनसे किसानों ने बताया था कि शिवगढ़ ड्रेन में सकरी मोहरी होमपाइप डालकर डायवर्जन बनाए जाने के कारण ड्रेन का पानी नहीं निकल पा रहा है जिसके चलते लखनऊ तक बहकर आया पानी शिवगढ़ क्षेत्र में डंप हो गया है। जिस पर दिनेश प्रताप सिंह ने तत्काल एक्शन लेते हुए सिंचाई विभाग खंड 28 के आला अधिकारियों को फोन पर जमकर फटकार लगाया था। और कहां था कि कल तक हर हाल में शिवगढ़ ड्रेन पर बने बाई-पास पर खड़े मिले। दिनेश प्रताप सिंह ने कहा था कि जब एक किसान नहर काटकर खेत की सिंचाई कर लेता है तो आप उस पर मुकदमा लिखा देते हो। शिवगढ ड्रेन पर इतना बड़ा डायवर्सन बन गया आप लोगों को पता नहीं चला। आप और आपके जेई एई क्या किया करते हैं ? बताते चलें कि शारदा सहायक खंड 28 हैदरगढ़ के अधिशासी अभियंता ने 1 अगस्त 2018 को अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग रायबरेली को भेजे गए पत्र में लिखा था कि अधोहस्ताक्षरी को जिलाधिकारी द्वारा 31 जुलाई 2018 को दूरभाष द्वारा बताया गया था कि गहोंबर, चितवनियां, बेड़ारु आदि गांवों में अत्यधिक जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। जिसके पश्चात सहायक अभियंता एवं जूनियर इंजीनियर के साथ 31 जुलाई 2018 को मौके का निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि हैदरगढ़-बछरावां मार्ग पर आप द्वारा पुल बनाए जाने हेतु अस्थाई डायवर्जन का निर्माण किया गया है जिस केसंबंध में आप द्वारा सिंचाई विभाग खंड 28 से निर्माण हेतु कोई अनुमति नहीं प्राप्त की है। सवाल उठता है कि शारदा सहायक खंड 28 के अंतर्गत आने वाली शिवगढ़ ड्रेन पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे बिना अनुमति के डायवर्जन का निर्माण हो गया और सिंचाई विभाग को पता भी नहीं चला। मजे की बात है कि सिंचाई विभाग की नींद तब खुली जब क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित किसान आंदोलित हो गए। क्षेत्र के लोगों का कहना है क यह सिर्फ किसानों को गुमराह करने वाली बात है सिंचाई विभाग को सब पता था।