मंशापुरी मन्दिर बना भक्तों की अटूट आस्था का केन्द्र

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शिवगढ़ – झोलियां भर गयी तेरे दर से कोई खाली न गया। गीत की ये पंक्तियां क्षेत्र के ओसाह ग्रामसभा में स्थित प्राचीन कालीन ‘मंशापुरी मन्दिर‘ की दिव्य शक्ति से सैकड़ों वर्षों से बिल्कुल चरितार्थ साबित होती चली आ रही हैं। विदित हो कि शिवगढ़ क्षेत्र में ओसाह गाॅव के उत्तर दिशा में प्राचीन कालीन बाबा मंशापुरी का मन्दिर स्थित है। मन्दिर में दर्शन के लिए दूरदराज से आने वाले भक्तों की अटूट श्रद्धा और विश्वास देखते नही बनता है।

क्या कहते हैं यहां के लोग

मंदिर के बारे में ओसाह निवासी अरुणेन्द्र सिंह बताते हैं कि लगभग 250 वर्ष पूर्व मन्दिर के स्थान पर गोस्वामी वंशज ब्रम्हचारी बाबा मंशाराम की तपोस्थली थी जहाँ पर वे एकान्तवास में रहकर तप किया करते थे। पूर्वज बताते थे कि वे हमेशा ईमली की दातून करते थे और दातून करने के पश्चात उसे जमीन में कोंच देते थे। जिनके द्वारा भूमि में कोंची गई दातूनें आज विशाल बृक्ष बनकर दर्शनार्थियों को शीतलता प्रदान कर रही हैं। उनका कहना हैं बाबा ने मन्दिर के अलावां भी केराव और रामगाॅव में ईमली की दातून गाड़ी थी जो ईमली के विशाल वृक्ष के रुप में आज मौजूद हैं यही कारण है कि राम गाॅव और केराव भी बाबा की आस्था के केन्द्र माने जाते हैं। गौरन खेड़ा,ओसाह निवासी राजकुमार सिंह बताते हैं कि मंशाराम बाबा ने मन्दिर के स्थान पर जिन्दा समाधि ले ली थी। जिसके पश्चात लगभग 200 वर्ष पूर्व ओसाह कोट के बाबू शिवसहाॅय सिंह ने गोस्वामी बाबा रामदास की समाधि पर मन्दिर का निर्माण कराया था। मन्दिर के अपार श्रद्धा रखने वाले तौली प्रधान विनोद निर्मल का कहना की मंशापुरी मन्दिर में जो भी भक्त सच्चे मन से 5 मंगलवार आता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी है।ओसाह निवासी धर्मदास के बताते हैं कि बाबा मंशापुरी की कृपा से हमारी और हमारे परिवार की हर मंशा पूरी हुई। उनकी कृपा से सारे संकट दूर हो जाते हैं यही कारण है कि प्रत्येक मंगलवार को दूर दराज से आने वाले भक्तों की आस्था देखते नही बनती।

मान्यता : खाली हाथ नही जाते श्रद्धालु

छत्ता पुरवा निवासी पुत्तन सिंह का कहना है कि बाबा के आश्रम में भक्त भले ही खाली हाथ आते हो किन्तु बाबा की कृपा से खाली हाथ नही जाते। मन्दिर में दर्शन करने आये आशू सिंह ने बताया कि पूस मास के अन्तिम मंगलवार से 5 दिनो तक काफी बड़ा मेला लगता है। जिसमें गैर जनपद के भक्त मय परिवार के साथ बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। मेले में हजारों की संख्या में आने वाली भक्तों भीण मन्दिर के प्रति भक्तों की आस्था का जीता जागता प्रमाण है। ओसाह निवासी रविराज सिंह ने बताया कि शुभ दिनों में भक्तगण दूर दराज से आकर बाबा का आशीर्वाद लेकर बच्चों का मुण्डन, गोदभराई आदि शुभ कार्य करते हैं जिसके चलते नवरात्रि जैसे शुभ दिनों में मन्दिर में भक्तों भीड़ जमा रहती है।

 

शिवगढ़ से संवाददाता अंगद राही और अनंत सिंह की रिपोर्ट

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