रायबरेली-शिवगढ़
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के फरफान पर शासन ,प्रशासन ने अवैध बूचड़ खानों पर शिकंजा कसना शुरु क्या किया।प्रदेश में अवारा पशुओं की बाढ़ सी आ गयी।आलम ये है कि कृषक अपने परिवार की जीविका चलाने के लिए रखूखदारों, लम्बरदारों,शाहूकारों एवं किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लेकर व अपना खून पसीना बहाकर किसी तरह फसल उगाता है।जिसे झुण्ड़ों में आकर अवांरा पशु रौदकर व चरकर चौपट कर जाते हैं।अपने परिवार के साथ-साथ राष्ट्र की जीविका चलाने वाले अन्नदाता अवारा पशुओं के आतंक से अपने आपको बेबश महसूश कर रहे हैं।
शासन, प्रशासन की उदासीनता के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फरमान किसानों के लिए अभिशाप बन गया।आवांरा पशुओं के आतंक से अपनी बर्बादी पर आंसू बहा रहे कृषकों का कहना है कि योगी जी आपका फरफान हमारे लिए अभिशाप बन गया है।एक पुरानी कहावत है कि भारतीय कृषक ऋण में जन्म लेता है । और ऋण में मर जाता है। तकनीकी जानकारी व आधुनिक संसाधनों के अभाव में खेती से पर्याप्त मुनाफा न मिल पाने के कारण जहाॅ कृषकों की पहले से ही दीनहीन दशा थी।वहीं रही खुही कमी योगी के फरमान ने पूरी कर दी है। 43 ग्राम सभाओं वाले शिवगढ़ क्षेत्र के जागरुक कृषकों का कहना है कि प्रत्येक ग्रामसभा में पशुचर भूमि है जिस पर गाॅवों के सरहंग व भूमाफियों का अवैध कब्जा है।जिसके चलते मावेशियों को चराने के लिए कहीं जगह शेष नही बची है।वहीं कृषि क्षेत्र में यंत्रीकरण के कारण फसलों का अवशेष खेतों में ही रह जाता है । फूसा पुआल आदि के दाम आसमान को छूने लगे हैं जिसके परिणाम स्वरूप कृषकों ने बैलों को पालना बन्द कर दिया है। यही कारण है क्षेत्र में अवांरा पशुओं की बाढ़ सी आ गयी है।कृषकों का कहना है कि यदि अवांरा पशुओं के चरने के लिए पशुचर भूमि को मुक्त कराके ठोंस कदम न उठाये गये।दूसरों की जीविका चलाने वाले कृषक स्वयं भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेंगे।कृषकों ने सीएम से आवांरा पशुओं की समस्या पर ध्यान देने की अपील की है।
पूर्व एमएलसी ने न्याय पंचायत स्तर पर पशुशालाएं बनाने के लिए डिप्टी सीएम को लिखा पत्र
पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखकर न्याय पंचायत स्तर पर पशुशालाएं बनाये बनाये जाने की मांग की है। श्री सिंह का कहना है कि पशु अनबोल जीव हैं जिनके प्रति हम सभी को दया का भाव रखना चाहिए।
रायबरेली से न्यूज़ प्लस के लिए अंगद राही की रिपोर्ट