जाको राखे साइयां,मार सके ना कोई
रामलाल साहनी
लखनऊ : शराब और बीमारी के कारण अपने माता पिता को खोकर कभी गांव से सब्जी तोड़कर, तो कभी दूसरों की मजदूरी करके अपना गुजारा करने वाले चार भाई बहनों में रश्मि प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द सरोजनी नगर की छात्रा है I बच्चों का पेट किसी तरह भर रहा था ,पर मुसीबतें अभी खत्म नहीं हुई कक्षा 3 में पढ़ने वाली रश्मि एक दिन खेत में गोभी तोड़ने गई थी उसी दौरान एक जहरीले कीड़े ने उसे काट लिया गांव में गंदगी में रहते वह घाव का रूप लेने लगाI घाव में नीम हकीम की दवा ने आग में घी का काम किया और पैरों में इतनी सड़न पैदा हो गई की उसका पैर काटने की नौबत आ गई I
जब स्थिति इतनी बिगड़ गई तो बच्चों ने अपने फूफा को फोन किया जो उसे लेकर अपने घर गए! गरीब होने के कारण वह भी कोई खास इलाज नहीं करवा सकेI इस पूरी घटना की जानकारी जब प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द की रीना त्रिपाठी जो सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं, को हुई तो उन्होंने तुरंत संज्ञान में लेते हुए रश्मि को उसके फूफा के यहां से बुलवा कर कई अस्पतालों में दिखाया परंतु स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि 70 हजार का बिल बताने वाले अस्पताल भी पैर कटने से बचाने में अक्षम दिखाने लगे I तभी लाल अस्पताल आलमबाग ने पहल करते हुए बच्ची की दवा और ड्रेसिंग फ्री में करने का आश्वासन दिया I यह प्रक्रिया लगभग एक सप्ताह तक चलती रहीI इस घटना की सूचना कई ग्रुप में भेज दी गई थी I जिसके कारण प्राथमिक विद्यालय सरैया के अध्यापिका सुमन दुबे ने अपनी कोशिशों से चंद्रप्रभा हॉस्पिटल की डॉक्टर मिथिलेश सिंह को इस पूरी घटना की जानकारी दी, क्योंकि बच्चे अनाथ है उसका खर्च उठाने वाला कोई नहीं है इस कारण Dr. मिथिलेश सिंह ने उसका पूरा इलाज अपने हॉस्पिटल से करने का आश्वासन दिया और वही एडमिट करके इलाज की प्रक्रिया शुरु कर दी !इंजेक्शन और ट्रीटमेंट के बाद घाव सूखने लगाI महीने से पैर को टेढ़ा किए हुए रहने के कारण उसका पैर पूरी तरह टेढ़ा हो चुका था इन परिस्थितियों को देखते हुए डॉक्टर मिथिलेश सिंह ने अपने माध्यम से मेडिकल कॉलेज से प्रख्यात सर्जन और विशेषज्ञ से संपर्क कियाI मांस में खाल नहीं बन पा रही थी उसमें ऊपर से खाल चढ़ाई जा सके और सर्जरी के माध्यम से उसका पैर सीधा किया जा सके इस पूरी कवायद को डॉक्टर मिथिलेश सिंह ने बहुत ही कुशलता से विशेषज्ञों के माध्यम से पूरा किया और रश्मि का पैर जो 1 माह पहले कटने के कगार में था आज सीधा हो गया है I जो लगभग एक सप्ताह में पूरी तरह फिट होकर चलने लगेगी I बहुत सारे खैराती अस्पताल जो अपनी मान्यता लेने के लिए गरीबों का फ्री इलाज करने का ढोंग करते हैं लेकिन बाद में मान्यता मिलते ही ..पैसे लेने को आतुर हो जाते हैंI ऐसे अस्पताल और उसके प्रबंधकों के मुंह पर डॉक्टर मिथिलेश सिंह द्वारा किया गया यह प्रयास करारा तमाचा हैI निश्चित रूप से गरीबों के पास पैसा नहीं होता I रुपए खर्च करके भी सरकारी अस्पताल में एक गरीब का इलाज नहीं कर सकते सिविल ले जाने के बावजूद उर्वशी का इलाज नहीं हुआ टीएस मिश्रा रिसर्च हॉस्पिटल में भी उसका इलाज नहीं हुआ परंतु एक डॉक्टर की संवेदनशीलता ने एक छोटी बच्ची का पैर कटने और उसे अपंग होने से बचा लिया। इस मुहिम को पूरा करने में प्राथमिक विद्यालय प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द का समस्त स्टाफ , प्राथमिक विद्यालय सरैया के रवींद् तथा सुमन दुबे खंण्ड़ शिक्षा अधिकारी सरोजिनी नगर जय शंकर वाजपेई का महत्वपूर्ण योगदान रहा है I मानवता की इस मुहिम में गरीब बच्ची को आश्रय देने के लिए डॉक्टर मिथिलेश सिंह व उनके समस्त स्टाफ तथा चंद्रप्रभा अस्पताल का रश्मि के परिजनों ने आभार प्रकट किया है।