शिवगढ़ की धनदेवी ने बनाया केएमसी रिकार्ड

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 धनदेवी ने अपनी नवजात बेटी पर ममता लुटाकर दिया  जीवनदान  

 अंगद राही               News Plus 

रायबरेली। केएमसी मां धनदेवी ने अपने लो बर्थ नवजात बेटी को सबसे अधिक केएमसी देकर केएमसी शिवगढ़ के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। विदित हो कि केएमसी मां धनदेवी ने 8 अप्रैल 2018 को 7 माह की लोबर्थ नवजात कन्या को जन्म दिया था। जिसका वजन मात्र 1140 ग्राम था। नवजात शिशु का वजन बेहद कम होने की वजह से दूसरे दिन उसे एसएनसीयू के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल जाने के पश्चात उसे ऊंची पहुंच के अभाव में एसएनसीयू वार्ड में न रखकर बच्चा वार्ड में भर्ती कर दिया गया। जहां पर तीन-चार दिन तक रहने के बाद असुविधाओं के चलते बिना बताए वह वापस अपने घर चली आई। इस बात की जानकारी जब कम्युनिटी इंपावरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ को हुई तो सक्षम शिवगढ़ से धनदेवी के घर एक टीम भेजी गई। टीम के डाटा सेंसर दुर्गा शरण ने नवजात शिशु का वजन किया गया तो उसका वजन 1140  ग्राम से घटकर 950 ग्राम रह गया था। टीम द्वारा धनदेवी से काफी आग्रह किया गया कि वह अपने नवजात शिशु को केएमसी लाउंज में रखकर शिशु को केएमसी दे। किंतु धन देवी किसी भी हाल में कहीं जाने के लिए तैयार नहीं हुई। दूसरे दिन फिर से सक्षम शिवगढ़ से धनदेवी के घर टीम के साथ अग्रिमां पहुंची और धनदेवी को काफी मनाना गया जिसके बाद वह केएमसी लाउंज शिवगढ़ इस शर्त पर आई की यदि उसे दोबारा कहीं भेजा गया तो वह अपने घर वापस लौट आएगी।

घटकर 900 ग्राम रह गया था नवजात शिशु का वजन

धनदेवी को  पुनः केएमसी लाउंज में लाने के पश्चात नवजात शिशु का वजन किया गया तो उसका वजन 910 ग्राम रह गया था। रात भर केएमसी में रखने के पश्चात दूसरे दिन नवजात शिशु का वजन किया गया तो उसका वजन मात्र 900 ग्राम रह गया । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  शिवगढ़ के अधीक्षक डॉ एलपी सोनकर के नेतृत्व में चिकित्सकोंं की टीम द्वारा नवजात शिशु का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तो सब कुछ बिल्कुल नॉर्मल निकला। गहन समीक्षा के पश्चात सामने यह निकल कर आया कि नवजात शिशु बेहद कमजोर होने की वजह से ठीक तरह से स्तनपान नहीं कर पा रहा था। साथ ही नवजात शिशु को लगभग एक सप्ताह तक केएमसी न मिल पाने की वजह से शिशु को मां की गर्मी नहीं मिल पा रही थी, जिससे नवजात शिशु का वजन लगातार घट रहा था । नवजात शिशु को कटोरी चम्मच से दूध पिलाने के लिए विचार किया गया, जिस जिम्मेदारी को पहली रात स्टाफ नर्स संध्या ने बखूबी निभाते हुए सवा दो-दो घंटे के अंतराल पर कटोरी चम्मच से दुर्गा को दूध पिलाती रही। जिसके बाद क्रमश: स्टाफ नर्स पुष्पा ,दीपिका, पूनम, संध्या बारी-बारी से दुर्गा को दूध पिलाने से लेकर उसकी मालिश तक का ख्याल रखने लगी। सीनियर स्टाफ नर्स पुष्पा का सराहनीय योगदान रहा जिन्होंने रात-रात जगकर दुर्गा का खयाल रखा अपनी औलाद से बढ़कर दुर्गा को प्यार दिया।

केएमसी लाउंज में दुर्गा को दूध पिलाती सीनियर स्टाफ नर्स पुष्पा

दुर्गा की जान बचाने के लिए सीएचसी स्टाफ ने एक परिवार से भी बढ़कर दुर्गा का खयाल रखते हुए एक मिसाल कायम कर दी। जहां डॉक्टर विजय वर्मा ने दुर्गा को टॉवल, कपड़े, डॉक्टर पूनम ने 2 जोड़ी कपड़े दिए वहीं फार्मासिस्ट अनुपम शुक्ला ने केएमसी में रहने तक प्रतिदिन आधा लीटर दूध की व्यवस्था कर दी। इसके साथ ही अन्य सीएचसी स्टाफ द्वारा भी लगातार दुर्गा का ख्याल रख जा रहा है। साथ ही नवजात शिशु को 19 घंटे 40 मिनट केएमसी देने के पश्चात शिशु का वजन पुनः 950 ग्राम हो गया।

दुर्गा का स्वास्थ्य परीक्षण करती डा. दीपिका

जिसके पश्चात धनदेवी और उनके पति धर्मेंद्र कुमार को केएमसी की महत्ता समझ में आई और दोनों दंपत्ति मिलकर दिन प्रतिदिन केएमसी बढ़ाते गये। धनदेवी ने 24 घंटे में 22 घंटा 18 मिनट केएमसी देकर शिवगढ़ केएमसी के अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जिसके परिणाम स्वरुप आज धनदेवी की नवजात बेटी का वचन बढ़कर 1150 ग्राम हो गया है। सीएससी शिवगढ़ के स्टाफ ने धन देवी की नवजात कन्या का नाम शक्ति की प्रतीक दुर्गा रखा है। केएमसी का ही परिणाम है कि दुर्गा ने धन देवी के जीवन में खुशियां बिखेर दी है।

 रायबरेली से न्यूज प्लस संवाददाता राही की रिपोर्ट 

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