गोल्ड मेडलिस्ट रिसर्च स्कॉलर अल्पिका त्रिपाठी को मिली 130000 ₹ की फेलोशिप

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कस्बे के प्रबुद्ध लोगों ने अल्पिका को बुके देकर किया सम्मानित

बछरावां,रायबरेली -बछरावां कस्बे के शिवगढ़ रोड निवासी लखनऊ यूनिवर्सिटी की स्कॉलर व गोल्ड मेडलिस्ट अल्पिका त्रिपाठी को इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च न्यू दिल्ली द्वारा 130000 रुपए की फेलोशिप मिलने पर क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों ने उसे बधाई दी है।

गोल्ड मेडलिस्ट अल्पिका त्रिपाठी  फाइल फोटो

विदित हो कस्बे के शिवगढ़ रोड पर स्थित जनक दुलारी ठाकुर द्वारा मंदिर के पुजारी दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी की पुत्री अल्पिका त्रिपाठी लखनऊ यूनिवर्सिटी से “लखनऊ शहर के मलिन बस्तियों के निवासियों के बच्चों की गरीबी और शिक्षा प्राप्ति पर एक अध्ययन” टॉपिक पर यूनिवर्सिटी के सोशल वर्क डिपार्टमेंट के एचओडी प्रोसेसर डॉक्टर डी के सिंह की गाइडेंस में रिसर्च कर रहीं है। अल्पिका के टॉपिक को इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च नई दिल्ली ने फेलोशिप के लिए सिलेक्ट कर लिया है। जिसके तहत अल्पिका को 3 साल तक एक लाख तीस हजार रुपए की फेलोशिप प्रदान की जाएगी ।
सनद हो लखनऊ यूनिवर्सिटी की छात्रा अल्पिका त्रिपाठी 2016 में सोशल वर्क के अध्ययन के दौरान भी पांच गोल्ड मेडल प्राप्त किए थे।

अल्पिका त्रिपाठी ने हौंसलों से भरी सफलता की उड़ान

बछरावां क्षेत्र के राजामऊ गाॅव में जून 1993 में एक निहायत गरीब परिवार में जन्मी अल्पिका त्रिपाठी ने हौंसलों से सफालता की उड़ान भर एक मिशाल कायम कर दी है। अल्पिका ने अपनी शुरुआती पढ़ाई श्री राधाकृष्णन मेमोरियल पब्लिक स्कूल बछरावां से करने के बाद इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा लखनऊ पब्लिक स्कूल रायबरेली की। इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद वहीं से एमएसडब्लू ( मास्टर आॅफ सोशल वर्क) किया। जिन्होंने अध्ययन के दौरान जनवरी 2016 में 5 गोल्ड मेडल प्राप्तकर बछरावां के क्षेत्र साथ ही समूचे जनपद को गौरवान्वित कर दिया था।  क्षेत्र के लोगों की मानें तो अल्पिका त्रिपाठी ने हौंसलों से सफलता की उड़ान भरकर इन पंक्तियों को चरितार्थ साबित कर दिया है कि सपने उन्ही के सच होते हैं,जिनके सपनों में जान होती है,पंख से कुछ नही होता,हौंसलों से उड़ान होती है।

निष्ठा एवं ईमानदारी पुजारी पण्डित दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी ने दिलाई बच्चों को दिलाई शिक्षा

पिता दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी के साथ गोल्डमेडलिस्ट अल्पिका त्रिपाठी : फाइल फोटो

शुरुआती तौर पर अल्पिका के पिता दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी राजामऊ गाॅव में अपने हिस्से मिली एक बीघे पैतृक जमीन पर खेती करके अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। जिसके बाद बच्चों की पढ़ाई के उद्देश्य से 4 जनवरी 1987 को परिवार के साथ बछरावां आ गये और श्रीमती जनक दुलारी ठाकुर द्वारा समिति द्वारा संचालित बछरावां कस्बें में शिवगढ़ रोड़ पर स्थित श्रीमती जनक दुलारी ठाकुर द्वारा मन्दिर में पुरोहित का कार्य करने लगे। जहां मिले एक कमरे में पूरे परिवार के साथ रहकर चार बेटों और तीन बेटियों को बेहतर शिक्षा दिलाकर एक मिशाल कायम कर दी है।जानकारी के लिए बताते चलें कि 1980 में जन्मे अल्पिका त्रिपाठी के सबसे बड़े भाई अतुल त्रिपाठी व 1982 में जन्मी बड़ी बहन सुजाता परास्नातक हैं। 1984 में जन्में विपुल त्रिपाठी एमबीए,बीएड़ व टेट क्वालिफाइड हैं। 1989 में जन्में प्रफुल्ल त्रिपाठी बीएससी बीएड़,एमएड़ व एमफिल क्वालिफाइड कर चुके हैं। 1993 में जन्मी गोल्ड मेडलिस्ट अल्पिका त्रिपाठी वर्तमान समय में शहर की मलिन बस्तियों के निवासियों के बच्चों की गरीबी और शिक्षा प्राप्ति पर एक अध्ययन” टॉपिक पर यूनिवर्सिटी के सोशल वर्क डिपार्टमेंट के एचओडी प्रोसेसर डॉक्टर डी0 के0 सिंह की गाइडेंस में पीएचडी कर रहीं है। जिन्होंने हाल ही में नवम्बर 2017 की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (Net) भी क्वालिफाइड कर ली

मन्दिर में परिजनों व क्षेत्र वासियों के साथ ईश्वर का आशीर्वाद लेती अल्पिका त्रिपाठी

है। 1995 में जन्में अल्पिका के छोटे भाई मृदुल त्रिपाठी एएलबी कर रहे हैं।वहीं 1997 में जन्मी अल्पिका त्रिपाठी की सबसे छोटी बहन आत्मिका त्रिपाठी पाॅलीटेक्निक कर रही हैं। अल्पिका के पिता दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी का कहना है कि उनकी जेब में भले ही एक रुपया नही बचता था।किन्तु वे हमेशा समय पर बच्चों की फीस जमा करते थे। लोगों के यहाॅ भगवान की पूजा अर्चना,कथा कराने से जो भी निष्ठा पूर्वक पैसा मिलता था उसका एक-एक आना पैसा जोड़कर उन्होंने बच्चों की पढ़ाई कराई है। निजी सम्पत्ति के नाम दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी के पास एक बीघे पैतृक जमीन व गाॅव में स्थित खण्ड़हर में तब्दील घर है। दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी अपने बच्चों को ही अपनी अमूल्य धरोहर मानते हैं। वे अपने पुत्र और पुत्रियों की सफलता से अपने आपको काफी गौरवान्वित महसूश कर रहे हैं।अल्पिका की सफलता पर नगर पंचायत अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह रामजी, पत्रकार अमित चौधरी, सभासद राम किशोर वर्मा, सभासद शकील मंसूरी, सभासद विनोद सोनी आदि ने घर जाकर अल्पिका को बुके देकर सम्मानित किया। और सभी ने पढ़ाई-लिखाई में होनहार अल्पिका को और आगे बढ़कर बछरावां का नाम रोशन करने की बधाई दी तथा उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है। इसके अलावा कस्बा वासी दिलीप मिश्रा ,अनुराग वर्मा ,शिवरामकृष्णन ,हरीश चौरसिया, जगदीप सिंह मृदुल त्रिपाठी, मयंक रंजन द्विवेदी सहित लोगों ने होनहार छात्रा को बधाइयां दी है।

बछरावां से न्यूज प्लस महेश सिंंह के साथ रायबरेली से अंगद राही की रिपोर्ट।

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