डीएम साहब ! सीएचसी शिवगढ़ में धड़ल्ले से लिखी जा रही बाहर की दवाइयां

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रायबरेली-(शिवगढ़)

शासन द्वारा जहाॅ एक ओर बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें बनाए जाने का ढिढ़ोरा पीटा जा रहा है। वही दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधाकारियों की मिली भगत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शिवगढ़ में डाक्टरों द्वारा सामान्य से सामान्य बीमारी में एक-एक मरीज को 500 से 1000 रूपये की बाहर से दवाएं एवं इंजेक्शन लिखकर मरीजों व तीमारदारों की जेब पर डांका डाला जा रहा है। भगवान कहे जाने वाले डाक्टरों द्वारा आखिर कब रुकेगा बाहर से महंगी दवाएं ओर इंजेक्शन लिखे जाने का सिलसिला ?

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शिवगढ़ में फैले भ्रष्टाचार व अव्यवस्थाओं के अम्बार को देखकर मरीज मजबूरी में अपनी जान जोखिम में डालकर झोलाछाप डाक्टरों व अवैध रुप से चल रहे नर्सिंग होमों में ईलाज करा रहे हैं। विदित हो कि सीएचसी शिवगढ़ में जन्म प्रमाण पत्र, डिलवरी आदि में खुलेआम अवैध वसूली की जा जाती है । जिसका जीता जागता उदाहरण प्रसूता रीतू ने बताया कि उससे बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बनाये जाने के नाम पर अवैध तरीके से रुपये लिए गये। वहीं दूसरे तीमरदार ने बताया उसकी पत्नी को पुत्री हुई थी जिससे स्टाप नर्सों द्वारा अवैध रुप से 500 रुपये ले लिए गये। डाक्टरों द्वारा भले ही मरीजों एवं प्रसूताओं को स्वच्छता के तरह -तरह नुक्से बताए जाते हों किन्तु सीएचसी में स्थित कंगारु मदर केयर यूनिट व प्रसव केन्द्र के गेट पर बह रहे सीवर के दूषित पानी की कोई सुध लेना वाला नही है। समूचे सीएचसी प्रांगण में फैले गन्दगी के अम्बार, पान ,मसाले की पीचों से रंगी सीएचसी की दीवारों,अस्पताल के अन्दर खड़ी घास आदि को देखकर यकीन नही होता कि यहाॅ वाकई इंसानों का ईलाज होता है। वार्ड में मरीजों के इंजेक्शन, ड्रिप आदि लगाकर इलाज कर रहे स्वीपर के विषय में जब सीएचसी अधीक्षक आरएस कुठार से जानकारी की गई तो पहले तो उन्होंने बताने से इंकार कर दिया। बाद में बताया कि ईलाज कर रहा रामराज वैसे तो स्वीपर है किन्तु लिखा पढ़ी में वह किसी पद नही है। न ही उसके कहीं हस्ताक्षर होते हैं।सवाल उठता है कि क्या मरीजों की जान इतनी सस्ती है कि उसे आसानी से गैर जिम्मेदार व्यक्तियों के हाथ में शौप दिया जाय। बाहर से ददवा लेकर आये दो अलग अलग तीमारदारों में एक ने बताया कि उसे साढ़े चार सौ कि दवा बाहर लिखी गई थी जिसे लेकर आये हैं। वहीं दूसरी महिला तीमारदार ने बताया उसे 400 की दवा लिखी गई थी जिसे खरीद कर लाएं हैं। डाक्टर साहब ने कहा था बगैर बाहर की दवा के तुम्हारा मरीज ठीक नही होगा ऐसी स्थिति में बाहर से दवा खरीदना हमारी मजबूरी थी। दवा लेकर आये दो अलग अलग तीमारदारों में एक ने बताया कि उसे साढ़े चार सौ कि दवा बाहर लिखी गई थी जिसे लेकर आये हैं। वहीं दूसरी महिला तीमारदार ने बताया उसे 400 की दवा लिखी गई थी जिसे खरीद कर लाएं हैं। डाक्टर साहब ने कहा था बगैर बाहर की दवा के तुम्हारा मरीज ठीक नही होगा ऐसी स्थिति में बाहर से दवा खरीदना हमारी मजबूरी थी।

 

रायबरेली से न्यूज प्लस के लिए अंगद राही की रिपोर्ट

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